तो समझिए कि वह आप से दूर हो रहे हैं

प्यार कितना भी गहरा हो पर कोई भी कपल हर समय एकदूसरे के प्यार में डूबे नहीं रहते. उन्हें अपनी जिम्मेदारियां भी निभानी होती है. कामकाज पर जाना पड़ता है. जिंदगी के उतारचढ़ाव सहने पड़ते हैं. मगर इन वजहों से प्यार का एहसास नहीं घटता. जब भी मिलते हैं उतनी ही शिद्दत से प्यार महसूस करते हैं.

मगर कभीकभी ऐसी परिस्थितियां भी आती हैं जब अपने प्रेमी या पति के करीब हो कर भी आप को प्यार महसूस न हो. करीब हो कर भी वे आप को दूर लगें. अगर ऐसा है तो समझ जाइए कि वह  वाकई आप से दूर जा रहे हैं यानी आप का ब्रेकअप होने वाला है.

पहले से इस बात का आभास रहे तो इस दर्द को सहना थोड़ा आसान हो जाता है. ध्यान दीजिए आप के करीब रहने पर उन की कुछ खास शारीरिक गतिविधियों पर.

बौडी लैंग्वेज में परिवर्तन

जब आप किसी के साथ रिलेशन में होते हैं या प्यार करते हैं तो रातदिन उसे ही देखना और महसूस करना चाहते हैं. मगर जब कोई आप का दिल तोड़ जाता है या उस के लिए आप के मन में प्यार नहीं रह जाता तो उस का सामना करने या उस की तरफ देखने से भी कतराने लगते हैं.

प्यार में इंसान करीब जाने और बातें करने के बहाने ढूंढता है मगर दूरी बढ़ने पर एकदूसरे से दूर जाने के बहाने ढूंढने लगता है. कपल्स जो इमोशनली जुड़े होते हैं उन की बौडी लैंग्वेज ही अलग होती है. जैसे कि अनजाने ही एकदूसरे की ओर सर झुकाना, गीत गुनगुनाना, केयर करना और एकदूसरे की बातें ध्यान दे कर सुनना आदि.

मगर जब रिश्ता बैकअप के कगार पर पहुंच चुका होता है तो वे बातें कम और बहस ज्यादा करने लगते हैं. एकदूसरे के बगल में बैठने के बजाय आमनेसामने बैठते हैं और केयर करने के बजाए इग्नोर करने लगते हैं.

आई कांटेक्ट का घट जाना

आप उन चीजों को देखना पसंद करते हैं जो आप को पसंद होती हैं. जाहिर है मोहब्बत में नजरों का मिलना और मिला रह जाना अक्सर होता है. मगर जब आप दोनों एकदूसरे की तरफ देखते ही नजरें हटा लें, आंखों में देख कर बातें करना छोड़ दें तो समझिए आप दोनों  ब्रेकअप की ओर बढ़ रहे हैं.

इस संदर्भ में 1970 में सोशल साइकोलौजिस्ट जिक रुबिन ने कपल्स के बीच आई कांटेक्ट के आधार पर उन के रिश्ते की गहराई नापने का प्रयास किया. कपल्स को कमरे में अकेले छोड़ दिया गया. वैसे कपल्स जिन के बीच गहरा प्यार था, अधिक समय तक अपने पार्टनर को देखते पाए गए. जब कि कम प्यार रखने वाले कपल्स में ऐसी बौन्डिंग नहीं देखी गई.

विश्वास की कमी

साइकोलौजिस्ट जौन गौटमैन ने करीब 4 दशकों तक किए गए अपने अध्ययन में पाया कि जो कपल्स लंबे समय तक रिश्ते में हैं वह करीब 86 प्रतिशत समय एकदूसरे की ओर मुड़े होते हैं. ऐसा न सिर्फ अफेक्शन  की वजह से वरन एकदूसरे पर विश्वास के कारण भी होता है. वे गंभीर मुद्दों पर एकदूसरे का ओपिनियन जानने और मदद लेने का प्रयास भी करते हैं. मगर रिश्ता कमजोर हो तो विश्वास भी टूटने लगता है.

आधा अधूरा मुस्कुराना

यदि आप लंबे समय तक एकदूसरे की ओर देख कर मुस्कुराना या चुहलबाजिया करना भूल चुके हैं तो समझिये रिश्ता टूटने वाला है. सरल और अपनत्व भरी मुस्कान रिश्ते की प्रगाढ़ता का सबूत होती है. एकदूसरे से बिना किसी शर्त मोहब्बत करने वालों के चेहरे पर मुस्कान स्वाभाविक रूप से खिली होती है.

मतभेद जब बहस का रूप लेने लगे

अपने पार्टनर के साथ किसी बात पर मतभेद का होना स्वभाविक है. पर यह बहस यदि  स्वस्थ न रह कर अक्सर लड़ाई झगड़े पर खत्म होने लगे और  दोनों में से कोई भी कप्रोमाइज करने को तैयार न हो तो समझिए रिश्ता ज्यादा टिक नहीं सकता.

संवाद की कमी

किसी भी रिश्ते की मजबूती के लिए सहज और ईमानदार संवाद जरूरी है. पर जब आप दोनों में से किसी एक या दोनों ने आपस में संवाद कायम करना छोड़ दिया है और बहुत मुश्किल से ही कभी बातचीत हो पाती है तो रिश्ता जल्द ही दम तोड़ने लगता है. क्यों कि ऐसे में गलतफहमियां दूर करना कठिन हो जाता है.

