हाल के वर्षों में ऐसी युवा महिलाओं की संख्या काफी बढ़ रही है जिन में ओवेरियन रिजर्व तेजी से कम हो रहा है. आमतौर पर यह समस्या उम्रदराज महिलाओं में देखी जाती थी. ओवेरियन रिजर्व का मतलब किसी महिला के अंडाशय में एग्स की क्वालिटी और उन की संख्या से है. ओवेरियन रिजर्व के कम होने का अर्थ है एग्स की निर्माण क्षमता का घट जाना, जोकि प्रजनन को काफी प्रभावित कर सकता है.
डाक्टर्स का कहना है कि यह रोग न केवल महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि आज के दौर में प्रजनन स्वास्थ्य को ले कर भी महत्त्वपूर्ण सवाल भी खड़े करता है.
क्या होता है ओवेरियन रिजर्व
ओवेरियन रिजर्व किसी भी महिला के प्रजनन स्वास्थ्य का अहम हिस्सा है. सामान्यतौर पर महिलाएं 20 लाख एग्स की सीमित संख्या के साथ पैदा होती हैं. यौवन अवस्था तक लगभग 300,000 से 400,000 एग्स के साथ यह संख्या समय के साथ धीरेधीरे घटती जाती है. हर मासिकचक्र के साथ एग्स का एक समूह तैयार हो जाता है, लेकिन इस में से केवल एक ही ओव्युलेट हो पाता है. वहीं अन्य डिजेनरेशन की स्वाभाविक प्रक्रिया में चली जाते हैं, जिसे एट्रेसिया कहा जाता है.
जैसेजैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है उन के एग्स की संख्या और गुणवत्ता कम होने लगती है. जब तक महिलाएं अपने 30वें और 40 की शुरुआती उम्र में पहुंचती हैं, ये गिरावट और भी स्पष्ट हो जाती है. इस वजह से कई बार गर्भधारण करने में समस्या पेश आती है. हालांकि, अब महिलाओं में उन के 20वें और 30 के शुरुआती वर्षों में ही ओवेरियन रिजर्व कम होने की समस्या बढ़ रही है. इस प्रवृत्ति का परिवार नियोजन पर काफी गहरा असर पड़ता है.
महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व के कम होने की वजह
ओवेरियन रिजर्व के समय से पहले कम होने के कई सारे कारण हैं. उन में से सबसे अहम है अनुवांशिक कारण. कुछ महिलाओं में एग्स की कम संख्या या तेजी से एग कम होने की आनुवांशिक प्रवृत्ति होती है. समय से पहले मेनोपौज या प्रजनन से जुड़ी समस्याएं इस खतरे का सब से बड़ा सूचक हो सकती हैं. इस में
जीवनशैली से जुड़े कारक अहम भूमिका निभाते हैं.
जैसे धूम्रपान को एग्स के कम होने की गति को तेज करने के लिए जाना जाता है और इस का संबंध ओवेरियन रिजर्व के कम होने से है. इस के साथ ही पर्यावरण में मौजूद टौक्सिंस जैसे कुछ कैमिकल्स और प्रदूषक अंडाशय के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं.
ऐंडोमेट्रियोसिस, ओवरी की सर्जरी या कैंसर के लिए की गई कीमोथेरैपी जैसी चिकित्सकीय परिस्थितियों की वजह से भी ओवेरियन रिजर्व कम हो सकता है. कुछ मामलों में औटोइम्युन डिसऔर्डर में शरीर गलती से अपने ही ओवरी के टिश्यू पर हमला करने लगता है, जिस से एग्स की संख्या कम होने लगती है.
ओवेरियन रिजर्व का कम होना कैसे प्रजनन को प्रभावित कर सकता है
ओवेरियन रिजर्व के कम होने का कतई मतलब नहीं है कि महिला गर्भधारण नहीं कर सकती है, लेकिन यह स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने की संभावना को कम कर सकता है और इनविट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी अस्सिटेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलौजीज (एआरटी) में अवरोध पैदा कर सकता है.
