पौधों को पानी देने के 11 टिप्स

इंसान हो या पेड़ पौधे सभी के लिए पानी जीवनदायी है बिना पानी के जहां इंसान डीहाइड्रेशन का शिकार हो बीमार पड़ जाता है वहीं पेड़ पौधे भी पानी के अभाव में मुरझा जाते हैं. हमारे घरों में छोटा सा किचिन गार्डन तो होता  है और यदि फ्लैट है तो हम अपनी बालकनी में भी पेड़ पौधे लगाकर अपने प्रकृति प्रेम को पूरा कर लेते हैं. घर में लगे पेड़ पौधों के लिए पानी जितना जरूरी है उतना ही हानिकारक है उन्हें अधिक पानी देना. अक्सर घरों में लगे महंगे से महंगे इंडोर प्लांट्स पानी की अधिकता से ही मर जाते हैं क्योंकि हमें पता ही नहीं होता कि इन्हें कब और कितना पानी देना है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ टिप्स बता रहे हैं जो आपको अपने प्लांट्स की देखभाल में मदद करेंगे-

1. प्रत्येक पौधे की पानी की आवश्यकता अलग अलग होती है घर में लगे इंडोर प्लांट्स की मिट्टी  में एक इंच गहराई तक अपनी उंगली डालें यदि मिट्टी सूखी लगे तो ही पानी दें अन्यथा इंतजार करें.

2. यदि किसी भी पौधे की पत्तियां आपको एकदम झुलसी और टहनी पर लटकती सी दिखें तो इसका सीधा तात्पर्य है कि पौधे को पानी की डिमांड है.

3. यदि मिट्टी में आपको फंगस लगी दिख रही है तो पानी देना बंद करके पौधे को धूप दिखाएं क्योंकि फंगस नमी की अधिकता से लगती है.

4. पत्तियों के किनारे भूरे होने पर यदि वे छूने से टूट कर जमीन पर गिर जाए तो पानी कम है परन्तु यदि पत्तियां नरम हैं तो पानी अधिक है.

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5. पौधे की मिट्टी अगर निरन्तर गीली ही रह रही है तो गमले में से पानी ठीक से निकल नहीं रहा है इसे दूर करने के लिए गमले में से पानी के  निकास को चेक करें.

6. गमले में लगे पौधों की पत्तियों को स्प्रे बॉटल से स्प्रे करके नियमित रूप से साफ करें क्योंकि पेड़ पौधे अपनी पत्तियों के माध्यम से ही फोटो सिंथेसिस प्रक्रिया से श्वांस लेते हैं.

7. स्नैक प्लांट, एग्लोनिमा, जेड प्लांट, एलोवेरा,  अडेनिम, सिंगोनिम और मनी प्लांट जैसे पौधों को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है इन्हें आप केवल तभी पानी दें जब इनकी मिट्टी छूने पर एकदम सूखी प्रतीत हो.

8. गमले में मिट्टी भरते समय उसके ड्रेनेज सिस्टम पर पत्थर अवश्य रखें ताकि पौधे को पानी मिल भी सके और पानी की निकासी भी भली भांति हो सके.

9. यदि आपका किचिन गार्डन बड़ा है तो आप उसकी सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर पद्धति का प्रयोग करें इससे सभी पौधों की पत्तियों की धुलाई भी हो जाती है और सिंचाई भी हो जाती है.

10. कैक्टस यूं तो रेगिस्तान में उगने वाला पौधा है परन्तु आजकल लोग अपने घरों में भी इन्हें लगाने लगे है. इसे धूप अधिक और पानी बहुत कम चाहिए होता है इसलिए इन्हें आप 10 दिन में एक बार ही पानी दें.

11. पौधों को पानी सीधे पाइप से न देकर पाईप में स्प्रे नोजल लगाकर दें इससे गमले की मिट्टी में एक समान पानी लगेगा.

