अमेरिका में बुलिंग का शिकार हो चुके हैं 3 Idiots में लोगों को हंसाने वाले ये एक्टर, पढें खबर

‘जहाँपनाह तुसी ग्रेट हो… टोफू कबूल करो’,  ‘थ्री इडियट्स’ फिल्म के इस मजेदार संवाद से चर्चित होने वाले अभिनेता ओमी वैद्य भारतीय अमेरिकन एक्टर है. अमेरिका के कैलिफोर्निया में जन्में ओमी को हमेशा अलग और चुनौतीपूर्ण कहानियां प्रेरित करती है. उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी फिल्मों में काम किया है. वे एक फिल्ममेकर भी है. बचपन से कुछ अलग करने की इच्छा रखने वाले ओमी का साथ दिया उनके परिवार वालों ने, जिसके परिणाम स्वरुप वे यहाँ तक पहुंचे. हंसमुख स्वभाव के ओमी ने अधिकतर कॉमेडी फिल्में की और कामयाब रहे. लॉक डाउन में इन दिनों वे अमेरिका में अपने परिवार के साथ है और क्वारेंटाइन स्पेशल वेब मिनी सीरीज मेट्रो पार्क में काम किया है. जिसे लेकर बहुत खुश है. वाशिंगटन डीसी से उन्होंने अपनी जर्नी के बारें में बात की, पेश है कुछ खास अंश. 

सवाल-इस वेब सीरीज को करने की ख़ास वजह क्या है?

इसका चरित्र मुझसे बहुत मेल खाता हुआ है. मैंने भी पटेल से शादी की है, मेरे दो बच्चे है और मैं भी अमेरिका में रहता हूं. ये कांसेप्ट मुझे अच्छा लगा, जो मेरे लाइफ से प्रेरित था. पहले की सभी भूमिकाओं से ये अलग है साथ ही मैंने इसके निर्देशक के साथ पहले भी काम किया है. मुझे पता था कि ये कहानी बहुत ही इमानदारी से कही जाएगी. इसलिए हाँ कर दी.

सवाल- इसमें आपकी भूमिका क्या है?

इसमें मेरी भूमिका कन्नन पटेल की है, जो मेट्रो में रहता है और बहुत ही सोफिस्टेकेटेड इंसान है और अमेरिकन बनना चाहता है और वह अपने ब्रदर इन लॉ और उसके परिवार को समझाता है कि वह ऐसा क्यों करना चाहता है. यूथ इससे काफी रिलेट कर पाएंगे. 

सवाल-इस चरित्र से आप अपने आपको कितना जोड़ पाते है?

रियल लाइफ में मैं इस भूमिका से अपने आपको काफी जोड़ पाता हूं. मुझे याद आता है जब मेरी पत्नी की डिलीवरी होने वाली थी. मैं उस समय वहां था मेरी पत्नी दर्द से परेशान थी और मुझे भला-बुरा कह रही थी. ये सारी बातें मेरे साथ घट चुकी है, जिसमें पति अपनी पत्नी की दुःख को कम करने की कोशिश करता है, पर हो नहीं पाता. बहुत सारे कॉमेडी इस दौरान बनते रहते है. जब आपको पहला बच्चा मिलता है, तो ख़ुशी के साथ-साथ बहुत सारी एंजायटी भी होती है. 

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सवाल-थ्री इडियट्स का ‘चतुर रामालिंगम’ चरित्र इतना पोपुलर होगा, क्या आपने कभी सोचा था?

मैंने कभी नहीं सोचा था, मुझे तो एक हिंदी फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा था, जो मेरी दिली इच्छा थी, जिसके निर्देशक राजू हिरानी और कलाकार आमिर खान और करीना कपूर है, ऐसे में मेरी उम्मीद अपनी छाप छोड़ने की कम थी. इसके अलावा दर्शकों को मेरा काम पसंद आयें और मुझे एक और मौका आगे फिल्मों में काम करने को मिले बस इसी इच्छा से मैंने उस चरित्र को किया था. इसके लिए बहुत मेहनत की. चरित्र में अपने आपको ढाल लिया, क्योंकि मैं भले एक ही फिल्म बॉलीवुड में करूँ, पर इमानदारी से करूँ, इसी सोच के साथ मैंने अपना वजन घटाया, बढाया, बाल मुड़वा लिए, विग पहना आदि सबकुछ किया, क्योंकि मुझे उस निर्देशक पर विश्वास था. इस वेब सीरीज को भी मैंने उसी लगन और मेहनत से किया है इसमें अगर सफलता मिले तो अच्छा है और न मिले तो भी मैं अधिक सोचता नहीं आगे निकल जाता हूं. 

सवाल-आपने अधिकतर कॉमेडी फिल्में की है, इसकी वजह क्या है? क्या आप ऐसी फिल्में अधिक पसंद करते है?

