झड़ते बाल: समय पर करें इलाज

थोड़े बहुत बालों का झड़ना तो प्राकृतिक है और हर किसी के साथ ऐसा होता है. 60-100 बाल रोजाना झड़ें तो कोई बात नहीं. लेकिन जब बालों का झड़ना लंबे समय तक जारी रहे और झड़ने वाले बालों की मात्रा भी बढ़ जाए तो यह चिंता की बात है. यदि बालों का झड़ना आप के पूरे परिवार में दिखाई दे रहा है तो यह समस्या वंशानुगत हो सकती है. इस से पहले कि गंजापन दिखने लगे, आप को चिकित्सकीय मदद की जरूरत है.

अगर बालों का झड़ना सामान्य से ज्यादा है और सिर के किसी खास स्थान से अन्य हिस्सों के मुकाबले ज्यादा बाल झड़ रहे हैं तो इस में विशेषज्ञ की सहायता लें. पुरुषों और महिलाओं में गंजेपन के कई कारण हैं, जैसे पोषक तत्वों की कमी, हेयरकेयर उत्पादों का अत्यधिक उपयोग, वंशानुगत समस्या, चल रही दवाओं का साइड इफैक्ट, प्रोटीन की कमी, हार्मोन का असंतुलन, तनाव, एनीमिया, सिर की त्वचा का संक्रमण और कई अन्य कारण शामिल हैं. भारी मात्रा में बालों के झड़ने या गंजेपन का वास्तविक कारण जानने के लिए बेहतर है डाक्टर से मिलें और इस के लिए उचित इलाज लें.

किस के लिए कौन सा इलाज बेहतरीन काम करता है, यह समस्या और उस के संभावित परिणामों पर निर्भर करता है. आमतौर पर प्रोटीन, मैग्नीशियम या जिंक सप्लीमैंट्स युक्त पौष्टिक आहार लेने से बालों के झड़ने की समस्या दूर हो सकती है.

जो व्यक्ति ज्यादा विश्वसनीय, सुरक्षित और दीर्घावधि समाधान चाहते हैं उन के लिए हेयर ट्रांसप्लांट सब से अच्छा विकल्प है. अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल, अत्याधुनिक क्लीनिक्स की आसान उपलब्धता और कुशल सर्जनों की विशेषज्ञता के चलते और सिर पर बालों को फिर से उगाना संभव है जो असली बालों जितने ही अच्छे दिखते हैं. आमतौर पर, हेयर ट्रांसप्लांट की यह प्रक्रिया जनरल एनेस्थेसिया के अंतर्गत की जाती है और अस्पताल में रुकने की जरूरत नहीं होती. इस से कोई भी व्यक्ति बिना किसी दर्द के अपना युवा लुक फिर से हासिल कर सकता है.

हेयर ट्रांसप्लांट की आसान प्रक्रिया और संतोषजनक परिणाम देने की क्षमता ने इसे मनोरंजन उद्योग और क्रिकेट जगत में भी लोकप्रिय बना दिया है. कई जानीमानी शख्सीयतों जैसे अभिनेता गोविंदा, परमीत सेठी और क्रिकेटर युसुफ पठान, निखिल चोपड़ा, वीवीएस लक्ष्मण, रोजर बिन्नी, दिलीप वैंगसरकर, सौरव गांगुली, कमैंटेटर हर्षा भोगले, चारू शर्मा और अरुण लाल आदि ने भी इस प्रक्रिया को अपनाया है और कैमरे के सामने अपना चेहरा रखने का आत्मविश्वास पाया.

हेयर ट्रांसप्लांट की 2 तरह की प्रक्रियाएं फिलहाल लोकप्रिय हैं-फोलिक्यूलर यूनिट ट्रांसप्लांट यानी एफयूटी पद्घति या स्ट्रिप मैथड और फोलीक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन यानी एफयूई या पंच मैथड. एफयूटी या स्ट्रिप पद्घति को दुनियाभर में 90 फीसदी सर्जन इस्तेमाल करते हैं.

