गर्मियों का मौसम आने तो है, ऐसे में जहां हमारे आउटफिट्स मौसम के अनुसार पूरी तरह से बदल जाएंगे, ठीक उसी तरह हमारे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में भी काफी बदलाव होगा. क्योंकि अब हमें अपनी स्किन को सूर्य की हार्श किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन को आवश्यक रूप से  अपने स्किनकेयर रूटीन में शामिल जो करना होगा. वैसे तो सनस्क्रीन हर मौसम में जरूरी होता है, लेकिन इसकी खास तौर पर जरूरत गर्मियों में महसूस होती है. वरना इसके अभाव में स्किन टेन होने से लेकर स्किन डेमेज तक हो सकती है. यहां तक की स्किन कैंसर का भी डर बना रहता है. लेकिन सवाल ये उठता है कि मार्केट में तो ढेरों सनस्क्रींस मिलते हैं , ऐसे में हम अपनी स्किन के लिए फिजिकल या केमिकल किस सनस्क्रीन का चुनाव करें. तो आइए जानते हैं इस संबंध में .

क्या है सनस्क्रीन 

जिस तरह से पानी हमारी बोडी को हाइड्रेट रखकर हमें सुरक्षा प्रदान करता है, ठीक उसी तरह सनस्क्रीन हमारी स्किन के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है. ये खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन को बचाता है, जिससे स्किन टेन होने से बचने के साथसाथ स्किन एलर्जी, स्किन रेडनेस जैसी समस्याओं से भी निजात मिलता है. क्योंकि सनस्क्रीन में एसपीएफ यानि सन प्रोटेक्शन फैक्टर जो होता है. जैसे अगर आपकी स्किन धूप में निकलते ही आपको टेनिंग या जलन जैसा फील होने लगे तो इसका मतलब आपकी स्किन धूप के संपर्क में आते ही जलने लगती है . इसलिए जरूरी है आपके लिए 25 या फिर 30 एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन का चयन करने की. क्योंकि ये आपको 5 – 6 घंटे सुरक्षा प्रदान करने का काम जो करेगा.

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केमिकल सनस्क्रीन 

जान लें कि जिस सनस्क्रीन में जितना ज्यादा एसपीएफ होगा , उसमें उतने ज्यादा केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें सूर्य की किरणों को अवशोषित करने के लिए ऐसे केमिकल इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल किया जाता है , जो इसे हीट में बदल देती है, फिर वो हीट स्किन के माध्यम से बाहर निकलती है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, केमिकल सनस्क्रीन में ऑक्सीबेंजोन,  एवोबेंजोन, होमोसोलटे , ओक्टिनोसेट नामक इंग्रीडिएंट्स होते हैं , जो स्किन को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं. खासकर के एक्ने व सेंसिटिव स्किन को. इन सनस्क्रीन्स में अल्कोहल, खुशबू व प्रीसरवेटिव्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए एलर्जी व सेंसिटिव स्किन वालों को इसके इस्तेमाल से दूर रहना चाहिए. ये लाइट होने के कारण स्किन में आसानी से एब्सॉर्ब भी हो जाते हैं.

फिजिकल सनस्क्रीन 

इसे अगर सनब्लॉक भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा. क्योंकि ये दोनों यूवीए व यूवीबी किरणों से स्किन का बचाव करने का काम करते हैं . इसमें मिनरल बेस्ड इंग्रीडिएंट्स जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड वगैरा का इस्तेमाल किया जाता है. ये त्वचा के ऊपर रहकर हानिकारक यूवी किरणों को स्किन से दूर रखने का काम करते हैं . इसकी खास बात यह है कि इसे लगाते ही आपकी स्किन को सूर्य की किरणों से बचाव हो जाता है. और आपको बाहर जाने से पहले इंतजार करने की जरूरत भी नहीं होती है. बता दें कि फिजिकल सनस्क्रीन सेंसिटिव व एक्ने प्रोन स्किन के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं.

जब चुनें सनस्क्रीन 

टाइप का ध्यान रखें 

मार्केट में आपको लोशन, स्प्रे,  जैल , क्रीम, स्टिक कई फॉर्म में सनस्क्रीन मिल जाएंगे. लेकिन आप अपनी स्किन टाइप व कंफर्ट को देखते हुए ही सनस्क्रीन का चयन करें. जैसे अगर आपकी स्किन ड्राई है तो आप क्रीम बेस्ड सनस्क्रीन का चयन करें, जो आपकी स्किन की डॉयनेस को दूर करके आपको एजिंग से दूर रखने का तो काम करेगा ही, साथ ही स्किन को यूवी किरणों से भी बचाएगा. वहीं अगर आपकी एक्ने प्रोन स्किन है तो आप जैल बेस सनस्क्रीन का चयन करें, क्योंकि इसका नोन ग्रीसी फार्मूला आपकी स्किन को क्लियर बनाने के साथ एक्सेस आयल को भी रिमूव करके आपकी स्किन की डबल केयर करने का काम करता है.

