शाहरुख खान का अहम या उनकी अति महत्वाकांक्षी व्यावसायिकता ने डुबायी फिल्म ‘‘डंकी’’

जब इंसान अपने अंदर की खूबी या यॅूं कहें कि अपने अंदर की क्षमता का उपयोग गलत मंशा से करना शुरू करता है,तो वह कालीदास की तरह उसी डाली को काटने लगता है,जिस पर वह खुद बैठा होता है.कम से कम फिल्म ‘डंकी’ के साथ जो कुछ हुआ,उसे देखते हुए यह बात शाहरुख खान पर एकदम सटीक बैठती है.

शाहरुख खान एक अच्छे कलाकार ही नही बल्कि एक बेहतरीन व्यावसायी भी हैं.अपनी इसी व्यावसायिक बुद्धि का उपयोग कर शाहरुख खान ने ‘पठान’ और ‘जवान’ को पांच सौ करोड़ कमाने वाली फिल्मों में शामिल कर दिया.जबकि सिनेमाघर खाली थे.मगर तीसरी बार फिल्म ‘डंकी’ को रिकार्ड तोड़ सफलता वाली फिल्म साबित कराने में वह मात खा गए.इसकी मूल वजह उनका अहम और अपने व्यावसायिक फायदे के लिए दूसरे को तबाह करने की नीति उन्हे ले डूबी.शाहरुख खान ने अपनी फिल्म ‘‘डंकी’’ को सफलतम फिल्म साबित करने के सारे हथकंडे अपना लिए. फिर भी ‘डंकी’ बाक्स आफिस पर कारनामा नही कर सकी. शाहरुख खान की फिल्म ‘‘डंकी’’ 21 दिसंबर,गुरूवार को प्रदर्शित हुई थी.फिल्म का पहला षो सुबह छह बजे से शुरू हुआ था.पूरा दिन ‘डंकी’ को चुनौती देने वाली एक भी फिल्म नहीं थी.इसके बाद शनीवार,रवीवार व सोमवार की छुट्टी भी मिली.पर ‘डंकी’ छह दिन में सिर्फ 140 करोड़ ही कमा सकी.विश्वस्तर पर छह दिन में ‘डंकी’ दो सौ छप्पन करोड़ कमा सकी.यह आंकड़े भी निर्माता के दिए हुए हैं.हम सभी जानते हंै कि हर निर्माता अपनी फिल्म के बाक्स आफिस आंकड़े बढ़ा कर ही बताता है.तो वहीं ‘सलार’ को डुबाने के शाहरुख खान की तमाम कोशिशों के बावजूद ‘सलार’ 22 दिसंबर,शुक्रवार को प्रदर्शित हुई.जबकि ‘सलार’ ने महज पांच दिन के अंदर ही दो सौ अस्सी करोड़ से अधिक कमा लिए.तो वहीं विश्वस्तर पर ‘सलार’ ने पांच दिन में लगभग पांच सौ करोड़ से अधिक कमा लिए.

‘सलार’ को डुबाने में विफल शाहरुख खान ने अपनी हरकतों से अपनी फिल्म ‘‘डंकी’’ को डुबा दिया.फिल्म ‘डंकी’ की लागत ढाई सौ करोड़ बतायी जा रही है.जबकि यह फिल्म छह दिन में लागत से आधी रकम ही जुटा सकी है.इसके लिए पूरी तरह से शाहरुख खान और इसके वितरक पैन मरूधर कंपनी के जयंतीलाल गाड़ा है.

सूत्रों पर यकीन किया जाए तो व्यवसाय में माहिर षाहरुख खान ने ‘डंकी’ को हिट साबित कराने व ‘सलार’ को डुबाने के लिए कई स्तर पर काम किया.सबसे पहले अपनी फिल्म ‘‘डंकी’’ का सोषल मीडिया के अलावा कोई प्रचार नही किया,मगर  प्रचार में लगने वाली राषि कुछ बड़े मीडिया घरानों, एफएम रेडियो व कुछ यूट्यूबरों को इस षर्त पर दिया कि वह उनकी फिल्म ‘डंकी’ की हर हाल में प्रषंसा करेंगे.परिणामतः ऐसे मीडिया घराने व यूट्यूबरों ने एक माह पहले से ही चिल्लाना षुरू कर दिया था कि ‘डंकी’ इस साल हजार करोड़ से अधिक कमा कर सारे रिर्काड तोड़ देगी.जबकि वाहियात फिल्म ‘डंकी’ तो छह दिन बाद भी दो सौ करोड़ का आंकड़ा नहीं छू पायी है.