इस प्रक्रिया में सिर के बालों को सावधानीपूर्वक फिर से उगाया जाता है. इस में मरीज को लोकल एनेस्थेसिया दिया जाता है और सिर के पिछले हिस्से और साइडों से त्वचा की एक पट्टी बालों एवं बालों के रोम सहित हटाई जाती है.

इस पट्टी को सिर के उन हिस्सों पर ग्राफ्ट (लगाया) किया जाता है जहां बाल नहीं हैं और उसे ‘ट्रिकोपैथिक क्लोजर’ से सील कर दिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में 6-8 घंटे का समय लगता है और उसी समय 8-10 डाक्टरों की टीम औपरेशन पर काम करती है. मरीज उसी दिन घर जा सकता है और अगले दिन से अपना काम शुरू कर सकता है. इसी सहूलियत की वजह से ज्यादातर मामलों में यह पद्घति काम करती है.

एक नहीं अनेक कारण

बालों का झड़ना इन दिनों हर उम्र के लोगों में लगातार रहने वाली समस्या बन गई है. युवा हो, वयस्क हो या फिर बुजुर्ग, कोई भी इस अनचाही स्थिति से नहीं बच सकता. रोजाना 100 बालों का झड़ना तो सामान्य है, लेकिन जब झड़ते बालों की संख्या इस आंकड़े को पार कर जाए तो यह चिंता का विषय है.

बालों के झड़ने के पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं, जैसे खानपान में पौष्टिकता एवं विटामिन की कमी, संक्रमण, दवाइयां, आनुवंश्किता और वह वातावरण जिस में व्यक्ति रहता है. विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है, ऐसे में बालों का अत्यधिक झड़ना एक प्रोटीन बोटुलिनम टौक्सिन की मदद से रोका जा सकता है जिस को बोटोक्स भी कहते हैं.

बोटुलिनम टौक्सिन कौस्मेटिक इंडस्ट्री में लोकप्रिय नाम है और यह दुनियाभर के एस्थेटिक (सौंदर्य) क्लीनिक्स में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाला उत्पाद है. यह चेहरे के हावभाव व्यक्त करते समय पड़ने वाली झुर्रियों को अस्थायी रूप से कम कर देता है.

इस के अलावा, यह मांसपेशियों में होने वाले दर्द, पुराने माइग्रेन, यूरिनरी इनकंटीनेंस (मूत्र असंयम), ब्लैफेरोस्पाज्म (पलकों का उद्वेष्ट) और अंडरआर्म से अत्यधिक पसीने जैसी बीमारियों के इलाज में भी उपयोग किया जाता है. इन सब के अलावा, हाल ही के अध्ययन बताते हैं कि बोटुलिनम टौक्सिन झड़ते बालों के इलाज में भी बहुत ही मदद कर सकते हैं.

दरअसल, यह आधुनिकतम पद्घति है जिस का इस्तेमाल सर्जन उन महिलाओं व पुरुषों के इलाज में करते हैं जो बाल झड़ने या कमजोर होने की समस्या से जूझ रहे हैं. अनुसंधान इस बात को साबित कर चुके हैं कि सिर के उन हिस्सों पर बाल उड़ने की संभावना ज्यादा रहती है जहां रक्त व औक्सीजन की आपूर्ति कम रहती है और डीहाइड्रोटेस्टोस्टीरोन यानी डीएचटी का स्तर ज्यादा होता है. बोटुलिनम टौक्सिन का इंजैक्शन लगा कर बालों के रोमों में खून और औक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई जा सकती है, जिस के चलते नए बालों के विकास और मौजूदा बालों को मजबूती मिलती है. इस के अलावा, यह बालों की जड़ों को पौष्टिक तत्त्वों की आपूर्ति भी बढ़ाती है और किसी भी क्षेत्र में औक्सीजन का स्तर ऊंचा होने से बनने वाले डीएचटी को रोकती है.

