मोबाइल और कंप्यूटर के युग में शराब का सेवन भी एक फैशन बन गया है. अगर किसी पार्टी में शराब न हो तो वह पार्टी अधूरी मानी जाती है. फिर चाहे वह पार्टी नवयुवकों के बीच हो या बड़ी उम्र अथवा वृद्धों के बीच. लेकिन इसी शराब की बदौलत एक बचपन चिंता की आग में जलता नजर आता है और अपने पिता से ही गुहार लगाता है कि पापा प्लीज शराब पी कर मम्मी से झगड़ा न करो... मम्मी को न मारो... हमें दुखी न करो... आज की युवा पीढ़ी ही नहीं छोटे बच्चे भी शराब के कारण होने वाले घरेलू झगड़ों की आग में झुलस रहे हैं. ऐसे ही कुछ बच्चों से की गई बातचीत के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई कि वे अपने मातापिता के आपसी झगड़ों से कितने आहत हैं. मातापिता के झगड़ों ने उन का बचपन तो छीना ही, उन की जवानी भी इन के कारण दांव पर लगी है.

घर की तबाही

शराब के कारण हुई घर की तबाही को बयां करते हुए 17 वर्षीय मेघना श्रीवास्तव अपना दुख बताते हुए कहती है, ‘‘मेरे मम्मीपापा में बहुत प्यार है. लेकिन जब भी पापा शराब पीते हैं, तो उन्हें मम्मी बुरी लगने लगती हैं और वे उन से झगड़ा करने लगते हैं, क्योंकि पापा को ज्यादा से ज्यादा शराब पीनी होती है और मम्मी पापा को ज्यादा शराब पीने से रोकती हैं. बस इसीलिए कई बार झगड़ा तूतू, मैंमैं से मारपीट तक पहुंच जाता है. मम्मी ने पापा को कई बार तलाक देने की भी धमकी दी. लेकिन पापा शराब का नशा उतरते ही एकदम शरीफ बन जाते हैं. मम्मी के सामने इस वादे के साथ कि अब वे कल से शराब एकदम छोड़ देंगे, गिड़गिड़ाने लगते हैं. लेकिन मजे की बात तो यह है कि वह कल आज तक नहीं आया. अब मैं 17 साल की हो गई हूं. बचपन से ही मम्मीपापा का झगड़ा सुनती आ रही हूं, अब तो आदत सी पड़ गई है. पापा की शराब की बढ़ती लत के कारण मम्मी जहां डिप्रैशन का शिकार हो गई हैं वहीं पापा का लिवर भी जवाब देने लगा है. मैं हमेशा मम्मीपापा को ले कर टैंशन में रहती हूं. भले ही मौका कितनी भी खुशी का क्यों न हो.’’

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