इन मीडिया घरानों,चाटुकार फिल्म क्रिटिक्स व यूट्यूबरों ने 21 दिसंबर को जब फिल्म ‘डंकी’  देखकर निकलने वाला दर्षक फिल्म को गालियां देते हुए अपनी टिकट के पैसे वापस मांग रहा था,तब भी यह फिल्म क्रिटिक्स व यूट्यूबर ‘डंकी’ को चार व साढ़े चार स्टार देते हुए अखबारो में अपने नाम का विज्ञापन छपवा रहे थे.कुछ यूट्यूबर तो पैसे लेकर इतना बिक गए कि वह छठे दिन भी ‘सलार’ की बनिस्बत ‘डंकी’ को ज्यादा अच्छी व सफल फिल्म होने का दावा कर रहे हैं.

दूसरा कदम उठाते हुए षाहरुख खान ने अलग अलग दिनों में मुंबई के ताज लैंड होटल में देश भर के अपने फैंस क्लब के पदाध्किारियों,कारपोरेट जगत व ब्रांड के प्रतिनिधियों तथा देश भर के फिल्म वितरक व एक्जबीटरों संग बैठक की.इन सभी को एक रणनीति समझायी गयी.फैंस क्लब और कारपोरेट ने ‘डंकी’ के टिकट एडवांस में बल्क में खरीदकर बताना षुरू कर दिया. परिणामतः पहले दिन थिएटर के सामने हाउस फुल का बोर्ड था,पर अंदर बामुष्किल दस प्रतिशत दर्शक ही थे.इतना ही नही शाहरुख खान ने अपनी फिल्म ‘डंकी’ को शुक्रवार 22 दिसंबर की बजाय 21 दिसंबर गुरूवार को ही प्रदर्षित कर दिया.इसके अलावा हर वितरक व एक्जीबीटर से कहा गया कि ‘सलार’ को किसी भी सिंगल थिएटर में एक भी षो नही मिलने चाहिए.मल्टीप्लैक्स में कम से कम शो ‘सलार’ को दिए जाएं.इस बात पर मुंबई के मशहूर वितरक व एक्जीबीटर, मराठी मंदिर और सिनेमा के मालिक मनोज देसाई ने अपनी नाराजगी भी जताई और बाकायदा मीडिया में घोषणा की कि वह 22 दिसंबर को ‘मराठी मंदिर’ तथा गेईटी ग्लैक्सी में ‘सलार’ जरुर दिखाएंगे.पर शाहरुख खान व पेन मरूधर कंपनी के कर्ताधर्ता जयंतीलाल गाड़़ा अपनी जिद पर अड़े रहे.उन्हे पीवीआर मल्टीप्लैक्स व मीराज सिनेमा का समर्थन मिला.‘डंकी’ की एडवांस बुकिंग 15 दिसंबर से ही षुरू हो गयी थी,पर ‘सलार’ की एडवांस बुकिंग भी षुरू नही होने दी गयी.

अंततः फिल्म ‘सलार’ के निर्माताओं ने विरोध स्वरुप बड़ा कदम उठाते हुए दक्षिण भारत में ‘पीवीआर मल्टीप्लैक्स’ और ‘मीराज’ सिनेमा को ‘सलार’ न देने का ऐलान कर दिया.जिसे मनोज देसाई ने बहुत बड़ा व सही कदम ठहराते हुए अभिनेता प्रभास की तारीफ की.निर्माता की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार 21 दिसंबर को ‘डंकी’ ने रो धोकर महज 28 करोड़ ही कमाए.अपनी फिल्म की इतनी बुरी गति और मनोज देसाई की धमकी के आगे झुकते हुए 21 दिसंबर की रात साढ़े आठ बजे ‘सलार’ की एडवांस बुकिंग षुरू की जा सकी.

22 दिसंबर को ‘सलार’ प्रदर्षित हुई.मनोज देसाई ने मुंबई के सिंगल थिएटर ‘मराठा मंदिर’ में ‘डंकी’ की बजाय ‘सलार’ लगाई और सभी षो हाउस फुल रहे.जबकि गेईटी ग्लैक्सी में दो षो लगाए थे,वह भी ‘हाउस फुल रहे.षाहरुख खान के चाटुकार यूट्यूबर व कई चैनल गला फाड़ फाड़कर ‘सलार’ को घटिया फिल्म बताते रहे.मगर थिएटर से निकलने वाला दर्शक ‘डंकी’ की बजाय ‘सलार’ की ही तारीफ कर रहा था.जब आंकड़े आए तो ‘सलार’ने पहले ही दिन नब्बे करोड़ से अधिक कमा लिए थे.पांच दिन के बाद ‘सलार’ अपनी लागत की दोगुनी रकम कमा चुकी है. माना कि ‘सलार’ भी बहुत अच्छी फिल्म नही है.इसकी कहानी काफी जटिल हैं.फिर भी फिल्म के एक्षन दृष्य काफी अच्छे हैं.इतना ही नहीं ‘डंकी’ के मुकाबले ‘सलार’अच्छी कही जाएगी.लेकिन ‘डंकी’ में कोई दम नही है.