क्या है प्रक्रिया

टौक्सिन को सिर के अग्रभाग, टैंपल्स और शिखर में लगाया जाता है. एक पतली सुई के जरिए 15 मिनट के लिए 20-30 माइक्रोइंजैक्शंस लगाए जाते हैं. यह उपचार एक एनेस्थेटिक क्रीम के तहत शुरू किया गया है जो किसी भी तरह के दर्द से बचने के लिए सिर की त्वचा पर लगाया जाता है. बोटुलिनम टौक्सिन सिर की मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है और तनाव को दूर करती है. रक्तवाहिनियों को आराम पहुंचा कर तनाव को दूर करती है और बालों के रोमों में रक्त की आपूर्ति बढ़ाती है.

हालांकि बोटुलिनम टौक्सिन को बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देने में सहायक माना गया है लेकिन गंजेपन के इलाज में इस की सुरक्षा और दक्षता पर और अधिक क्लीनिकल रिसर्च व अध्ययन की जरूरत है. एक बार कौस्मेटिक्स इंडस्ट्री इस बात का पुख्ता प्रमाण जुटा ले तो बालों को उगाने में टौक्सिन का इस्तेमाल हेयरलौस ट्रीटमैंट में एक लंबी छलांग होगा.

(लेखिका कौस्मेटिक डर्मेटोलौजिस्ट ऐंड लेजर सर्जन हैं.)

मैं कैंसर सर्वाइवल हूं, इससे मेरे बालों को झड़ने से रोकने का इलाज बताएं?

सवाल-

मैं कैंसर सर्वाइवल हूं. मेरे सारे बाल झड़ चुके हैं. बालों के साथसाथ मेरी आईब्रोज भी गायब हो चुकी हैं. अब मैं ठीक हूं और बिग लगा लेती हूं. पर आईब्रोज पर रोज पैंसिल लगानी पड़ती है जोकि पसीने से निकल जाती है. वैसे भी कभी ऊंची तो कभी नीची आईब्रोज बन जाती हैं. आईलैशेज के बिना मेरी आंखें सूनी लगती हैं. बताएं क्या करूं?

जवाब-

आप परमानैंट आईब्रोज बनवा लें. इस से आप की आईब्रोज एकजैसी और खूबसूरत बन जाएंगी तथा आप बिना किसी परेशानी के घर से बाहर जा सकती हैं. आंखों पर आईलैशेज न होने से जो सूनापन लगता है उस के लिए आप प्रौमिनैंट आईलाइनर और काजल लगवा सकती हैं. इस से आंखें खूबसूरत लगने लगती हैं. ध्यान रहे कि ऐसी जगह पर अपना काम करवाएं जहां हाइजीन पर बहुत ध्यान दिया जाता हो और करने वाला भी ऐक्सपर्ट हो क्योंकि यह प्रौमिनैंट है जो सारी उम्र के लिए हो जाएगा. अगर एक बार खराब हो गया तो सारी उम्र ही खराब लगेगा. इसलिए करने वाले का ऐक्सपर्ट होना बहुत जरूरी है. यह भी जरूर देख लें कि प्रोडक्ट भी अच्छी क्वालिटी का हो.

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आज हम इतने अधिक बिजी हैं कि खुद का ध्यान ही नहीं रख पाते हैं. ऐसे में अनजाने में अनेक बीमारियों की गिरफ्त में आते हैं. फिर चाहे बात हो उसमें कैंसर जैसी घातक बीमारी की. बता दें कि  दुनिया भर में वर्ष 2020 में 10 मिलियन के करीब लोगों की मृत्यु का कारण विभिन्न तरह के  कैंसर हैं. क्योंकि हम खुद का ध्यान नहीं रखने के कारण शुरुवाती लक्षणों को इग्नोर जो कर देते हैं और जब स्तिथि हमारे हाथ से निकल जाती है तब तक जान पर आ बनती है. आपको बता दें कि  सार्कोमा कैंसर भले ही आम नहीं है. लेकिन ये तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है. इसलिए समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर इलाज करवाने की जरूरत होती है. आइए जानते हैं इस बारे में मणिपाल होस्पिटल के कंसल्टेंट ओर्थोपेडिक ओंको सर्जन डाक्टर श्रीमंत बी एस से.

