Ameen Sayani: बात उन दिनों की है जब किसी घर में रेडियो का होना शान की बात समझा जाता था. खेत में थकाहारा किसान और सरहद पर दुश्मन से रखवाली करता जवान रेडियो को ही अपना पसंदीदा टाइमपास मानता था.

उस जमाने में फिल्मी गानों का रेडियो पर बजना बड़ा ही कर्णप्रिय लगता था. तभी एक आवाज ने रेडियो श्रोताओं को अपना दीवाना बना लिया था. वह कोई गायक नहीं था, पर आवाज में गजब की खनक और मिठास थी.

इस शख्सियत का नाम नाम था अमीन सयानी. ‘रेडियो सिलोन’ और फिर ‘विविध भारती’ पर‌ तकरीबन 42 सालों तक चलने वाला हिंदी गीतों का उन का कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ इतना ज्यादा फेमस हो गया था कि लोग हर हफ्ते उन्हें सुनने के लिए बेकरार रहा करते थे.

अब वही मखमली आवाज चुप हो गई है. 91 साल की उम्र में अमीन सयानी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. मंगलवार, 20 फरवरी की शाम को हार्ट अटैक से अमीन सयानी की मौत हो गई. उन के बेटे राजिल सयानी ने इस दुखद खबर की पुष्टि की थी.

राजिल सयानी ने बताया कि अमीन‌ सयानी को मंगलवार को उन के दक्षिण मुंबई स्थित घर पर शाम के 6 बजे हार्ट अटैक आया था. इस के बाद उन्हें दक्षिण मुंबई स्थित एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में ले जाया गया, जहां पर इलाज करने के कुछ देर बाद ही डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

91 साल के अमीन सयानी को हाई ब्लड प्रैशन और उम्र संबंधी दूसरी कई बीमारियां थीं और पिछले 12 साल से उन्हें पीठ दर्द‌ की भी शिकायत थी.

अमीन सयानी ने‌ नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस/कंपेअर/वायसओवर करने का रिकौर्ड दर्ज है. लगभग 19,000 जिंगल्स के लिए आवाज देने‌ के लिए भी अमीन सयानी का नाम ‘लिम्का बुक्स औफ रिकौर्ड्स’ में दर्ज है.

अमीन सयानी ने ‘भूत बंगला’, ‘तीन देवियां’, ‘कत्ल’ जैसी फिल्मों में अनाउंसर के तौर पर भी काम किया था. रेडियो पर फिल्मी सितारों पर आधारित उन का शो ‘एस. कुमार्स का फिल्मी मुकदमा’ भी काफी लोकप्रिय साबित हुआ था.

21 दिसंबर, 1932 को जनमे अमीन सयानी अपने जमाने मे रेडियो की दुनिया के सुपरस्टार थे. उन का कर्यक्रम की शुरुआत में ही ‘बहनो और भाइयो’ के साथ रेडियो श्रोताओं को संबोधित करने का तरीका बड़ा फेमस हुआ था और आज उन के वही बहन और भाई इस दुखद समाचार से सदमे में हैं.

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