22 वर्षीय निधि को कुछ समय से सिर दर्द, दाएं हाथ, पैर में कमजोरी, बोलने में परेशानी आदि कई चीजे हो रही थी. फैमिली डौक्टर ने पहले इसे एसिडिटी बताया, फिर विटामिन्स की कमी आदि न जाने कितने दिनों से यही चल रहा था, लेकिन कुछ ठीक नहीं हो रहा था, केवल दर्द की दवा लेने से सिर दर्द कम होता था, ऐसे करीब 4 से 5 महीने बीत गए, पर निधि को आराम न था. एक दिन निधि की सहेली की माँ निधि से मिलने आई और उन्होंने निधि को किसी अस्पताल में ले जाकर किसी न्यूरोसर्जन से बात करने की सलाह दी. निधि को अस्पताल ले जाने पर उसकी खून की जांच के साथ-साथ (MRIScan)भी की गयी, जिसमें मस्तिष्क के बाएं भाग में ट्यूमर पाया गया. मस्तिष्क के नाजुक भागों को बचाने के लिए, निधि को तुरंत Awake Brain Surgery के द्वारा ऑपरेट किया गया, जिसमें रोगी की होश और अलर्ट रखते हुए ही सर्जरी की जाती है. इसके बाद बायोप्सी से कैंसर ग्लायोमा ग्रेड 4 ( Glioma WHO – IV ) के जाँच की पुष्टि होने पर मरीज का कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी से इलाज किया गया. अब निधिपूरी इलाज के बाद बेहतर चल सकती है, अपने दाएं हाथ का प्रयोग कर सकती है और उसके बोलने में भी सुधार आया है. ऑपरेशन के 12 महीने पश्चात किया हुआ एमआरआई स्कैन, कैंसर को कंट्रोल में दिखाता है, जो अच्छी बात है. निधि का जीवन फिर से सामान्य हो गया.ये सही है कि समय पर ब्रेन ट्यूमर का पता लगने पर इलाज़ भी संभव है.
समझे ब्रेन ट्यूमर को
असल में मस्तिष्क, शरीर का अभिन्न अंग है, जिसका काम पूरे शरीर की क्रियाओं को संचालन करना होता है. ब्रेन, कई प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है. शरीर के अन्य भागों की तरह, यह भी कई प्रकार के ट्यूमर से ग्रसित हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर से स्वस्थ मस्तिष्क पर दबाव बढ़ने के कारण उसको हानि पहुंच सकती है. इसलिए प्राथमिक लक्षण उत्पन्न होने पर, तुरंत न्यूरो विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन डॉ. अक्षत कयाल कहते है कि ब्रेन के सभी ट्यूमर कैंसर युक्त नहीं होते, लगभग 50 प्रतिशत ट्यूमर कैंसर रहित होते है, जिनका समय पर इलाज मरीज को पूर्ण रूप से स्वस्थ कर सकता है. कैंसर युक्त ब्रेन ट्यूमर ( Glioma स्टेज 3 एवं 4 ) का इलाज अत्यावश्यक है. इनके शीघ्र इलाज से मरीज को दीर्घायु प्रदान कर सकते है और उस मरीज की कार्य क्षमता एवं जीवन की गुणवत्ता को भी अधिक बढ़ा सकते है.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
स्कल के अंदर सीमित जगह होने के कारण, कोई भी ट्यूमर, मौजूदा जगह में अपने लिए अतिरिक्त स्थान बनाने की कोशिश करता है, जिससे मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है और इसके लक्षण प्रकट होने लगते है. अधिकतर मरीजों में सिर दर्द, उल्टी, नजर का धुंधलापन, दोहरा दिखाई देना ( डिप्लोपिया ) एवं मिर्गी के दौरे, प्रमुख लक्षण होते है. अन्य असामान्य लक्षण जैसे चेहरे का तिरछापन, शरीर के दाएं या बाएं भाग में कमजोरी, बोलने, सुनने और निगलने में परेशानी आदि है.
ब्रेन ट्यूमर की जांच
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अक्षत कयाल आगे कहते है कि मरीज के लक्षणों के आधार पर ब्रेन ट्यूमर की डायग्नोसिस की जातीहै. डायग्नोसिस की पुष्टि करने के लिए एमआरआई स्कैन ( MRI Scan ) की आवश्यकता होती है, जिसकी सलाह न्यूरो सर्जन,मरीज की जांच करने के बाद ही दे सकता है. जिन मरीजों में कोई लक्षण नहीं होते, उनमें ब्रेन ट्यूमर की डायग्नोसिससंदेह के आधार पर एमआरआई स्कैन कर पता करते है.
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
- किसी भी ब्रेन ट्यूमर के इलाज में ऑपरेशन की भूमिका प्रमुख रहती है.अधिकतरन्यूरो सर्जन, ऑपरेशन के द्वारा, सुरक्षित तरीके से ट्यूमर का अधिकतम भाग निकालते है.
- छोटे कैंसर मुक्त ट्यूमर्स को समय-समय पर एम आर आई स्कैन ( MRI Scan ) द्वारा निगरानी में रखा जा सकता है और इसे फोकस रेडिएशन से नष्ट भी किया जा सकता है.
- बड़े टयूमर, सर्जरी के द्वारा सुरक्षित रूप से पूरी तरह निकाले जा सकते है. ब्रेन के ट्यूमर, जिनमें कैंसर होने की संभावना होती है, उन्हें भी सर्जरी द्वारा सुरक्षित रूप से अधिक से अधिक निकाल दिया जाता है. इसके बादबायोप्सी की रिपोर्ट के आधार पर बची हुई ट्यूमर का कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी द्वारा इलाज किया जाता है. इससे मरीज की लॉन्ग लाइफ और अच्छी कार्य क्षमता मिल सकती है.
इसके अलावा देश के सभी बड़े शहरों में ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन की सुविधा, सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है. देश के महानगरों में, ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए विश्व स्तरीय टेक्नोलॉजी उपलब्ध है. इन शहरों के सभी बड़े अस्पतालों में , ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी न्यूरो नेविगेशन, इंट्राऑपरेटिव एम आर आई, न्यूरो एंडोस्कोपी, इंट्राऑपरेटिव न्यूरोमोनिटरिंग, फंक्शनल एम आर आई, आदि के साथ की जाती है. अगर ब्रेन के नाजुक भाग से ट्यूमर की निकटता पाई जाती है, तब सर्जरी मरीज के होश में रहते हुए ही की जाती है. उपरोक्त सभी विधियां, मरीज के ट्यूमर को सुरक्षित रूप से निकालने में मददगार साबित होती है. ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी का प्राथमिक उद्देश्य, मरीज को उत्तम कार्य क्षमता के साथ लम्बी आयु प्रदान करना होता है.
महानगरों के प्राइवेट अस्पतालों में, ब्रेन ट्यूमर के इलाज का खर्च डेढ़ लाख से तीन लाख तक हो सकता है. सरकारी अस्पतालों में यह सर्जरी न्यूनतम खर्च में हो जाती है. प्राइवेट अस्पतालों में भी गरीबी रेखा के नीचे एवं वंचित वर्ग के लिए चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा मदद की सुविधाएं होती है.
आज ब्रेन ट्यूमर का इलाज भारत में आधुनिक तकनीक से सफलतापूर्वक करवाना संभव है.इस तरह की सर्जरी आज पूर्ण रूप से सुरक्षित है.लक्षणों की जल्दी पहचान और जल्द इलाज ही इस रोग के सर्वोत्तम निदान के लिए आवश्यक है.