अगर आप मुंबई से गोवा के बीच के आकाश में होगे तो खिड़की से बाहर झांकने पर दूर-दूर तक पानी का सैलाब, रंग-बिरंगे घर और हरियाली नजर आएगी. यह दृश्य देखते ही समझ जाइए आप गोवा पहुंचने वाले हैं. टैक्सी में बैठे बैठे भी सोशल मीडिया छोड़ आप गोवा की सड़कों की रौनक जरूर देखें. आने-जाने में असुविधा न हो, इसलिए दोपहिया वाहन किराए पर लेने में ही समझदारी है.

गोवा में सिर्फ बीच, पार्टी और खूबसूरत विदेशी ही नहीं है, यहां इनके अलावा भी बहुत कुछ है. यहां है देश के सबसे पुराने और संरक्षित ‘अग्वादा किला’. बिंदास माहौल और खुलेपन की मिसाल गोवा अपने में इतिहास की कई कहानियां समेटे है.

इतिहास के गलियारों से

उत्तरी गोवा की बारदेज तहसील में है अग्वादा किला. यह अरपोरा से 8 किलोमीटर दूर है. अरपोरा से कैंडोलिम और सिन्क्वेरिम समुद्र तट की तरफ जाने वाली सड़क आगे किले तक ले जाती है. फोर्ट रोड पर चहल-पहल भरे बाजार, कई अच्छे विदेशी रेस्तरां और कैफे हैं. बाजार पार करने के बाद हल्की चढ़ाई है. रास्ता थोड़ा घुमावदार हो जाता है, लेकिन खूबसूरत नजारे यहां भी आपके साथ रहते हैं. ट्रैफिक न के बराबर है और सड़क के दोनों तरफ झाडि़यां हैं.

अग्वादा पुर्तगाली भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है- पानी का स्थल. मांडवी नदी के मुहाने पर बसा अग्वादा किला 1612 ईस्वी में बनवाया गया था. इसे पुर्तगालियों ने बनवाया था. हर किले की तरह इस किले का निर्माण भी दुश्मनों से सुरक्षा के लिए किया गया. लेकिन इस किले को बनवाने का एक और मकसद था- यूरोप से आने वाले जहाजों के लिए ताजा पानी मुहैया कराना.

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