Cancer से सुरक्षि‍त रखेंगे ये सुपरफूड

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है. दावे तो बहुत से किए जा चुके हैं लेकिन सच्चाई यही है कि अभी तक इसकी कोई सच्ची और अचूक दवा नहीं बनायी जा सकी है. हालांकि शुरुआती चरण में इसका पता चल जाए तो इसकी रोकथाम की जा सकती है लेकिन एक स्टेज के बाद इसका इलाज संभव नहीं है.

कुछ उपाय हैं लेकिन वो इतने महंगे हैं कि हर कोई उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकता. कैंसर भी कई प्रकार के होते हैं और हर तरह के कैंसर के अपने खतरे होते हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले 10-15 सालों में कैंसर मौजूदा समय से 70 फीसदी तक बढ़ जाएगा.

कैंसर होने के बहुत से कारण होते हैं लेकिन आप चाहें तो अपनी डाइट में कुछ सुधार और बदलाव करके कैंसर के खतरे को काफी कम कर सकते हैं.

1. ब्रोकली

ब्रोकली खाने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है. इसे माउथ कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लीवर कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है. सप्ताह में दो से तीन बार ब्रोकली खाना फायदेमंद होता है. यूं तो ब्रोकली को सब्जी के रूप में या फिर सूप के रूप में लिया जा सकता है लेकिन ब्रोकली को उबालकर हल्के नमक के साथ लेना सबसे अधि‍क फायदेमंद है.

2. ग्रीन टी

ग्रीन टी पीने से कैंसर का खतरा कम होता है. ये ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से सुरक्षित रखने में मददगार है. नियमित रूप से 2-3 कप ग्रीन टी पीना फायदेमंद है.

3. टमाटर

टमाटर में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करते हैं. टमाटर, विटामिन A, C और E का भी बेहतरीन स्त्रोत है. इसके साथ ही ये ब्रेस्ट कैंसर से भी बचाव का अच्छा उपाय है. टमाटर का जूस पीने या फिर इसे सलाद के रूप में लेना फायदेमंद होता है.

4. ब्लू बैरी

ब्लू बैरी कैंसर से बचाव का अचूक उपाय है. ब्लू बैरी स्किन, ब्रेस्ट और लीवर कैंसर से सुरक्षित रखने में मददगार है. ब्लू बेरी का रस पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है.

5. अदरक

अदरक भी कई तरह के कैंसर से बचाव में सहायक है. अदरक शरीर में मौजूद टॉक्स‍िन्स को दूर करने का काम करता है. इसके सेवन से स्किन, ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका बहुत कम हो जाती है.

6. लहसुन

लहसुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर से सुरक्षित रखते हैं. रोजाना एक या दो कली कच्चा लहसुन खाने से कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है.

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कैंसर से जुड़ी गलत धारणा और फैक्ट के बारे में बताएं?

सवाल-

मुझे ब्रैस्ट कैंसर है. डाक्टर ने सर्जरी के द्वारा ब्रैस्ट का एक भाग निकालने को कहा है, लेकिन मुझे किसी ने सलाह दी है कि पूरी ब्रैस्ट निकालनी जरूरी है वरना यह दोबारा हो सकता है?

जवाब-

सर्जरी के द्वारा ब्रैस्ट के उसी भाग को निकाला जाता है जिस में कैंसर होता है. डाक्टर हमेशा ब्रैस्ट को सुरक्षित रखना चाहते हैं क्योंकि यह मरीज के आत्मविश्वास और सामान्य जीवन जीने के लिए बहुत जरूरी है. स्वस्थ ब्रैस्ट को बचाने से दोबारा कैंसर होने का रिस्क नहीं बढ़ता है. आप अपने डाक्टर पर विश्वास बनाए रखें और उस के निर्देशों का पालन करें.

सवाल-

मेरी शादी को 2 साल हुए हैं. कोई बच्चा नहीं है. ब्रेस्ट कैंसर के लिए सर्जरी कराने के बाद अब कीमोथेरैपी हो रही है. क्या मैं अपने अंडे प्रिजर्व करा सकती हूं?

जवाब-

ब्रैस्ट कैंसर के उपचार के परिणाम बहुत अच्छे हैं. उपचार के पश्चात अधिकतर मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं. कीमोथेरैपी डिवाइडिंग सैल्स पर काम करती है, इसलिए यह अंडों की कोशिकाओं को भी मार सकती है. इसलिए जो महिलाएं फैमिली प्लान करना चाहती हैं उन्हें अपने अंडे प्रिजर्व करा लेने चाहिए.

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सवाल-

मेरी उम्र 54 वर्ष है. 5 साल पहले मेनोपौज हो गया है. लेकिन कभीकभी वैजाइना से ब्लीडिंग होती है. कोई खतरे की बात तो नहीं?

