2 प्रोफाइल के फायदे: दूसरों की लाइफ में ताकाझांकी सही है या गलत

2 ही क्यों, आप चाहें तो कितनी भी प्रोफाइल बना सकते हैं, पर 2 तो जरूरी हैं. यह क्या बात हुई, बस शराफत से फेसबुक पर सीधीसादी एक प्रोफाइल बना कर बैठे हैं. इतनी शराफत का तो जमाना नहीं है भाई, थोड़ी तो बंदा ताकझांक करने की आदत रखे. अब वह जमाना तो है नहीं कि गांव में चौपाल पर बैठ कर ऐब्सैंट लोगों की थोड़ी बुराई कर ली, कुछ जानकारी ले ली, कुछ कच्चा चिट्ठा पता कर लिया. अब तो न पनघट पर कानों की ऐक्सरसाइज होती है, न कोरोना ने किसी को इतना सोशल छोड़ा कि बैठ कर आपस में कुछ निंदा रस का मजा ले ले इंसान.

अब अगर किसी को दूसरे के फटे में टांग अड़ाने की आदत हो तो बंदा क्या करेगा? जमाने के साथ चलता हुआ फेसबुक पर दूसरी फेक प्रोफाइल ही बनाएगा न. किस काम की जिंदगी जब किसी की लाइफ में ताकाझांकी ही न हो. अपनी लाइफ में तो सब मस्त हैं पर मजा तो तभी है न जब किसी और की लाइफ में सेंधमारी की जाए और वह भी किसी दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखनी हो तो. वैसे, दूसरे नाम से प्रोफाइल बनाने के अनगिनत फायदे हैं. दुश्मन को पता भी नहीं चलता कि उन पर आप की पैनी नजर है और वे सोचते हैं कि उन्होंने आप को ब्लौक कर के अपने सब राज छिपा लिए.

मूर्ख दुश्मन, आप ब्लौक करने के बाद भी हमारे राडार में हो. नहीं यकीन हो रहा न तो बताती हूं आप को, अंजलि और आरती का किस्सा. किसी बात पर इन दोनों पुरानी सहेलियों का आपस में झगड़ा हो गया. बचपन की सहेलियां थीं पर जब बात अपने बच्चों के आपस में कंपीटिशन पर आई तो दोस्ती गई तेल लेने. दोनों के बच्चे एक ही स्कूल, एक ही क्लास में थे, आतेजाते भी साथ थे. दोनों ‘यारां नाल बहारां…’ गाया करती थीं पर हर बार आरती के बच्चे को नंबर ज्यादा मिलें तो यह तो ज्यादा दिन तक सहने वाली बात नहीं थी. मन ही मन कलपती रहती कि कुछ तो सैटिंग कर ली शायद अंजलि ने. ऐसा कैसे हो सकता है कि जब दोनों बच्चे एकसाथ खेलते हों, एकसाथ टाइम खराब करते हों, तो यह अंजलि का बच्चा कैसे हर बार आगे रह सकता है?

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और उस ने एक दिन भोलेपन से पूछ ही लिया, ”क्यों अंजलि, मैडम से कुछ सैटिंग कर ली क्या? यह हर बार तुम्हारा बबलू ही ज्यादा मार्क्स ला रहा है…’’

बात अंजलि को लग गई. पक्की सहेली पूछ रही थी पर लग गई तो लग गई. हम इंडियन मांएं अपने बच्चों के बारे में एक शब्द भी हजम नहीं कर सकतीं. हम अपने बच्चों के नंबर बहुत सीरियसली लेती हैं. बात इतनी छोटी थोड़े ही है जितना आप समझ रहे हैं. यह तो चिनगारी थी, यह बहुत बड़ी बात थी. धीरेधीरे सहेलियों में दूरियां बढ़ने लगीं. सब से पहले बबलू और मोनू पर ही लगाम कसी गई, बेचारे पूछते रह गए कि हुआ क्या है? अब कौन सी मां बताती कि हुआ क्या है… सब से पहले बच्चों का आपस में खेलना बंद हुआ, धीरेधीरे स्कूल बस ही बदल दी गई. दोनों सहेलियों की बातचीत भी बंद हो गई. होनी भी चाहिए थी. यह क्या बात हुई कि हर बार बबलू के ही नंबर ज्यादा आएं?

