धारावाहिक ‘कभी सौतन कभी सहेली’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली अनीता हसनंदानी को प्रसिद्धी धारावाहिक ‘काव्यांजलि’ के अंजलि नन्दा नामक किरदार से मिली. इसके बाद उसने कई धारावाहिकों की ओर अपने कदम बढ़ाएं. आज टीवी की सफल अभिनेत्रियों में उनकी गिनती होती है. इसके अलावा उन्होंने कई फिल्में तमिल, तेलगू और कन्नड़ भाषाओँ में भी कीं. उनकी हिंदी फिल्म ‘कृष्णा काटेज’ भी थोड़ी सफल रही, आलोचकों ने उनके काम की काफी सराहना की. वह 5 सालों से शादीशुदा हैं और जब तनाव होता है, तो पति रोहित रेड्डी के साथ घूमने चली जाती हैं या गाना सुनती हैं. वह एक रिलैक्स जीवन जीती हैं और हमेशा खुश रहती हैं. अभी वह कलर्स टीवी पर ‘नागिन 3’ में अभिनय कर रही हैं, उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है अंश.

इस भूमिका को करने की वजह क्या है?

इसमें मैं विशाखा खन्ना की भूमिका निभा रही हूं जो बहुत ही अलग तरह की है. अब तक मैंने ऐसी भूमिका निभाई नहीं है. मैं खुश हूं कि मुझे हर तरह की भूमिका निभाने का मौका मिल रहा है.

नागिन की जो भूमिका इसमें आप निभा रही हैं, रियल लाइफ में ऐसी बातों पर कितना विश्वास करती हैं?

मैं सकारात्मक बातों, सौ प्रतिशत काम में मन लगाना, मेहनत करना आदि में विश्वास करती हूं. इंसान नागिन बन जाय, इस पर विश्वास नहीं करती. ये एक फिक्शन है, जिसे दर्शकों के मनोरंजन को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

आप अपनी जर्नी को कैसे देखती हैं?

मैं खुश हूं कि मुझे ऐसे अच्छे-अच्छे काम मिले जो मुश्किल थे. मैंने फिल्में भी की, लोग कहते हैं कि आपकी फिल्में चली नहीं, मुझे बुरा नहीं लगता, क्योंकि मैं एक साधारण परिवार से हूं, ऐसे में यहां तक पहुंचना भी मेरे लिए बड़ी बात है.

आपकी फिल्में न चलने की वजह क्या मानती हैं?

कोई एक वजह नहीं होती, हर कोई दीपिका पदुकोण या प्रियंका चोपड़ा नहीं बन सकता. मैं फिल्म बनाने की प्रक्रिया को एन्जाय करती हूं. नहीं तो दस साल बाद लगेगा कि लाइफ में मैंने जरा भी एन्जाय नहीं किया.

एक्टिंग में आना इत्तफाक था या इच्छा?

मेरे पिता की अचानक मृत्यु हो गयी थी, इससे थोड़ा वित्तीय प्रेशर आ गया था. मैं मनोज कुमार के आफिस में काम करती थी. किसी ने मुझे कहा कि आपका चेहरा अच्छा है आप एक्टिंग में कोशिश क्यों नहीं करती. फिर मैंने एक एड फिल्म का आडिशन दिया और मुझे वह मिल गया. 10 साल पहले मुझे 60 हजार रुपये मिले थे, जो मेरे लिए बहुत थे, बस मैंने इस क्षेत्र में आने का मन बना लिया. तब से मैं आडिशन में जाने लगी और फिर समझ में आया कि मुझे अभिनय करना है. कई साल तक एड फिल्म करने के बाद में धारावाहिक में काम मिला.

अबतक की आपकी फिल्मों और धारावाहिकों में कौन सी फिल्म या धारावाहिक आपके दिल के करीब है?

‘कोई आप सा’ एक फिल्म की थी. बहुत अच्छी फिल्म थी. वह चली नहीं, पर वह मेरे दिल के बहुत करीब है. अभी कोई फिल्म नहीं कर रही हूं.

आपके यहां तक पहुंचने में आपके परिवार का कितना सहयोग रहा है?

मेरी शादी को 5 साल हुए हैं और इन 5 सालों में मुझे अधिक काम मिला है, इस शादी को मैं लकी मानती हूं. पति ने मुझे काम करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया है. ये बड़ी बात है, कई महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पति शादी के बाद उन्हें काम पर जाने से रोकते हैं, पर मेरे साथ उनका हमेशा साथ रहा है. इससे पहले मेरी मां ने मुझे बहुत सहयोग दिया है. मैं जो हूं इसका श्रेय मेरी मां और पति को जाता है.

आपका स्पष्टभाषी होना कभी समस्या बना?

मेरे पिता ने बचपन में सिखाया था कि आप जो भी काम करें उसमें इमानदारी रखें और इसे मैं आजतक फोलो करती आ रही हूं. इससे ही तरक्की होती है. इतने सालों से मैं इंडस्ट्री में हूं और कोई समस्या नहीं आई.

कोई सामाजिक कार्य करना चाहती हैं?

मैं अपने आस-पास के लोगों के लिए जो गरीब हैं उनके बच्चों के लिए कुछ करना चाहती हूं. मेरे मेहनत के पैसे सही जगह पर जाए उसकी कोशिश रहेगी. मैं किसी चेरीटेबल संस्था पर विश्वास नहीं करती, जो आंखों से दिखता है, उस पर काम करना चाहती हूं.

आपका स्ट्रोंग प्वाइंट और वीक प्वाइंट क्या है?

मेरी कमजोरी मेरा परिवार है. मैं उन्हें बहुत पसंद करती हूं उनके साथ अगर छोटी सी भी दिक्कत हो जाय तो मैं घबरा जाती हूं और मेरी स्ट्रेंथ भी परिवार ही है. एकता कपूर भी मेरी शक्ति हैं, जब मेरी फिल्में नहीं चली, तो एकता ने मेरा साथ दिया.

महिलाएं आज भी प्रताड़ित होती हैं, इसकी वजह क्या मानती हैं?

इसकी वजह अपराधी को जल्द से जल्द सजा ना मिलना है. उन्हें उनके अपराधों के लिए जल्द से जल्द सजा होनी चाहिए, ताकि अपराधी को अपराध करने में डर हो.

गर्मियों में अपने आपको तरोताजा कैसे रखती हैं?

मैं खूब सारा पानी पीती हूं और लाइट फूड लेती हूं.

गृहशोभा की महिलाओं के लिए क्या संदेश देना चाहती हैं?

हमेशा खुश रहें, अपने लिए समय रखे, किसी बात का तनाव न पाले, लाइफ को एन्जाय करें.

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