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इन टिप्स को आजमाएं और घर में ही अदरक उगाएं

अगर आप अदरक की चाय पीने की शौकीन हैं या अदरक सब्जी में डालकर खाना पसंद करती हैं तो सावधान हो जाइये, हो सकता है कि आप जहर खा रही हों. देश की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी के आसपास 6 अदरक गोदामों पर छापे मारकर दिल्ली प्रशासन ने करीब 450 लीटर तेजाब पकड़ा है. इससे अदरक को धोकर चमकाने का काम चल रहा था.

तेजाब से चमकाया जा रहा था अदरक

मंडी में बरामद तेजाब से गंदी और भद्दे अदरक को चमकाया जा रहा था, क्योंकि बाजार में जब भी आप अदरक खरीदने जाएंगी तब आप वही अदरक खरीदेंगी जो देखने में अच्छा लग रहा हो. एक लीटर तेजाब से करीब 400 किलो अदरक धोकर चमका दी जाती है. तेजाब से धोने से उसके ऊपर का भद्दा हिस्सा या छिलका निकल जाता और अदरक चमकने लगता है.

ये खबर आग की लपटों की तरह फैल रही है. इस खबर के आते ही कई लोगों ने अदरक खाना छोड़ दिया है. लेकिन अगर आप अदरक खाने की शौकीन हैं और आपको इसकी तलब हो रही है तो चलिए आपके इस समस्या का हम समाधान कर देते हैं.

आप अदरक को अपनी सुविधानुसार खुले मैदान या गमले में उगा सकती हैं. आप घर पर अदरक उगाने के ये तरीके अपनाएं, हमारा दावा है इस अच्छी जैविक उपज के साथ ही आपकी चाय और खाने का स्वाद बढ़ जाएगा और आपकी तलब खत्म हो जाएगी.

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अदरक के प्रकंद को चुनें

सबसे पहले अदरक का अच्छा प्रकंद चुनें. यदि आप बिल्कुल नए सिरे से शुरुआत कर रही हैं तो बाजार से अदरक की जड़ ले लें. पूर्ण विकसित आंख या विकसित कलियों वाली जड़ लें. घर पर अदरक उगाने का यह सबसे अच्छा तरीका है.

गमले को तैयार करें

अगर आपके घर में बगीचे की व्यवस्था है तब तो आप इसे खुले मैदान में ही उगाएं. अगर आप गमले में ही अदरक उगाना चाहती हैं तो गहरे गमले को मिट्टी से भर लें. ढीली मिट्टी लें ताकि पानी डालने पर यह पैक नहीं हो. मिट्टी में खाद या कम्पोस्ट मिला दें. गमले में पानी का निकास एकदम सही रहना चाहिए. आप एक गमले में अदरक के तीन टुकड़े रख सकती हैं.

नमी

जब आप अदरक को जमीन पर उगा रही हैं तो धरती की नमी का फायदा उठाने के लिए उचित कदम उठायें. आप सूखी पत्तियों से इसे ढक सकती हैं. यदि आपकी मिट्टी कठोर है तो आप पानी के निकास के लिए मेड़बंदी भी कर सकती हैं.

पानी देना

अदरक के पौधे में पानी देते समय सावधानी रखें. उगाने के कुछ समय बाद धीरे और कम पानी दें. जब यह फूटता दिखे तो पानी थोड़ा ज्यादा दें. सर्दियों में जब इनका विकास कम होता है तो पानी ना दें.

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फर्टिलाइजर

जैविक खाद का प्रयोग करें। हमें जैविक अदरक उगनी है इसलिए एक हिस्सा मिट्टी और एक हिस्सा खाद मिला लें. इससे कलियां स्वस्थ और जल्दी विकसित होंगी. यदि आप इसे गमले में उगा रही हैं तो अपनी आवश्यकता अनुसार खाद मिलाएं.

तापमान

अदरक को गर्मी पसंद है. आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे यदि आप इसमें गर्मी में लगभग 75-85 °F तापमान में उगाएंगी. ठन्डे वातावरण में इनकी वृद्धि में रूकावट होगी. अदरक उगाते समय यह बात जरूर ध्यान रखें.