जब दोनों ने प्रयास करना छोड़ दिया हो

आप का रिश्ता कितना भी कंफर्टेबल क्यों न रहे आप को हमेशा इस में सुधार लाने का प्रयास करते रहना चाहिए. गलती करने पर तुरंत माफी मांगना, पार्टनर को सरप्राइज देना, अपने अच्छे पक्ष सामने लाना और छोटीछोटी बातों से पार्टनर का दिल जीतने का प्रयास करना जैसी बातें रिश्ते को टूटने से बचाती है.

तारीफ बंद कर देना

मजबूत रिश्ते के लिए समयसमय पर एकदूसरे की तारीफ करना अहम होता है. जब आप दोनों एकदूसरे को ग्रांटेड लेने लगते हैं, तारीफ करना छोड़ देते हैं तो धीरेधीरे दोनों के बीच शिकायतों का दौर बढ़ने लगता है जो आप को ब्रेकअप की ओर ले जाता है.

जानें वह 6 बातें जिनसे चिढ़ते हैं आपके पति

वसु शादी के बाद से ही दिनेश को अपने इशारे पर नचाने की कोशिश करती रही. दिनेश कई बार तो उस की बात मान जाते तो कई बार इनकार भी कर देते. ऐसा होने पर दोनों में खूब झगड़ा होता. वसु ने एक बार तो अलमारी नहीं खरीदने पर फिनाइल तक पी डाला.

हर पत्नी चाहती है कि उस का पति उस के इशारों पर नाचता रहे, लेकिन पति के दिल के करीब पहुंचने के लिए यह भी जरूरी है कि पत्नी उन की पसंदनापसंद को भी जाने. यदि वह उन पहलुओं पर भी गौर करे कि पति किन बातों से चिढ़ते और नफरत करते हैं, तो पत के दिल पर राज करने का रास्ता आसान हो जाएगा. मैरिज काउंसलर एन.के. सूद क मुताबिक पतिपत्नी में हमेशा प्यार और अपनापन बना रहे इस के लिए जरूरी है इन बातों पर ध्यान देना:

1. जब आजादी न मिले

पति हर वक्त पत्नी के पल्लू से बंध कर रहना पसंद नहीं करते, लेकिन कई जगह ऐसा करने के लिए उन्हें बाध्य किया जाता है. आर.के. पुरम में रहने वाली रूमा यही चाहती है कि राकेश हर समय उस के पल्लू से बंध कर रहें. वह खुद औफिस जाती है, लेकिन रिटायर्ड पति से चाहती है कि जब वह औफिस के लिए जाए तो राकेश दरवाजा बंद करें और जब वह औफिस से वापस आए तो राकेश उस के लिए दरवाजा खोलें.

राकेश पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने के लिए ऐसा करते हैं लेकिन कभीकभी वे चंद घंटों के लिए घर से निकल ही जाते हैं. इतना ही नहीं, राकेश का कहना है कि वे दोस्तों के साथ मौजमस्ती करने की आजादी चाहते हैं, इसलिए अकसर वे जयपुर चले जाते हैं जहां कुछ दिन रह कर हर तरह के मौजमस्ती का आनंद लेते हैं.

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औफिस से जरा देर से लौटते ही प्रश्नों की बौछार करना, छुट्टी वाले दिन पूरे समय घर में बैठे रहने की जिद करना पुरुष के नफरत का ही कारण बनता है. पुरुष भी कुछ समय अपनी इच्छानुसार  बिताना चाहते हैं. उस पर भी पत्नी का हावी रहना उन को नागवार गुजरता है. वे कुछ कह तो नहीं पाते, लेकिन खुद को ठगा सा महसूस करते रहते हैं. ऐसे पति अकसर घर से बाहर दूसरे संबंध बनाते हुए नहीं झिझकते हैं.

2. जब मांगों की लिस्ट हो लंबी

वसु की सिर्फ इस मांग पर दिनेश ने यह किया कि उस ने अलमारी लेने के लिए मना कर दिया. वसु ने घर जा कर फिनाइल की पूरी बोतल पी ली तो डाक्टर को बुलाना पड़ा. दिनेश कई दिन तक परेशान रहे. कई पति यह कहते हैं कि उन की पत्नियां अत्याधुनिक फ्लैट, शानदार गाड़ी, फाइवस्टार होटल में पार्टी, गहने, कपड़े आदि की मांग बारबार कर के उन्हें परेशान करती रहती हैं. इस के लिए पति पर ज्यादा कमाई के लिए दबाव डालना या दूसरों से उस की तुलना करते रहना उस को अकसर चिड़चिड़ा बना देता है.

3. जब पत्नी कनफ्यूज करे

मनोवैज्ञानिक डा. प्रकाश का कहना है कि बहुत बार पत्नियां जो कहती हैं, वह उन की बौडी लैंग्वेज के ठीक विपरीत होता है यानी जबान पर कुछ और दिल में कुछ और होता है. वे चाहती हैं कि उन के दिल की बात को समझा जाए. लेकिन पत्नी द्वारा कही गई बात एवं उन के हावभाव में तालमेल न होने से पति अकसर असमंजस की स्थिति में हो जाते हैं. यहीं से समस्या खड़ी होनी शुरू होती है. पत्नी के ऐसे व्यवहार से पति नफरत करते हैं.

