ग्रे डिवोर्स! ये दो शब्द इन दिनों इंटरनेट पर छाए हुए हैं. अचानक से यह शब्द ट्रेंड में आया है बौलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन और एक्ट्रैस ऐश्वर्या राय के कारण. दरअसल, पिछले कुछ समय से बौलीवुड के इस पावर कपल की शादी को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. राधिका मर्चेंट और अनंत अंबानी की शादी में ऐश्वर्या व आराध्या बच्चन का अलग आना और बच्चन परिवार का एक साथ आना सभी की नजरों को खटक गया. इसके बाद अभिषेक और ऐश्वर्या के रिश्ते को लेकर कई प्रकार की अटकलें लगाई जाने लगीं. इसी बीच अभिषेक के एक लाइक ने इन अटकलों को और भी हवा दे दी. क्या है यह पूरा मामला, आइए जानते हैं.
दरअसल, पिछले दिनों अभिषेक बच्चन ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट को ‘लाइक’ किया था. यह पोस्ट ‘ग्रे डिवोर्स’ को लेकर थी. ऐसे में इस कपल के फैंस के साथ ही तमाम मीडिया में अभिषेक और ऐश्वर्या के तलाक की बातों को बल मिल गया. लोग सोचने लगे कि इस जोड़े के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालांकि इससे ‘ग्रे डिवोर्स’ को लेकर भी लोगों की जिज्ञासा बढ़ने लगी. तभी से ग्रे डिवोर्स ट्रेंड में आ गया है.
यह है ग्रे डिवोर्स
वैसे तो ग्रे डिवोर्स तलाक ही है. लेकिन इसमें कुछ अलग भी है. दरअसल, जब कोई कपल 50 या इससे ज्यादा की उम्र के बाद तलाक का फैसला लेता है तो उसे ग्रे डिवोर्स कहा जाता है. यानी इस तलाक में एक कपल सालों के साथ के बाद अलग होने का फैसला करता है. ‘ग्रे’ शब्द उनकी उम्र को दर्शाता है. यानी जिस उम्र में लोगों के बालों में सफेदी आने लगती है, उसमें वे तलाक का फैसला लेते हैं तो यह ग्रे डिवोर्स की श्रेणी में आता है. सालों पहले तक माना जाता था कि बड़ी उम्र में तलाक लेना अच्छा नहीं होता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में भारत सहित दुनियाभर में ग्रे डिवोर्स का चलन बढ़ा है.
ग्रे डिवोर्स की हैं कई चुनौतियां
ग्रे डिवोर्स एक बड़ा फैसला है, जिसकी अपनी चुनौतियां हैं. सबसे पहले तो सालों के साथ के बाद अलग होने का फैसला लेना एक मुश्किल काम है. क्योंकि शादी के कई सालों में लोगों को एक दूसरे की आदत हो जाती है. इसी के साथ बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ने लगती हैंं. यही वो समय होता है जब कपल को एक-दूसरे की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. इसी के साथ रिटायरमेंट, पेंशन, निवेश आदि को लेकर भी यह दौर महत्वपूर्ण होता है. बड़ी उम्र में फाइनेंशियल सिक्योरिटी भी एक बड़ी चिंता रहती है.
ग्रे डिवोर्स के पीछे हैं कई कारण
ग्रे डिवोर्स के पीछे कोई एक कारण नहीं होता, बल्कि कई फैक्टर्स के कारण कपल इस फैसले को लेते हैं.
एमटी नेस्ट सिंड्रोम : कोई भी कपल जब पेरेंट बनता है तो उसकी पहली प्राथमिकता उसके बच्चे हो जाते हैं. कई बार मतभेद और मनभेद होने के बावजूद कपल्स बच्चों के भविष्य को देखते हुए अलग नहीं होते. लेकिन 50 की उम्र के बाद आमतौर पर बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करके करियर बनाने की राह पकड़ लेते हैं. कई बार वे घर से दूर जाकर नौकरी करते हैं. ऐसे में कपल्स को लगता है कि अब उनके पास कोई साझा टारगेट नहीं रह गया है. यही कारण है कि वे अलग होने का फैसला ले लेते हैं.
वित्तीय स्वतंत्रता : कुछ सालों पहले तक महिलाएं घर की चारदीवारी में रहती थीं. ऐसे में वे वित्तिय तौर पर आत्मनिर्भर नहीं होती थीं. यही कारण था कि वे चाहते हुए भी पार्टनर से अलग नहीं हो पाती थीं. लेकिन पिछले कुछ सालों में यह तस्वीर बदल गई है. अब महिलाएं नौकरीपेशा होती हैं और आर्थिक रूप से मजबूत होती हैं. ऐसे में वे अनचाहे रिश्ते का बोझ नहीं उठाना चाहती हैं और अलग होने का फैसला ले लेती हैं.
रिटायरमेंट : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कपल्स के पास एक दूसरे के लिए भी भरपूर समय नहीं होता. ऐसे में बहुत ही कम समय साथ बिता पाते हैं. लेकिन कई बार रिटायरमेंट के बाद कपल्स एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा समय बिताने लगते हैं, जिससे उनके बीच मतभेद बढ़ने लगते हैं. इसी के कारण वे अलग होने का फैसला ले लेते हैं.