FILM REVIEW: जानें कैसी हैं अक्षय कुमार की फिल्म ‘Bellbottom’

रेटिंगः तीन स्टार

निर्माताः वासु भगनानी, जैकी भगनानी, दीपशिखा देशमुख, निखिल अडवाणी, मनिषा अडवाणी व मधू भोजवानी

निर्देशकः रंजीत एम तिवारी

कलाकारः अक्षय कुमार, वाणी कपूर,  लारा दत्ता , हुमा कुरेशी, आदिल हुसेन,  डेंजिल स्मिथ, अनिरूद्ध दवे व अन्य.

अवधिः दो घंटे तीन मिनट

भारत देश में तमाम ‘अनसंग हीरो’’ हैं, जिनकी प्रेरक कथाओं के संबंध कम लोग ही जानते हैं. और खास कर देश की रॉ एजंसी से जुड़े लोग तो सदैव गुमनाम ही रहते हैं. इनके कारनामें हमेशा फाइलों में ही बंद रहते हैं. ऐसे ही ‘अनसंग हीरो’की कहानी को ‘‘लखनउ सेंट्ल’फेम फिल्मकार रंजीत एम तिवारी अपनी अति रोमांचक फिल्म ‘‘बेलबॉटम’’में लेकर आए हैं, जो कि 19 अगस्त से सिनेमाघरों में देखी जा सकती है. यह कहानी 1984 में इंडियन एअर लाइंस की उड़ान संख्या आई सी 421 के अपहरण@हाईजैक के सत्यघटनाक्रम पर आधारित है.

कहानीः 

यह कहानी एक रॉ एजेंट की जांबाजी,  सूझ-बूझ और साहस की है, जिसके चलते अपहृत प्लेन के न केवल सभी यात्री जीवित बचाए जाते हैं, बल्कि उस प्लेन को अगवा करने वाले आतंकवादियों को भी पकड़ लिया जाता है. फिल्म की पृष्ठ्भूमि अस्सी के दशक की है, जब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (लारा दत्ता ) हुआ करती थीं. यह वह दौर था, जब 1971 की हार के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ दोस्ती का ढोंग रचा था. पर अस्सी के दशक में सात वर्ष में पांच भारतीय हवाईजहाज अपहृत हुए थे और हर बार अपहृत हवाई जहाज पाकिस्तान के लाहौर शहर ले जाए जाते थे. हर बार किसी न किसी भारतीय संगठन का ही नाम आता था. हर बार पाक समझौता कराते हुए कुछ आतंक वादियों को छुड़वाने के साथ ही उन आतंकवादियों को करोड़ों रूपए दिलवाता था. जबकि भारत को लगता था कि पाक सरकार ने मदद की. ऐसे ही एक अपहृत हवाई जहाज को इसी तरह पाक छुड़वा तो देता है, मगर हर काम करने में माहिर अंशुल मल्होत्रा (अक्षय कुमार)को अपनी मां (डॉली अहलूवालिया)को खोना पड़ा था. अंशुल का यही दर्द उसे रॉ एजेंट बना देता है. जबकि वह तो राधिका (वाणी कपूर) से प्रेम विवाह करने के बाद खुशहाल जिंदगी जीते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास करने की सोच रहा था. उसकी पत्नी राधिका एमटीएनएल में नौकरी कर रही थी. लेकिन रॉ के मुखिया ने अंशुल के दर्द को ही उसकी ताकत बनाने की सोचकर अपने अंदाज में अंशुल को ‘रॉ’का एजेंट बनने के लिए तैयार कर लेते हैं और ‘रॉ’में उसका कोडनेम ‘बेल बॉटम‘होता है. वह देश की सुरक्षा का बीड़ा उठाकर अपने अंदाज से जांच कर अपहृत हवाई जहाजों के पीछे पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ब्यूरो आइएएस की भूमिका का पर्दाफाश करने का प्रण लेता है.

