8 वर्षीय नेहा स्कूल में पढ़ती थी. वह काफी हंसमुख थी. उसे देख कर ऐसा लगता था जैसे उदास रहना उसे आता ही न हो. वह स्कूल से आते ही मम्मी को दोस्तों की सारी बातें बताती. लेकिन कुछ दिनों से वह चुपचुप सी रहने लगी थी. न उस में स्कूल जाने को ले कर उत्साह था और न ही घर आने के बाद वह हंसती, बातें करती.

कुछ दिनों तक नेहा की मां ने इस बात को इग्नोर किया, लेकिन जब उदास रहना नेहा की आदत बन गई, तो उस की मां को टैंशन हुई. उन्होंने नेहा से दुखी होने का कारण पूछा तो वह फफकफफक कर रो पड़ी. उसे भीतर से यह बात परेशान कर रही थी कि कहीं मां सारी बातें पता चलने पर उस से नाराज न हो जाएं.

मगर मां के बारबार पूछने पर नेहा ने सारी बात मां को बताते हुए कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से ड्राइवर अंकल मुझे छूते हैं, सिर्फ छूते ही नहीं बल्कि मुझे किस भी करते हैं. कभीकभी तो मेरे कपड़ों के अंदर भी हाथ डालते हैं. मेरे मना करने पर भी वे मुझे बारबार टच करते हैं, जिस से मुझे काफी दर्द होता है.

‘‘मेरे मना करने पर वे यह भी कहते हैं कि जिस तरह तुम्हारी मां तुम्हें प्यार करती हैं और प्यार में तुम्हारे गालों या फिर बौडी पर किस करती हैं ठीक उसी तरह मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करता हूं. और जब कोई किसी से प्यार करता है, तो फिर उस के साथ ये सब करने में कोई बुराई नहीं होती. बस तुम यह बात अपनी मां को मत बताना. यह हम दोनों के बीच का सीक्रेट है. धीरेधीरे ये सब चीजें तुम्हें भी अच्छी लगने लगेंगी और फिर तुम्हें भी मुझे टच करने में मजा आएगा.’’

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