मायानगरी मुंबई पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. मुंबई में कई दार्शनिक स्थान हैं. मुंबई के इन्हीं प्रसिद्ध आकर्षक केंद्रों में से एक है गेटवे ऑफ इंडिया. यह मुंबई का प्रमुख लैंड मार्क भी है. एक बार गेटवे ऑफ इंडिया को देखने के बाद भुलाया नहीं जा सकता.

मुंबई का गर्व होने के साथ-साथ गेटवे ऑफ इंडिया की कुछ ऐसी दिलचस्प बातें भी हैं जो आपको शायद ही पता होंगे.

मुंबई का ताज महल

गेटवे ऑफ इंडिया को मुंबई के ताजमहल भी कहा जाता है. यह इस शहर का एक महत्वपूर्ण लैंडमार्क है और इसकी ऐतिहासिक महत्वता भी है.

गेटवे ऑफ इंडिया का महत्व

पहले गेटवे ऑफ इंडिया मछुआरों द्वारा एक कच्चे घाट की तरह इस्तेमाल किया जाता था. बाद में इसे पुनर्निर्मित कर ब्रिटिश अधिकारियों व अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों द्वारा अपने अवतरण स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा.

गेटवे ऑफ इंडिया की नींव

जब क्वीन मैरी और किंग जॉर्ज पंचम मुंबई की यात्रा पर गए तब उनकी यात्रा के उपलक्ष्य में, सन् 1911 में इस स्मारक की नींव रखी गयी, पर संरचना के डिजाइन को सन् 1914 में ही मंजूरी मिली थी.

गेटवे ऑफ इंडिया की वास्तुकला

गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण भारत-सर्सेनिक वास्तुकला का उपयोग करके बनाया गया है, जो गुजराती और इस्लामिक वास्तु शैलियों का मिश्रण है. उन दिनों यह शैली काफी प्रचलित थी.

गेटवे ऑफ इंडिया का डिजाइन

गेटवे ऑफ इंडिया का डिजाइन जॉर्ज विटेट द्वारा तैयार किया गया था, जो एक स्कॉटिश आर्किटेक्ट थे और जिन्होंने सबसे ज्यादा मुंबई में ही काम किया.

गेटवे ऑफ इंडिया की संरचना

गेटवे ऑफ इंडिया पीले बेसाल्ट और मजबूत कॉंन्क्रीट से बनाया गया है. जमीनी तल से संरचना की ऊंचाई लगभग 26 मीटर ऊपर है. इसकी दीवारों को खूबसूरत जाली के काम से सजाया गया है.

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