प्यार वाकई आदमी को अंधा बना देता है. इस के चलते आदमी इतना भावुक, भयभीत और संवेदनशील हो जाता है कि फिर व्यावहारिकता और दुनियादारी नहीं सीख पाता. यही ऋषीश के साथ हुआ, जिस ने नेहा से लव मैरिज की थी. प्रेमिका को पत्नी के रूप में पा कर वह बहत खुश था. पेशे से फुटबाल कोच और ट्रेनर ऋषीश की खुशी उस वक्त और दोगुनी हो गई जब करीब डेढ़ साल पहले नेहा ने प्यारी सी गुडि़या को जन्म दिया. भोपाल के कोलार इलाके में स्थित मध्य भारत योद्धाज क्लब को हर कोई जानता है, जिस का कर्ताधर्ता ऋषीश था. हंसमुख और जिंदादिल इस खिलाड़ी से एक बार जो मिल लेता था वह उस का हो कर रह जाता था. मगर कोई नहीं जानता था कि ऊपर से खुश रहने का

नाटक करने वाला यह शख्स कुछ समय से अंदर ही अंदर बेहद घुट रहा था. ऋषीश की जिंदगी में कुछ ऐसा हो गया जिस की उम्मीद शायद खुद उसे भी न थी. गत 3 जुलाई को 32 साल के ऋषीश दुबे ने जहर खा कर आत्महत्या कर ली तो जिस ने भी सुना वह खुदकुशी की वजह जान कर हैरान रह गया. ऋषीश ने पत्नी वियोग में जान दे दी. उस के मातापिता दोनों बैंक कर्मचारी हैं. उस शाम जब वे घर लौटे तो ऋषीश घर में बेहोश पड़ा था.

घबराए मातापिता तुरंत बेटे को नजदीक के अस्पताल ले गए जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौत संदिग्ध थी इसलिए पुलिस को बुलाया गया तो पता चला कि ऋषीश ने जहर खाया था. उस की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. मगर मरने से पहले ऋषीश ने अपनी यादों का जो पोस्टमार्टम कलम से कागज पर किया वह शायद ही कभी मरे, क्योंकि वह जिस्म नहीं एहसास है. तो मैं नहीं रहूंगा

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