घर में उगाएं पौधे, पाएं टेस्टी और हेल्दी सब्जी

हम रोज अपनी रसोई में फल और सब्जियां काटते समय उन के बीजों या सिरों को काट कर कूड़ेदान में फेंक देते हैं. लेकिन क्या आप जानती हैं कि इन से आप सुंदर पौधे उगा कर घर का सौंदर्य भी बढ़ा सकती हैं? अगर नहीं तो हम आप को बता रहे हैं कि कैसे फलों व सब्जियों के बीजों और सिरों को उगा कर घर के सौंदर्य में चार चांद लगा सकती हैं:

गाजर:

जब आप गाजर काटें तो उन के सिरों को फेंकें नहीं, बल्कि गमले में अच्छी खाद मिली मिट्टी भर कर उस में गाड़ दें. फिर पानी दे दें. कुछ ही दिनों में आप को सुंदर पौधे उगते नजर आएंगे. ध्यान रहे इन पौधों से केवल आप के घर की शोभा बढ़ेगी, गाजरें सब्जी के लिए नहीं मिलेंगी.

लहसुन:

उगता लहसुन बहुत सुंदर दिखता है. अत: लहसुन उगाने के लिए आप को 10 इंच की गहराई वाले गमले और धूप की जरूरत होगी. गमले में मिट्टी भर कर उसे गीला कर लें. फिर लहसुन की कलियों को बिना छीले 4-4 इंच की दूरी पर गाड़ दें. हफ्ते भर में आप को हरे पत्ते उगते नजर आएंगे, जो बालकनी को सुंदर बनाएंगे.

अदरक:

अदरक उगाने में सब से आसान है. बस अपने घर में बचे हुए अदरक के टुकड़े को अपने गमले में गाड़ दें. इसे उगाने के लिए ज्यादा धूप की जरूरत नहीं. कुछ ही दिनों में आप को सुंदर पौधा उगता नजर आएगा. इस से आप को अदरक भी मिलेगा और साथ ही साथ यह घर की शोभा भी बढ़ाएगा.

यही नहीं, अदरक के टुकडे़ को साफ कर उसे एक सुंदर से शीशे के जार या शीशे के चौड़े गिलास में डाल कर किचन काउंटर पर रख दें. कुछ ही दिनों में आप को उस में सफेद जड़ें उगती नजर आएंगी, जो बहुत ही सुंदर दिखेंगी. बस, समयसमय पर पानी जरूर बदलती रहें.

प्याज:

आप हरा प्याज काटते समय सिरों को कूड़ेदान में फेंक देती होंगी. अब अगली बार जब प्याज काटें तो उस के सिरों को पानी से भरी कांच की कटोरी में डाल दें. ध्यान रहे कि सिरा पानी में डूबे नहीं, तैरता रहना चाहिए. पानी को हर 2 दिन बाद जरूर बदलती रहें वरना दुर्गंध आने लगेगी. इस कटोरी को धूप पड़ने वाली जगह पर रखें. कुछ ही दिनों में जड़ और पत्ते निकल आएंगे. अगली बार आमलेट बनाते समय इन्हीं ताजा पत्तियों को काट कर डालें.

टमाटर:

अगर टमाटर गल गया हो तो उसे फेंकें नहीं, बल्कि कवर में डाल कर पूरी तरह गलने दें. जब टमाटर सूख कर सिर्फ बीज बच जाएं तो उन्हें बगीचे में बो दें. कुछ ही दिनों में आप को टमाटर के पत्ते लहराते नजर आएंगे.