4. जब बातबात पर निकलें आंसू

डा. प्रकाश की मानें तो पत्नियों का किसी भी बात को ले कर हर समय रोना पति को उकता देता है. अकसर पत्नियां पति का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए छोटीछोटी चालों का सहारा लेने लगती हैं. लेकिन जरा सी बात का बतंगड़ बना कर जल्दी ही परेशान हो कर रोने लग जाना पति को पसंद नहीं होता है.

5. जब पत्नी रहे अस्तव्यस्त

डा. दिनेश के मुताबिक अकसर देखा जाता है कि शादी के कुछ समय बाद ही महिलाएं अपनी वेशभूषा के प्रति लापरवाह हो जाती हैं. गुडि़या सी दिखने वाली महिला की मुसकराहट कहीं गायब हो जाए और पूरे दिन मैक्सी पहने और छोटा सा जूड़ा बनाए घूमती रहे, तो पति को कोफ्त होना लाजिम है. घर के कामकाज का रोना रोते हुए अस्तव्यस्त कपड़ों और बिखरे बालों वाली महिला को पुरुष पसंद नहीं करते हैं.

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6. जब सैक्स बने हथियार

सैक्स सुखी वैवाहिक जीवन का अहम पहलू है. महिलाएं सैक्स को हथियार की तरह इस्तेमाल करती हैं. मनमुटाव या अपनी मांग पूरी करवाने के लिए सैक्स को हथियार की तरह इस्तेमाल करना पुरुष पसंद नहीं करते. सैक्स के मामले में पत्नी का उत्साहित न होना, हमेशा बेरुखी से पेश आना या बिस्तर पर ठंडा होना भी पति पसंद नहीं करते हैं. सैक्स के प्रति खुलापन ही पति बिस्तर पर पसंद करते हैं.

शादी का बंधन बना रहे अटूट, इसलिए इन बातों को रखें ध्यान

शादी बड़ी धूमधाम से की जाती है. सभी बड़ेबुजुर्ग, शुभचिंतक, रिश्तेदार नए जोड़े को आशीर्वाद देते हैं कि उन का वैवाहिक जीवन सफल हो. खुद पतिपत्नी भी इसी उम्मीद से अपने रिश्ते को आगे बढ़ाते हैं कि हाथों से हाथ न छूटे, यह साथ न छूटे. फिर क्यों कई बार नौबत तलाक तक पहुंच जाती है या क्यों ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर बनते हैं? आंकड़े बताते हैं कि आज के बदलते समाज में ये बातें कुछ आम सी होती जा रही हैं. लेकिन जो पतिपत्नी अपने रिश्ते को ले कर सजग हैं, वे छोटीछोटी बातों का भी ध्यान रखते हुए अपने दांपत्य जीवन को हंसतेखेलते बिताना जानते हैं.

न छूटे बातचीत का दामन

शादीशुदा जीवन के लिए आपसी बातचीत का होना अनिवार्य है. शादी चाहे नई हो या फिर उसे हुए कितने ही साल क्यों न बीत गए हों, पतिपत्नी को एकदूसरे से बात करनी और एकदूसरे की सुननी चाहिए.

देहरादून के एक विश्वविद्यालय में कार्यरत पवन कहते हैं, ‘‘हमारे दिल में जो आता है उसे हम एकदूसरे को बताने से कभी नहीं हिचकिचाते. हां, मगर ऐसा हम प्यार से करते हैं.’’

सालों से साथ रहने के कारण पतिपत्नी न सिर्फ कही गई बातें ही सुनते हैं, बल्कि अनकही बातों को भी भांप लेते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो शादी के बंधन से सुख पाने वाले पतिपत्नी अपने साथी के उन विचारों और भावनाओं को भी समझ लेते हैं, जिन्हें उन का साथी शायद जबान पर न ला पाए. बातचीत का तारतम्य टूटने से पतिपत्नी के रिश्ते में दरार आ जाना स्वाभाविक है, जबकि बातचीत से पतिपत्नी दोनों को फायदा होता है.

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माफी मांगने में शर्म कैसी

अपने रिश्ते में विश्वास की मजबूती बनाए रखने के लिए कई बार अपनी गलती के लिए अपने साथी से माफी मांगना आवश्यक हो जाता है. जब हम सच्चे मन से माफी मांगते हैं तो हमारे साथी के मन में हमारे लिए और भी प्यार व सम्मान जाग उठता है. इलिनोइस विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की प्रोफैसर डा. जेनिफर रोबेनोल्ट के अनुसार, सच्चे मन से मांगी गई माफी से टूटे रिश्ते के भी जुड़ने के आसार बन जाते हैं. कई बार तो बिना गलती किए भी रिश्ते में आ गई खटास मिटाने के लिए अपने साथी से माफी मांगनी पड़ जाती है.

बड़प्पन इसी में है कि हम अपनी गलती को स्वीकारने में झिझकें नहीं. माफी की ताकत न केवल रिश्ते बचाती है, अपितु हमें बेहतर इंसान भी बनाती है.

