इन दिनों लोग चीन में फिल्म ‘दंगल’ और ‘बाहुबली’ की कमाई की बात कर रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि दंगल से काफी साल पहले एक हिंदी फिल्म ने चीनी दर्शकों को बॉलीवुड का फैन बना दिया था. वो फिल्म थी 1951 में रिलीज हुई आवारा. इस फिल्म को राजकपूर ने डायरेक्ट किया और खुद ही एक्टिंग भी की.
उस दौर में भारत में ही फिल्म चल जाए बड़ी बात क्योंकि आजादी मिले कुछ ही समय बीता था. लेकिन इस फिल्म ने हिंदी सिनेमा की पूरे विश्व में पहचान बना दी. चीन में यह फिल्म इतनी पसंद की गई कि वहां हर किसी की जुबां पर फिल्म का गाना ‘आवारा हूं’ छा गया.
इस फिल्म थियेटर वर्जन में ढालने के लिए दोनों देशों के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. यानी चीन में ये फिल्म अब थियेटर वर्जन में दिखेगी.
यह सच है कि राज कपूर को अभिनय विरासत में मिला था. उनके पिता पृथ्वीराज कपूर अपने समय के मशहूर रंगकर्मी और फिल्म अभिनेता थें.
राज कपूर की कुछ यादगार फिल्में
आग (1948)
राजकपूर जब 23 साल के थे तभी उन्होंने प्रोडक्शन हाउस का निर्माण करके फिल्म आग बनाई. यह फिल्म बेहद सफल हुई थी और इसमें वह पहली बार फिल्मी पर्दे पर नरगिस के साथ नजर आएं.
आवारा (1952)
वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म ‘आवारा’ राजकपूर के सिने करियर की अहम फिल्म साबित हुई. फिल्म की सफलता ने राजकपूर को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई. फिल्म का शीर्षक गीत ‘आवारा हूं या गर्दिश में आसमान का तारा हूं’, देश-विदेश में बहुत लोकप्रिय हुआ.
जिस देश में गंगा बहती है (1960)
इस फिल्म का प्रोडक्शन आरके स्टूडियो के तहत हुआ था. फिल्म हिंसा के प्रति एक सामाजिक संदेश देती है. फिल्म में राज कपूर ने राजू का किरदार निभाया है.
राम तेरी गंगा मैली (1985)
राज कपूर द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी में औरतों पर होते अत्याचार और जमींदारों द्वारा औरतों एक भोग-विलास की वस्तु समझे जाने के मुद्दे को दिखाया है.
प्रेमरोग (1982)
राज कपूर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में बाल विवाह और पुनर्विवाह जैसे सामाजिक मुद्दे को उठाया है.