आजकल देशभर में कैशलेस ट्रांजेक्शन को काफी बढ़ावा दिया जा रहा. सरकार भी डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार प्रसार में लगी है. लोगों को इस बारे में जागरुक करने के लिए टीवी, अखबार जैसे माध्यमों पर विज्ञापनों की लंबी फेहिस्त लगी है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि डिजिटल ट्रांजेक्शन के क्या फायदे होते हैं. और क्यों हमें कैश ट्रांजेक्शन से अधिक डिजिटल लेनदेन करनी चाहिए.
अच्छी सुविधा है डिजिटल ट्रांजेक्शन
डिजिटल ट्रांजेक्शन बेहद ही सुविधाजनक और आसान तरीका है लेनदेन का. इस माध्यम से सारे लेनदेन काफी आसानी से होते हैं. आप कहीं भी जाएं कैश की टेंशन से दूर रहें. इसके माध्यम से पेमेंट और बिल प्राप्त करना सब आसान हो जाता है.
सुरक्षित होता है डिजिटल ट्रांजेक्शन
अगर आप कैश रखती हैं और आपका पर्स गुम हो जाता है तो उसका वापस मिलना नामुंकिन होता है. जबकि डिजिटल पेमेंट में ऐसा नहीं है. अगर आपका कार्ड खो जाए तो आप उसे ब्लौक करा सकती हैं. या फिर कोई ऐसा लेनदेन जिसमें आपसे गलती से शुल्क लिया गया है उस पर आप दावा भी ठोक सकती हैं. यदि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है और आप समय पर इसकी रिपोर्ट करते हैं, तो वापस आपको वह राशि मिलने की संभावना रहती है.
मिलते हैं वित्तिय लाभ
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैशबैक जैसे कई औफर्स दिए जा रहे हैं. जैसे कार्ड से पेमेंट करने पर पेट्रोल खरीदने पर छूट, रेल टिकट पर छूट, बीमा खरीदने जैसे कई छूट मिलते हैं. ई-वालेट कंपनियां कैशबैक औफर, रिवार्ड पौइंट्स भी देती हैं.
नहीं होता फाइनेंशियल खतरा
भारत जैसे देश में जहां हर छोटे बड़े काम के लिए अधिकारियों को पैसा खिलाना पड़ता है. योजनाओं के लाभ का भी आधे से ज्यादा पैसा सरकारी अधिकारी खा जाते हैं. ऐसे में डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) से लाभार्थी तक पहुंचने वाले पैसे में भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रह जाती है.