दूसरों के समक्ष एकदूसरे के प्रति शालीनता

कई बार देखने में आता है कि दूसरों के समक्ष पतिपत्नी एकदूसरे को नीचा दिखाने की होड़ में लग जाते हैं. फिर चाहे बात पत्नी द्वारा बनाई चीजों या पकवानों में कमी निकालने की हो या फिर पति द्वारा लिए गए किसी गलत निर्णय को सब के सामने दोहराने की. इस से रिश्ते के विश्वास में तो दरार आएगी ही, साथ ही एकदूसरे के आत्मविश्वास को भी ठेस पहुंचेगी. होशियार पतिपत्नी वे होते हैं, जो अपने जीवनसाथी की तारीफ करने के लिए जाने जाएं न कि उस की नुक्ताचीनी करने के लिए. सब के सामने साथी का मजाक बना कर हम अपने साथी के साथसाथ अपने रिश्ते का भी अपमान कर बैठते हैं.

ध्यान दें

छोटीछोटी बातों से ही रिश्ते मजबूत होते हैं. इसलिए निम्नलिखित सुझावों पर ध्यान दे कर आप अपने दांपत्य जीवन को मजबूती दे सकते हैं:

एकदूसरे की प्रशंसा करने में झिझकें नहीं.

अपने साथी से अपनी दिनचर्या के बारे में बात करें.

यदि आप को अपना साथी कुछ चुपचुप सा या आप के प्रति उदासीन लगे तो कारण जानने का प्रयास करें.

जब भी कोई काम कहना हो तो बिना ताने मारे कहें जैसे ‘मैं चाय बना लाती हूं, तब तक आप बिस्तर ठीक कर लें.’

अपनी प्यारी सी इच्छा भी जरूर साझा करें जैसे हम दोनों फलां फिल्म देखने चलें.

लड़ाईझगड़े के उपरांत

नौर्थवैस्टर्न विश्वविद्यालय में हुए शोध से एक बहुत रोचक बात सामने आई है कि यदि लड़ाईझगड़े के उपरांत पतिपत्नी किसी तीसरे की नजर से झगड़े के कारण व वजहों को लिखें तो झगड़ा बहुत जल्दी सुलझ जाता है. इस का श्रेय जाता है लिखने से पनपे तटस्थ दृष्टिकोण को. अगली बार जब आप दोनों में झगड़ा हो तो आप भी कारणों को लिख कर पढि़एगा. आप पाएंगी कि गुस्से की वजह से आप से कहां चूक हो गई.

संग चलें

ब्लैखेम कहते हैं कि एक ही दिशा में संग चलने से आपसी तालमेल तथा एकजुट होने की भावना का विकास होता है. एकदूसरे के आमनेसामने होने से अधिक एकदूसरे के साथ होने से पतिपत्नी में एकरसता बढ़ती है. इसी तरह जब बाहर खाना खाने जाएं तो एकसाथ बैठें. आमनेसामने तो विरोधी बैठते हैं या फिर इंटरव्यू देने गया व्यक्ति.

अच्छा रिपोर्ट कार्ड

‘‘मैं ने कहीं पढ़ा था कि सुखद बातें पत्थर पर लिखो और दुखद बातें पानी पर. मुझे यह बात इतनी अच्छी लगी कि शादी के बाद मैं ने घर की एक दीवार पर रिपोर्ट कार्ड लिख दिया. जब कभी मेरे पति कुछ सुखद करते हैं, चाहे मेरे बिना मांगे मेरी पसंद की आइसक्रीम लाना या फिर मेरे पसंदीदा हीरो की फिल्म मुझे दिखाना अथवा मेरे मायके का टिकट बुक करवा देना, मैं उस दीवार पर उस के लिए एक सितारा बनाती हूं और जब 5 सितारे इकट्ठे हो जाते हैं तब मैं उन की पसंद का कोई गिफ्ट उन्हें उपहारस्वरूप देती हूं.’’

जब बाकी के सभी रिश्ते जीवन की आपाधापी या उम्र की मार के आगे बिछुड़ जाते हैं तब पतिपत्नी का रिश्ता ही साथ निभाता है. हरकोई इसी उम्मीद में एक जीवनसाथी को चुनता तथा अपनाता है. लेकिन जब यह रिश्ता गलतफहमी, ईगो या प्रयास की कमी के कारण टूटता है तो दुख केवल 2 लोगों को ही नहीं, अपितु इस का असर पूरे समाज पर दिखता है. तो क्यों न जरा सी समझदारी दिखाते हुए अपने इस सुनहरे रिश्ते में थोड़ी और चमक घोल दी जाए.

जानिए कितना सुखमय है आप का दांपत्य

क्लीनिकल सैक्सोलौजिस्ट वैन वर्क, जो पुस्तक ‘द मैरिड सैक्स सौल्यूशन’ के लेखक भी हैं, कहते हैं, ‘‘एक जोड़े को आपसी प्यार बढ़ाने के लिए बढि़या सैक्स से अधिक ज्यादा सैक्स पर ध्यान देना चाहिए. यदि रोज सैक्स करना मुमकिन नहीं है, तो कम से कम रोज 10 मिनट आलिंगन, चुंबन या संग नहाने भर से अच्छा सैक्स होने के चांस बढ़ जाते हैं.’’