इतना ही नही शाहरुख खान ने वर्तमान सरकार की तरह ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ तथा ‘हिंदी’ बनाम दक्षिण की भाषाओं की बात करते हुए लोगो से आव्हान किया कि हिंदी भाषी दर्षकों को बौलीवुड फिल्म ‘डंकी’ का समर्थन करना चाहिए.यह बात भी दर्शक को पसंद नही आयी.क्योंकि इन दिनों दर्शक क्षेत्रीय सिनेमा को ज्यादा पसंद कर रहा है.कुल मिलाकर शाहरुख खान ने जितने कदम उठाए,वह कदम उनके लिए ही नुकसान का सबक बन गए. अंदरूनी सूत्र दावा कर रहे हैं कि शाहरुख की इस हरकत से तो कारपोरेट जगत भी अंदर से उनका दुष्मन बन गया है,पर वह चुप है. लेकिन ‘डंकी’ से शाहरुख खान को जबरदस्त चोट लगी है.लोग उनकी अभिनय प्रतिभा पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं.

‘मराठा मंदिर’ और ‘गेईटी ग्लैक्सी’ के मालिक तथा एक्जबीटर मनोज देसाई तो शाहहरुख खान व पेन मरूधर के जयंतीलाल गाड़ा से काफी नाराज हैं.वह कहते हैं- ‘‘षाहरुख खान से मेरे अच्छे संबंध रहे हैं. इसके बावजूद उसने जो कुछ किया,वह गलत है.मैने ‘मराठा मंदिर’ में डंकी लगाने के लिए जो एडवांस रकम उन्हे दी थी,वह कब वापस मिलेगी या वापस नहीं मिलेगी,पता नहीं.पर सच यही है कि ‘डंकी’ अच्छी फिल्म नही है.‘सलार’ बहुत अच्छी फिल्म है.मैंने खुद दर्शकों को  फिल्म देखकर निकलते हुए ‘सलार’ की प्रषंसा करते हुए सुना.‘डंकी’ के शो खाली रहे,पर ‘सलार’ के सभी षो हाउस फुल जा रहे हैं.हमने ‘सलार’ से कमाई की.‘मराठा मंदिर’ में तीनों शो में हमने ‘सलार’ लगा रखा है.जबकि ‘गेईटी ग्लैक्सी’ मल्टीप्लैक्स में सलार व डंकी दोनो लगायी है,पर हम ‘सलार’ से कमा रहे हैं.प्रभास ने अच्छा काम किया है.आम दर्षक ‘सलार’ की ही तारीफ कर रहा है.आम जनता को ‘डंकी’ पसंद नही आ रही है. शाहरुख खान या राज कुमार हिरानी तो हमें फिल्म बेचकर कमा कर बैठ गए हैं.नुकसान तो हमें यानी कि एक्जबीटर को हो रहा है.हमारे पैसे तो वापस मिलने से रहे.‘सलार’ के अभिनेता प्रभास एक्स्ट्रा ऑर्डीनरी इंसान व कलाकार है.उन्होने हैदराबाद व चेन्नई में मिराज सिनेमा ग्रुप व ‘पीवीआर’ को ‘सलार’ न देने का ऐलान कर जो कदम उठाया वह बहुत सराहनीय कदम रहा.मैं तो प्रभास के इस कदम से बहुत खुष हुआ.किसी को भी दादागीरी नही करनी चाहिए.पेन मरुधर ने तो अनप्रोफेेषनल रवैय्या अपनाया.ऐसा किसी को नही करना चाहिए.अब आप खुद सोचिए कि मल्टीप्लैक्स होते हुए भी हमें ‘सलार’ की बुकिंग नही खोलने दी.गुरूवार की रात साढ़ेे आठ बजे बुकिंग खोलने दी.यह कितना गलत तरीका रहा.इससे षाहरुख खान को ही चैतरफा नुकसान हुआ है.मैं तो जयंतीलाल गाड़ा से कहना चाहॅंूगा कि इस तरह से थिएटर के साथ चीटिंग मत करो.यह पब्लिक सब जानती है.हमें तो पब्लिक की ही बात माननी है.‘सलार’ तो प्रोफेषनल इंसान अनिल थडानी के पास है.उसने एकदम सही काम किया.’’

‘पेन मरूधर’ के जयंतीलाल गाड़ा गुजराती हैं और बार बार दोहराते रहते हैं कि हर रचनात्मक काम को लोगों तक पहुॅचाने के लिए गुजराती का साथ जरुरी है.यही बात उन्होने फिल्म‘ में अटल हॅूं’ ट्रेलर लांच पर भी कही.

