पिगमैंटेशन तब होता है जब आप के फेस या बौडी के किसी खास हिस्से की कोशिकाएं मरने लगती हैं और उन्हें पोषक तत्त्व मिलने बंद हो जाते हैं. ऐसे में स्किन काली पड़ने लगती है. कई बार महिलाओं को प्रैगनैंसी के दौरान हारमोनल बदलाव की वजह से भी ऐसा होता है. कीमोथेरैपी के बाद भी पिगमैंटेशन की प्रौब्लम हो जाती है.नई दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में पार्लर चलाने वाली वीणा कहती हैं, ‘‘स्किन पिगमैंटेशन तब ज्यादा होती हैं, जब मैलानिन ज्यादा बनने लगता है.

मैलानिन वह है, जिस से स्किन, आंखों और बालों को अपना रंग मिलता है. यह सूरज की किरणों से स्किन को नुकसान होने से बचाता है. मेकअप के जरीए फेस के पिगमैंटेशन को छिपाया जा सकता है. लेकिन आप हमेशा मेकअप कर के नहीं बैठ सकती हैं. ऐसे में आप को पिगमैंटेशन से छुटकारा पाने के लिए इन का परमानैंट इलाज करना होगा.’’पिगमैंटेशन होना नौर्मल है. लेकिन इन के होने से आप की सुंदरता पर बुरा असर पड़ता है. आप बड़ी लगने लगती हैं. स्किन अपना ग्लो खो देती है. अगर आप चाहती हैं कि पिगमैंटेशन की वजह से आप का कौन्फिडैंट कम न हो तो आप को इन खास बातों का खयाल रखना होगा:

  1. करें सनस्क्रीन का इस्तेमाल

पिगमैंटेशन से छुटकारा पाने के लिए जब भी आप धूप में बाहर निकलें तो 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन जरूर लगाएं. यह सूरज की हानिकारक किरणों से आप की स्किन को बचाएगा. सनस्क्रीन लगाने से स्किन ड्राई नहीं होती, जिस से आप का फेस पिगमैंटेशन की समस्या से बच सकता है. सनलाइट से बचने के लिए आप मामाअर्थ अल्ट्रालाइट इंडियन सनस्क्रीन का भी यूज कर सकती हैं. यह एसपीएफ 50 के साथ आता है. यह इंडियंस स्किन टोन के लिए एक अच्छा सनस्क्रीन है.

2. विटामिन सी सीरम है फायदेमंद

पिगमैंटेशन से बचने के लिए आप विटामिन सी सीरम का उपयोग करें. यह आप की स्किन की हिफाजत करता है और टायरोसिनैस की क्रिया को होने से रोकता भी है. टायरोसिनैस का मुख्य काम है मैलानिन का निर्माण करना. अगर रोज विटामिन सी सीरम का इस्तेमाल किया जाए तो हाइपरपिगमैंटेशन की प्रौब्लम धीरेधीरे दूर हो जाएगी.

3. लेजर थेरैपी का औप्शन

अगर आप को क्रीम, सनस्क्रीन और सीरम से कोई फायदा नहीं हो रहा है, तो आप के पास लेजर टैक्नीक का भी औप्शन है. इस में कुछ सैशन लेने पर आप को पिगमैंटेशन से छुटकारा मिल सकता है.

4.ओटीसी प्रोडक्ट्स का यूज

अपनी स्किन के लिए हमेशा ओटीसी प्रोडक्ट्स का ही यूज करें. ओटीसी प्रोडक्ट्स वे होते हैं जिन में ग्लिसरीन, ह्यालुरोनिक ऐसिड और रैटिनोल जैसे मौइस्चराइजिंग ऐजेंट शामिल होते हैं. ये स्किन पिगमैंटेशन और काले धब्बों से छुटकारा पाने में हैल्प करते हैं. स्किन सैल्स को बढ़ाने में भी मदद करते हैं.

5. कोजिक ऐसिड प्रोडक्ट्स का करें इस्तेमाल 

ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जिन में अल्फाहाइड्रौक्सी ऐसिड हो. यह पिगमैंटेशन को कम करने के लिए अच्छा है. उन प्रोडक्ट्स्स का यूज करें जिन में विटामिन सी, लीकोरिस रूट और कोजिक ऐसिड जैसे तत्त्व हों. ये टायरोसिनैस को रोक कर हाइपर पिगमैंटेशन को कम करने में हैल्प करते हैं.

6. नीबू और हनी का पेस्ट

जहां नीबू फेस के दागधब्बे हटाने का काम करता है वहीं हनी स्किन को टाइटनैस प्रदान कर के नैचुरल पोषण देता है. पिगमैंटेशन को दूर करने के लिए नीबू और हनी के पेस्ट को 10 मिनट तक पिगमैंटेशन वाले पार्ट पर लगा रहने दें. इस के बाद उस पार्ट को नौर्मल पानी से धो लें.

7. मसूर दाल, दही और कच्चे दूध का पैक

यह पैक स्किन पिगमैंटेशन से छुटकारा दिलाता है. लाल मसूर दाल डैड स्किन सैल्स को हटाने में हैल्प करती है. यह नैचुरल क्लींजर का काम करती है. इस के साथ ही यह एक अच्छा ब्लीचिंग एजेंट भी है. यही कारण है कि यह काले धब्बों को हलका करने में हैल्प करती है.

8. टमाटर ओट्स का फेसपैक

टमाटर में ऐंटीऐजिंग के गुण होते हैं. टमाटर उम्र बढ़ने के संकेतों जैसे पिगमैंटेशन, फाइन लाइंस, रिंकल्स, डार्क सर्कल्स से निबटने में हैल्प करता है. टमाटर एक स्किन लाइटनर की तरह भी काम करता है. इस के यूज से फेस पर एकदम से ग्लो आ जाता है. वहीं दही में मौजूद लैक्टिक ऐसिड स्किन के पोर्स को टाइट करने में मदद करता है. दही दागधब्बों को भी कम करता है.

ओट्स ऐक्सफौलिएटर के रूप में काम कर के डैड स्किन सैल्स को हटा कर स्किन की हैल्दी लेयर लाता है.इन के अलावा आप घर पर ही कुछ फेस पैक बना कर पिगमैंटेशन पर लगा सकती हैं. आप आलू का रस, खीरे का रस, लाल प्याज का रस लगा सकती हैं. इसे लगाने से आप की स्किन में ग्लो आएगा. इस का एक फायदा यह भी है कि पहले जो पिगमैंटेशन बहुत दिखते थे वे अब कम दिखने लगेंगे.इस बात का ध्यान रखें कि जितनी जल्दी आप स्किन पिगमैंटेशन का इलाज करेंगी, उतनी ही जल्दी आप इन से छुटकारा पा लेंगी.

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