प्रतिभा सभी में होती है, लेकिन अवसर को भुनाने की क्षमता बहुत कम लोगों में. कुछ लोग सिर्फ धन के अभाव में अपने हुनर को एक सही मंच तक नहीं ला पाते. ऐसे ही हुनरमंद और काबिल लोगों की आर्थिक मदद करती हैं शीतल मेहता वाल्स.

कुछ अपने बारे में

अपने बारे में शीतल ने बताया, ‘‘मैं एक गुजराती फैमिली से हूं. मेरा जन्म युगांडा के कंपाला में हुआ और बाद में परिवार सहित हम कनाडा में सैटल हो गए. वहीं मैं ने अपनी पढ़ाई भी पूरी की. मेरे पिताजी एलबर्टा में गुजराती कल्चरल एसोसिएशन के संस्थापक थे, इसलिए मेरी परवरिश हमेशा ही भारतीय संस्कार और परिवेश में ही हुई.’’ शीतल का सब से बड़ा फैसला था माइक्रोसौफ्ट जैसी कंपनी को छोड़ कर एक सामाजिक कार्यकर्ता बनने का. इस बाबत वे कहती हैं, ‘‘मैं ने बिल गेट्स को हमेशा ही अपना आदर्श माना. उन्होंने जिस तरह दूरदराज के क्षेत्रों में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नईनई तकनीकों का आविष्कार किया वह मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है. जौब के दौरान मुझे एक बार युगांडा के पिछड़े इलाकों में जाने का मौका मिला. वहां हमें एक टेलेसैंटर का सैटअप करना था. इसी दौरान मुझे एक 90 वर्ष की महिला मिली जो गांव वालों इस सैंटर के इस्तेमाल करने का तरीका बता रही थी. तब पहली बार एहसास हुआ कि बिल गेट्स की तरह कई लोग ऐसे होंगे जो नई तकनीक या व्यवसाय की खोज कर सकते हैं, लेकिन पैसे के अभाव में वे ऐसा न कर पाने के लिए मजबूर हैं.’’

शांति लाइफ की शुरुआत

इस घटना ने शीतल के मन पर इतना प्रभाव डाला कि उन्होंने तय कर लिया कि वे ऐसे ही लोगों के लिए एक ऐसी संस्था का निर्माण करेंगी, जो उन्हें आर्थिक सहायता दे. शांति लाइफ संस्था का निर्माण भी शीतल ने इसीलिए किया. अपनी संस्था के बारे में वे बताती हैं, ‘‘यह संस्था नौन प्रौफिटेबल है. हमारी संस्था न केवल भारत बल्कि यूएसए, कनाडा और यूके में भी है. हमारी संस्था का काम माइक्रोफाइनैंस है. हम अपनी संस्था में गरीब लोगों को अपना व्यापार शुरू करने के लिए अधिक से अधिक ब्याज सिर्फ 10% ब्याज दर पर देते हैं.’’

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