बहरहाल,‘डंकी’ को लेकर शाहरुख खान बतौर कलाकार व व्यवसायी विफल रहे.शायद उन्हे किसी ने यह नही बताया था कि जिससे मुकाबला हो,उससे जीत हासिल करने के लिए उसकी लकीर से बड़ी अपनी लकीर खींचनी चाहिए, न कि सामने वाले की लकीर को काटकर छोटा कर अपनी लकीर को बड़ा बताने का प्रयास करना चाहिए.जो ऐसा करते हैं,वह औंधे मुंह ही गिरते हैं.

Dunki Movie Review: खोदा पहाड़ निकली मरी हुई चुहिया..

रेटिंग: पांच में से एक स्टार

 निर्माताः रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, जियो स्टूडियोज, राज कुमार हिरानी फिल्म्स

लेखकःअभिजीत जोषी,राजकुमार हिरानी व कनिका ढिल्लों

निर्देशकः राज कुमार हिरानी

कलाकारःशाहरुख खान,विक्रम कोचर, विक्की कौशल, बोमन ईरानी, अनिल ग्रोवर, तापसी पन्नू, देवेन भोजानी,ज्योति सुभाष, अरूण बाली, अमर दीप झा

अवधिः दो घंटा 41 मिनट

फिल्म ‘डंकी’ के लेखक व निर्देशक ने इस फिल्म में इतनी गलतियां की हैं कि यह यकीन ही नही होता कि इस फिल्म के निर्देशक व सह लेखक राज कुमार हिरानी ने ही इससे पहले मुन्ना भाई एमबीबीएस’’, ‘‘लगे रहो मुन्नाभाई’,‘थ्री ईडिएट्स’, ‘पीके’ और ‘संजू’ जैसी फिल्में निर्देशित की थी? फिल्म ‘डंकी’ देखने के बाद दिमाग में एक ही बात आती है कि ‘डंकी’ से पहले राज कुमार हिरानी ने जितनी भी फिल्में निर्देशित की थीं,उनमें परोक्ष या अपरोक्ष रूप से विधु विनोद चोपडा का बहुत बड़ा योगदान रहा है.विधु विनोद चोपड़ा से अलग होकर राज कुमार हिरानी ने शाहरुख खान जैसे स्टार के साथ फिल्म ‘डंकी’ बनाकर अपने व शाहरुख खान के कैरियर पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया.‘पठान’ व ‘जवान’ के बाद ‘डंकी’ में एक बार फिर शाहरुख खान आर्मीमैन की भूमिका में हैं.तो वहीं राज कुमार हिरानी ने ‘थ्री ईडिएट्स’ और ‘पीके’ के कुछ दृश्यो को चुराकर फिल्म ‘डंकी’ में भी जबरन ठॅूंस दिया है.यह फिल्म बहुत बडी टार्चर / सिरदर्द है.उपर से शाहरुख खान और राज कुमार हिरानी दोनों का अहम उन पर इतना हावी है कि वह भी देश की वर्तमान सरकार की ही तरह वितरकों,सिनेमाघर मालिकों को धमकाते हुए जिस तरह से देश को उस वक्त दक्षिण व हिंदी सिनेमा के तोर पर बांटा है,जब ‘पैन इंडिया सिनेमा’ की बात की जा रही हो,यह अति अशोभनीय कृृत्य है.

हम बता दें कि हरियाणा और पंजाब में ‘डंकी मारना’ बहुत प्रचलित शब्द है.लोग बिना आवश्यक कानूनी काजात के गलत राह से चलकर विदेश पहुॅचने का प्रयास करते हैं,जिसे ‘डंकी मारना’ कहा जाता है.ऐसा कृत्य करने वाले पचहत्तर प्रतिशत लोग इंग्लैंड या अमरीका पहुॅचने से पहले ही मौत की नींद सो जाते हैं,उनके बारे में किसी को कुछ पता चही चलता.बाकी 25 प्रतिशत जो पहुॅच जाते हैं, वह विदेशो में नारकीय जिंदगी ही जीते हैं.फिल्म ‘डंकी’ की कहानी इसी पर है,मगर विषयवस्तु के साथ निर्देशक, एडीटर व सह निर्माता राज कुमार हिरानी तथा अभिनेता व सह निर्माता शाहरुख खान किसी भी स्तर पर न्याय नहीं कर पाए.