टमाटर को आप बहुत खूबसूरती के साथ बालटी में भी उगा सकती हैं. इस के लिए बड़ी बालटी की जरूरत पड़ेगी. बालटी के निचले हिस्से में पानी निकलने की सुविधा होनी चाहिए जैसा कि गमलों में होता है. फिर खाद, मिट्टी, दवा और अंडों के छिलकोंको मिक्स कर बालटी में भर दें. अब बीजों को हलके से मिट्टी की ऊपरी सतह में गाड़ दें. बहुत गहराई में न गाड़ें. बालटी में जब आप के टमाटर उगने लगेंगे, तो उन का सौंदर्य देख कर आप को बहुत खुशी होगी. आमतौर पर टमाटर जमीन पर फैलते हुए उगता है. इसलिए बालटी में टमाटर को सपाट न उगने दें. 1-2 इंच होने पर टमाटर की टहनियों को हलके हाथ से एक डंडे के साथ बांध दें ताकि वे सीधी ऊपर जाएं. ऐसा करने पर घर की शोभा बढ़ने के साथसाथ अच्छे टमाटर भी खाने को मिलेंगे.

आप घर के अंदर कम रोशनी में भी पौधे उगा कर घर को सुदर और खुशबूदार बना सकती हैं:

पुदीनापत्ती:

छोटे गमले में खाद व मिट्टी को मिला कर भर लें. फिर बाजार से खरीदी पुदीने की गड्डी से पुदीने के पत्ते निकाल कर डंठलों को नए गमले में गाड़ दें. 3-4 डंठल इकट्ठे गाड़ें ताकि कोई एक जड़ पकड़ ले.

शिमलामिर्च:

गमले में शिमलामिर्च के बीज बो दें. पौधे निकलने में 3-4 हफ्ते लग सकते हैं. बहुत सारे बीज एक गमले में न डालें. जब पौधे उगेंगे तो बहुत सुंदर दिखेंगे. बालटी या गमले में उगाने की वजह से मिर्च आप को छोटे आकार में ही मिलेगी. इसीलिए गमले में ज्यादा बीज न बोएं.

आलू:

अगर आप ने आलुओं का बहुत समय तक इस्तेमाल न किया हो तो उन में आंखें निकली नजर आएंगी. आप उन्हें फेंकें नहीं. आलू को 3-4 टुकड़ों में काट लें. ध्यान रहे, हर कटे हिस्से में कम से कम 1 आंख जरूर हो. फिर इन टुकड़ों को अच्छी तरह धूप में सुखा लें ताकि वे काले तथा सख्त हो जाएं. ऐसा करने से जब आप इन्हें बालटी या गमलों में गाड़ेंगी तो वे गलेंगे नहीं और कीड़ा भी नहीं लगेगा.

गमले में उगाए जाने वाले आलू के लिए मिट्टी और खाद का मिश्रण बराबर मात्रा में हो. आलू के टुकड़ों को 8 इंच की गहराई में गाड़ें और आंख ऊपर की तरफ ही रखें. गड़े हुए आलू के टुकड़े के ऊपर सिर्फ 3-4 इंच तक ही मिट्टी डालें. जड़ पकड़ कर जैसे ही आलू ऊपरी सतह में दिखने शुरू हों तब ऊपर से और मिट्टी डाल कर उन्हें गाड़े रखना होगा.

आ गया बागबानी का सीजन

बागबानी का शौक हर किसी को होता है, इस शौक को चाहे वह अपनेआप लग कर पूरा करे या फिर माली रख कर. मगर बागबानी का शौक पूरा करने के लिए कुछ समय तो देना ही पड़ता है. पूरे बाग को रंगबिरंगे फूलों से सजाने के लिए पेड़पौधों का, गमलों का ध्यान तो रखना ही पड़ेगा. ऐसा नहीं है कि सिर्फ 4-5 पौधे लगाए और पूरा बाग सज गया या सिर्फ गमले में पानी भर दिया और हो गई बागबानी.

