समाजसेवी, कुचिपुड़ी और भरतनाट्यम डांसर और पद्मभूषण प्राप्त डा. मल्लिका साराभाई मशहूर अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई और क्लासिकल डांसर मृणालिनी साराभाई की बेटी हैं. डा. मल्लिका गुजरात के अहमदाबाद की दर्पणा अकादमी औफ आर्ट्स की निदेशक भी हैं. बचपन से ही नृत्य की शौकीन मल्लिका को अलगअलग क्षेत्रों में काम करना अच्छा लगता है. अपने कैरियर में उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते हैं. भारत में ही नहीं विदेशों में भी वे कई महोत्सवों में भाग ले चुकी हैं. कोरियोग्राफर, डांसर के अलावा उन्होंने कई हिंदी और गुजराती फिल्मों में भी काम किया है. डा. मल्लिका साराभाई का जीवन कई उतारचढ़ावों के बीच से गुजरा पर वे कभी विचलित नहीं हुईं. मल्लिका और विपिन शाह की कालेज के दिनों में मुलाकात हुई. फिर कई साल साथ रहने के बाद शादी की. 7 साल बाद उन्होंने पति से तलाक ले लिया. उन के एक बेटा रिवांता और एक बेटी अनाहिता है. वे कहती हैं कि महिलाएं चाहे कितनी भी आगे बढ़ जाएं, जब तक पुरुषों की मानसिकता नहीं बदलती है तब तक वे सुरक्षित नहीं हो सकतीं.

प्रस्तुत हैं पिछले दिनों उन से हुई गुफ्तगू के कुछ अहम अंश:

आप की नजरों में देश की महिलाओं की स्थिति में कितना सुधार आया है?

मैं गुजरात के एक गांव में गई तो पता चला कि वहां 5 दलित गांवों में केवल एक लड़की को डिग्री मिली है. उस के लिए भी यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. उसे समाज मार देना चाहता था. उस के मातापिता उस की शादी कर देना चाहते थे. उच्चवर्ग के लोग जला डालना चाहते थे. मगर उस लड़की का तब यही कहना था कि अगर यही मेरी नियति है तो मैं मरने के लिए भी तैयार हूं. सच, लड़की के इस साहस को सैलिबे्रट करना चाहिए. गांवों के इस तरह के वातावरण को खत्म करना बेहद जरूरी है. तभी लड़कियों, महिलाओं की स्थिति में सुधार आएगा.

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