फेस क्रीम चुनते वक्त रखें इन बातों का ख्याल

कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सल्फेट मिला होता है, जो स्किन को नुकसान पहुंचाता है. इन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से कोई सुंदर तो दिखने से रहा, उल्टा स्किन खराब हो सकती है. कई शैंपू, माउथवॉश और टूथपेस्ट में भी ये मिला होता है. इनसे स्किन एलर्जी के अलावा, फेस और चिन पर पानी वाले एक्ने होने जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है. जानिए, सल्फेट प्रोडक्ट्स किस तरह स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

जानलेवा भी हो सकते हैं साबित

आज कई छोटी कंपनियां ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सल्फेट की क्वांटिटी ज्यादा मिला देती है, जिससे वे यूज करते समय लगेंगे तो अच्छे, लेकिन नुकसान बेहद करेंगे. शैंपू और फेश वॉश जैसी चीजों में अगर झाग ज्यादा आ रहा है, तो समझ जाएं कि उनमें सल्फेट की मात्रा अधिक मिली है. सल्फेट मिलने से दूसरी चीजें कम मिलानी पड़ती हैं, जिससे प्रोडक्ट की लागत कम हो जाती है. सल्फेट के साथ ही वे टॉक्सिक इंग्रेडिएंट्स प्रोडक्ट्स में मिला देते हैं, जिनका इस्तेमाल आपके लिए खतरनाक हो सकता है. दरअसल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स लगाते ही आपकी स्किन पर काम करना शुरू कर देते हैं, ऐसे में कई बार ये प्रोडक्ट स्किन के अंदर समाकर आपके लिए घातक भी हो जाते हैं. सल्फेट स्किन को ड्राई और डल भी कर देता है.

बैक्टीरिया रोकता है

सल्फेट मिलने से प्रोडक्ट में बैक्टीरिया को रोकने और डिओ, लोशन, लिपस्टिक, शैंपू, स्क्रब्स आदि प्रोडक्ट्स में प्रिजर्वेटिव के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें कम हो जाती है, जिससे आपको स्किन इन्फेक्शन, दाग धब्बे और पिंपल्स जैसी प्रॉब्लम्स आ सकती है.

बालों का नेचुरल रंग फेड

अधिक सल्फेट मिले शैंपू से बालों का नेचुरल रंग फेड हो जाता है. यही नहीं, इससे बालों के क्यूटिकल खुल जाते हैं और इनके कमजोर होने और टूटने का खतरा बढ़ जाता है. सल्फेट से बालों के ड्राई होने और स्कैल्प में खुजली होने जैसी परेशानियां सामने आती हैं.

प्रोटेक्टिव लेयर को नुकसान

यह हाथों की त्वचा, बालों या मुंह के लिए ठीक नहीं होता. ज्य़ादा फोमिंग से त्वचा की नमी और प्रोटेक्टिव बैरियर नष्ट हो जाते हैं. सल्फेट युक्त टूथपेस्ट से त्वचा की तरह मुंह की बाहरी प्रोटेक्टिव लेयर नष्ट होती है.

ऑक्सीबेनजॉन

ये सनक्रीम में अधिक मिलाया जाता है. रिसर्च के मुताबिक, ऑक्सीबेनजॉन हमारे हार्मोनल सिस्टम को पूरी तरह बर्बाद कर सकता है. यह प्रोडक्ट स्किन पर एक ऐसी लेयर बना देता है, जिससे इसकी टॉक्सिन्स रिलीज करने की एबिलिटी कम हो जाती है. एक्ने होने के अलावा ये स्किन फंक्शन और सेल्स का डेवलपमेंट भी धीमा कर देता है. यह पारा, कोलतार, एल्युमिनियम, डीट, डाइऑक्सिन, फॉर्मल्डिहाइड, पारा-अमीनोबेन्जॉइक एसिड, कैंफर और कार्बन ब्लैक भी ब्यूटी प्रोड्क्ट्स में इस्तेमाल होने वाले कुछ कॉमन टॉक्सिक इंग्रीडिएंट्स हैं.

टोनर

अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो ऐसे प्रोडक्ट का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें, जिसमें अल्कोहल या एथनोल का इस्तेमाल हो. इनके बजाय आप यूज करें नेचरल टोनर का.

क्लींजर

क्लीनजिंग प्रोडक्ट्स में सोडियम लायरल सल्फेट के रूप में सल्फेट पाया जाता है. ये सल्फेट्स फोमिंग एजेंट होते हैं और ये आपकी त्वचा की ड्राईनैस को बढ़ा देते हैं.

स्क्रब्स

अगर स्किन ड्राई है, तो किसी भी तरह के स्क्रब का प्रयोग न करें. हां, हफ्ते में एक बार किसी ऐसे स्क्रब का इस्तेमाल करें, जिसमें किसी दानेदार चीज का इस्तेमाल न हो.

सनस्क्रीन

जेल बेस्ड सनस्क्रीन आपकी रुखी त्वचा पर टिक नहीं पाती है इसलिए यह आपके त्वचा के लिए असरदार नहीं है.

अवाइड करें इन्हें भी

पैराबेन

मेकअप प्रोडक्ट्स, मॉइश्चराइज़र, शेविंग जेल, शैंपू, पर्सनल ल्यूब्रिकैंट्स और स्प्रे टैन प्रोडक्ट्स (स्किन टैन करने लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्प्रे) में पैराबेन की मात्रा डाली जाती है. कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि लॉन्ग चेन वाले पैराबेन (प्रोपाइल और ब्यूटाइल पैराबीन्स) और इस ग्रुप के दूसरे केमिकल्स जैसे आइसोप्रोपाइल और आइसोब्यूटाइल पैराबीन्स एंडोक्राइन सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है और रिप्रोडक्टिव सिस्टम में गड़बड़ियां आने के साथ ही इससे मेंटल ग्रोथ भी रुक सकती है. पेग्स ये भी फेस वॉश, स्क्रब्स, बॉडी वॉश, मेकप और टूथपेस्ट बनाने में इस्तेमाल होता है. फेस वॉश और स्क्रब्स में मौजूद रहने वाले ये बेहद छोटे प्लास्टिक बीड्स पॉलिथिलीन से बने होते हैं.

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