Leeza Mangaldas : जब सैक्स के बारे में बातें करना टैबू समझा जाता था, उस समय लीजा मंगलदास ने सैक्सुअल डिजाइनर और और्गेज्म के बारे में अपने सोशल हैंडल पर बताना शुरू किया. उन के इसी बेधड़क और कौन्फिडैंट बिहेवियर के चलते डिजिटल कौंटैंट क्रिएटर ऐंपावरमैंट के लिए लीजा को इस मंच पर सराहा गया.
लीजा का उद्देश्य है कि सैक्स और रिलेशनशिप पर बात करने को शर्मनाक न समझा जाए. वे सैक्सुअल हैल्थ और खुशी को सामान्य विषयों की तरह देखने की वकालत करती हैं. भारत जैसे देश में जहां सैक्स पर चर्चा करना आज भी शर्म की बात मानी जाती है, लीजा जैसी सैक्स ऐजुकेटर्स समाज में पौजिटिव बदलाव लाने का प्रयास कर रही हैं.
सैक्स ऐजुकेशन
2011 में कोलंबिया विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, लीजा मीडिया और कौंटैंट क्रिएशन में अपना कैरियर बनाने के लिए मुंबई चली गईं. भारत में सैक्स को ले कर गलत जानकारी और मिथ्स को देखते हुए उन्होंने सैक्स ऐजुकेशन पर वीडियो बनाने शुरू किए. उन का कंटैंट, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर शेयर किया जाता है.
लीजा ने हार्पर कौलिन्स द्वारा प्रकाशित
द सैक्स बुक: ए जौयफुल जर्नी औफ सैल्फ डिस्कवरी’ लिख कर अपने काम को बढ़ावा दिया.
सैक्स टैबू को खत्म करती लीजा
गृहशोभा टीम के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि भारत में सैक्स को ले कर बहुत कम जानकारी है और इस की जानकारी देने वाले लोग भी केवल उंगलियों पर गिने जा सकते हैं. उन का मानना है कि ज्यादा से ज्यादा सैक्स ऐजुकेटर होंगे तो सोसायटी में लोगों का सैक्स के प्रति नजरिया बदलेगा. उन्हें इस बात से भी फर्क नहीं पड़ता कि कोई उन के कौंटैंट को कौपी करता है. फिलहाल उन का ऐम ज्यादा से ज्यादा लोगों को ऐजुकेट करना है.
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