शौपिंग करतेकरते मुझे अजीब सी थकान हो चली थी. अमेरिका में बसी मेरी भतीजी ने मेरा हाथ पकड़ मुझे लगभग घसीटतेहुए कहा, ‘‘बूआ, चलो तुम्हारी थकान उड़नछू करते हैं. तुम्हें जैसमिन चाय पिलाते हैं. जैसमिन नहीं तो कैमोमाइल फूलों की चाय पी लेना.’’ फिर मेरा जवाब सुने बगैर वह मुझे एक चाइनीज रैस्तरां में ले गई. खूबसूरत और छोटे से इस रैस्तरां में एक मुसकराती वेटरस चाय की केतली, छोटीछोटी चाय की प्यालियां व कुछ स्नैक्स तश्तरी में लिए और्डर लेने आई. फिर चाय पेश करते हुए उस ने कहा, ‘‘ऐंजौय इट.’’ चाय की भीनीभीनी सुगंध से मन खुश हुआ, तो घूंटघूंट पीने पर ताजगी का एहसास हुआ. मेरे चेहरे के भावों को पढ़ते हुए नीरा ने कहा, ‘‘बूआ, है न खासीयत इस जैसमीन चाइनीज चाय में? यह मोगरे के फूलों की चाय थी.’’ मैं ने हंसते हुए कहा, ‘‘मोगरे के फूल व कलियां तो बालों में गजरे लगाने के लिए होती हैं.’’

वेटरस हमारी बातें सुन रही थी. वह शायद टूटीफूटी हिंदी जानती थी इसलिए मेरी जिज्ञासा देख कर मुझे जैसमीन व कैमोमाइल फूलों की चाय घर में बनाने का तरीका बताने लगी. कहने लगी कि मैडम, आप चाहें तो घर के ताजा मोगरे के फूलों की चाय आप खुद भी बना सकती हैं. मैं ने कहा कि वह कैसे? तो वह बोली कि बस सुबह के समय बगीचे में लगे जैसमिन की अधखिली या खिली कलियों को तोड़ लें. सुबह के समय इन में बहुत महक रहती है. फिर उन को धो लें. ऐसा करने से अगर किसी प्रकार के पेस्टिसाइड या कीटनाशक इस्तेमाल किया गया होगा, तो उस का प्रभाव निष्क्रिय हो जाएगा. अब इन धुली कलियों को किसी पेपर टौवेल या साफ धुले तौलिए पर बिछा दें. पानी सूख जाए तो ओवन में न्यूनतम तापमान पर इन्हें थोड़ी देर के लिए रखें ताकि ये सूख जाएं. जब सूख कर भुरभुरी हो जाएं तो हाथों से मसल लें. अब ठंडा होने पर किसी एअरटाइट कंटेनर में डाल कर रख दें.

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