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24 अगस्त 1984 को पुनः 210 यात्रियों वाले विमान का  अपहरण हो जाता है. पहले अपहरणकर्ता इस विमान को अमृतसर में उतारते हैं, पर कुछ समय के अंतराल में वह इसे लाहौर ले जाते हैं. विमान अपहरण की खबर दिल्ली पहुंचने में ज्यादा देर नहीं लगती. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (लारा दत्ता) तुरंत उच्च अधिकारियों व मंत्रिायों के साथ बैठक करती हैं. सरकार के मंत्री पुनः पाकिस्तान के माध्यम से नेगोशिएट करने की सलाह देते हैं. मगर रॉ अध्किारी(आदिल हुसेन)प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सलाह देते हैं कि एक बार वह रॉ एजेंट बेलबॉटम अंशुल (अक्षय कुमार) से मिल लें. इंदिरा गांधी,  बेलबॉटम को बुलाती हैं. अक्षय कुमार की सलाह पर वह पाक के प्रधानमंत्री जिया उल हक से कह देती है कि वह अपहरण कर्ताओं से बात न करें. इससे पाक नाराज होकर प्लेन को दुबई भिजवा देता है, क्योंकि अपहरणकर्ता तो आई एएस के ही बंदे हैं. मंत्रियों के विरोध क बावजूद इंदिरा गांधी इस बार 210 यात्रियों की जिंदगी बचाने की जिम्मेदारी बेलबॉटम को सौंपती है. बेलबॉटम अपने चार सहयोगी रॉ एजेंटों की मदद से इस पर काम शुरू करता है. जहां वह दुबई में एक महिला(हुमा कुरेशी)की मदद लेता है. पर यह मिशन काफी पेचीदा निकलता है. कहानी में कई मोड़ आते हैं.

लेखन व निर्देशनः

असीम अरोड़ा व परवेज शेख की सशक्त पटकथा पर रंजीत एम तिवारी ने अपने निर्देशन कौशल का बेहतरीन परिचय दिया है. मगर इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी हैं इंदिरा गांधी का किरदार निभाने वाली अदाकारा लारा दत्ता. मगर इसके लिए कुछ हद तक निर्देशक भी जिम्मेदार हैं. इंदिरा गांधी के लुके के लिए लारा दत्ता का प्रोस्थेटिक मेकअप करते समय पूरी टीम ने ‘नाक’पर ही ध्यान केंद्रित रखा. समग्र लुक को तवज्जो नही दे पाए. दूसरी बात इंदिरा गांधी की आवाज में जो दम व रूतबा था, उसका भी अभाव नजर आता है. इंदिरा गांधी अपने मंत्रियो या अधिकारियों के साथ जिस तरह से बात करती थीं, उसे भुला दिया गया. इंटरवल से पहले फिल्म थोड़ी सी कमजोर है, मगर इंटरवल के बाद काफी बेहतर है. फिल्म के कुछ चुटीले संवाद दर्शकों को अपनी तरफ खींचते हैं. निर्देशक ने रोमांच को अंत तक बरकरार रखा. राधिका यानी कि वाणी कपूर के किरदार का जो मोड़ फिल्म के ंअंत में दिखाया है, वह कमाल का है. फिल्म का संगीत भी एक कमजोर कड़ी है. पर फिल्म देखी जा सकती है. कोरोना महामारी के चलते परेशान लोगों को भी ‘बेलबॉटम’ देखकर कुछ तो आनंद मिलेगा.

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अभिनयः

अंशुल मल्होत्रा यानी कि बेलबॉटम के किरदार में अक्षय कुमार ने शानदार काम किया है. अपनी पिछली कुछ फिल्मों की तरह इस फिल्म में भी अक्षय कामर ‘देशभक्ति के पोस्टर ब्वॉय’हैं, मगर इसमें देशभक्ति के नारे नही लगाए. इतना ही नही अक्षय कुमार ने अंशुल मल्होत्रा के किरदार को एक अलग अंदाज में ही पेश किया है. पर्दे पर रॉ एजेंट बेलबॉटम के रूप में वह परदे पर रोमांच पैदा करने में सफल रहते हैं. रॉ अधिकारी के रूप में अभिनेता आदिल हुसेन एक बार फिर दर्शकों को अपने अभिनय का कायल बना देते हैं. आदिल हुसैन और अक्षय कुमार की केमिस्ट्री जबरदस्त है.  प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में लारा दत्ता नही जमती. वैसे कुछ दृश्यों में लारा दत्ता ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हाव भाव व चाल ढाल को पकड़ा है. राधिका के छोटे किरदार में भी वाणी कपूर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में सफल रहती हैं. हुमा कुरैशी के हिस्से भी ज्यादा कुछ करने को नही रहा, पर इस फिल्म में उनका अभिनय कमतर ही रहा. पर्दे पर ज्यादा स्क्रीन स्पेस नहीं मिला,  मगर इसके बावजूद वे छाप छोड़ जाती हैं. आतंकी के किरदार में जैन खान दुर्रानी ठीक ठाक हैं.