जवाब-

मेनोपौज के बाद वैजाइना से ब्लीडिंग होना बिलकुल भी सामान्य नहीं है. ब्लीडिंग चाहे मेनोपौज के बाद हो, 2 माहवारी के बीच या शारीरिक संबंध बनाने के बाद, महिलाओं को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. यह सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है. आप तुरंत किसी अच्छे डाक्टर को दिखाएं, जरूरी जांच कराएं और डायग्नोसिस के अनुसार उपचार शुरू करें.

सवाल-

मेरे पति स्मोकिंग करते हैं. उन के फेफड़ों की स्थिति को देखते हुए डाक्टर ने उन्हें स्मोकिंग पूरी तरह बंद करने का सुझाव दिया है. क्या इस कारण मेरे लिए भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ गया है?

जवाब-

विश्वभर में स्मोकिंग को फेफड़ों के कैंसर का सब से बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है. आप स्मोकिंग नहीं करतीं. लेकिन अपने पति के कारण आप पैसिव स्मोकर तो हैं ही. ऐसे में आप के लिए फेफड़ों के कैंसर का खतरा सामान्य लोगों से अधिक है. आप अपने पति को धूम्रपान पूरी तरह बंद करने के लिए समझाएं.

सवाल-

मेरे स्तन में गांठ है. डाक्टर ने बायोप्सी और एफएनएसी कराने को कहा है. लेकिन मुझे डर लग रहा है कि कहीं नीडिल के कारण कैंसर दूसरे अंगों तक तो नहीं फैल जाएगा?

जवाब-

बायोप्सी और फाइन नीडल एसपाइरेशन साइटोलौजी (एफएनएसी) दोनों ही बड़ी सुरक्षित प्रक्रियाएं हैं. इन्हीं जांचों के द्वारा कैंसर और उस के प्रकार के बारे में पता चलता है. बायोप्सी या एफएनएसी कैंसर के फैलने का कारण बन सकते हैं. यह पूरी तरह गलत धारणा है. आप अपने डाक्टर के कहे अनुसार दोनों जांचें जरूर कराएं.

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सवाल-

मेरी मां को लिवर कैंसर और पिता को प्रोस्टेट कैंसर है. मैं अपने स्वास्थ्य को ले कर बहुत चिंतित हूं. क्या मातापिता दोनों को कैंसर होने से मैं हाई रिस्क कैटेगरी में आती हूं?

जवाब-

यह सही है कि आनुवंशिक कारण कैंसर के लिए प्रमुख रिस्क फैक्टर्स में से एक है. लेकिन परिवार में जब 3 पीढि़यों तक कैंसर के मामले लगातार होते हैं तब उसे आनुवंशिक माना जाता है. आप के मातापिता दोनों को कैंसर है इस से आप को घबराने की जरूरत नहीं है. उन में आपस में कोई रक्त संबंध नहीं है क्योंकि वे अलगअलग परिवारों से आते हैं. इसलिए ये आनुवंशिकता से संबंधित नहीं माना जा सकता है.

सवाल-

डाक्टर मुझे कीमोथेरैपी के बाद स्टेराइड भी दे रहे हैं. मैं ने बहुत पढ़ा है कि स्टेराइड का सेवन नहीं करना चाहिए. यह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है?

जवाब-

अगर आप के डाक्टर आप को कीमोथेरैपी के साथ स्टेराइड दे रहे हैं तो आप को जरूर लेना चाहिए. यह कीमोथेरैपी के साइड इफैक्ट्स से बचने के लिए दिया जाता है. कई बार तो स्टेराइड कीमोथेरैपी का ही हिस्सा होता है. ऐसे में इसे लेने से कोई दिक्कत नहीं होती. इसलिए डाक्टर द्वारा सुझाई सभी दवाइयां नियत समय पर और निर्धारित मात्रा में जरूर लें.

सवाल-

मुझे 2-3 महीनों से लगातार खांसी आ रही है. 1-2 बार बलगम में खून भी आया है. क्या यह फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है? लेकिन मैं ने तो जीवन में कभी सिगरेट नहीं पी है?

जवाब-

यह सही है कि फेफड़ों के कैंसर को पहले स्मोकर्स डिजीज के नाम से जाना जाता था. लेकिन आज हालात बदल गए हैं. बढ़ते वायुप्रदूषण, खानपान की गलत आदतें, शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण धूम्रपान न करने वाले भी फेफड़ों के कैंसर के शिकार हो रहे हैं. आप डाक्टर को दिखाएं. छाती का एक्सरे या सीटी स्कैन कराने पर ही स्थिति स्पष्ट होगी. फेफड़ों के कैंसर का संदेह होने पर बायोप्सी कराई जाएगी.

-डा. गौतम गोयल

कंसल्टैंट, कैंसर विशेषज्ञ, मैक्स हौस्पिटल, मोहाली, पंजाब.

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