एक विदेशी महिला अपने बच्चों को कार में बंद कर पब में चली गई तो यह खबर हमारे देश में जिस ने भी पढ़ी उस महिला को जम कर कोसा और खुद के भारतीय होने पर फख्र किया कि देखो हम हिंदुस्तानी मांबाप कितने सजग होते हैं. इन विदेशियों को तो बच्चों की कतई फिक्र नहीं होती. ये तो मौजमस्ती के लिए बच्चे पैदा करते हैं.

मगर इस खबर के मात्र 4 दिन बाद ही भारतीय मांबाप का वह फख्र तब हवा हो गया जब मध्य प्रदेश के भोपाल में ढाई साल के बच्चे की कार में दम घुटने से मौत हो गई. हादसा घोर लापरवाही की देन था.

भोपाल के व्यस्ततम बाजार न्यू मार्केट के निवासी दीपक जैन 4 जुलाई, 2014 को सुबह 10 बजे अपने मांबाप, बेटे अतिशय और पत्नी के साथ मंदिर गया था. मकान के नीचे ही इन की दुकान है. उस दिन गरमी भी बहुत थी. जैन परिवार जब घर लौटा तब तक सूरज आग उगलने लगा था. खाना खा कर दुकान खोलने की जल्दी थी. इसलिए दीपक ने अपनी कार पार्किंग में खड़ी की और सभी लोग घर चल पड़े. किसी को ध्यान नहीं रहा कि मासूम अतिशय कार में ही रह गया है.

2 घंटे बाद दीपक को ध्यान आया कि आज तो अतिशय को प्ले स्कूल में दाखिला दिलाने ले जाना है. दीपक ने यह बात पत्नी को बताई तो अतिशय की याद आई. मंदिर से आए ढाई घंटे बीत चुके थे. शुरू में उन्होंने यह सोच खुद को तसल्ली दी कि दादाजी के साथ दुकान में चला गया होगा.

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