इमोशनल इम्यूनिटी का रखें ध्यान

जिस तरह हम बीमारी से लड़ने के लिए अपने शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने की कोशिश करते हैं उसी प्रकार मस्तिष्क की इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाए रखना जरूरी होता है. आज के युग में हम हर चीज से वाकिफ और सुरक्षित रहने के लिए हर तरह की जानकारी लेते रहते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि इस का सीधा असर हमारे शरीर और मस्तिष्क पर पड़ता है.

हमारी जिंदगी में क्या हो रहा है और क्या हो सकता है, हमारा दिमाग इस के बीच का फर्क नहीं समझ पाता है. उदाहरण के लिए हो सकता है मैं ने यह हजारों बार सोच लिया हो कि दुनिया खत्म होने वाली है या मैं हमेशा के लिए अकेला रह जाऊंगा या मेरे परिवार के सदस्यों को भी कोरोना हो सकता है. लेकिन असल में देखा जाए तो ये सब मात्र हमारे विचार हैं, जबकि हमारा मस्तिष्क हमें भ्रमित करता रहता है, जिस के कारण हम अपने विचारों को सच समझते रहते हैं. ऐसे में खुद को शांत रखने के लिए इमोशनल इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है.

इस वायरस और कई अन्य समस्याओं से बाहर आने के लिए डर खत्म करना अनिवार्य है. इस प्रकार की भयभीत कर देने वाली स्थितियों में किसी भी प्रकार की जानकारी या खबर हमें अधिक सोचने पर मजबूर कर सकती है.

ऐसे में इन उपायों की मदद से इमोशनल इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है और हर स्थिति में स्वस्थ और सुरक्षित रह सकते हैं:

इमोशनल इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं ऐसे

उपचार से बेहतर बचाव है: जी हां, बात चाहे मानसिक स्वास्थ्य की ही क्यों न हो, बचाव हमेशा अहम भूमिका निभाता है. कुछ बातों को समझना हमारे लिए बहुत जरूरी है. दुनिया में क्या चल रहा है इस की चिंता करने के बजाय मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर कैसे रखा जा सकता है, इस पर ध्यान दें. जाहिर है यदि हम स्वस्थ रहेंगे तभी हम खुश और सुरक्षित महसूस कर पाएंगे.

खुद को पैंपर करें

यह स्वस्थ रहने का एक कारगर विकल्प है. हम इस धरती पर मौजूद हैं, इस का सुबूत केवल हमारे शरीर से मिलता है, इसलिए उसे प्यार करना बेहद जरूरी है. सिर की मसाज करें, बौडी मसाज लें, पूरी मस्ती में नहाएं, त्वचा का खयाल रखें. ये सब करने से हमारे मस्तिष्क को राहत मिलती है.

कुकिंग, डांस, म्यूजिक, पेंटिंग, ड्राइंग, क्रिएटिंग: ताजा फलों को छू कर महसूस करें और उन के रंग, आकार और टैक्स्चर को देखें. अपना पसंदीदा म्यूजिक चला कर उस पर खुल कर डांस करें. आप को इंटरनैट पर कई प्रकार के ड्राइंग सैशन मिल जाएंगे. उन की मदद से मस्तिष्क को अच्छी चीजों में उलझए रखें. ऐसा करने से हमें इस बात का एहसास रहता है कि दुनिया में चाहे कितना बुरा हो रहा हो, लेकिन जिंदगी का एक यह भी रूप है जो हर चिंता, हर दर्द को खत्म कर देता है.

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अच्छी खबरें और जानकारी ढूंढ़ें: हम क्या पढ़ना और देखना पसंद करते हैं यह पूरी तरह से हम पर निर्भर करता है. इसलिए हमेशा नकारात्मक खबरें पढ़नेसुनने के बजाय सकारात्मक खबरें पढ़ें और जानें कि दुनिया में क्याक्या अच्छा हो रहा है.

परिवार के टच में रहें: अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों या पति/पत्नी के साथ बातचीत करते रहें. उन के साथ अच्छा समय बिताएं. इस से हमेशा खुश रहेंगे.

हैल्थ रिमाइंडर: बेहतर इम्यूनिटी के लिए केवल इतना काफी नहीं है, बल्कि आप को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आप इस के लिए क्याक्या कर रहे हैं. यह रिमाइंडर आप को खुद पर विश्वास करना सिखाएगा और आप को मानसिक रूप से स्वस्थ रखेगा. इस के साथसाथ उन चीजों को भी नोट करें जिन से आप की इमोशनल इम्यूनिटी कमजोर होती है ताकि आप उन चीजों से बच सकें.

खुद से नकारात्मक बातें करना: कई बार ऐसा होता है कि हम समाज की बातों को अपने विचार समझने लगते हैं. समाज में क्या हो रहा हम खुद से वही बातें करने लगते हैं. इसीलिए हम वाकई क्या सोचते हैं इस पर ध्यान देना जरूरी है. दूसरों की बातों में न आ कर अपने विचारों के अनुसार खुद से बातें करें और हमेशा अच्छा सोचें.

बहुत ज्यादा खाना या बहुत कम खाना, ज्यादा सोना या कम सोना: हमारा शरीर हर चीज संतुलित मात्रा में चाहता है. हमें इस बात का खयाल रखना चाहिए कि हम अपनी भूख मिटाने के लिए खाना खाते हैं या खाने को खत्म करने के लिए खाते हैं. कम सोने से हमारे मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है, जिस कारण हमारा स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगता है. वहीं बहुत अधिक सोना भी किसी गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है.

खुद को श्रेय नहीं देना: इमोशनल इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए आप जो भी करते हैं उस के लिए खुद को श्रेय दें. हमेशा खुद को याद दिलाते रहें कि आप जरूरी कदम उठा रहे हैं. हम अकसर चीजों के लिए खुद को श्रेय देना भूल जाते हैं.

गड़े मुरदे उखाड़ना: यदि हम पुरानी बातों को सोच कर अभी भी परेशान होते हैं, तो उन सभी बातों पर मिट्टी डालने का समय आ गया है. खराब यादें हमारे शरीर की ऊर्जा को बाधित करती हैं. यदि आप किसी हादसे से उभर नहीं पा रहे हैं तो किसी प्रोफैशनल की मदद लें.

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धीरेधीरे लौकडाउन को खोले जाने के साथ हमारा जीवन भी पटरी पर वापस आ रहा है. हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हम हमेशा अपने घर में बैठे नहीं रह सकते हैं. इस स्थिति से लड़ने का सब से अच्छा तरीका यह है कि हम इस स्थिति को स्वीकार कर अपने जीवन को उसी के अनुसार फिर से शुरू कर दें और हमेशा सकारात्मक सोच बनाए रखें.

-डा. संदीप गोविल

-सलाहकार, मैंटल हैल्थ ऐंड बिहेवियर साइंसेस, सरोज सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल, नई दिल्ली. द्य

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