क्या होती है वर्कप्लेस बुलिंग

जैसा कि आप जानते हैं कि बुलीइंग स्कूल से लेकर ऑफिस तक हर जगह मौजूद है. यह बात अलग है कि यह स्कूल व कॉलेज आदि में ज्यादा देखने को मिलती है हालांकि जहां आप जॉब आदि करते हैं, वहां कम देखने को मिलती है.

चाहे बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह हो या स्कूल के बच्चे या फिर किसी अन्य कार्य स्थल के कर्मचारी, लेकिन इन सब पर चर्चाएं कम ही होती हैं और यदि कोई चर्चा उठती भी है तो वह बिना किसी परिणाम की खत्म भी हो जाती है.

सुशांत सिंह का मामला तो अभी हाल फिलाल का है लेकिन हम सभी जानते हैं कहां से शुरू हुई बात कहां पर पहुंच गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला लेकिन पूरे मामले पर अगर ध्यान दिया जाए तो यह भी एक प्रकार का बुलिंग का केस ही है.इस अभिनेता के दुनिया से अलविदा कह देने के बाद बहुत से मुद्दे उठे, जैसे कि डिप्रेशन, तनाव, प्रताड़ना, नेपोटिज्म.

मानसिक उत्पीड़न या शारीरिक रूप से नुक़सान पहुंचाना एक चिंता का विषय है क्योंकि इसका सीधा प्रभाव दिमाग पर पड़ता है और यह आत्महत्या का भी एक कारण हो सकता है. अतः कैसे पहचान सकते हैं कि आप अपने कार्य स्थान पर बुलीइंग का शिकार हो रहे हैं. आइए जानते हैं.

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जान बूझ कर इग्नोर करना : यदि आप को कुछ बच्चे या कुछ लोग जान बूझ कर इग्नोर करते हैं या अपने ग्रुप में आप को यह कह कर शामिल नहीं करते हैं कि आप उनके योग्य नहीं हैं तो समझ जाइए की आप इंटेंशनल यानी जान बूझ कर किए जाने वाले इग्नोरंस के शिकार हो रहे हैं.

धोखा करना : यदि आप के साथ कोई धोखा करता है या फिर आप से किए गए वादों से मुखर जाता है और आप से बचने के लिए लगातार झूठ पे झूठ बोलता रहता है तो वह आप के साथ धोखा कर रहे हैं और आप को समझ जाना चाहिए कि आप बुल्ईंग का शिकार हो रहे हैं.

धमकियां देना : क्या आप को भी लगातार किसी चीज के लिए धमकियां मिल रही हैं, या आप को कुछ ऐसा महसूस होता है कि इन धमकियों से आप को शारीरिक नुक़सान का कोई खतरा है तो आप को उन्हें हल्के में नहीं टालना चाहिए. आप को उसके खिलाफ कोई एक्शन लेना चाहिए.

आप को छोड़ना : यदि आप को हर काम में अलग रखा जाता है या कुछ एक ग्रुप के द्वारा आप को बाहर निकाल दिया जाता है तो यह भी एक किस्म की बुलीइंग ही होती है और इससे आप के मन व मस्तिष्क पर बूरा व नकारत्मक प्रभाव पड़ सकता है. अतः ऐसे लोगों के साथ ज्यादा न रहें.

आप की बुराइयां करना : यदि आप की टीचर या आप के बॉस के सामने कोई आप की लगातार बुराइयां करता है और आप की गलतियां निकालता है तो इसका अर्थ यह है कि वे आप के लिए बुरा सोचते हैं. आप को ऐसे लोगों से जितना हो सके उतना बचना होगा.

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खिलाफ करना : कुछ लोग ऐसे होते हैं कि वह आप के दोस्तों को ही आप के खिलाफ कर देते हैं. वह उन के आगे आप की झूठी बुराइयां करते हैं जिस कारण आप की दोस्ती टूट जाए और आप पूरे ऑफिस में या पूरी क्लास में अकेला महसूस करें.

श्रेय छीनना : ऐसा अक्सर होता होगा कि किसी काम में मेहनत तो आप ने की होगी परंतु इसका श्रेय कोई और ले जाता होगा. ऐसा बिल्कुल न होने दें. अपने हक की लड़ाई आप को लड़नी चाहिए. अक्सर ऐसा उन लोगों के साथ होता है जो अपनी आवाज उठाने में हिचकिचाते हैं.

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