गलीमहल्लों में होने वाली लीलाओं में उन्हें बड़ा मजा आता है जिन्हें नाटकों या अभिनय से कोई मतलब नहीं. एक टैंट में अपने को पोतते हुए युवक, युवती व बच्चे की खुशी तो देखिए. हर कालोनी, सोसाइटी और महल्ले को इस तरह के आयोजन करते रहना चाहिए.
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