कहानीः

यह कहानी पंजाब के एक काल्पनिक गांव ललाटू से शुरू होती हैं.जहां युवा पीढ़ी कठिन जीवन व गरीबी से छुटकारा पाने के लिए यूके जाना चाहते हैं.यह लोग यूके का वीजा पाने की समस्या को छोटे-मोटे एजेंटों के माध्यम से सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं.इसी गांव में एक दिन पठानकोट निवासी पूर्व सैनिक हरदयाल सिंह ढिल्लों उर्फ हार्डी (शाहरुख खान) पहुंचता है.जहां उनकी मुलाकात  ललाटू,पंजाब निवासी मन्नू (तापसी पन्नू), बुग्गू (विक्रम कोचर) और बल्ली (अनिल ग्रोवर) हैं.इन सभी की अपनी अपनी समस्याएं हैं.यह सभी इग्लैंड जाने के लिए वीजा चाहते हैं,मगर इन्हे वीजा नही मिलता.बुग्गू तो अपनी मां की गाढ़ी कमाई के डेढ़ लाख रूपए भी गंवा बैठता है.ललाटू में सुखी मंगल (विक्की कौशल) भी हैं,जो लंदन के वीजा के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं.उन्हें अपनी प्रेमिका को वहां से सकुशल वापस लेकर आना है.पर उसे आत्महत्या करने का रास्ता अपनाना पड़ता है.उसके बाद यह चारों गांव के दो युवाओं व चमेली को भी अपने साथ लेकर डंकी के रास्ते इंग्लैंड पहुॅचने के लिए निकलते हैं.मगर पानी के अंदर व जमीन के खतरनाक रास्तों पर चल अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की होते हुए इंग्लैंड हार्डी,मन्नु,बुग्गूव बल्ली ही लंदन पहुॅच पाते हैं.

लेखन व निर्देशनः

अंग्रेजी भाषा में बात करने की समस्याएँ, व्यंग्यपूर्ण साक्षात्कार, अस्वीकृतियाँ, क्लासिक सब कुछ परोसा गया है.राज कुमार हिरानी की पिछली सफल फिल्मों को देखकर सभी यही कहेंगे कि इस तरह की चीजों को सहजता से अपनी शानदार कहानी में गंूठने में राज कुमार हिरानी को तो महारत हासिल है.मगर अफसोस फिल्म ‘डंकी’ में राज कुमार हिरानी बुरी तरह से मात खा गए हैं.राजकुमार हिरानी ने अपनी खासियत के अनुरूप इस फिल्म में भी  क्लासरूम, इंटरव्यू, हास्य, सादगी में हास्य जैसे कई दृश्य रखे हैं,पर हर दृश्य बहुत ही उछला हुआ है.कहीं कोई गहराई नही है.पूरी फिल्म में कहीं भी राज कुमार हिरानी के लेखन व निर्देशन की छाप नजर नही आती.

राज कुमार हिरानी और शाहरुख खान जिस वक्त ‘डंकी’ लेकर आए हैं,उस पर भी उंगली उठ रही है.क्योंकि भारत में वर्तमान भाजपा सरकार सीएए (  नागरिकता संशोधन अधिनियम), सीएबी(नागरिकता संशोधन विधेयक   ) को पारित कराने के लिए उत्सुक है. इसने पूरी तरह से समावेशी नहीं होने के कारण हंगामा खड़ा कर दिया,जो भारत के संविधान के खिलाफ है.

इस बार राज कुमार हिरानी ने चोरी करने में सारी हदें पार कर दी.अपनी पुरानी फिल्मों के दृष्य चुराने के साथ ही दूसरे सर्जक के भी दृश्य चुरा लिए.जिन लोगों ने एफसी मेहरा के सीरियल ‘‘जबान संभाल के’’ को देखा है,वह इस फिल्म में अंग्रेजी की कक्षा चला रहे गीतू गुलाटी (बोमन ईरानी)के साथ वाले दृष्यों को देखकर ‘जबान संभाल के’ को ही याद कर रहे थे.

कितनी अजीब बात है कि राजकुमार हिरानी को अपनी फिल्म ‘डंकी’ के समापन दृश्यों में मृत प्रवासियों की दुःखद वास्तविक तस्वीरें दिखानी पड़ीं,जिससे थिएटर से बाहर जाते समय दर्शक भावुक हो जाए.