चुनें ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन 

ये ऐसे सनस्क्रीन होते हैं , जो यूवीए व  यूवीबी दोनों तरह की किरणों से स्किन को प्रोटेक्शन देने में मदद करते हैं. क्योंकि ये न सिर्फ स्किन को टेन होने से बचाने का काम करते हैं , बल्कि स्किन कैंसर से भी बचाते हैं. जबकि अधिकतर सनस्क्रीन यूवीबी किरणों से स्किन को बचाते हैं. लेकिन इनसे एजिंग को रोकने में मदद नहीं मिलती है. इसलिए जब भी सनस्क्रीन खरीदें तो लेबल देखकर ही खरीदें, ताकि आपकी स्किन की दोनों किरणों से रक्षा हो सके.

एसपीएफ जरूर देखें 

सिर्फ सनस्क्रीन को देखकर मार्केट से सनस्क्रीन को खरीद लेना उचित नहीं है, बल्कि आप अपनी जरूरत के हिसाब से सनस्क्रीन में एसपीएफ को जरूर चेक करें. जैसे अगर आपको गर्मियों में बाहर ज्यादा देर तक रहना पड़ता है, तभी आप 40 – 50 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का चयन करें , वरना आप कम से कम एसपीएफ का इस्तेमाल करके अपनी स्किन को केमिकल्स से बचाएं. क्योंकि जितना ज्यादा एसपीएफ उतना ज्यादा केमिकल.

पहले हाथ पर चेक जरूर करें

जब भी आप कोई नया सनस्क्रीन खरीदें, तो उसे सबसे पहले डायरेक्ट स्किन पर अप्लाई न करें , बल्कि 1 – 2 बार उसे हाथ पर चेक करके जरूर देखें. इससे अगर आपको सनस्क्रीन से किसी भी तरह की कोई एलर्जी होगी, जैसे स्किन का लाल पड़ जाना, जलन, खुजली, स्किन कलर का अलग दिखना तो समझ जाएं कि ये सनस्क्रीन आपकी स्किन के लिए सही नहीं है. और अगर परफेक्ट है तो फिर आप उसे बिना सोचेसमझें  चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं.

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इंग्रीडिएंट्स इन सनस्क्रीन 

हमेशा  इंग्रीडिएंट्स देखकर ही सनस्क्रीन को खरीदना चाहिए. जैसे अगर सनस्क्रीन में टाइटेनियम डाइऑक्साइड व जिंक ऑक्साइड जैसे इंग्रीडिएंट्स हैं तो आप उस सनस्क्रीन का चयन करें. क्योंकि जहां जिंक ऑक्साइड आपको यूवीए व  यूवीबी दोनों किरणों से बचाता है और साथ ही सनबर्न व झुर्रियों के खतरे को भी काफी कम कर देता है, वहीं टाइटेनियम डाइऑक्साइड सनस्क्रीन में यूवी फ़िल्टरिंग घटक के रूप में काम करता है. जो स्किन में यूवी किरणों को अब्सोर्ब होने से रोकता है. जबकि केमिकल इंग्रीडिएंट्स स्किन में एब्सॉर्ब होने के कारण ये स्किन कैंसर का भी कारण बनते हैं. और हमेशा एक्सपायरी चेक करके ही प्रोडक्ट को खरीदें.

बेस्ट मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन 

जेड ब्लाक 25% जिंकऑक्साइड सनस्क्रीन जैल 

ये  25% जिंकऑक्साइड से बना होने के कारण स्किन की यूवीए व  यूवीबी किरणों से प्रोटेक्शन करने का काम करता है. इसका सिलिकोन टेक्सचर होने के कारण आप इसे प्राइमर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये चेहरे पर ग्लो व वेलवेट फिनिश देने के साथ हानिकारक केमिकल्स से फ्री है.

एरोमा मैजिक एलोवीरा सनस्क्रीन जैल 

इसमें जिंकऑक्साइड की मौजूदगी , जो यूवी फिल्टर का काम करती है, साथ ही ये स्किन को मैट फिनिश देने का भी काम करता है. अगर आपकी एक्ने प्रोन स्किन है तो आप बिना सोचेसमझें इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योंकि ये हार्मफुल केमिकल्स से मुक्त जो है.

न्यूट्रोजिना शीर जिंक सनस्क्रीन 

ये 100 पर्सेंट मिनरल बेस्ड है, इसमें जिंक ऑक्साइड होने के कारण ये हार्मफुल रेज़ से स्किन की सुरक्षा करता है.  ये स्किन पर सोफ्ट मैट फिनिश तो देता ही है, साथ ही पेराबीन , फ्रेग्रेन्स व डाई से रहित होने के कारण पूरी तरह से सेफ है.

डर्मा को प्योर जिंक सनस्क्रीन जैल 

लाइटवेट मिनरल सनस्क्रीन 100% नेचुरल जिंक ऑक्साइड से बना होने के कारण ये इंडियन स्किन के लिए परफेक्ट है. ये स्किन पर ग्रीसी इफ़ेक्ट नहीं देता है.

कुरेज मिनरल सनस्क्रीन 

ये एलोवीरा , विटामिन इ जैसे नेचुरल इंग्रेडिएंट्स से बना होने के कारण आपकी स्किन को नौरिश करने के साथ स्किन को प्रोटेक्ट व क्लियर बनाने का भी काम करता है. आप इन्हें अपनी सुविधानुसार ऑफलाइन व ऑनलाइन कहीं से भी खरीद सकते हैं.

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