गृहशोभा का मई (द्वितीय), 2014 ‘समर ब्यूटी × मेकअप विशेष’ कई चीजों से सावधान कराता है. इस अंक में प्रकाशित लेख ‘जी का जंजाल नौकर’ बेहद पसंद आया. इस में नौकरों व मालिकों की मानसिकता का संपूर्ण विश्लेषण किया गया है.

जैसे महरी रखने पर उस के नाजनखरे उठाना स्वाभाविक है, ठीक वैसे ही नौकर रखने पर डर लगना भी स्वाभाविक है. फिर भी अगर सुरक्षा के लिहाज से कहा जाए कि नौकर न रखें तो यह पूरी तरह ठीक न होगा.

लेख में यह भी बताया गया है कि नौकर से रिश्ता भरोसेमंद बनाए रखने के लिए किनकिन बातों का ध्यान रखा जाए.

-नूपुर अग्रवाल, उत्तर प्रदेश

गृहशोभा, मई (द्वितीय), 2014 अंक पसंद आया. लेकिन लेख ‘पंडों का चक्रव्यूह’ अतिशयोक्तिपूर्ण लगा. वर्तमान समय में देश में शायद ही कोई घर ऐसा हो जहां मरीज को डाक्टर को दिखाने के बजाय पूजापाठ व पंडों को दानदक्षिणा दे कर मरीज के ठीक होने की उम्मीद की जाती हो. आज पूरा देश अंधविश्वास एवं धर्मआधारित राजनीति से बाहर आने का तेजी से प्रयास कर रहा है. 16वीं लोकसभा के चुनाव इस बात का प्रमाण हैं कि सभी धर्मों के लोगों ने धार्मिक एवं जातिगत आधार छोड़ कर मतदान किया. यह देश की राजनीति और समाज के लिए शुभ संकेत है.

-जयंत सराफ, मध्य प्रदेश

गृहशोभा का मई (द्वितीय), 2014 ‘समर ब्यूटी × मेकअप विशेष’ हमेशा की तरह अपनी पूर्ण साजसज्जा के साथ मेरे हाथों में है. गृहशोभा में जीवन के हर आवश्यक पहलू जैसे फैशन, स्वास्थ्य, यात्रा, दांपत्य, मनोरंजन, तरहतरह के व्यंजन, कविताएं, कहानियां और ज्ञानवर्धक लेखों के साथसाथ महिलाओं से संबंधित उपयोगी जानकारी भी समयसमय पर पढ़ने को मिल जाती है, जिसे पढ़ कर महिलाएं अपने कर्तव्यों के प्रति सजग एवं आत्मनिर्भर बन कर अपनी घरगृहस्थी को सुचारु रूप से चलाने में सक्षम होती हैं.

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