यह वही राज कुमार हिरानी हैं,जिन्होने उस वक्त फिल्म ‘‘थ््राी ईडिएट्स’’ में 45-वर्षीय स्टार कलाकार आमीर खान को 20-वर्षीय छात्र के रूप में प्रस्तुत किया था,मगर ‘डंकी’ में वह शाहरुख खान को युवा पेश नही कर पाए,जबकि 15 साल बाद वीएफएक्स वगैरह की काफी अत्याधुनिक तकनीक भी आ गयी है.इससे शाहरुख खान की अभिनय की कमजोरी सामने आती है.कितनी अजीब बात है.राज कुमार हिरानी को यह भी नही पता कि एक फौजी को पता होता है कि गैर कानूनी तरीके से किसी भी देश की सीमा में घुसना कितना बड़ा अपराध है और उसकी कितनी बड़ी सजा है.मगर वह मन्नू,बुग्गू व बल्ली के साथ इस कृत्य को करता है.दूसरे देष के सैंनिकों की हत्याएं करता है.लेकिन इंग्लैंड में पहुॅचने के बाद अचानक एक आदर्शवादी भारतीय की तरह पेश आने लगते हैं.अदालत में बयान भी देते हैं कि उन्हे उनके भारत देश में कहीं कोई खतरा नही है..वगैरह वगैरह..क्या एक आदर्शवादी, कानून में यकीन करने वाला फौजी गैर कनूनी तरीके से कई देशों की सीमाएं पार कर इंग्लैंड जाएगा? वास्तव में यह शाहरुख खान व राज कुमार हिरानी के दोहरे व्यक्तित्व का परिचायक है.परिणामतः ‘डंकी’ महज हवा में ही बहती है.इसकी कहानी में कहीं कुछ भी ठोस नहीं है.

‘डंकी’ में न तो कहानी है,न पटकथा और न ही ऐसे संवाद हैं,जो दर्शकों को बांध कर रख सकें.फिल्म के घटनाक्रम विश्वसनीय नही बन पड़े हैं.

अभिनयः

फिल्म ‘डंकी’ में हार्डी के किरदार में शाहरुख खान हैं,मगर वह किसी भी दृश्य में हार्डी नजर ही नही आते.‘पठान’ व ‘जवान’ में वह कुछ विश्वसनीय लगे थे,पर यहां तो न वह लार्जर देन लाइफ हीरो हैं और न ही जमीन से जुड़े हुए हीरो हैं.अदालत में जब हार्डी कहता है कि वह अपने ‘वतन’ में खतरे में नही है,तो इस संवाद में जो वजन होना चाहिए था,वह नही है.ऐसा लगता है कि किसी ने उनके सिर पर बंदूक रखकर उनसे यह बुलावाया है.खैर,दर्शकों को इस बात से खुश होना चाहिए कि ‘पठान‘ और ‘जवान‘ के बाद ‘डंकी’ में शाहरुख एक बार फिर देशभक्त हैं,जो अपने देश, मौसा और सभी को गले लगाएंगे.2023 में ‘पठान’ हो या ‘जवान’ हो या ‘डंकी’ हर फिल्म में शाहरुख खान अभिनेता कम व्यवसायी के रूप मंे ही ज्यादा सामने आए हैं.इसके अलावा उन पर अहम भी हावी है.परिणामतः उनके अभिनय में निरंतर गिरावत आती जा रही है.फिल्म मन्नू के किरदार में इंटरवल से पहले तापसी पन्नू अपने अभिनय से प्रभावित करती हैं,मगर इंटरवल के बाद तो वह महज कैरीकेचर ही हैं.तापसी पन्नू ने बेमन ही काम किया है.सुखी के किरदार में विक्की कौशल ने जरुर बेहतरीन परफार्मेंस दी हैं.मगर इंटरवल से पहले ही उनका किरदार गायब हो जाता है.गुलाटी के किरदार मे बोमन इरानी भी अपनी छाप नही छोड़ पाए.

‘डंकी’ को सफल साबित करने के लिए शाहरुख खान किस हद तक खुद को गिराएंगे.?

इन दिनों शाहरुख खान खुद को संकट में घिरा हुआ महसूस कर रहे हैं.उनकी बेटी सुहाना खान की फिल्म ‘द आर्चीज’ को ‘नेटफ्लिक्स’ पर भी दर्शक नही मिल रहे हैं. उधर 21 दिसंबर को प्रदर्शित हो रही शाहरुख खान की अपनी फिल्म ‘‘डंकी’’ के ट्रेलर व गाने लोगों को पसंद नहीं आए. इससे शाहरुख खान अपना आपा खोते जा रहे हैं. तो वहीं फिल्म के निर्देशक और सह निर्माता राज कुमार हिरानी का कैरियर भी दांव पर लग चुका है. शाहरुख खान अपनी फिल्म ‘‘डंकी’’ को सफल बताने के लिए ‘पठान’ और ‘जवान’ वाले सारे हथकंडे अपनाने के बाद भी परेशान हैं. क्योकि 22 दिसंबर को ही दक्षिण के अभिनेता प्रभास की फिल्म ‘‘सालार’’ भी प्रदर्शित हो रही है.इसी के चलते अब शाहरुख खान सिनेमाघर मालिकों को धमका रहे हैं.

शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ की एडवांस बुकिंग सोमवार ,18 दिसंबर से शुरू हो चुकी है. शाहरुख खान ने एक दिन अपने फैंस क्लब संग और दूसरे दिन कुछ कारपोरेट वालों के साथ गुप्त बैठक कर उनसे ‘डंकी’ की टिकटें खरीदने की बात की. एडवांस बुकिंग शुरू होते ही सोमवार की शाम तक शाहरुख खान के एक फैंस क्लब ने घोषणा कर दी कि उस क्लब ने  मंुबई के गेइटी ग्लैक्सी मल्टीप्लैक्स की पहले दिन की सारी टिकटें खरीद ली हैं. इसे लेकर एक अलग हंगामा मच गया. क्योकि इस मल्टीप्लैक्स में ‘सालार’ को एक भी स्क्रीन्सं नही मिले.उधर पूरे देश के सिंगल थिएटरों  ने अभी तक एडवांस बुकिंग शुरू नही की है. सिंगल सिनेमाघरों में हर दिन केवल चार शो होते हैं. सिनेमाघर मालिक दो शो ‘डंकी’ और दो शो ‘सालार’ को देना चाहते हैं.लेकिन यह बात शाहरुख खान को पसंद नही है.सूत्रों की माने तो सिंगल थिएटर परेशान हैं. शाहरुख खान ने सिंगल थिएटर मालिकों को धमकी दी है कि अगर उन्होने अपने यहां एक भी शो ‘सालार’ को दिए,तो वह भविष्य में अपनी कोई फिल्म ‘सिंगल थिएटर’ को नही देंगे.जबकि सिंगल थिएटर मालिक चाहते है कि चार में से दो शो ‘डंकी’ और दो शो में ‘सालार’ दिखाएं. मगर शाहरुख इस बात के लिए तैयार नही हैं.शाहरुख खान की धमकी के चलते सिंगल थिएटर मालिक किसी भी फिल्म की एडवांस बुकिंग नही कर रहे हैं. लेकिन शाहरुख खान इस तरह नीचे गिर कर जो हरकत कर रहे हैं,वह तो ‘प्रतिस्पर्धा नियामक’ का भी उल्लंघन है. वास्तव में शाहरुख खान के इस कृत्य के पीछे उनका एक मकसद ‘सालार’ को नीचा दिखा है.दूसरी तरफ शाहरुख खान ने फैंस क्लब और कारपोरेट के आगे हाथ जोड़े,पर मंगलवार की देर रात तक उन्हे इसका सही परिणाम नजर नही आया.

उधर भारत में अपनी फिल्म की दुर्गति होते देख कर भी शाहरुख खान भारत में अपनी फिल्म का प्रचार नही कर रहे हैं.पर शाहरुख खान ने अपनी फिल्म की नायिका तापसी पन्नू व निर्देशक राज कुमार हिरानी के साथ बातचीत का लगभग आधे घंटे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया है.लेकिन वह ‘डंकी’ के लिए विदेशो में लमीन तलाशने के लिए दौड़ भाग कर रहे हैं.शाहरुख खान ने दुबई के बुर्ज खलीफा होटल में अपनी फिल्म ‘डंकी’ का ट्रेलर लांच किया. फिर दुबई के एक मेले में जाकर अपनी फिल्म ‘डंकी’ के एक गाने पर लाइव परफार्म किया.

राज कुमार हिरानी ने तो शाहरुख खान पर ही दांव चला है.वह भी बार बार यह बात शाहरुख खान को याद दिला रहे हैं.राज कुमार हिरानी ने अब तक जितनी भी फिल्में बनायी या निर्देशित की,वह सभी फिल्में विधु विनोद चोपड़ा के साथ ही की.यह पहला मौका है,जब वह विधु विनोद चोपड़ा से अलग होकर कोई फिल्म निर्देशित की है.इसलिए वह भी परेशान हैं.

अब हर कोई एक ही बात कह रहा है कि अगर इतनी मेहनत शाहरुख खान व निर्देशक राज कुमार हिरानी ने फिल्म की कहानी व पटकथा लिखने के साथ इसे फिल्माने में कर अच्छी फिल्म बनायी होती,तो आज उन्हे सिंगल थिएटर मालिको को धमकाने या फैंस क्लब के आगे हाथ जोड़ने की जरुरत न पड़ती.

