विदेश में बेटी के पास विभा का कभी यों ही घूमने के लिए, कभी उस की डिलिवरी के वक्त, तो कभी उस के बच्चों की स्कूल की छुट्टियों के दौरान देखरेख के लिए जाना लगा ही रहता था. सैर की शौकीन विभा ने इस दौरान बेटी के आसपड़ोस में बहुत अच्छे संबंध भी बना लिए थे. अमेरिका में जिस जगह उन की बेटी रहती थी वहां भारतीय परिवार कभीकभी ही नजर आता था. कभीकभी इक्कादुक्का माल में मिल जाता था, तो हैलोहाय से बातचीत आगे न बढ़ती थी. मितभाषी और मिलनसार स्वभाव की विभा को यह अखरता था परंतु जो नहीं है उस पर बिसूरना उसे कभी अच्छा नहीं लगता था. इसीलिए उस ने अपने आसपास बसे अंगरेज परिवारों से परिचय बढ़ाया. सुबह के समय हर व्यक्ति एकदूजे को हैलो अवश्य कहता था. धीरेधीरे यह हैलोहाय परिचय में तबदील हुआ, लेकिन अभी एकदूजे के घर जाने की औपचारिकता बाकी थी. विभा का सामने वाली मिसेज रौबर्ट के यहां जाने का बहुत मन करता. मगर बरसों से वहां रह रही उन की बेटी ने बताया कि ऐसे नहीं मुंह उठा कर जा सकते. कुछ बातें ऐसी हैं जिन का ध्यान रखना होगा.

आइए जानें कि वे बातें कौन सी हैं:

जैसे ही निमंत्रण मिले, फोन, ईमेल या व्हाट्सएप द्वारा या जबानी, सब से पहले अपने उस विदेशी मूल के मेजबान को निमंत्रण का धन्यवाद करते हुए स्वीकृति की सूचना अवश्य दें. पार्टी अटैंड करने के बाद भी इसी तरह धन्यवाद का संदेश देना न भूलें.

यदि निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और कोई इवेंट या स्पैशल मौका है तो जाएं अवश्य. ये लोग निमंत्रित व्यक्ति की उपस्थिति को बहुत महत्त्वपूर्ण मानते हैं.

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