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इस क्विज से जानिए अपने शादीशुदा रिश्ते की मजबूती. उत्तर सही या गलत में दें:

प्र. 1: हम दोनों की यौनक्रिया लाइफ आज भी नई जैसी है

-सही या गलत

प्र. 2: हमारी सैक्स जल्दबाजी भरी होती है, जिस में फोरप्ले की गुंजाइश बहुत कम होती है.

-सही या गलत

प्र. 3: हम दोनों के रिश्ते में सैक्स का महत्त्व कम है.

  • सही या गलत

प्र. 4: जब भी हम में लड़ाई होती है तो हम कईकई दिनों तक एकदूसरे से मुंह फुलाए रहते हैं.

-सही या गलत

प्र. 5: हमारे बीच हाथ पकड़ना, गले मिलना, सट कर बैठना काफी कम होता जा रहा है.

-सही या गलत

प्र. 6: हम दोनों कभी फिल्म देखने या खाना खाने बाहर नहीं जाते हैं. जब भी जाते हैं परिवार साथ होता है

-सही या गलत

प्र. 7: सैक्स की शुरुआत करने से मुझे डर लगता है कि कहीं मेरा साथी मुझे दुत्कार न दे.

-सही या गलत

प्र. 8: अपनी कोई भी समस्या अपने साथी से बांटने में मुझे कोई संकोच नहीं होता है.

-सही या गलत

प्र. 9: मेरा अपने साथी से भावनात्मक रूप से जुड़ाव है.

-सही या गलत

प्र. 10: मैं/मेरा साथी आजकल काम के कारण परेशान है.

-सही या गलत

यदि आप के अधिकतर उत्तर ‘सही’ में हैं तो आप को अपने रिश्ते की मजबूती की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है.

औनलाइन सेक्स फैंटेसी का नया कारोबार

जब जमाना ऑनलाइन हो रहा है तो सेक्स भी ऑनलाइन नज़र आ रहा है. एक सर्वे के मुताबिक दुनियाभर में ‘डॉमीनेटरिक्स’ का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है. लोगों की फैंटसी पूरी करने के लिए हजारों महिलाएं पूरी दुनिया में हर वक्त ऑनलाइन रहती हैं.

डॉमीनेटरिक्स से जुड़कर महिलाएं पूरी कर रही मर्दों की फैंटेसी

एक सर्वे से साफ हुआ है कि ऑनलाइन रहने वाली महिलाएं दिनभर में एक-एक लाख रुपए तक कमा रही है. डॉमीनेटरिक्स के लिए एक मिनट का 500 रुपए तक चार्ज लिया जा रहा है. इसी सर्वे के मुताबिक अपनी सेक्सुअल फैंटेसी पूरी करने के लिए डॉमीनेटरिक्स में मर्दों की पहली पसंद बॉन्डेज सेक्स एंज़ॉय करना है.

अंग्रेजी अखबार द सन के अनुसार ब्रिटेन में पिछले दिनों 55 साल के एक डॉक्टर ने अपनी डॉमीनेटरिक्स पिक्चर ऑनलाइन पोस्ट कर दी. डॉक्टर के पेट पर उसकी मेड का नाम लिखा था जिसके साथ उसने शारीरिक संबंध बनाए. हालांकि डॉक्टर को बाद में हॉस्पिटल से सस्पेंड कर दिया गया.

ग्लासगो की रहने वाली 34 साल की एना वैसे तो काफी स्ट्रिक्ट है कि लेकिन ऑनलाइन डिमांड होने पर उन्हें लेटैक्स पहनने में भी कोई ऐतराज नहीं है. हालांकि ऑनलाइन न्यूड होने से वो परहेज करती हैं लेकिन ऑनलाइन सेक्स चैट वो अक्सर करती हैं.

उनका कहना है कि शायद मर्दों की फैंटेसी पूरा करने का ये सही तरीका है. इससे वो भी काफी हल्का महसूस करते हैं. वो हमसे अक्सर वो डिमांड करते हैं जिसे वो अपने पार्टनर के साथ पूरा नहीं कर सकते हैं. एना की फीस पर मिनट ढाई सौ रुपए है.

ब्रिजटन की मिया हरिंगटन का कहना है कि शायद मर्द हमसे कुछ ऐसा सीखना चाहते हैं जिसे वो अपने घर पर आजमा सकें. मिया कहती हैं महिलाओं और पुरुषों के अलावा तमाम कपल्स भी उनके क्लाइंट हैं और वो अपने सेक्सुअ फैंटेसी मुझे देखकर पूरी करना चाहते हैं.

डॉमीनेटरिक्स के बारे में क्या सोचते हैं साइकोलॉजिस्ट

ब्रिटेन की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ मार्क ग्रिफिथ्स को लगता है कि इंटरनेट के बढ़ते चलन के कारण लोग सेक्स फैंटेसी पूरी करने के लिए ऑनलाइन डॉमीनेटरिक्स का सहारा ले रहा है. ये आसानी से उपलब्ध है. जो लोग फेस टू फेस डॉमीनेटरिक्स का सामना करने में हिचकते हैं वो ऑनलाइन जा रहे हैं. जहां वो खुलकर सामने आते हैं.

पुरुष भी दिखाते हैं महिलाओं वाले इन 5 कामों में दिलचस्पी

पुरुष और महिला के स्वभाव का जब आंकलन किया जाता हैं तो दोनों की आदतों में बहुत फर्क नजर आता है. लेकिन कहीं ना कहीं पुरुष उन कामों में दिलचस्पी दिखाते हैं जिनके लिए महिलाओं को जाना जाता है, लेकिन पुरुष इसे मानने से कतराते हैं.

