लौन भले ही छोटा हो, मगर हराभरा हो, कुछ ऐसा जो आंखों को ठंडक दे, पैर रखें तो मखमली घास में धंस जाएं. ऐसे लौन की चाहत के लिए इन जरूरी बातोंको ध्यान में रखना होगा:

  1. जमीन का चयन

बगिया में लौन किस ओर कहां, किस साइज का बनाया जाए इस के लिए सब से पहले अपने मकान के प्लौट का साइज देखें. यदि 500 गज के प्लौट पिछवाड़े लौन तैयारकर रहे हैं तो घास खराब न हो, इस पर आराम से चल सकें, इस के लिए लौन के चारों ओर पैदल चलने के लिए एक पटरी बनाएं. यह प्रावधान रखें कि गोलगोल पत्थर कुछ दूरी पर रख कर आकर्षक रास्ता बने. पत्थर चौकोर या मनपसंद आकार का हों, यह चारों ओर से खुला हो, पेड़ों से ढका न हों, वहां पानी न खड़ा रहता हो, पथरीला न हो.

2. भूमि की जांच

जब यह तय हो जाए कि लौन कहां बनवाना है, तो सब से पहले किसी सौइल एजेंट से अपनी भूमि की जांच करवा लें. दिल्ली पूसा इंस्टिट्यूट में सौइल टैस्ट लैब से किसी विशेषज्ञ से या किसी बढि़या नर्सरी से भूमि जांच की सेवाएं प्राप्त की जा सकती हैं. यह सौइल एजेंट विशेषज्ञ ही आप की भूमि के बारे पूरी जानकारी देगा कि भूमि की किस्म क्या है, रेतीली है, चिकनी है, भुरभुरी है.

इस में न्यूट्रीयनरस कितने हैं, पैलस क्या है, जिस से यह पता चलता है कि यह भूमि अटकलाइन है या नहीं. प्राय उत्तम किस्म के घास वाले लौन के लिए पिट लेवल 6 और 7 के बीच सही माना गया है. यदि जमीन में कुछ कमियां हैं तो भूमि जांच के बाद सौइल एजेंट बताएगा कि अब आगे क्या किया जाए.

3. लौन की खुराक

हरेभरे लौन के लिए खाद कब, कितनी, कौन सी और कैसे डाली जाए यह बात बेहद जरूरी है. अमेरिका में मिसीसिप स्टेट यूनिवर्सिटी के असिसटैंट प्रोफैसर लैंडस्कपिंग बौब ब्रजजैक के अनुसार सिंथैटक खाद के मुकाबले और्गनिक खाद जो कुदरती चीजों जैसे सीवीड या बोन मील अच्छे परिणाम देती है.

अच्छी घास के लिए जरूरी है कंपोजर मिली मिट्टी को खूब मिलाया जाए, इस तरह फावड़े से या ट्रैक्टर चलवाएं कि ऊपरी मिट्टी की परत कम से कम 6 हो. खाद डालने की यह प्रक्रिया साल में कम से कम 2 बार वसंत ऋतु और जब पत्ते झड़ते हैं दोहराई जाए. खाद डालने से इस में मौजूद न्यूट्रीएंट्स और नमी घास के लिए क्रशन का काम करती है. 3-4 बार मिट्टी को ऊपरनीचे करें, फिर समतल करें. कंकड़पत्थर निकालें, जंगली बूटी निकालें. अब इस में गोबर की खाद दे सकते हैं. खाद किसी अच्छे मान्यताप्राप्त स्टोर से ही लें. आजकल तरहतरह की रैडीमेड खाद पैकेटों में मिल रही है और औफ लाइन मंगवाई जा सकती है.

4. घास की किस्म

लौन में घास की किस्म बहुत महत्त्वपूर्र्ण है. जलवायु, स्थान, क्षेत्र और लौन के आकार को देखते हुए घास लगाएं. आजकल नर्सरी में कई प्रकार की घास की वैराइटीज उप्लब्ध हैं जैसे यदि नमी, छाया वाले स्थान पर घास लगानी है तो ऐक्सोनोपस एफिनस की किस्म लगा सकते हैं. अच्छा लौन बनता है, चुभती नहीं, नरम होती है तथा चलने से दबती नहीं. खराब होने का अंदेशा भी नहीं रहता.

गहरे रंग की चाहत हो तो सब की पसंदीदा घास से लौन चमक उठता है. यह बहुत सघन होती है. चलने पर नरम गड्डे सा एहसास दिलाती है.

5. जायसिस किस्म

यदि आप के पास समय काफी है, देखरेख का प्रावधान है, आप बागबानी के शौकीन हैं तो, साउथ ईस्ट एशिया में प्रचलित जायसिस किस्म लगा सकते हैं. इस के पत्ते नुकीले और रंग गहरा हरा होता है.

6. भारत में साइनोडोन

यह घास काफी लोगों की पहली पसंद है. वर्षा ऋतु घास लगाने के लिए सब से उत्तम मौसम माना गया है. घास घनी हो उठती है जिस पर चलने में आनंद आता है.

7. सिंचाई

अमेरिका के ‘अमेरिका सोसाइटी औफ लैंडस्केपिंग आसला’ के विशेषज्ञ जेनेट मेश्सता का मानना है कि यह जरूरी नहीं लौन को रोज पानी दिया जाए. मौसम तथा रोज के तापमान को ध्यान में रखते हुए लौन को धीरेधीरे इस प्रकार पानी दें कि घास की जड़ों को जमने में आसानी हो.

लौन के बीचोंबीच, किनारों में कुछ छोटेछोटे टीन के डब्बे या प्लास्टिक के  खाली डब्बे रख दें. आप स्पिंकल की विधि से 15-20 मिनट तक पानी दें और देखें क्या लौन में रखे डब्बों में 1/2-1 इंच पानी जमा हो गया है. यदि ऐसा है तो इतना पानी अच्छी हरीभरी घास के लिए सप्ताहभर के लिए काफी है.

8. कंटिंग व रोलर लगाना

घास जिस में जड़ लगी हो उसे तैयार भूमि में 1-2 इंच के अंतर से अच्छी तरह दाब कर लगाते जाएं. पासपास लगी घास घनत्व वाला सघन लौन देगी और जल्दी उग भी जाती है.

बाजार में तरहतरह के  लौन उपलब्ध हैं. विदेशों में हाथ से चलाने वाले, मोटर में बैठ कर चलाने वाली घास काटने की मशीनें प्राय आम लोगों के पास रहती हैं क्योंकि वहां घरों में कई एकड़ों में लौन रखने का रिवाज है. हमारे यहां माली घास काटने की मशीन से कटिंग करते हैं, पर इस बात का ध्यान रखें मशीन के ब्लेड तीखे हों ताकि घास ढंग से कटे, उलझे न या जड़ समेत बाहर न आ जाए.

इसलिए बारबार और बहुत छोटी घास काटना अच्छे लौन के हित में नहीं रहता. काटते समय ध्यान में रखें कि किस किस्म की घास लगी है. हर घास को काटने की अपनी अलग मांग रहती है.

9. जो है वह काफी है

यह जरूरी नहींकि आप के पूरे लौन में हरीभरी घास हो. शेड, छायादार और पेड़ के नीचे जहां पानी ठहरता हो वहां घास बराबर नहीं उगती. इसलिए ऐसे स्थानों पर उपयुक्त झड़ीनुमा पौधे लगा कर इस कमी को पूरा किया जा सकता है. इस से लौन हराभरा दिखेगा.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...