पौधे लगाने के बाद उन की उचित देखरेख भी जरूरी है. जरूरत पड़ने पर उन में खाद और कीटनाशक का भी प्रयोग किया जाता है. गमलों का प्रयोग, किस तरह का बीज बोएं, कितनी धूप दिखानी है, कितना तापमान पौधे के लिए जरूरी है? कितना पानी, कितनी उर्वरक देनी जरूरी है? इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ता है, कुछ यों:

मौसम: बरसात के मौसम में जहां गुलमेहंदी, गमफरीना, नवरंग, मुर्गकेश आदि पौधे लगाए जा सकते हैं वहीं सर्दी के मौसम में पैंजी, पिटुनिया, डहेलिया, गैंदा, गुलदाऊदी आदि लगाए जा सकते हैं. इन के अलावा बारहमासी फूलों के पौधे जैसे गुड़हल, रात की रानी, बोगनविलिया आदि भी लगाए जा सकते हैं. यह जरूरी नहीं है कि आप ढेरों पौधे लगाएं. आप उतने ही पौधे लगाएं, जितने की देखरेख आसानी से कर सकें.

रंगबिरंगे फूल जो सितंबर माह से नवंबर तक खिलते हैं, वे कई तरह के होते हैं. उन में सेवंती और गेंदे के ढेर सारे विकल्प नर्सरी में उपलब्ध होते हैं. सितंबर से ले कर नवंबर के शुरुआती दिनों तक कभी भी इन्हें लगा सकते हैं.

यदि सिर्फ फूल वाले पौधे लगाना चाहते हैं, तो पिटुनिया, सालविया, स्वीट विलियम, स्वीट एलाइसम, चाइना मोट, जेनिया, गुलमेहंदी, गमफरीना, सूरजमुखी और डहेलिया जैसे विकल्प चुन सकते हैं और यदि सजीले पौधों से बगीचे को सजाना है, तो कोलियस इंबेशन आदि बैस्ट हैं.

कुछ पौधे जैसे मनीप्लांट, क्रोटौन, कैक्टस और ड्राइसीना इनडोर प्लांट हैं यानी हम ये पौधे, छाया में, कमरे में कहीं भी लगा सकते हैं.

इन सब में मनी प्लांट आसानी से मिलने वाला और हमेशा हराभरा रहने वाला पौधा है. इस के हरे पतों पर हलके हरे सफेद धब्बे सुंदर लगते हैं.

ऐसा ही एक और इनडोर पौधा है कैक्टस. इन कांटेदार पौधों की भी देखभाल करनी पड़ती है. इन्हें लगाते समय मिट्टी में नीम खली, गोबर की खाद और रेत बराबर मात्रा में मिलाना चाहिए. पानी काफी कम देना पड़ता है. हर साल पेड़ को निकाल कर सड़ी जड़ें काट देनी चाहिए और फिर से इन्हें गमले में लगा देना चाहिए. बहुत तेज धूप होने या तेज बरसात में पौधों को छाया में ही रखना बेहतर होता है. अपने समय से इन में फूल आते हैं, जिन की खूबसूरती देखते ही बनती है.

गेंदा: गैंदे की पौध साल में 3 बार लगा सकते हैं. नवंबर, जनवरी और मईजून में. यह कीड़ों से सुरक्षित रहता है. इस की कई किस्में होती हैं. जैसे हजारा, मैरी गोल्ड, बनारसी या जाफरानी जो कि बहुत छोटे फूल देता है. यदि इस के फूलों को सुखा कर रख लें तो इस से अगली बार की पौध तैयार कर सकते हैं. सूखा फूल बीज के लिए तैयार हो जाता है.

गुड़हल: दूसरा फूल है गुड़हल का. इसे सितंबर से अक्तूबर में लगाना चाहिए. गुड़हल कई रंगों का होता है. जैसे लाल, गहरा लाल, गुलाबी, बैंगनी, नीला आदि. समयसमय पर इस में खाद डालते रहना चाहिए. नियमित सिंचाई भी जरूरी है.

सूरजमुखी: एक खूबसूरत पौधा है सूरजमुखी. इस के कई साइज हैं. बड़ा सूरजमुखी गोभी के फूल से भी बड़ा होता है. इस के बीजों से तेल भी निकाला जाता है. छोटा सूजरमुखी ढेर सारे पीले फूल देता है. इसे अप्रैल में लगाना चाहिए. यह बगीचे की शान बढ़ाता है.

