कश्मीर पर बनी एक लघु फिल्म 'वादी-ए-कश्मीर' को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद हेमा मालिनी और केंट आरओ सिस्टम्स के अध्यक्ष महेश गुप्ता ने राष्ट्र को समर्पित किया है. केंट आरओ द्वारा प्रस्तुत और लॉ एंड केनेथ साची एण्ड साची द्वारा बनाई गई यह फिल्म एकजुटता और प्यार को दर्शाती है. इसमें कश्मीर के सम्मोहक हिस्से को प्रदर्शित किया गया है.

फिल्म के संबंध में केंट आरओ के अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा कि यह फिल्म कश्मीर और उसके लोगों की सुंदरता को प्रदर्शित करती है. 6 मिनट की इस फिल्म में कश्मीरी भाइयों और बहनों को महसूस कराना है कि बाकी देश उनके साथ खड़ा है. यह फिल्म एकता का संदेश देती है. यह किसी भी राजनीतिक या धार्मिक एजेंडे से प्रेरित नहीं है. यह मानवता, परिवार और एकजुटता की भावना से प्रेरित है. भारत एक बड़ा विविध परिवार है और कश्मीर हमारे जीवन का अभिन्न अंग है.

लॉ एण्ड केनेथ साची एण्ड साची के चेयरमैन प्रवीण केनेथ द्वारा प्रदर्शित इस फिल्म से कश्मीर और उसके लोगों का निष्पक्ष सौंदर्य पता चलता है. प्रवीण केनेथ कहते हैं कि अगर लोगों के बीच वास्तविक संबंध है तो कुछ भी जवाब दिया जा सकता है और हर समस्या का समाधान संभव है.

हेमा मालिनी इस फिल्म की क्यूरेटर रही हैं. उनका कहना है कि एक भारतीय के रूप में यह फिल्म कश्मीर तक पहुंचने और घाटी में हमारे भाइयों और बहनों के दिल को छूने का मेरा प्रयास है।

दिग्गज फिल्म निर्माता प्रदीप सरकार द्वारा निर्देशित यह फिल्म कश्मीर और बाकी देश के बीच एक पुल का निर्माण करने का शानदार तरीका है. इस फिल्म को कश्मीर में 2 सप्ताह की अवधि में शूट किया गया है. फिल्म में प्रदीप सरकार ने कश्मीर को ‘पृथ्वी पर स्वर्ग' के रूप में जीवंत किया है. इस फिल्म की शूटिंग के अपने अनुभव को बताते हुए प्रदीप सरकार का कहना है कि 62 साल की उम्र में प्यार में पड़ना संभव है. मेरे साथ हुआ है, जब मैं कश्मीर से मिला. इस फिल्म में मैंने कश्मीर की सुंदरता को संजोने की कोशिश की है.

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