आधुनिक जीवनशैली और खानपान की बदलती आदतों ने महिलाओं को जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का आसान शिकार बना दिया है. डायबिटीज उन में से एक है. आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में विश्वभर में 19-20 करोड़ महिलाएं डायबिटीज से पीडि़त हैं. अनुमान है कि 2040 तक यह संख्या बढ़ कर 31 करोड़ हो जाएगी.
डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन अनुशासित जीवनशैली, खानपान में सुधार, नियमित वर्कआउट, तनाव से बच कर और उचित दवाइयों का सेवन कर रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित रख कर सामान्य जीवन जीया जा सकता है.
महिलाएं और डायबिटीज
बढ़ती आधुनिक सुखसुविधाओं ने महिलाओं की जीवनशैली में काफी परिवर्तन ला दिया है. इस के अलावा कामकाजी महिलाओं की लगातार बढ़ती संख्या के कारण जीवनशैली से जुड़ी हुई बीमारियों की शिकार महिलाओं के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं.
पिछले 2 दशकों में महिलाओं में डायबिटीज के मामलों में भी काफी वृद्धि हुई है. बढ़ता तनाव और घटती शारीरिक सक्रियता महिलाओं को डायबिटीज का आसान शिकार बना रही है. बदलती जीवनशैली के कारण उन की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो रही है, जिस से वे बीमारियों की आसान शिकार बन रही हैं. डायबिटीज पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से ही प्रभावित करती है, लेकिन महिलाओं में इस के कारण जटिलताएं अधिक हो सकती हैं.
डाइट
डायबिटीज को नियंत्रित करने में खानपान सब से प्रमुख भूमिका निभाता है. दरअसल, डायबिटीज के मरीजों के लिए डायबिटिक डाइट जैसा कुछ नहीं होता है. उन्हें बैलेंस्ड डाइट का सेवन करना चाहिए. अपनी डाइट में ताजे फलों, सब्जियों, फलियों, दालों, साबूत अनाज, सूखे मेवों, बीजों सभी को शामिल करें. लेकिन डायबिटीज के मरीजों को सिर्फ इतना ध्यान रखना है कि उन्हें किस खाद्यपदार्थ को कितनी मात्रा में और कैसे खाना है.
आप गेहूं की रोटी खा सकती हैं, लेकिन ध्यान रखें वह चोकरयुक्त आटे से बनी हो. आटे में थोड़ा बेसन मिला लें तो ज्यादा बेहतर रहेगा. मल्टीग्रेन आटा भी चुन सकती हैं. आप दिन में एक बार उबले हुए और मांड निकले हुए एक छोटी कटोरी चावल भी खा सकती हैं.
रोज 200 ग्राम फल खाएं:
डायबिटीज के मरीजों के लिए सेब, संतरा, मौसमी, अंगूर, नाशपाती, पपीता जैसे फल अच्छे रहते हैं. उन्हें केले, चीकू, आम, पाइनऐप्पल जैसे फलों को खाने से बचना चाहिए. वैसे कभीकभी थोड़ी मात्रा में इन फलों का सेवन भी कर सकती हैं. रोज थोड़ी मात्रा में ड्राई फ्रूट्स का सेवन भी करें. दिन में 2 बार स्नैक्स भी लें. स्नैक्स में अंकुरित अनाज, सलाद, सूप आदि का सेवन करें. फाइबर युक्त खाद्यपदार्थों का इनटेक बढ़ा दें. फाइबर ग्लूकोस के अवशोषण को बेहतर बनाता है. रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए.
जंक और प्रोसैस्ड फूड्स के सेवन से बचें क्योंकि इन में कैलोरी की मात्रा काफी अधिक होती है और पोषकता बिलकुल नहीं होती. इन का ग्लाइसेमिक इंडैक्स भी अधिक होता है, जिस से इन्हें खाने के बाद रक्त में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ सकता है. चीनी, तलीभुनी चीजों, लाल मांस, चायकौफी, तंबाकू, शराब आदि के सेवन से बचें.
