40 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी कई चुनौतियों के साथ आती है. आजकल देरी से एक नया परिवार शुरू करने के कई कारण होते हैं, चाहे वो कैरियर हो, स्थिर संबंध की कमी हो, आर्थिक कारण हो या फिर सिर्फ अपनी पसंद.

लेकिन बड़ा सवाल है कि इस से आप के प्रेग्नेंसी के अवसरों पर कैसा असर पड़ता है?

आईवीएफ ट्रीटमेंट से 40 के बाद भी बच्चे की चाहत पूरी हो सकती है. लेकिन सवाल यह भी है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट कितने साल तक कराया जा सकता है. इस में आप को सही उम्र और आईवीएफ से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिलेंगे. मैडिकल साइंस में प्रगति के साथ, रिप्रोडक्शन के सहायक अवसरों का भी आविष्कार हुआ है, जिस से फर्टिलिटी को ले कर सभी परेशानियों को दूर किया जा सकता है.

Dr. Nishi Singh, Head of Fertility at Prime IVF कहती हैं, “किसी भी महिला के लिए उम्र उस के मां बनने में एक बड़ी बाधा नहीं बननी चाहिए. सही मार्गदर्शन और चिकित्सा विज्ञान में उल्लेखनीय प्रगति के साथ मां बनने के सपने को साकार करने का मार्ग अब असंभव नहीं है.

“आजकल कई महिलाएं कैरियर विकल्प जैसी अलगअलग परिस्थितियों के कारण देरी से बच्चे पैदा करने की योजना बना रही हैं. आईवीएफ की मदद से उचित मार्गदर्शन और उपचार के माध्यम से वे मां बनने की खुशी का अनुभव प्राप्त कर सकती हैं.

“अब महिलाओं को मां बनने के लिए कोई अपनी बायोलौजिकल क्लौक और साथसाथ उम्र की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. सही मूल्यांकन और अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से हम उम्र से संबंधित फर्टिलिटी क्षमता में गिरावट से उत्पन्न होने वाली बड़ी से बड़ी चुनौतियों से आईवीएफ की मदद से निबट सकते हैं.

“चिकित्सा प्रगति के साथ सही आईवीएफ ऐक्सपर्ट का मार्गदर्शन भी जरूरी है, यह एक पावरफुल नुसखा है, जो उम्र से जुड़ी बाधाओं को पार करते हुए मां बनने की आकांक्षाओं को और ज्यादा बढ़ा देता है.”

आइए डा. निशी सिंह से जानते हैं इस से जुड़े कुछ प्रमुख कारक :

उम्र बढ़ने के साथ ऐग्स से जुड़ी चुनौतियों का समाधान

महिलाओं की बढ़ती उम्र के साथ उन की फर्टिलिटी क्षमता में धीरेधीरे कमी आने लगती है. जैसेजैसे महिलाएं 40 की उम्र के करीब पहुंचती हैं, उन के ऐग्स की गुणवत्ता और मात्रा में कमी आने लगती है. इस वजह से प्रेग्नेंसी की उम्मीदें भी कम हो जाती हैं. इस में कोई संदेह नहीं है कि ऐग्स की मात्रा से फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है, जिस की वजह से कपल्स को मातापिता बनने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन अब आईवीएफ की मदद से ऐसी स्थिति में भी कपल्स को निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आईवीएफ उम्र बढ़ने के साथ ऐग्स से जुड़ी समस्या का समाधान करने और संभावित रूप से प्रेग्नेंसी की पौसिबिलिटी बढ़ता है.

40 के बाद आईवीएफ से प्रेग्नेंसी की संभावना में सुधार

जो कपल्स बायोलौजिकली बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं होते, उन के लिए आईवीएफ ने एक क्रांति सी ला दी है. आईवीएफ के माध्यम से महिलाओं के मां बनने की आयु से जुड़ी समस्या दूर होती है. इस प्रक्रिया में ओवरी से ऐग निकालना, उन्हें कंट्रोल कंडीशन में स्पर्म के साथ फर्टिलाइजर करना और एंब्रियो को यूट्रस में ट्रांसफर करने के साथ ही ऐग की क्वालिटी में कमी के मुद्दों को प्रभावी ढंग से एड्रेस करना शामिल है.

यह प्रक्रिया 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए सफल प्रेग्नेंसी की पौसिबिलिटी में इंप्रूवमेंट कर सकती है.