मैं अमेरिका में पला बड़ा हुआ. यहाँ मैं माइनोरिटी में आता हूं. जहाँ मैं पैदा हुआ वहां सारे श्वेत लोग कम इनकम ग्रुप और कम पढ़े-लिखे लोग रहते है. वहां मेरा बहुत बुलिंग हुआ करता था, रेसिज्म था. उस समय या तो आप डर जाओं या फिर स्ट्रोंग बन जाओं. मैं स्ट्रोंग बना और इन लोगों को कॉमेडी कर हंसाकर अपना दोस्त बनाता रहा. इसके अलावा अभी हिंदी फिल्म में कॉमेडियन को अच्छी भूमिका मिलती है, पर आज से 15 साल पहले कॉमेडियन को साइड रोल मिलता था. इसलिए आपको मजेदार और कुछ अलग करने की जरुरत होती थी. मैंने स्कूल में पढ़ते हुए अभिनय किया साइड रोल मिले पर अवार्ड भी मिला, क्योंकि मैंने सबसे अलग काम किया, जबकि मेरी स्किन कलर, हाइट सब अलग था. एक कलाकार कैसा भी दिखता हो, पर उसका अभिनय अच्छा होना चाहिए . मैंने बहुत सारे कॉमेडी की भूमिका निभाई और अब इसमें पारंगत हो गया हूं. मैंने ड्रामा भी की है. मैंने हमेशा किसी भी चरित्र की गहराई में जाना पसंद किया है. कॉमेडी के लिए सही राइटिंग और टाइमिंग का होना आवश्यक है, इससे कॉमेडी अपने आप बन जाती है. कुछ लोग जरुरत से अधिक एक्टिंग कर हंसाने की कोशिश करते है, पर वह काम नहीं करता. चतुर रामालिंगम की भूमिका भी एक सहज भूमिका थी. 

सवाल-आपको अभिनय की प्रेरणा कहां से मिली?

एक कलाकार घंटो इंतजार के बाद जब 5 मिनट का शूट करता है तो उससे जो ख़ुशी उसे मिलती है. उसे बयान करना संभव नहीं. कई सारे कलाकार सालों मेहनत करते रहते है, जबकि वे कुछ और कर एक सुकून की जिंदगी बिता सकते है, पर वे करते नहीं. अभिनय एक नशा है, जिसके लिए किसी प्रेरणा की जरुरत नहीं खुद की ख़ुशी होती है. 

सवाल-आपने हिंदी और अंग्रेजी दोनों फिल्में की है, किसमें अधिक संतुष्टि मिलती है?

मेरे लिए माध्यम कोई बड़ी चीज नहीं होती. कंटेंट और करैक्टर मेरे लिए खास होता है, जिसमें दर्शक मुझे देखना चाहे. इससे अगर उन्हें कोई मेसेज मिले या फिर उन्हें भाग दौड़ की जिंदगी से थोड़ी राहत मिले वही मेरे लिए बहुत बड़ी बात होती है. आज डॉक्टर्स सभी की लाइफ बचा रहे है, मेरा अस्तित्व इस हिसाब से कुछ भी नहीं, लेकिन आज के परिवेश में थोड़ी ख़ुशी सबको देने की कोशिश कर रहा हूं. 

सवाल-लॉक डाउन के बाद हॉलीवुड और बॉलीवुड में किस तरह का बदलाव होगा? आपकी सोच क्या  है?

काम के तरीकों में बदलाव होगा. अब बड़े निर्माताओं और छोटे निर्माताओं के बीच के पॉवर बराबर हो जायेंगे. इससे नयी कहानियां और नए कलाकारों का परिचय होगा. साथ ही जिनका कलाकारों का सम्बन्ध बॉलीवुड परिवार से नहीं है, उन्हें भी काम मिलेगा. खान कलाकारों का बर्चस्व कम हो जायेगा. ये प्राकृतिक उठा पटक है, जिसे देखने के लिए मैं उत्साहित हूं. फिल्में सफ़र करेंगी, क्योंकि अभी बड़ी फिल्मों के लिए ही लोग थिएटर जायेंगे. 

अमेरिका में कई क्वारेंटिन शोज बन चुके है, जिसे लोग पसंद कर रहे है. भारत में भी इसकी मांग आगे बढ़ेगी. 

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सवाल-आपके सफलता में परिवार का सहयोग कितना रहा?

परिवार ने बहुत सहयोग दिया है. मेरी माँ मुंबई में एक्टिंग करना चाहती थी, पर उनके पिता ने उन्हें करने नहीं दिया, क्योंकि इंडस्ट्री महिलाओं के लिए अच्छी नहीं है. उसने अपनी ड्रीम छोड़कर अमेरिका आ गयी. यहाँ आने के बाद उन्होंने मुझे नाटकों में काम करने, डांस करने आदि के लिए प्रेरित किया और मैं यहाँ तक पहुंचा. मेरी पत्नी डॉ. मिनल पटेल का भी बहुत सहयोग रहा. जब मैं महीनों शूटिंग पर जाता हूं, तब उसने मेरे दोनों बच्चों कैडन और कियारा को अकेले खुद के कैरियर के साथ सम्हालती रही. इस वजह से मैंने अपने आपको उस रूप में ढाल पाया, जैसा मैं बनना चाहता था. इसके अलावा जब काम नहीं मिलता उस समय मानसिक स्थिरता को बनाये रखने के लिए परिवार ही आपके साथ होता है. 

सवाल-कोरोना काल में क्या मेसेज देना चाहते है?

दुनिया अनलॉक होगी. लोगों के हाथ में धन फिर से आयेंगे, लेकिन अभी आपको सावधान और धैर्य रखने की जरुरत है. अभी जीवन में कैरियर, लक्ज़री आईटम, पैसा जरुरी नहीं. अभी आप खुद, आपके आसपास के लोग, परिवार जीवित रहे और स्वस्थ रहे. यही सबकी सोच होनी चाहिए. 

 

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