लाइफस्टाइल
अगर आप को डायबिटीज हो गई है तो अपने जीने के अंदाज में थोड़ा सा बदलाव लाएं. ये छोटेछोटे बदलाव आप के रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में काफी सहायता कर सकते हैं.
अनुशासित जीवनशैली अपनाएं
अनुशासित जीवनशैली का पालन करें. नियत समय पर सोएं, जागें और खाएं. पेशेवर और पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखें. गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल से बचें. 7-8 घंटे की नींद लें. दिन में 3 बार मेगा मील खाने के बजाय 6 बार मिनी मील खाएं.
टीवी के सामने बैठ कर कभी न खाएं. इस से आप ओवर ईटिंग का शिकार हो सकती हैं. रात को सोने से 2 घंटे पहले खाना खा लें. रात को खाना खाने के बाद 15 मिनट टहलें. इस से पाचन भी अच्छा होगा और सुबह शुगर का स्तर भी सामान्य रहेगा.
नियमित रूप से वर्कआउट करें
अपनी शारीरिक सक्रियता बढ़ा दें. रोज 40-45 मिनिट अपना मनपसंद वर्कआउट करें. आप ऐरोबिक्स, साइक्लिंग, स्विमिंग, रनिंग, जौगिंग, वाकिंग आदि कर सकती हैं. नियमितरूप से वर्कआउट करने से वजन भी नहीं बढ़ेगा और रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी. वर्कआउट का रक्त में शुगर के स्तर पर 12 घंटे तक प्रभाव रहता है.
तनाव से दूर रहें
मानसिक तनाव से बचें. तनाव के कारण रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है. कुछ महिलाएं मानसिक तनाव के कारण इमोशनल ईटिंग की शिकार हो जाती हैं, जो वजन और रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने का कारण बन जाता है. मस्तिष्क को शांत रखने के लिए मनपसंद संगीत सुनें, किताबें पढ़ें या अपना कोई और शौक पूरा करें.
वजन न बढ़ने दें
मोटापे के कारण इंसुलिन की कार्यक्षमता कम हो जाती है. मोटी महिलाओं के शरीर में इंसुलिन होता तो है, लेकिन काम नहीं कर पाता, जिस से शुगर का स्तर बढ़ जाता है. वजन कम होने से इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ती है. अपना स्वस्थ वजन बनाए रखें. अगर वजन अधिक है तो उसे कम करने का प्रयास करें.
अगर रोजाना आप अपनी जरूरत से 100-150 कैलोरी का इनटेक कम करेंगी तो 1 साल में बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के अपना वजन 9-10 किलोग्राम तक कम कर लेंगी.
दवा समय पर लें
अगर डाक्टर ने कोई दवा या इंसुलिन का इंजैक्शन लेने की सलाह दी है तो उसे नियमित समय पर लें. अपने डाक्टर के संपर्क में रहें.
ध्यान रहे
डायबिटीज के मरीजों के लिए डेल्ही डायबिटीज रिसर्च सैंटर द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी मरीज जिन्हें डायबिटीज है उन्हें अपना ब्लड प्रैशर 130/80 से कम रखना चाहिए और खाली पेट रक्त में शुगर की मात्रा 110 मिलीग्राम और खाना खाने के 2 घंटे बाद 150 मिलीग्राम से कम रखें.
सब से जरूरी है महिलाएं अपनी कमर का घेरा 32 इंच से कम रखें. बुरे कोलैस्ट्रौल (एलडीएल) को 100 से कम और अच्छे कोलैस्ट्रौल (एचडीएल) 50 से अधिक रखें. ये सभी सावधानियां डायबिटीज के मरीजों को लंबा और सामान्य जीवन जीने में सहायक होती हैं.
-डा. ए.के. झिंगन
चेयरमैन, डेल्ही डायबिटीज रिसर्च सैंटर, नई दिल्ली.