आईवीएफ ट्रीटमेंट की प्लानिंग में 40 के बाद रखें खुद का खयाल

जिन महिलाओं की उम्र 40 वर्ष से ज्यादा हो गई है और वे आईवीएफ ट्रीटमेंट की प्लानिंग कर रही हैं, तो उन के लिए खुद की देखभाल के साथ सेहत का सही इवैल्यूएशन भी जरूरी होता है. हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है, जिस से उन की रिप्रोडक्शन हेल्थ, मैडिकल हिस्ट्री और ओवरआल वेलफेयर का इनडेप्थ इवैल्यूएशन आवश्यक हो जाता है. हेल्थ कंडीशन, ओवेरियन रिजर्व और लाइफस्टाइल जैसे फैक्टर सभी आईवीएफ ट्रीटमेंट को मुमकिन करने में योगदान करते हैं. फर्टिलिटी स्पैशलिस्ट इन पर्सनल फैक्टर के आधार पर सेहत से जुड़े सुझाव देते हैं.

यंग ऐग्स से 40 वर्ष के बाद भी सफल प्रेग्नेंसी की बढ़ जाती है संभावनाएं

ओवेरियन रिजर्व में कमी की वजह से परेशानियों का सामना करने वाली महिलाओं के लिए, ऐग डोनेशन एक सरल तरीका हो सकता है. एग डोनेशन, प्रेग्नेंसी और डिलीवरी का अनुभव करने की चाहत रखने वाली बड़ी उम्र की महिलाओं के लिए एक संभावित समाधान देता है. यह उपाय स्वस्थ और ज्यादा यंग ऐग्स के इस्तेमाल की अनुमति देता है, जिस से सफल प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है. यंग डोनर के ऐग्स का उपयोग कर के स्वस्थ प्रेग्नेंसी की संभावना में काफी सुधार किया जा सकता है. यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए एक औप्शन देता है, जिन के ऐग की क्वालिटी उम्र बढ़ने की वजह से कम हो गई है.

फर्टिलिटी ऐक्सपर्ट से जान सकती हैं आईवीएफ की सक्सैस रेट और ऐक्यूट इनफोर्मेशन

जिन महिलाओं की उम्र 40 वर्ष से ज्यादा है और वे आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए सोच रही हैं, तो उन को रियलिस्टिक उम्मीद बनाए रखनी चाहिए. आईवीएफ प्रेग्नेंसी की संभावना को बढ़ा सकता है, पर इस की सफलता की उम्मीद निजी कारणों के आधार पर अलगअलग हो सकती है. संभावित परिणामों और उपलब्ध विकल्पों के स्पैक्ट्रम की स्पष्ट समझ बनाने के लिए मरीज और फर्टिलिटी ऐक्सपर्ट के बीच पारदर्शी और स्पष्ट चर्चा होना जरूरी है. फर्टिलिटी ऐक्सपर्ट 40 से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए आईवीएफ से जुड़ी सफलता दर और चुनौतियों के बारे में सटीक जानकारी दे सकते हैं, जिस से मरीजों को फैसला लेने और उम्मीदें निर्धारित करने में मदद मिलती है.

प्रौपर गाइडेंस और ट्रीटमेंट से महिलाएं बन सकती हैं मां

महिलाओं के 40 वर्ष के बाद आईवीएफ ट्रीटमेंट कराने का निर्णय निजी, भावनात्मक, शारीरिक और सामाजिक विचारों से प्रभावित होता है. फर्टिलिटी स्पैशलिस्ट आईवीएफ के माध्यम से मां बनने वाली महिलाओं को सलाह और मदद करने के लिए कमिटेड हैं. उन का दृष्टिकोण साक्ष्य आधारित प्रथाओं, सावधानीपूर्वक देखभाल पर आधारित है. फर्टिलिटी स्पैशलिस्ट मरीज की रिप्रोडक्टिव स्टेटस का कंप्रिहेंसिव इवैल्यूएशन कर सकते हैं. निजी कारणों के आधार पर आईवीएफ की संभावित सफलता में इंट्रोस्पेक्शन प्रदान कर सकते हैं. साथ ही, हमदर्दी और विशेषज्ञता के साथ मरीजों को सलाह दे सकते हैं.

आईवीएफ 40 के बाद मां बनने की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए आशा की नई किरण बन कर उभरता है. फर्टिलिटी स्पैशलिस्ट की इंट्रोस्पेक्शन आईवीएफ ट्रीटमेंट की क्षमता के बारे में बताती है, जो महिला को मां बनने के लिए परामर्श देते हैं.

फर्टिलिटी के फील्ड में जहां विज्ञान और आशा बिना किसी बाधा के मिलते हैं, फर्टिलिटी स्पैशलिस्ट मां बनने की चाह रखने वाली महिला के साथ खड़े होते हैं. जो महिलाओं की उम्र की परवाह किए बिना मां बनने की संभावना को अपनाने के लिए सशक्त करते हैं.

 

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...