भारतीय पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों का भी प्रमुख आकर्षक केंद्र, दिल्ली में एक पर्यटक के लिए वे सारी चीजें हैं, जिसके लिए एक पर्यटक सदा लालायित रहता है. यहां की संस्कृति से लेकर यहां की विविधता तक और कई ऐसे ऐतिहासिक राज जो शायद ही आप सबको पता होंगे. दिल्ली जो भारत की राजधानी और एक प्रमुख शहर है, यह इतिहास में 7 ऐतिहासिक शहरों का गढ़ हुआ करता था.

आज हम आपको दिल्ली के उन प्रमुख शहरों से मुखातिब करवाते हैं, जिनका शासनकाल इतिहास के पन्नों में आज भी शान से दर्ज है.

1. किला राय पिथौरा

किला राय पिथौरा जिसे राय पिथौरा का किला भी कहते हैं एक दृढ़ शहर था. जिसे 12 वीं शताब्दी में चौहानों के राजा, पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया था. एक घमासान युद्ध में चौहान वंश ने इस शहर को तोमर राजवंश से जीतकर और फैलाया. इसके अंदर 8 वीं सदी का पुराना लाल कोट किला भी शामिल है जिसे तोमर राजपूत शासक अनंगपाल तोमर द्वारा बनवाया गया था.

आज भी इस शहर के कुछ चिन्ह दिल्ली के साकेत, मेहरौली, किशनगढ़ व वसंत कुंज क्षेत्रों में हैं. सुरक्षा के लक्ष्य से बनाये गए किले के परिसर में पृथ्वीराज चौहान का पुतला आज भी शान से खड़ा है.

2. मेहरौली

मेहरौली ने बहुत कुछ देखा है. इसने शुरुआती हिंदू राजाओं की राजधानी लालकोट को अपनी जमीन पर देखा, गुलामों के बादशाह बन जाने का अजूबा देखा और सारी बादशाहत को खाक बराबर समझने वाले कुतुब साहब जैसे दरवेश को भी देखा. सन् 1192 में मोहम्मद गौरी द्वारा तराइन की दूसरी लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान के खात्मे के बाद, मोहम्मद गौरी ने कुतुबुद्दीन ऐबक को देश का वाइसराय घोषित कर दिया, जिसके बाद सन् 1193 में कुतुबुद्दीन ने पूरी दिल्ली को अपने अधीन कर लिया जो तब तक चौहान वंश के ही अधीन थी.

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