जीनिया: एक और सुंदर दिखने वाला पौधा है जीनिया. यह 3 किस्मों में मिलता है. बड़े फूलों वाला, छोटे पौधे और कम अगेन किस्म. छोटी किस्म पर्सियन कारपेट कहलाती है. इसे अगस्त या सितंबर में लगाना चाहिए, ताकि बरसाती कीड़ों से बचाया जा सके. इस के कागज के जैसे रंगीन फूल पेड़ पर कभी नहीं सूखते.

तुलसी: यह लगभग हर घर में मिलता है. इस की 3 किस्में होती हैं- रामा तुलसी, श्यामा तुलसी और बन तुलसी. वर्ष में कभी भी  लगा सकते हैं. रामा और श्यामा का प्रयोग घरों में ज्यादातर होता है. यह कई औषधीय गुणों वाला पौधा है. यह पौधा वातावरण को शुद्ध रखता है. इस की पत्तियों को चबाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है.

डहेलिया: डहेलिया को क्यारियों और गमलों दोनों में उगाया जा सकता है. इसे उगाने के लिए पूर्णरूप से खुला स्थान चाहिए, जहां कम से कम 4 से 6 घंटे धूप आती हो.

ऐस लगाएं पौधे

पौध लगाने की सब से अच्छी विधि कटिंग द्वारा पौधा तैयार करना है. पुराने पौधों की शाखाओं के ऊपरी भाग से 8 सैंटीमीटर लंबी कटिंग काट लें. इन को मोटे रेत में 2 इंच की दूरी पर डेढ़ इंच गहराई में लगाएं. लगाने के बाद 3 दिन तक कटिंग लगाए गए गमलों को छायादार स्थान पर रखें. इन से 15 दिन के बाद जड़ें निकल आती हैं. इस के बाद ही इन्हें 10 से 12 इंच के गमलों में लगाते हैं. ये पौधे ज्यादा धूप या पानी से मुरझा जाते हैं, इस बात का विशेष ध्यान रखें.

यदि पौधे को गमले में उगाना है, तो उस में 3 हिस्से मिट्टी एवं 1 भाग गोबर की खाद मिला कर भर दें. ऊपर का हिस्सा कम से कम

1 से डेढ़ इंच खाली हो ताकि पानी के लिए जगह मिल सके. एक गमले में एक ही पौधा रोपें. पौधा रोपने के तुरंत बाद पानी देना चाहिए और

यदि क्यारी में लगाया हो तो 40-50 सैंटीमीटर दूरी पर रोपें. क्यारी को 10-12 इंच गहरा खोद लें. इस के बाद 100 ग्राम सुपर फास्फेट, 100 ग्राम सल्फेट पोटैशियम, 25 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र के हिसाब से दें. साथ ही फूलों में चमक लाने के लिए खड़ी फसल में 1 चम्मच मैग्निशियम सल्फेट को 10 लिटर पानी में घोल कर छिड़काव कर दें.

क्यारियां कंकड़पत्थर रहित होनी चाहिए. उन की मिट्टी में 5 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से गोबर की खाद अवश्य मिला दें (3 हिस्से मिट्टी+1 हिस्सा गोबर की खाद+25 ग्राम यूरिया+50 ग्राम डीएपी+25 ग्राम हड्डी की खाद+रेता).

अगर आप डहेलिया को गमलों में उगाना चाहते हैं तो गमले कम से कम 12 से 14 इंच के अवश्य लें. मिट्टी व गोबर की खाद की बराबर मात्रा को गमलों में भर दें. ध्यान रहे गमले का ऊपरी हिस्सा कम से कम 2 से ढाई इंच खाली हो ताकि गमलों में पानी के लिए जगह मिल सके.

गरमी पड़ने पर सप्ताह में 2 बार पानी देने की जरूरत पड़ती है. जाड़े के मौसम में 8 से 10 दिनों के अंतराल पर पौधों को पानी देना चाहिए.

 – मोनिका अग्रवाल  किसान नर्सरी, मुरादाबाद से बातचीत पर आधारित

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