बस जी, वही हुआ जो आजकल के रिश्तों का फैशन है. सब से पहले दोनों ने एकदूसरे की पोस्ट पर लाइक, कमैंट्स करना छोड़ा. आप को यह छोटी बात लग रही है? यह बहुत बड़ी बात है. आजकल तो यह एक मैसेज देने का तरीका है कि जाओ, हमें नहीं पसंद तुम. नहीं करेंगे तुम्हारी पोस्ट लाइक, न कमैंट करेंगे. जब 1 लाइक और कमैंट कम होगा न तब समझ आएगी तुम्हें हमारी वैल्यू. वह तो हम ही थे जो तुम्हारी हर बकवास पोस्ट को लाइक कर देते थे. हम ही बैस्ट दोस्ती निभा रहे थे, तुम्हारी पोस्ट पर तारीफ भरा सब से लंबा कमैंट कर के. अब देखते हैं कि कौन करता है इतना लंबा कमैंट…

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चिनगारी धीरेधीरे ऐसी भड़की कि आरती ने अंजलि को ब्लौक कर दिया. उसे लगा कि अंजलि जानबूझ कर बबलू के अचीवमैंट्स फेसबुक पर और ज्यादा पोस्ट करने लगी है. नहीं जानना है उसे बबलू क्या कर रहा है या अंजलि क्या कर रही है? अब उस की दोस्ती का चैप्टर खत्म कर रही हूं. बस, ब्लौक करने के बाद कुछ पता ही नहीं चलेगा कि उन की लाइफ में क्या हो रहा है… चैन से रहूंगी अपने मोनू के साथ.

पर अजी कहां, इस में कैसे चैन आ सकता है कि दुश्मन के बारे में कोई खबर ही न पता चले. ऐसी दुश्मनी किस काम की… बस, अंजलि को दिखाना ही तो था कि ‘आई डोंट केयर’ पर सच थोड़े ही था यह. आरती के मन में हूक सी उठती कि और क्या पोस्ट कर रही होगी अंजलि आजकल? यह बबलू का बच्चा कहां झंडे उखाड़ रहा होगा इन दिनों? कैसे पता चले… एक और प्रोफाइल बना कर देखा जाए. अब टेक्नोलौजी का इस से बड़ा फायदा और क्या हो सकता है कि आप अपने दुश्मनों पर पूरी नजर रखें और उन्हें पता भी न चलें.

बस, कुछ मिनट ही लगे आरती को. लो, यह भी अच्छा है कि मैडम ने अपनी प्रोफाइल लौक्ड नहीं की है. यह देखो, बबलू स्विमिंग सीख रहा है. अरे, मोटू कराटे भी सीखने लगा? और यह अंजलि ने हेयर कट कहां से करवाया है? बड़ा सूट कर रहा है इस पर तो. थोड़ी स्लिम भी लग रही है. ओह, जौगिंग कर रही है आजकल. यह फोटो तो बराबर वाले पार्क की है. पिछले दिनों की अंजलि की सारी गतिविधियों पर नजर डाल कर आज आरती को चैन आया है.

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फायदे देखे आप ने 2 प्रोफाइल बनाने के? दुश्मन तो आप के भी जरूर होंगे. किसी न किसी ने तो आप को ब्लौक किया ही होगा. तो देर किस बात की है, दूसरी प्रोफाइल बनाइए और उन पर नजर रखिए. बस, उन की प्रोफाइल लौक्ड न हो. वरना सारी मेहनत बेकार जाएगी. आप को फिर दुश्मन के बारे में पता भी नहीं चलेगा. यही सब से अच्छा तरीका है आजकल.

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