WELCOME 2021: नए साल के रंग, सितारों के संग

साल 2021 नई खुशियों के साथ प्रवेश कर चुका है. विश्व में हर कोई अच्छी और नई जीवन शैली के साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे है. साल 2021 उम्मीदों और चुनौतियों का है,क्योंकि पूरे विश्व को वैक्सीनेशन के साथ अपने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का है. फिर से नॉर्मल जीवन जीने की चाहत में सभी देश लगे हुए है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में भी काम शुरू हो चुका है, लेकिन अभी भी बहुत ख़राब दौर से इंडस्ट्री गुजर रही है, उसे फिर से नार्मल बनाने की दिशा में सभी कलाकार दिन रात काम कर रहे है, ऐसे में सेलेब्रिटी के नए साल के रेजोल्यूशन भी पिछले कई सालों से अलग है, आखिर क्या है, उनकी सोच और संकल्प? आइये जाने. 

अनिरुद्ध दवे

अभिनेता अनिरुद्ध दवे कहते है कि मेरा नए साल का संकल्प किताबें पढना और अधिक से अधिक लिखना है. मैं अपनी प्रोडक्शन कंपनी को, जो पिछले साल काफी नुक्सान झेली है, उसे अगले लेवल तक ले जाना चाहता हूं. 

 

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अविनाश मिश्रा 

 

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धारावाहिक ‘ये तेरी गलियां’ फेम अभिनेता अविनाश मिश्रा कहते है कि मैं कभी संकल्प इसलिए नहीं लेता, क्योंकि मुझे विश्वास है कि कोई भी उसे पूरे साल में पूरा नहीं कर पाता, लेकिन इस साल मैं अपने काम पर अधिक फोकस रहने की संकल्प लिया है.

अंगद हसिजा 

 

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अभिनेता अंगद हसिजा का कहना है कि मेरा रेजोल्यूशन थोडा अद्भुत है, क्योंकि मैं इस साल की पहली तारीख से शाकाहारी बनने जा रहा हूं, जो मेरे लिए असंभव है, क्योंकि मैं वर्कआउट के दौरान चिकन और अंडे लेता था, ल्र्किन अभी मुझे कुछ ऑर्गेनिक फल और सब्जियां खाने की इच्छा है. अभी तक किसी को मेरे इस संकल्प के बारे में पता नहीं है, पर मैं इतना श्योर हूं कि जब मेरे परिवार को इसका पता चलेगा, तो उन्हें शॉक लगेगा. 

रोहित चौधरी \

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अभिनेता रोहित कहते है कि हर कोई कोविड 19 की इस महामारी से बाहर निकलना चाहता है, क्योंकि इस बीमारी की वजह से पिछले साल सारे काम काज रुक गए थे और वह इस साल पूरा होगा. साथ ही काम भी पहले जैसे शुरू होने की उम्मीद है. मेरा संकल्प है कि कोरोना संक्रमण से सभी आज़ाद हो जाए और मैं अपने इनकम्पलीट प्रोजेक्ट को पूरा कर सकूँ. तभी सफलता सबके हाथ लग पाएगी. 

सृष्टि जैन 

 

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अभिनेत्री सृष्टि जैन कहती है कि मैं हर साल रेजोल्यूशन लेती हूं और उसे तोड़ देती हूं, लेकिन इस साल मैं उसे पूरा करने की कोशिश करुँगी. मेरा संकल्प हमेशा पोजिटिव रहना और हर दिन एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश करना है. मेरे विचार से विश्व में भी सकारात्मक सोच और अच्छे सोच के लोग है. मैं उसमें अपने विचार को जोड़ना चाहती हूं. 

राजेश कुमार 

 

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कॉमेडी की दुनिया में अपनी एक छाप छोड़ चुके अभिनेता राजेश कुमार का कहना है कि मैं इस साल हर तरीके की वेब सीरीज को करने की इच्छा रखता हूं. मेरा सबसे बड़ा संकल्प है कि मैं सभी निर्माता , निर्देशक से एक निगेटिव रोल देने के लिए कहूंगा. इसके अलावा मैं पिछले 3 वर्षों से फार्मिंग में लगा हुआ हूं. इस साल मैं उगाये गए चीजो के लिए सही मार्केटिंग करूँगा और कई कृषकों को अपने साथ जोडून्गा. इसे मैं बिहार और मुंबई के आसपास के क्षेत्रों में परिचित करवाने की कोशिश करूँगा. 