डंकी को लेकर डरे शाहरुख, क्रिटिक्स को लगे धमकाने

कारपोरेट और बल्क बुकिंग की मदद से अपनी पिछली दो फिल्मों ‘पठान’ और जवान’ को सफल सिद्ध करा चुके अभिनेता शाहरुख खान इन दिनों 22 दिसंबर को प्रदर्शिात होने वाली अपनी नई फिल्म ‘‘डंकी’ को लेकर आशंकित है.फिल्म ‘‘डंकी’’ के टीजर के अलावा दो गाने और ट्रेलर सोशल मीडिया पर रिलीज किए जा चुके हैं.जिनसे यह बात उभर कर आती है कि फिल्म ‘डंकी’ लोगों को पसंद नही आने वाली.यॅूं तो ‘डंकी’ के टे्लर को सोशल मीडिया पर एक सौ तीस मिलियन व्यूज मिल चुके हैं.मगर शाहरुख खान अच्छी तरह से समझते है कि यह सारे फेक/गलत आंकड़े हैं. यह आंकड़े तो उन्ही के पैसे पर पल रही पीआर व मार्केटिंग एजंसी द्वारा कम्प्यूटर पर खेल करके दर्शकों को धोखा देने के लिए बताए जा रहे हैं.पर उन्हे पता है कि अब दर्शक मूर्ख बनने से रहा.

यही वजह है कि टीजर या किसी गाने को जितने व्यूज सोशल मीडिया पर मिलते हैं ,उसका पांच प्रतिशत दर्शक भी फिल्म देखने सिनेमाघर नहीं पहुॅचता.अंदर से हकीकत को समझने वाले शाहरुख खान इन दिनों काफी बेचैन हैं.सूत्रों का दावा है कि इसी बेचैनी के चलते शाहरुख खान ने अपने कुछ विश्वस्त लोगों को बुलाकर फिल्म ‘‘डंकी’’ दिखाकर उनकी प्रतिक्रिया ली.लोगों को फिल्म पसंद नही आयी.तो अब शाहरुख खान इसी योजना पर काम कर रहे हैं कि उनकी फिल्म को एडवांस बुकिंग ज्यादा से ज्यादा मिल जाए और फिल्म सिनेमाघर पहुंचे,उससे पहले कम से कम तीन दिन की टिकटें सर्वाधिक बिक जाएं.

इसी सोच के साथ शाहरुख खान ने आनन फानन में एक नया प्रमोशनल गाना लिखवाया, उसे रिकार्ड करने के बाद फिल्म के निर्देशक राज कुमार हिरानी के साथ आबू धाबी जाकर तीन दिन में इस प्रमोशनल गाने की शूटिंग कर खुशी खुशी वापस आए.क्योंकि वह अपनी बेटी सुहाना खान की पहली फिल्म ‘‘द आर्चीज’’ का प्रीमियर कराना चाहते थे.

मगर ‘द आर्चीज’ का प्रीमियर कराना उनके लिए ही घातक बन गया.जी हाॅ! उनकी बेटी सुहाना खान के कैरियर की पहली फिल्म ‘‘द आर्चीज’’ भी  टें बोल गयी.और अब शाहरुख खान शुक्र मना रहे हैं कि अच्छा हुआ कि उनकी बेटी सुहाना खान की फिल्म ‘‘द आर्चीज’’ सिनेमाघरों की बजाय ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘नेटफ्लिक्स’’ पर स्ट्रीम हो रही है.अब शाहरुख खान को अपनी बेटी की फिल्म व उसके अभिनय से फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों को रूबरू कराने के लिए फिल्म ‘द आर्चीज’ का प्रीमियर आयोजित करने का फैसला भी उन्हें गलत लग रहा है. सूत्रों का दावा है कि शाहरुख खान के अति करीबी लोगों से मिली प्रतिक्रिया से उन्हे काफी निराशा हुई.अंततः ‘द आर्चीज’ को मीडिया में भी अच्छी प्रतिक्रियाएं नहीं मिली. कई फिल्म आलोचको ने ‘द आर्चीज’ को जीरो स्टार दिया है.

इसके बाद शाहरुख खान ने खुलेआम सोशल मीडिया पर अपने आलोचकों को धमकाना शुरू कर दिया है.सोशल मीडिया पर एक आलोचक को धमकाते हुए शाहरुख खान ने अपनी पीआर टीम से आग्रह किया है कि जिन लोगों के पेट में उनकी फिल्म ‘डंकी’ को लेकर अपच हो गयी है,ऐसे लोगों का अच्छी दवा देकर इलाज किया जाए.अब सवाल उठ रहा है कि क्या शाहरुख खान अपने आलोचकों को धमकी देकर उनका मुंह बंद कर अपनी फिल्म को सफलता दिला पाएंगे? क्या दर्शक  बेवकूफ है.

शाहरुख खान को आलोचको को धमकाने की बजाय अपनी फिल्म ‘‘डंकी’’ का ठीक से प्रचार करने पर धन देना चाहिए.अभी तक इस फिल्म का प्रचार बहुत खराब हुआ है.फिल्म का टीजर ,दो गानों और ट्रलेर ने निराश किया है.उम्मीद है कि फिल्म के प्रमोशनल सांग से कुछ उम्मीद बन जाएगी.

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