क्या है सार्कोमा कैंसर

सोफ्ट टिश्यू सार्कोमा एक प्रकार का कैंसर है, जो शरीर के चारों और मौजूद टिश्यू में हो जाता है. इसमें मांसपेशियों , वसा , रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं के साथसाथ जोइंट्स भी शामिल होते हैं. वयस्कों की तुलना में इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे व उसके बाद युवा आते हैं. और ये कैंसर तब और अधिक घातक हो जाता है, जब ये अंगों में फैलना शुरू हो जाता है. इसलिए इसके लक्षण नजर आते ही तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए, वरना ये जानलेवा भी साबित हो सकता है.

कब होता है 

वैसे तो इसके किसी खास कारण के बारे में नहीं पता है. लेकिन ये आमतौर पर तब होता है , जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं.

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Winter Special: गिरते बालों के लिए अपनाएं ये उपाय

बालों का गिरना इन दिनों एक आम समस्या बन चुकी है. ये एक ऐसी परेशानी है जो किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकती है. यूं तो बाजार में कई ऐसे उत्पाद मौजूद हैं जो ये दावा करते हैं कि उनके इस्तेमाल से बालों का गिरना बंद हो जाएगा. हालांकि इन उत्पादों के इस्तेमाल से रि‍एक्शन होने का खतरा भी बना रहता है.

ऐसे में घरेलू उपायों को अपनाना सबसे सुरक्षित तरीका है. बालों को गिरने से रोकने के लिए आप प्याज के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं. प्याज के रस से जहां बालों का गिरना बंद हो जाता है वहीं इसके इस्तेमाल से बालों की ग्रोथ भी बढ़ती है.

प्याज एक नेचुरल कंडिशनर की तरह काम करता है और इसके नियमित प्रयोग से बालों में चमक भी आती है. प्याज में पर्याप्त मात्रा में सल्फर पाया जाता है जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने का काम करता है. इसके चलते कोलेजन भी सकरात्मक रूप से प्रभावित होता है.

बता दें कि कोलेजन बालों की ग्रोथ के जिम्मेदार कारक है. प्याज का रस बालों की जड़ को मजबूती देने का काम करता है. साथ ही इसमें मौजूद तत्वों से स्कैल्प में होने वाले संक्रमण से भी राहत मिलती है.

प्याज का रस डैन्ड्रफ दूर करने के भी काम आता है. यूं तो प्याज का रस बालों के लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन सबसे जरूरी है कि आपको इसके इस्तेमाल का सही तरीका पता हो. आप चाहें तो प्याज के रस को इन तरीकों से इस्तेमाल में ला सकते हैं.

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1. प्याज का रस और शहद

अगर आप बालों के गिरने और डैंड्रफ की समस्या से जूझ रहे हैं तो शहद के साथ प्याज का रस मिलाकर लगाना बहुत फायदेमंद होगा. डैंड्रफ की समस्या को दूर करने के साथ ही यह बालों की ग्रोथ भी बढ़ाने का काम करता है. प्याज के रस और शहद की समान मात्रा लेकर उसे अच्छी तरह मिला लें. इस मिश्रण को एक घंटे तक मिलाकर छोड़ दें. उसके बाद इसे अच्छी तरह स्कैल्प पर लगाएं और कुछ समय बाद बालों को हल्के गुनगुने पानी से धो लें.

2. प्याज का रस और बादाम का तेल

बादाम के तेल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बालों के गिरने की समस्या को दूर करते हैं. बादाम के तेल में प्याज का रस मिलाकर लगाने से बालों के गिरने की समस्या दूर हो जाती है. इसके इस्तेमाल से बाल घने, मुलायम और चमकदार बनते हैं. आप चाहें तो बादाम के तेल की जगह नारियल का तेल या फिर जैतून का तेल भी मिला सकते हैं.

3. गर्म पानी में प्याज का रस मिलाकर

प्याज के रस में गर्म पानी मिलाकर लगाना भी बालों को सेहतमंद बनाता है. पानी की एक अच्छी मात्रा में प्याज का रस मिलाकर लगाने से बाल तो सेहतमंद होने के साथ ही घने भी बनते हैं.

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