शरद मल्होत्रा 

अभिनेता शरद कहते है कि मेरा संकल्प हर तीसरे महीने में कोलकाता जाने की है, जो मैं इस साल पेंड़ेमिक की वजह से नहीं जा पाया. 

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विजयेन्द्र कुमेरिया 

मेरा नए साल का संकल्प डिजिटल की दुनिया को एक्स्प्लोर करना है, इसमें मैं एक्टिंग और प्रोडक्शन दोनों में काम करने की कोशिश में हूं, क्योंकि अभी फ्यूचर डिजिटल का ही है. मुझे उम्मीद है कि मैं अपने मकसद में कामयाब होऊंगा.

विजय पुष्कर 

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अभिनेता विजय पुष्कर का कहना है कि इस साल का मेरा संकल्प काम पर ध्यान देना है, जिसे मैंने 9 महीने में पेंड़ेमिक और लॉकडाउन की वजह से खोया है. अभिनय मेरा पैशन है और कैमरे के आगे आना मुझे बहुत अच्छा फील कराता है. इसके अलावा इस साल मैं पोजिटिव रहना, पोजिटिव जीवन-यापन करना और पॉजिटिव चीजों को आकर्षित करना चाहता हूं.

प्रणिता पंडित 

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मेरा नए साल का रेजोल्यूशन वजन कम करना और शेप में आना है. काम शुरू करने के साथ-साथ मैं अपने जीवन में भी सामंजस्य चाहती हूं. मैं देश महामारी मुक्त देखना चाहती हूं. इसके अलावा मैं एम् बी ए की पढाई पूरी करना चाहती हूं.  

रातों रात शो से बाहर हुए ‘पटियाला बेब्स’ के ‘हनुमान सिंह’ और ‘बबिता जी’, जानें क्यों

सोनी टीवी के ‘पटियाला बेब्स’ सीरियल के लीड एक्ट्रर्स परिधी शर्मा और अनिरुद्ध दवे जहां फैंस के दिल में अपनी जगह बना रहे हैं तो वहीं शो के मेकर्स ने रातों रात दोनों एक्टर्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. वहीं एक्ट्रेस ने हाल ही में इंटरव्यू में इस बात का खुलासा भी कर दिया है. आइए आपको बताते हैं क्या है शो से बाहर का रास्ता दिखाने की वजह…

टीनएजर की मां का रोल नही निभाना चाहती थीं एक्ट्रेस

टीवी एक्ट्रेस परिधी शर्मा ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि ‘मुझे मंगलवार को ही मेरे एग्जिट के बारे में पता चला, लेकिन वैसे भी, मैं अपने किरदार को लेकर संतुष्ट नहीं थी. इसे जिस तरह से डेवलप किया जा रहा था वो निराशानजनक था. मेरा किरदार इस टीवी शो में मजबूत और इंस्पायरिंग था. लेकिन जैसे-जैसे कहानी बढ़ती गई मेरा किरदार कमजोर होता गया और बीते दो महीने से ये काफी वीक हो रहा था. मैं कभी भी एक टीनएजर की मां का किरदार नहीं निभाना चाहती थी. लेकिन मैंने फिर भी मेरे किरदार के चलते ऐसा किया.


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लीप के बाद नहीं आएंगी नजर

 

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मैं खुश हूं कि मैं लीप के बाद इस टीवी शो का हिस्सा नहीं हूं. क्योंकि मेरे लिए इसमें कुछ खास करने को नहीं था. अगर मेकर्स ने मेरे ट्रैक को खत्म करने का फैसला नहीं किया होता मैं खुद ही इस टीवी शो को छोड़ देती. बस ये कुछ और तरीके से होता.’

एक्टर अनिरुद्ध का ये है कहना

 

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Again a very interesting and challenging turn in our story? tune in to #patialababes @sonytvofficial @ashnoorkaur @aniruddh_dave

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एक्टर अनिरुद्ध दवे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हर शो एक वक्त के बाद एक बदलाव से गुजरता है. मैं खुश हूं कि मेरा किरदार हनुमान सिंह को लोगों ने पसंद किया. क्योंकि वो कुछ ऐसा था जो महिलाओं के अधिकार और समानता की बात करता था.’

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