फरहान अख्तर एक ऐसे बॉलीवुड एक्टर हैं जो महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर खुलकर बात करते हैं और इस बार उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स में एक खुला खत लिखा है अपनी बेटी के नाम, जिसका अहम मुद्दा है, ‘चलो रेप पर बात करें’.

फरहान अख्तर, दो बेटियों के पिता हैं. बड़ी बेटी शाक्या अख्तर 16 साल की है और छोटी बेटी अकीरा 8 साल की है. फरहान ने ये खत अपनी बड़ी बेटी शाक्या के नाम लिखा है.

इस खत में फरहान ने अपनी बेटी से शारीरिक हिंसा और यौन उत्पीड़न पर बात की है. उन्होंने खत में लिखा, “मुझे नहीं पता कि मैं तुमसे यौन उत्पीड़न के बारे में क्या बात करूं. तुम्हारे पापा होने की हैसियत से मैं हमेशा तुमसे ऐसी बातें छिपा कर तुम्हें ऐसी गंदी दुनिया से दूर रखना चाहूंगा पर अब बात करना ज़रूरी है.”

फरहान ने सबसे पहले एक कविता लिखी जो उन्होंने अपनी एक सह कर्मचारी के रेप के बाद लिखी थी. उस वक्त शाक्या 12 साल की थीं. और फरहान का कहना है कि तब मैं ये बातें नहीं बता सकता था.

फरहान ने लिखा कि, “मैं जानता हूं कि तुम्हारा सर चकरा जाता होगा ये सोचकर कि हम लोग किस तरह के देश में रहते हैं. किस तरह अपनी महिलाओं के साथ पेश आते हैं. एक पिता की तरह मैंने तुम्हें हमेशा समझाया है कि गलत तरीके से छूना क्या होता है.”

“लड़के और लड़कियां बराबर होते हैं और लड़कों की ही तरह लड़कियों का भी अपने शरीर पर पूरा हक है. मैंने तुम्हें ये तक समझाया है कि अगर तुम्हारा मन नहीं है, तो मैं भी तुम्हें गले से नहीं लगा सकता.”

“मैं तुम्हारे फेसबुक पोस्ट देखता रहता हूं और तुम्हारी तस्वीरों से समझ आता है कि तुम इस दुनिया में उड़ना चाहती हो. लेकिन तुम परेशान हो, गुस्सा भी हो. ये क्यों नहीं पहन सकती, वो क्यों नहीं पहन सकती, मैं कौन होना चाहती हूं, ये मैं क्यों नहीं तय कर सकती.”

“भले ही मैं बॉलीवुड में हूं पर एक पिता हूं, और मैं आंख मूंद कर तुम्हें कुछ भी नहीं कहना चाहता. सच ये है, कि हम एक बंटे हुए और गैर जिम्मेदार जगह पर रहते हैं जहां आसपास बिल्कुल भी सुरक्षा नहीं है. हमने तुम्हें कभी नहीं कहा कि ये मत पहनो या बाहर मत जाओ”.

“तुम्हें नीले बाल रखने हैं तो बिल्कुल रखो, ये तुम्हारी जिंदगी है और तुम्हें पूरा हक है अपने मन से जीने का. तुम मुझसे हमेशा पूछती हो कि हम फिल्मों में औरतों को ऐसे क्यों दिखाते हैं जैसे कि वो कोई चीज हैं. और मुझे गर्व होता है जब तुम ऐसे सवाल पूछती हो.”

“मैंने और जोया ने हमेशा ये ध्यान रखा है कि तुम्हें इस बात का जवाब देने में हमें शर्म ना आए. लोगों को फिल्में देखकर लगता है कि लड़की से बात करना, उसका पीछा करना लड़के का हक है. एक लड़की को दिलाने के लिए पूरी कास्ट लड़के की मदद करती है. वो उसके कपड़े पकड़ेगा कुछ और करेगा पर लड़की उसी की है.”

“पहले फिल्मों में रेप या इस तरह की हरकतें, गंदा आदमी करता था जो विलेन होता था. लेकिन अब हीरो भी लड़की का पीछा करता है. ऐसी फिल्मों पर यकीन मत करना. जिन लोगों को तुम असल जिंदगी में नापसंद करोगी वही आजकल फिल्मों का हीरो है. वो उसका पीछा कर रहा है क्योंकि उससे प्यार करता है पर इसमें कोई सच्चाई नहीं होती.”

“जब भी तुम घर से बाहर निकलती हो, हर पापा की तरह मैं भी थोड़ा सा डर जाता हूं, लेकिन मैं तुम्हें याद दिला दूं कि तुम्हारे हर सफर में एक दोस्त तुम्हारे पास है वो तुम्हारे पापा हैं. पूरी आजादी से जीना, लेकिन हमेशा सुरक्षित रहना. तुम्हें पता है कि क्या सुरक्षित है और क्या नहीं है.”

हमेशा खुद से ये सवाल पूछना कि हम कैसे देश में रहते हैं, लेकिन याद रखना कि तुम्हारे हर सवाल का जवाब देने के लिए एक इंसान हमेशा है.

तुम्हारे पापा

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...