दिव्या ने जब विवाह के बाद अपनी ससुराल में पहला कदम रखा तो अपनी मम्मी की हिदायतों के अनुसार उस ने संजीव पर कम और उस के घर वालों पर अधिक ध्यान दिया. इस का नतीजा यह निकला कि विवाह के कुछ दिनों बाद ही संजीव दिव्या से खिंचाखिंचा सा रहने लगा.

दिव्या की रातदिन की जीहुजूरी के कारण ससुराल वालों की उम्मीदें भी बढ़ती चली गईं और जब दिव्या उन की उम्मीदों को पूरी कर पाने में असमर्थ रहने लगी तो वे उस की संजीव से शिकायतें करने लगे. दिव्या को लगा, संजीव उस का साथ देगा मगर उस ने तो कभी संजीव के साथ ऐसा संवाद ही नहीं रखा था.रश्मि ने भी विवाह होते ही बहू नंबर वन बनने की सोची. वह अपनी ननद, देवर, सासससुर के साथ इतनी घुलमिल गई कि इस बीच उस का पति साकेत कहीं खो सा गया. जब भी घूमनेफिरने की बात होती तो रश्मि अपने साथ अपनी ननद और देवर को भी ले कर जाती. साकेत रश्मि की इन हरकतों से चिढ़ जाता. उसे हर आउटिंग रोमांटिक नहीं बल्कि फैमिली पिकनिक लगती और जल्द ही साकेत अपनी रोमांस की जरूरतों के लिए अपनी सहकर्मी पर निर्भर होने लगा.

विवाह बाद एक महिला अपने नए जीवनसाथी के साथ संयुक्त होती है. महिला के इस नए रूप में दुलहन का एक महत्त्वपूर्ण निर्णय होता है कि उसे किन मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक मामलों पर ध्यान देना चाहिए. एक नई शादीशुदा महिला के लिए एक नए परिवार में आधारभूत सामाजिक, मानसिक और पारिवारिक स्थितियां उत्पन्न होती हैं. इस मामले में एक दुलहन का पति पर ध्यान परिवार के अन्य सदस्यों से अधिक होना चाहिए.

ये कुछ कारण दुलहन को अपने पति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करते हैं:

  1. पारिवारिक नवजात

जब एक महिला विवाह के बंधन में बंधती है, तो वह नए परिवार की भावनाओं, संस्कृति और प्रथाओं के साथ भी बंधती है. उसे इस नए परिवार की संपूर्णता और विशेषता में सम्मिलित होना चाहिए.

2. साझा बनाए रखें रिश्ते

एक स्वस्थ विवाह में पतिपत्नी के बीच एक अच्छा और स्नेहपूर्ण संबंध होना चाहिए. दुलहन को अपने पति के साथ एक नियमित और सजीला संबंध रखना चाहिए और पति के परिवार के सदस्यों के साथ भी नए और स्वीकार्य संबंध बनाने की कोशिश करनी चाहिए.

3. स्वतंत्रता और स्वाधीनता

एक दुलहन को अपने व्यक्तिगत विकास और स्वतंत्रता की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. जब एक महिला अपने पति के साथ संयुक्त होती है, तो वह मन में अपनी स्वाधीनता के खोने का डर रखती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि वह अपने स्वयं के विकास के लिए अपनी अधिकारिता बनाए रख सकती है.

4. विशेष अभिवावक नहीं

जब एक महिला दुलहन बनती है, तो उसे अपने पति के विशेष अभिवावक नहीं, बल्कि एक समान पार्टनर की भूमिका में अपनेआप को स्थापित करना चाहिए. दुलहन को अपने पति के साथ भागीदारी में रहना चाहिए और अपने बीच एक सामंजस्यपूर्ण और समान संबंध बनाना चाहिए.

5. पति के सपोर्ट में रहना

विवाहित जीवन में सफलता के लिए पत्नी को अपने पति की सपोर्ट में रहना जरूरी है. पति की प्राथमिकता को और उन की इच्छाओं को समझना आवश्यक है. आप को उन के सपनों को पूरा करने में उन की सहायता करनी चाहिए.

6.पति के संग वक्त बिताना

नई दुलहन का अपने पति के साथ समय बिताना बेहद महत्त्वपूर्ण है. विवाह के बाद नए परिवार के साथ रहने में वह नई है, लेकिन इस दौरान पति के साथ संवाद में रहने से संघर्षों को सम?ाने मे मदद मिलती है.

7. सामाजिक और पारिवारिक दबावों का सामना करना

नई दुलहन को परिवार के साथ सामाजिक और पारिवारिक दबावों का सामना करना चाहिए. ध्यान रखने योग्य बात है कि उसे अपने पति के साथ संबंधों को बनाए रखने के लिए समय देना चाहिए. इस से खुशहाल और समृद्ध जीवन जीने में मदद मिल सकती है.

8. परिवार के मामूली मुद्दों पर ध्यान न देना

नए दुलहन को पति के साथ विवाहित जीवन का आनंद उठाने के लिए परिवार के मामूली मुद्दों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए. वह अपने पति के साथ रिश्ते को स्थाई बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है.

9. संबंधों में संवाद

विवाहित जीवन में संवाद का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है. जब आप अपने पति के साथ अच्छे संबंध बनाते हैं और उन्हें अपने मन की बातें बताते हैं तो आप के बीच समझता हो सकता है और इस विवाहित जीवन को खुशनुमा बनाने में मदद मिल सकती है. संबंधों में समझदारी और संवाद समृद्धि के लिए महत्त्वपूर्ण हैं

.एक दुलहन के जीवन का यह समय खास और यादगार होता है. इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर एक दुलहन को ध्यान देने की जरूरत है कि वह अपने पति पर ध्यान केंद्रित करे पति के परिवार पर नहीं. एक संतुष्ट और संयुक्त शादीशुदा जीवन के लिए दुलहन को पति और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ स्नेहपूर्ण संबंध बनाने का प्रयास करना चाहिए. इस से अपने नए जीवन को संतुष्ट, सफलतापूर्वक और खुशहाली से जीने में मदद मिल सकती है.

कम शब्दों में बोला जाए तो यह कि अगर आप बीवी नंबर वन बन जाती हैं तो बहू नंबर वन तो अपनेआप ही बन जाएंगी.

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