महिलाओं ने विपरीत हालात का सामना करते हुए यह साबित कर दिया है कि वे पुरुषों से कतई कम नहीं हैं. वे पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर नएनए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं. वर्तमान दशक में 66% लड़कियां वर्किंग हैं जबकि इस के पहले के दशक में 50% लड़कियां ही कामकाजी थीं. जिस देश में लड़कियों की सुरक्षा और सम्मान की अनदेखी होती है वह देश कभी तरक्की नहीं कर सकता है. कुछ घरों में मातापिता बच्चों के लिए समय निकालना और उन की बात सुनना बेकार और अनुपयोगी समझते हैं. इस स्थिति में बच्चे अपनी समस्याओं के समाधान के परामर्श से वंचित रह जाते हैं. फिर जब वे राह भटक जाते हैं, तब मातापिता अपने विचार उन पर थोपने की प्रवृत्ति रखते हुए उन की आलोचना करते हैं, जो बच्चों को बिलकुल पसंद नहीं होती. कभीकभी पिता की बुद्धिमानी उन के बेटे या बेटी के मार्ग की सब से बड़ी बाधा बन जाती है. विचारों की अभिव्यक्ति न कर पाने के कारण युवाओं में उद्देश्यहीनता और खुद को कमतर समझने की प्रवृत्ति पनपती है. उन की खूबियों का सही इस्तेमाल नहीं हो पाता है और वे अपने क्षेत्र में विफल हो कर बेहद निराश हो जाते हैं.

लड़कियां क्या चाहती हैं

वे पश्चिमी सभ्यता से आसानी से प्रभावित होती हैं: परंपरा के बंधनों में लड़कियां सीमित जीवन पसंद नहीं करती हैं. पश्चिमी सभ्यता युवावर्ग पर बहुत अधिक सीमा तक हावी हो चुकी है. आज की आधुनिक लड़कियां जीवन को शोध या रिसर्च की तरह लेना चाहती हैं. जीवन की चुनौतियों और संघर्षों को वे अपनी मौलिक और स्वतंत्र विचारधारा की शैली में देखनापरखना चाहती हैं. बेहद महत्त्वाकांक्षी होने के कारण वे साहसी और निर्भीक हैं. यहां उन के लिए यह सुझाव है कि जीवन के महत्त्वपूर्ण यौवनावस्था के पड़ाव पर वे पश्चिमी सभ्यता की नकल की कोशिश न करें वरन पश्चिमी सभ्यता की खूबियों को जानें. खूबियों में उल्लेखनीय है पश्चिमी लोगों का औब्जैक्टिव औरिऐंटेड होना. वे पिछले दशकों की अपेक्षा वर्तमान समय में अधिक परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ हैं: आप यह मान कर चलें कि आप में अपने कार्यक्षेत्र से संबंधित योग्यता है और आप अपनी परफौरर्मैंस के लिए सक्षम और आत्मनिर्भर हैं. अपनी खूबियों को पहचानें और स्किल को अभ्यास द्वारा प्रखर करने के लिए प्रयत्नशील रहें. आचार्य चाणक्य का कहना है कि ज्ञान से मनुष्य प्रगतिशील होता है. ज्ञान द्वारा ही उस के नैतिक गुणों का विकास होता है. जिस मनुष्य ने नैतिक गुणों को विकसित कर लिया समझो उस का जीवन सफल है. विशेषरूप से लड़कियों को इन गुणों का ध्यान व्यक्तित्व विकास के दृष्टिकोण से रखना चाहिए.

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