पिछले दिनों मुझे न्यूयार्क जाने का मौका मिला. न्यूयार्क हडसन नदी के किनारे बसा एक खूबसूरत शहर है. वहां पहुंचने पर देखा कि स्टैच्यू औफ लिबर्टी, जिस के बारे में अभी तक सिर्फ सुना और पढ़ा था, मेरी आंखों के सामने खड़ी थी. स्टैच्यू औफ लिबर्टी न सिर्फ न्यूयार्क वरन विश्व भर की सब से ऊंची तथा अद्भुत रचना है. अगर आप अमेरिका जा रहे हैं तो इसे देखने की योजना अवश्य बनाइए. इस को देखे बिना आप का अमेरिका का ट्रिप अधूरा रहेगा.

यह कौपर की बनी है. इस की ऊंचाई पृथ्वी से मशाल की टिप तक 305 फुट है और मूर्ति की ऊंचाई 151 फुट है. इस के पेडस्टल की ऊंचाई 154 फुट है. इस की कौपर की स्किन की मोटाई 2 सिक्कों की मोटाई के बराबर है. कौपर स्किन को स्टील की छड़ों, जो आपस में जाली में गुंथी हैं, से सहारा दिया गया है तथा ये छड़ें 4 मुख्य छड़ों से जुड़ी हैं जिस से मूर्ति को मजबूती मिल सके.

इस की नींव तो 1811 में रख दी गई थी जब बैडलोए, जो अब लिबर्टी आइसलैंड के नाम से जाना जाता है, में तारे के आकार का वुड कोर्ट बना. उस के 54 वर्ष बाद 1865 में फ्रांस के कलाकारों के एक ग्रुप, जिस की अगुवाई एडवर्ड डी. लेबोयालेया बारथोल्डी कर रहे थे, के मन में पहली बार लिबर्टी मौन्यूमैंट का विचार आया तथा इसे मूर्त रूप देने के बारे में उस ग्रुप ने आपस में विचारविमर्श किया. वे इसे अमेरिका को लिबर्टी यानी आजादी के प्रतीक के रूप में उपहार में देना चाहते थे, क्योंकि उसी समय वहां सिविल वार समाप्त होने के साथ दासप्रथा की समाप्ति हुई थी. देश आगे बढ़ना चाहता था, स्मारक तथा इमारत बनाने की नई विधियां खोजी जा रही थीं.

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