25 वर्षीय सुनीता ने अपनी पड़ोसिन राधिका को जिम जाते क्या देख लिया, उन पर भी जिम जौइन करने का जनून सवार हो गया. आखिर मामला स्टेटस सिंबल का जो था. अत: आननफानन उन्होंने भी जिम जौइन कर लिया जबकि वे पहले से ही तराशे हुए बदन की मलिका थीं.

लेकिन यह क्या? अभी उन्हें जिम जाते हुए हफ्ता भी नहीं बीता था कि उन्हें पीठ दर्द की शिकायत शुरू हो गई. डाक्टर को दिखाने पर पता चला कि उन के दर्द की वजह जिम है. अब वे डाक्टर के यहां ज्यादा और जिम में कम ही दिखाई पड़ती हैं.

दरअसल, सेहत और फिटनैस के प्रति लोगों में बढ़ती जागरूकता को देखते हुए इस से जुड़े कारोबार में भी अच्छाखासा इजाफा हुआ है. फिर चाहे यह सिक्स पैक ऐब्स, जीरो साइज, बौडी नीड की चाह में हुआ हो अथवा स्टेटस सिंबल की चाह में.

जिमनेजियम तमाम

एक अनुमान के मुताबिक अकेले राजधानी दिल्ली में 3 हजार से भी ज्यादा जिमनेजियम हैं. इन में महल्ले, पार्क, कालोनियों से ले कर फाइवस्टार होटल तक शामिल हैं.

इस में चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इन जिमनेजियमों व फिटनैस सैंटरों मेंपांचसितारा होटलों को मिला भी दें तो भी ज्यादा सुविधाओं और ट्रेंड ट्रेनरों से लैस जिम नाममात्र के ही हैं. ज्यादातर नौसिखिए लोगों की देखरेख व थोड़ेबहुत कामचलाऊ उपकरणों के सहारे घरों से ले कर बेसमैंट सरीखी जगहों में चल रहे हैं.

महल्ले और कालोनियों में चल रहे जिमों में उपकरणों के नाम पर ट्रेडिंग मिल, वाइब्रेटिंग बैल्ट, पुशअप स्टैंड, चैस्ट ऐक्सपैंडर, वैंच प्रैसव डंबल होते हैं, जबकि एक वैल फिनिश्ड हैल्थ सैंटर में सिर से ले कर पांवों तक यानी शरीर के हर हिस्से को चुस्तदुरुस्त बनाए रखने के लिए अलगअलग मशीनों के साथसाथ स्टीमबाथ, सोनाबाथ, चिल शौवर, प्रैशर शौवर आदि की भी सुविधा होती है.

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