कश्मीर के बारे में कहा जाता है कि अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है, यहीं है. ठीक वैसे ही अगर पूछा जाए कि समुद्र के बीच प्रकृति का स्वर्ग कहां है तो सभी यही कहेंगे कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में. बंगाल की खाड़ी में म्यांमार के दक्षिणी ओर से एकदम दक्षिण इंडोनेशिया के क्षेत्र तक मोतियों की माला की लडि़यों की तरह फैले हुए हैं अंडमान निकोबार के द्वीपसमूह. उत्तर से दक्षिण तक अंडमान निकोबार की समुद्री तटीय लंबाई 1912 किलोमीटर है और इस का क्षेत्रफल 8249 किलोमीटर है. अंडमान निकोबार द्वीपसमूह 572 छोटेबड़े द्वीपों से मिल कर बना है, जिन में केवल 37 द्वीपों में ही मानव आबादी है. शेष जंगलों से आच्छादित हैं. यहां की जलवायु उष्णकटिबंधीय है. वर्ष भर निम्न तापमान 23 डिग्री सैल्सियस और उच्चतम 30 डिग्री सैल्सियस रहता है. आर्द्रर्ता 70 से 90% और वर्षा लगभग 3200 मिलीमीटर आंकी गई है.

सागर तट पर दूरदूर तक फैली रेत की मखमली चादर, सदाबहार हरियाली ओढ़े दुर्लभ पेड़पौधों से आच्छा दित वन, प्रदूषणरहित प्रकृति, मन को गुदगुदाती हर समय बहती मंदमंद बयार एवं मिलनसार लोग पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. अंडमान आने के लिए पर्यटकों को अक्तूबर से मई तक का समय बेहतर रहता है. यहां वर्षा मई से सितंबर और नवंबर से जनवरी तक रहती है. अंडमान समुद्री एवं हवाई मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है. समुद्री जहाज द्वारा चेन्नई, कोलकाता एवं विशाखापट्टनम से पहुंचा जा सकता है. टिकटों के लिए वहां के शिपिंग कौरपोरेशन के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है. हवाई मार्ग द्वारा दिल्ली, कोलकाता एवं चेन्नई से आया जा सकता है, पोर्टब्लेयर में उतर कर पर्यटकों को प्रशासन के पर्यटन विभाग से संपर्क करना होगा.

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