आज हम आपको महिलाओं के वो काम बताने जा रहे हैं जिसमें पुरुष अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं और मानने से कतराते हैं. तो आइये जानते हैं इन कामों के बारे में.

शौपिंग के होते हैं क्रेजी

शौपिंग का नाम सुनते ही हर किसी के दिमाग में यह बात आती है कि औरतें शौपिंग के बिना नहीं रह सकती. लेकिन पुरुष भी इस मामले में किसी से कम नहीं होते. उन्हें नए-नए और स्टाइलिश कपड़े पहनना बहुत पसंद होता है. खुद को वे लड़कियों से ज्यादा मेंटेन रखना चाहते हैं.

पार्लर जाना होता है पसंद

लड़के लड़कियों की तरह पार्लर जाना भी बहुत पसंद करते हैं. वह पैडीक्योर,हेड मसाज,फेशियल, हेयर आदि बहुत से ट्रीटमेंट भी लेते हैं.

गौसिप में भी पीछे नहीं पुरुष

वैसे तो गौसिप में औरतों का ही नाम लिया जाता है लेकिन पुरुष इसमें पीछे नहीं होते. जब 2 या 4 दोस्त इकट्ठे हो जाते हैं तो राजनीति से लेकर लव लाइफ तक की गौसिप उनकी बातों का हिस्सा बनती है.

कुकिंग करना

महिलाओं को रसोई की रानी कहा जाता है लेकिन यह बात भी सही है कि बेहतर खाना बनाने में पुरुष ज्यादा बेहतर होते हैं. कुछ लड़कों को अलग-अलग फ्लेवर का खाना बनाना अच्छा लगता है.

इमोशनल भी होते हैं पुरुष

अक्सर बात-बात पर रोना महिलाओं की आदत होती हैं. वहीं, बड़ी से बड़ी परेशानी में भी पुरुष आंसू नहीं बहाते लेकिन वह इमोशनल होते हैं. कुछ बातों में वह खुद पर काबू नहीं रख पाते और किसी अपने के सामने रो पड़ते हैं.

रखें अच्छे संबंध, मन रहेगा प्रसन्न

आजकल लोग गैजेट्स की दुनिया में गुम रहते हैं. इस तरह वे व्यस्त तो हैं, मगर प्रसन्न  नहीं. वास्तविक प्रसन्नता और सेहत के राज जानने  के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अब तक का सब से विस्तृत और लंबा शोध किया.

‘हार्वर्ड स्टडी औफ एडल्ट डेवलपमेंट’ नाम का यह अध्ययन 1938 में शुरू हुआ जिस में 800 से ज्यादा लोगों के जीवन के हर पहलू का व्यापक अध्ययन किया गया. करीब 8 दशकों में चले इस अध्ययन में तीन समूह के लोगों को जोड़ा गया. पहले  समूह में 268 उच्च शिक्षित हार्वर्ड ग्रेजुएट्स थे. दूसरा समूह 456 लोगों का था जो बोस्टन के गरीब इलाके के लड़कों का था.  ये विपरीत परिस्थितियों में रह रहे थे. तीसरे समूह में 90 महिलाओं को लिया गया.

सालों तक इन लोगों  के जीवन के व्यापक अध्ययन के बाद जो निष्कर्ष सामने आया वह था, अच्छे संबंध हमें खुश और सेहतमंद रखते हैं. यहां अच्छे संबंधों का  तात्पर्य गहरे और मजबूत रिश्तों से है.

अकेलापन हमारे गम और डिप्रेशन को बढ़ाता है मगर रिश्तो की मिठास इन गमों को कम करने में मददगार है. रिश्ते बहुत सारे हों यह जरूरी नहीं मगर जो भी रिश्ता हो वह मजबूत और गहरा हो. भले ही आप रिश्तेदारों से जुड़े हो या दोस्तों से मगर रिश्तो की नींव मजबूत होनी चाहिए.

आइए देखते हैं कैसे रिश्तों को मजबूत बनाया जा सकता है.

माफ करना सीखें

बेवजह किसी के प्रति दिल में कड़वाहट रखने की आदत सिर्फ रिश्तों को कमजोर बनाती  है, वरन  आप की अपनी मानसिक सेहत के लिए भी खतरनाक है. बेहतर है कि आप सारे गिलेशिकवे भूल कर दिल से लोगों को माफ करना सीखें. इस से मन में सुकून और जीवन में उमंग कायम रहती है.

जिंदगी को बहुत सीरियसली न लें

कुछ लोग जिंदगी को इतना सीरियसली ले लेते हैं कि वे जीवन में छोटेमोटे उतारचढ़ाव को भी स्वीकार नहीं कर  पाते और डिप्रेशन में चले जाते हैं. छोटीछोटी बातों पर दूसरों से झगड़ते हैं. मरनेमारने पर उतारू हो जाते हैं. जब कि व्यक्ति का व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए कि बड़ी से बड़ी आंधी भी मन को विचलित न कर सके. लोगों से उलझने के बजाय बातों को हंसी में टालना सीखना चाहिए. इस से रिश्तो में कभी गांठ नहीं आती और आप के अंदर की प्प्रसन्नता भी कायम रहती है. दूसरों के साथ आप के  रिश्ते भी मजबूत बनते हैं.