जिन महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व कम होता है, उन में अकसर प्रजनन की दवाएं अपना असर कम दिखाती हैं. इस की वजह से आईवीएफ साइकिल के दौरान कम एग्स मिल पाते हैं.
इस के अलावा एग्स की खराब गुणवत्ता की वजह से गर्भपात होने का खतरा भी जुड़ा होता है. इन समस्याओं का काफी गहरा मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक प्रभाव पड़ सकता है और प्रजनन समस्याओं को संभालने में और भी तनाव पैदा कर सकता है.
समय पर पहचान और परीक्षण
निम्न ओवेरियन रिजर्व के बारे में समय पर पहचान कर लेना उन महिलाओं में जरूरी होता है जोकि भविष्य में गर्भधारण की योजन बना रही हैं.
कुछ जांचों की मदद से ओवेरियन रिजर्व का पता लगाया जा सकता है, जिस में ऐंटी मुलेरियन हारमोन (एएमएच) टेस्ट शामिल है. ये ओवेरियन फौलिकल्स द्वारा निर्मित होने वाले हारमोन के स्तर का पता लगाता है.
एएमएच के स्तर का कम होना घटे हुए ओवेरियन रिजर्व की तरफ इशारा करता है. सामान्यरूप से इस्तेमाल होने वाला एक और टेस्ट है ऐंट्रल फौलिकल काउंट (एएफसी). यह अल्ट्रासाउंड पर आधारित तरीका है जोकि मासिकचक्र की शुरुआत में अंडाशय में छोटे फौलिकल्स की संख्या गिनता है.
जिन महिलाओं को खतरा है या जिन के परिवार में प्रजनन संबंधी समस्याओं का इतिहास रहा है, उन्हें जल्द ही ये परीक्षण करवाने की सलाह दी जाती है. किसी महिला के ओवेरियन रिजर्व को जान लेने के बाद गर्भधारण की योजना के बारे में जानकारी से भरा निर्णय लेने में मदद मिल सकती है. इस की मदद से एग फ्रीजिंग जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है.
प्रजनन संरक्षण और उपचार के विकल्प
जिन युवा महिलाओं में निम्न ओवेरियन रिजर्व होने का पता चला है, उन के पास कई सारे विकल्प हैं. उसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन जिसे एग फ्रीजिंग के नाम से भी जाना जाता है, महिलाओं को युवावस्था में अपने एग्स संरक्षित रखने का अवसर देता है, जब एग्स की क्वालिटी ज्यादा बेहतर होती है. यह उन महिलाओं के लिए एक महत्त्वपूर्ण विकल्प हो सकता है, जोकि देरी से बच्चे पैदा करना चाहती हैं.
डोनर एग्स का भी इस्तेमाल
ऐसी महिलाएं जोकि सक्रिय रूप से गर्भधारण करने का प्रयास कर रही हैं, उन के लिए आईवीएफ जैसे प्रजनन उपचार को बेहतर परिणामों के हिसाब से तैयार किया जा सकता है. इस में ओवेरियन रिजर्व के कम होने पर भी फर्क नहीं पड़ता. कुछ मामलों में डोनर एग्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, खासकर यदि एग्स बेहद खराब हैं.
प्रजनन में चुनौतियां
युवा महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व का कम होना एक चिंताजनक प्रवृत्ति है जोकि जागरूकता तथा समय पर उपचार के महत्त्व को बताता है. वैसे तो इस समस्या की वजह से प्रजनन में चुनौतियां आ सकती हैं, यह काफी बड़ी रुकावट है. इस समस्या को समझ कर, समय पर जांच कराने और प्रजनन संरक्षण के विकल्पों के बारे में जानकर महिलाएं अपने प्रजनन स्वास्थ्य को सुरक्षित करने की दिशा में कदम उठा सकती हैं.
यदि आप प्रजनन को ले कर चिंतित हैं तो सलाह जरूर लें. आप के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आप के प्रजनन का भविष्य काफी अहम है. यदि आज आप इस का ख्याल रखती हैं तो कल काफी सुनहरा होगा.