लेखिक- शीला श्रीवास्तव 

महिलाओं के प्रति दिनबदिन बढ़ते अपराधों की खबरें यकीनन डराने वाली हैं. अपनी बेटियों को ले कर आज सभी पेरैंट्स चिंतित नजर आ रहे हैं. इस मामले में कभीकभी अपने भी संदेह के घेरे में आने लगते हैं. असुरक्षा की इस घड़ी में बेहतरी की मांग करना कतई गलत नहीं है लेकिन खुद की सुरक्षा के लिए खुद का सजग रहना भी जरूरी है.

आइए, कुछ ऐसे पहलुओं को समझने की कोशिश करते हैं, जिन के जरीए हम खुद अपनी सुरक्षा कर सकते हैं:

अपना व्यवहार मर्यादित रखें

सार्वजनिक जगहों पर आप के हावभाव, उठनेबैठने का तरीका, बोलचाल का ढंग सब माने रखते हैं. एक चूक सामने वाले व्यक्ति को आगे बढ़ने का मौका दे सकती है. लोगों के सामने खुद को दृढ़ और निर्भीक दर्शाएं ताकि अकेला देख कर उन्हें यह न लगे कि आप डरी हुई है. अकसर डरी हुई लड़कियों के साथ ज्यादा वारदातें होती हैं.

किसी से ज्यादा हंसीमजाक करना भी ठीक नहीं है. जहां तक संभव हो देर रात बाहर न जाएं. दूर का काम दिन में निबटा लें.

तकनीक को अपनी ताकत बनाएं

तकनीक को अपनी ताकत बनाएं. किसी भी औटो, टैक्सी, कैब में बैठने से पहले गाड़ी का नंबर नोट कर घर के किसी सदस्य को भेज दें. सोशल नैटवर्किंग साइट पर आप का एक स्टेटस भी आप की मदद कर सकता है. कुछ जरूरी इमरजैंसी नंबर भी अपने मोबाइल में सेव कर के रखें.

आत्मरक्षा के लिए ट्रेनिंग लें

अपनी सुरक्षा के लिए सैल्फ डिफैंस ट्रेनिंग भी ले सकती हैं जैसे कोई आक्रमणकारी आप को पकड़ने की कोशिश करे तो पीछे की ओर छुड़ाने के बजाय थोड़ा नीचे हो जाएं. इस के बाद पूरी ताकत से व्यक्ति की छाती पर अपना सिर मारें. उसे संभलने का मौका दिए बगैर उस व्यक्ति की दोनों टांगों के बीच जोर से अपना घुटना मारें.

परिस्थिति चाहे कितनी भी बुरी हो, आप को हार नहीं माननी चाहिए. मुश्किल घड़ी में फोन, आसपास रखी चींजें जैसे ईंट, पत्थर, लोहा, लकड़ी आदि सब का प्रयोग करें. हो सकता है सामने वाला व्यक्ति आप का साहस देख डर कर भाग जाए. यदि आप ऐसी किसी स्थिति में फंस जाएं तो ये ट्रिक्स अजमा सकती हैं. इस के अलावा तेज दौड़ने का भी अभ्यास रखें.

क्या रखें हमेशा साथ

अपनी सुरक्षा के लिए पैपर स्प्रे, कोई नुकीली चीज, पेपर वेट आदि हमेशा साथ रखें. जब खतरा महसूस करें तो इन का इस्तेमाल करने से न हिचकें.

घर पर भी रखें अपना ध्यान

हादसे कहीं भी हो सकते हैं इसलिए घर में भी सावधान रहें. जिसे आप नहीं जानतीं, उस के लिए दरवाजा न खोलें. अपराधी भेष बदल कर जैसे प्लंबर, गार्ड, दूध वाला, केवल वाले आदि के रूप में भी आ जाते हैं. बिना बुलाए अगर ऐसा कोई व्यक्ति आप के घर आने की कोशिश करे तो आप दरवाजा बिलकुल न खोलें.

अपनी छठी इंद्री का करें इस्तेमाल

लड़कियों के पास सिक्स्थ सैंस यानी छठी इंद्री का वरदान होता है. आने वाले खतरे को लड़कियां जल्दी भांप लेती हैं. इसलिए जब भी कुछ असहज महसूस करें तो तुरंत उस जगह से बाहर निकल जाएं.

सजग रहना जरूरी

खुद की सुरक्षा के लिए हमेशा सजग रहें.

आप चाहें अकेली हों या फिर किसी दोस्त के साथ, किसी सुनसान जगह पर टहलनेघूमने न जाएं. शौर्ट कट के चक्कर में सुनसान रास्तों से आनेजाने से बचें.

कभी औफिस में देर हो जाए तो बौस से औफिस स्टाफ कार में घर भिजवाने का निवेदन करें. औफिस की गाड़ी से घर जाते समय घर के लोगों को सूचित करें.

ड्राइव करते समय कार के शीशे और सैंट्रल लौक लगा कर रखें. सुनसान इलाकों में कार कतई न रोकें.

यात्रा के दौरान किसी पर भरोसा न करें. होटल में कमरा बुक करते समय कमरे की बारीकी से जांच कर लें. अकेले में किसी को कमरे में घुसने की अनुमति न दें. बाथरूम में कहीं कैमरा आदि तो नहीं लगा है यह चैक जरूर करें. ज्यादातर मौल और शौपिग कौंप्लैक्स की पार्किंग बेसमैंट में होती है. ऐसे में यदि रात गए किसी काम से अकेले मौल जाना पड़े तो कोशिश करें कि वाहन बाहर किसी पार्किंग में लगाएं. सूने बेसमैंट एरिया में जाने का खतरा न उठाएं.

देर रात बाहर घूमना, देर रात औफिस या कोचिंग से पैदल घर आना भी आप को खतरे में डाल सकता है. इसलिए समय का ध्यान रखें.

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