धोखा न दें

रिश्तो के बीच रूपएपैसे, शक की गुंजाइश आदि न आने दें. प्यार बहुत मुश्किल से होता है. रिश्ते बहुत धीरेधीरे मजबूत होते  हैं. यदि आप सामने वाले के साथ कुछ रुपयों के लिए बेईमानी कर जाएं, उस के विश्वास को तोड़ दे, तो फिर उस के साथ आप के रिश्ते में मधुरता नहीं रह जाती. आप उस व्यक्ति से हाथ धो बैठते हैं. खुद आप को भी कभी न कभी इस बात का एहसास जरूर होता है कि आप ने उस के साथ गलत किया है. तब आप को अफसोस होगा और आप जीवन की वास्तविक खुशियों से दूर होते चले जाएंगे.

मदद करना सीखे

जिंदगी ने आप को जो भी दिया है उस का प्रयोग लोगों की मदद करने में करें. खुद आगे आए और जितना संभव हो उतना दूसरों की मदद करें. इस से आप के मन को संतुष्टि भरी प्रसन्नता मिलती है. कभी भी अपने किए काम की माला न जपे. मदद करें और फिर भूल जाए. दूसरे लोग भी ऐसे व्यक्ति से अपना रिश्ता बना कर रखना चाहते हैं.

गहरे रिश्ते जरूरी

किसी के साथ जब आप बिना किसी छलकपट या अपेक्षा के दिल से जुड़े होते हैं, उस के सुखदुख को अपना महसूस करते हैं और अपने दिल की हर बात उस से शेयर करते हैं तो आप का मन बहुत हल्का रहता है. खुश रहने के लिए इस तरह के गहरे रिश्ते बनाने जरूरी है. क्यों कि जब आप कुछ लोगों के साथ गहराई से जुड़े होते हैं तो वे  आप के गम को आधा और खुशियों को दोगुना कर देते हैं. ऐसे रिश्ते में औपचारिकता नहीं वरन अपनापन होता है.

अपने अहम को आड़े  न आने दें

रिश्तो के बंधन को अपनी इगो के हाथों टूटने न दें.  रिश्तो में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता. किसी के आगे झुकने से यदि रिश्ता टूटने से बच जाता है तो इस में कोई बुराई नहीं क्यों कि रुपए पैसों से ज्यादा कीमती रिश्ते होते हैं. किसी की सफलता पर खुश होने के बजाय आप चिढ़ने लगेंगे ,उसे नीचा दिखाने का प्रयास करेंगे, तो समझ लीजिए कि आप जीवन की सब से महत्वपूर्ण संपत्ति यानी वह रिश्ता खोने वाले हैं.

अपेक्षाएं कम रखें

अक्सर हम अपने करीबी लोगों से जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं रखने लगते हैं. अपेक्षाएं पूरी न हो तो दिल में खलिस पैदा हो जाती है. तब हम रिश्तो को कायदे से जी नहीं पाते. अपेक्षाएं हमें दुखी करती हैं और रिश्तों  में खटास लाती है. इसलिए बेहतर है कि हम अपनी तरफ से किसी भी रिश्ते को अपना संपूर्ण दे मगर सामने वाले से किसी बदले की इच्छा न रखें.

“यह काम तो पति का है”…क्या आप भी ऐसा ही सोचती हैं

नेहा की शादी को 5 साल हो चुके थे. वह अपने पति के साथ इतनी खुश थी कि उसे कभी किसी चीज का खयाल नहीं रहता था. पति राकेश कभी समझाता भी था तो वह कहती कि तुम्हारे साथ रहते हुए मुझे इन चीजों को समझने की क्या जरूरत है. इस के चलते राकेश को अपना बहुत सारा काम खुद संभालना पड़ता था. सारे रुपएपैसों का हिसाबकिताब वह खुद ही रखता था. वह पैसों की केवल उतनी चाह रखती थी जितने उसे खर्च के लिए चाहिए होते थे.

अचानक राकेश को सरकारी काम से कुछ समय के लिए विदेश जाना पड़ा. शुरुआत में तो नेहा बहुत खुश थी कि वह भी साथ जाएगी, पर जब सरकार ने इस की इजाजत नहीं  दी तो उसे घर में अकेले रहना पड़ा. अब घर का सारा भार नेहा के ही ऊपर आ गया. मगर उस ने तो कभी घर के कामों को समझा ही नहीं था. इसलिए उस के सामने परेशानी आ गई. कभी एलआईसी की पौलिसी, तो कभी बिजली, पानी का बिल भरने की परेशानी. नेहा को अब समझ आने लगा था कि अगर उस ने ये काम करने पहले से सीख लिए होते तो आज उसे इतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.

नेहा से भी ज्यादा परेशानी में तो सीमा फंसी. वह भी घर के कामों पर कभी ध्यान नहीं देती थी. एक दिन उस के पति के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसे अस्पताल में भरती करना पड़ा. अब सीमा को समझ नहीं आ रहा था कि बीमारी के इलाज के लिए पैसे कहां से लाए, क्योंकि उसे पता ही नहीं था कि बैंक की पासबुक कहां रखी है, एटीएम का पिन कोड क्या है. वह परेशान थी. पास पैसा होते हुए भी उसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा. शौपिंग, किट्टी पार्टियों और दोस्तों में व्यस्त रहने वाली सीमा को अब महसूस हो रहा था कि अगर वह पहले से घर के इन कामों को समझ लेती तो यह परेशानी न होती.

