वैसे तो सदियों से पर्स का इस्तेमाल रुपएपैसे और जरूरत की वस्तुएं रखने के लिए किया जाता रहा है. परंतु वर्तमान में पर्स पर्स न रह कर झोला बन गया है, जिस में रुपएपैसे के अलावा मेकअप की चीजें, लिपस्टिक, कांपैक्ट, फाउंडेशन, परफ्यूम, झुमके, टौप्स, पाजेब, बैंगल्स, क्लिप, हेयर बैंड, बालों में उलझी कंघी, 2-4 गंदे रूमाल, एकाध इंगलिश नौवल के साथसाथ लंचबाक्स और पानी की बोतल मिल जाएगी. कुछ महिलाओं के पर्स की स्थिति उस डस्टबिन जैसी होती है जिस में कूड़ा डाला तो जाता है पर निकाला नहीं जाता. कुछ के पर्स में टौफी, चौकलेट के साथ बर्गर, पैटीज और समोसे के अवशेष भी मिल जाते हैं, जिन की बदबू को पर्स में रखी परफ्यूम की खुशबू भी मिटा नहीं पाती. पर्स में बिना ध्यान दिए अनावश्यक चीजें ठूंसते रहने के कारण उस का वजन बढ़ जाता है और भारी पर्स उठाने के कारण कई प्रकार की बीमारियों का खतरा भी पैदा हो जाता है.

कैलिफोर्निया के डा. एडम हाल ने अपने एक अनुसंधान में पाया कि भारी पर्स की वजह से महिलाएं कंधे, गरदन व कमर के दर्द की शिकार हो सकती हैं. डा. एडम ने अपनी खोज में पाया कि स्पोंडिलाइटिस, रीढ़ की हड्डी में दर्द, हाथों की उंगलियों में दर्द, कलाई में दर्द आदि की शिकायत भारी पर्स लटकाने की वजह से हो सकती है. डा. एडम का मानना है महिलाओं का शरीर नाजुक होता है. ऐसे में भारी पर्स अधिक समय तक कंधे पर लटकाए रहने से ढेर सारी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. भारी पर्स स्वास्थ्य ही नहीं, व्यक्तित्व को भी प्रभावित करता है. भारी पर्स चाल को बिगाड़ता है जोकि व्यक्तित्व का माइनस प्वाइंट है.

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