नेहा और सीमा से अलग रश्मि ने अपने पति का पूरा काम खुद संभाल रखा है. पति अपने वेतन को एक जौइंट आउंट में डाल देता है. सारा काम रश्मि खुद कराती है. पति का पूरा ध्यान अपनी नौकरी पर रहता है. वह तरक्की की राह पर आगे बढ़ता जा रहा है. उस के सामने कभी कोई मुश्किल नहीं आती है. रश्मि को भी छोटेछोटे कामों के लिए पति की राह नहीं देखनी पड़ती. दोनों की गाड़ी तेजी से जीवन की राह पर आगे बढ़ती जा रही है. जो पत्नी पति की सहयोगी बन कर उस की मदद करती है वही पति की प्रिय होती है.

जीवन में इस तरह के हालात किसी के भी सामने और कभी भी आ सकते हैं. इस के लिए जरूरी है कि आप घर के कामों को समझें. खासतौर से घर के आर्थिक कामों को समझना बेहद जरूरी है. पत्नी पति की प्रिय तो होती ही है, जरूरी यह होता कि वह पति की सहयोगी भी बन कर रहे. इस में कोई बुराई नहीं होती है. अगर सबकुछ सामान्यतौर पर चलता है, तो भी आप के सहयोगी बनने से पति पर से काम का बोझ काफी कम हो जाता है. उसे अपने कैरियर से जुड़े काम करने का पूरा समय मिल जाता है.

आप भी इन टिप्स पर गौर कर पति की प्रिय होने के साथसाथ सहयोगी भी बन सकती हैं:

– घर की सभी जरूरतों की अलगअलग फाइल बना लें. मसलन, टैलीफोन बिल, मोबाइल बिल, हाउस टैक्स, प्रौपर्टी, बैंक में जमा पैसों, इनकम टैक्स आदि की फाइल बना लें. इन से संबंधित हर छोटाबड़ा कागज फाइल में रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आप फाइल निकाल कर दे सकें. कई बार कोई कागज समय पर न मिलने से नुकसान भी हो जाता है.

– आप बैंक में जो पैसा जमा कर रही हैं उस का पूरा  ब्योरा आप के पास होना चाहिए. बैंक की पासबुक को हमेशा अपडेट रखें. इसी तरह चैकबुक का भी पूरा हिसाब रखें. इस बात का हिसाब रहे कि आप कब, किस के नाम और कितने पैसों का चैक काट रही हैं. चैक काटने के बाद आप के खाते में कितना बैलेंस बच रहा है. यह ध्यान रखने पर चैंक के बाउंस होने का खतरा नहीं रहेगा, आप के पास कितना पैसा है यह भी आप को पता चलता रहेगा.

– हाउस टैक्स, बिजली, पानी, फोन का बिल आप खुद ही जमा करें. इस की अलगअलग फाइल बना लें. जमा बिल की रसीद और बिलों की कापी भी जरूर लगा दें. अगर कभी हिसाब में कोई गड़बड़ी हो तो उसे आसानी से सही किया जा सकता है.

– आप जो भी सामान घर में प्रयोग कर रही हों उस के सर्विस स्टेशन के फोन नंबर अपने पास रखें. इस के लिए एक डायरी बना लें. छोटेछोटे कागज के टुकड़े रहेंगे तो उन के खो जाने का खतरा रहता है. इस के अलावा पुलिस, फायर, अस्पताल, बिजली, पानी के दफ्तर के नबंर भी आप के पास होने चाहिए. ताकि जरूरत पड़ने पर खुद फोन कर उन्हें बुला सकें. बातबात पर पति को परेशान न करना पड़े.

– जो भी नया सामान खरीदें उस की रसीद गारंटी कार्ड या उस से जुड़े दूसरे कागजात फाइल में रखें ताकि जरूरत पड़ने पर काम आ सकें. कभीकभी जब सामान खराब होता है तब याद आती है कि उस की रसीद और गारंटीकार्ड कहां रखा है.

– अगर लोन लिया हो तो उस की भी फाइल बना लें, जिस में यह लिखा हो कि लोन कब लिया है? ब्याज दर क्या है? किस्त का पैसा हर महीने बैंक से कट रहा है, यह भी पता करती रहें. बैंक लोन की किस्त समय पर जमा कराएं और उस की रसीद फाइल में रखें. जरूरी कागजातों की फोटोकौपी भी रखें ताकि अगर कभीकभी औरिजनल कागज खो जाए तो उस की फोटोकौपी से काम चलाया जा सके.

– अगर पति के औफिस के कुछ कागज घर पर रहते हैं तो उन्हें भी संभाल कर रखें. यह न सोचें कि औफिस के कागजातों से आप का क्या मतलब.

– अगर पति किसी को पैसा उधार देते हैं तो उस की भी अलग से फाइल बना लें ताकि पता चलता रहे कि कब किस से कितना पैसा लेना है. ऐसे और बहुत सारे काम कर आप पति की सहयोगी बन सकती हैं.

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