जिंदगी में पैसा ही सबकुछ है अलीजेह अग्निहोत्री

बौलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान की भानजी और ऐक्टर अतुल अग्निहोत्री की बेटी अलिजेह अग्निहोत्री खान ने निर्देशक सोमेंद्र पाधी की फिल्म ‘फर्रे’ के जरीए बौलीवुड में डेब्यू किया है. सलमान खान प्रोडक्शन द्वारा निर्मित इस फिल्म की कहानी स्कूल और कालेज में पढ़ने वाले 4 दोस्तों के जीवन पर केंद्रित है. सलमान खान की बड़ी बहन अलवीरा की बेटी अलिजेह ने मुंबई में शिक्षा ग्रहण करने के बाद लंदन की यूनिवर्सिटी से बीए की डिगरी ली है.

अलिजेह ने अभिनय कैरियर चुनने से पहले क्या कोई और योजनाएं भी बनाई थीं? क्या पहले से ही उन का इरादा ऐक्टिंग लाइन में आने का था? फिल्म ‘फर्रे’ में अपना किरदार निभाने के लिए उन्होंने क्याक्या तैयारी की थी, ऐसे ही कई दिलचस्प सवालों के जवाब दिए अलिजेह अग्निहोत्री खान ने अपने खास अंदाज में:

 

View this post on Instagram

 

A post shared by ali (@alizehagnihotri)


आप की फिल्म ‘फर्रे’ हाल ही में रिलीज हुई. अपनेआप को परदे पर देख कर आप की पहली प्रतिक्रिया क्या थी?

मिलीजुली प्रतिक्रिया थी. एक तरफ जहां बहुत ज्यादा खुशी थी वहीं दूसरी तरफ थोड़ा सा ऐंग्जाइटी भी थी यह सोच कर कि फिल्म को पता नहीं कैसा रिस्पौंस मिलेगा. हम सभी ने फिल्म में काफी मेहनत की है. काफी सारी वर्कशौप की. शूटिंग के दौरान इतनी घबराहट नहीं थी. लेकिन जैसेजैसे प्रमोशन शुरू हुआ और फिल्म की रिलीज डेट नजदीक आई तो टैंशन भी हो रही थी और खुशी भी. सच कहूं तो मुझे अपनेआप को परदे पर देख कर बहुत खुशी हुई.

सलमान खान की भानजी होने के आप के लिए क्या फायदेनुकसान थे?

बड़ा फायदा बहुत यह था कि मैं एक ऐसे स्टार की भानजी हूं जिसे सब प्यार करते हैं. लिहाजा, मुझे फिल्म इंडस्ट्री में अच्छा वैलकम मिला. मगर इस के साथ लोगों की मेरे से अपेक्षाएं भी बहुत ज्यादा हैं जिन पर खरे उतरना मेरी जिम्मेदारी हो गई है.

आप के पिता अतुल अग्निहोत्री भी अच्छे ऐक्टर हैं भले ही उन का ऐक्टिंग पीरियड बहुत लंबा नहीं था फिर भी उन्होंने जितनी भी फिल्में की दर्शकों ने उन फिल्मों में आप के डैडी को बहुत पसंद किया. ऐसे में जब आप ने फिल्मों में पदार्पण किया तो उन की तरफ से आप को क्या हिदायत मिली?

आप पहली पत्रकार हैं जिन्होंने मुझ से मेरे डैडी के बारे में बात की वरना अभी तक किसी ने ऐसा नहीं किया. मेरे डैडी ने मुझे यही कहा कि जब उन्होने अपना कैरियर शुरू किया था उस वक्त वे पैसों के लिए काम कर रहे थे. इसलिए अभिनय में अपना शतप्रतिशत नहीं दे पाए. आज के समय में हमें पैसे की किल्लत नहीं है. इसलिए मैं अपना पूरा ध्यान ऐक्टिंग कैरियर की तरफ दूं और अच्छी ऐक्ट्रैस कहला कर अपने पिता का अधूरा सपना पूरा करूं.

और अगर सलमान खान की बात करें तो उन्होंने अपनी भानजी से ऐक्टिंग कैरियर को ले कर क्या सलाह दी?

मामा का यही कहना है की जिंदगी में चाहे जो हो खुशी हो गम हो, कितने ही उतारचढ़ाव आएं लेकिन अपने काम पर पूरा ध्यान दो. ऐक्टिंग में अपना शतप्रतिशत दो. तभी आप ऐक्टिंग कैरियर में आगे बढ़ पाओगे क्योंकि बतौर ऐक्टर दर्शकों को आप की पर्सनल लाइफ में कोई इंटरैस्ट नहीं है. दर्शक सिर्फ आप का काम देख कर ही आप को जज करते हैं. इसलिए अगर आप का काम अच्छा होगा तो दुनिया की कोई ताकत आप को आगे बढ़ने से नहीं रोक पाएगी. सफल होने के लिए यही गुरु मंत्र उन्होंने मुझे दिया.

आप की फिल्म में दिखाया गया है कि परीक्षा के दौरान नकल करने के लिए स्टूडैंट नएनए तरीके अपनाते हैं. क्या आप ने कभी अपने स्कूल मैं परीक्षा के दौरान नकल की थी?

नहीं नकल तो नहीं की, लेकिन एक बार नकल करने की कोशिश जरूर की थी. परीक्षा के दौरान मैं चिट ले कर गई थी. लेकिन डर के मारे मैं वह चिट निकाल ही नहीं पाई कि कहीं पकड़ी न जाऊं.

क्या आप शुरू से ही ऐक्टिंग लाइन में आना चाहती थीं?

नहीं शुरू में तो मैं ने सोचा था कि मैं डाइरैक्शन या ऐडिटिंग लाइन में कैमरे के पीछे काम करूंगी. मुझे निर्देशन और फोटोग्राफी का बहुत शौक है. इसलिए मैं ने सोचा था कि मैं कैमरे के पीछे ही काम करूंगी. लेकिन बाद में मेरा ध्यान ऐक्टिंग की तरफ जाने लगा. लिहाजा, मैं ने ऐक्टिंग सीखने के लिए कई सारी वर्कशौप कीं, ऐक्टिंग करते हुए रील बनाई और कई सारे प्रोडक्शन हाउस में मैं ने अपनी रील भेजी. फिल्म ‘फर्रे’ के लिए भी मैं ने औडिशन दिया था. उस के बाद मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका मिला. पहले यह फिल्म ओटीटी के लिए बन रही थी लेकिन बाद में सलमान मामा ने बोला कि इसे सिनेमाघर में ही रिलीज करेंगे.

जब किसी हिट कलाकार का बेटा, बेटी या रिश्तेदार फिल्मों में शुरुआत करता है तो उसे नैपोटिजम, स्टार किड के टैग से गुजरना पड़ता है. आप इस के लिए कितनी तैयार हैं?

कहते हैं न कि मारने वाले का हाथ पकड़ सकते हैं लेकिन बोलने वाले का मुंह नहीं पकड़ सकते. लिहाजा, मेरा लक्ष्य सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना है, अच्छा अभिनय करना है और अपने आप को साबित करते हुए अपने खानदान का नाम रोशन करना है. अगर मेरे सामने ऐसा कोई सवाल आता है तो उस का जवाब भी मैं शालीनता से दूंगी. फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ने के बाद हमें हर चर्चा को स्वीकार करना होगा.

‘फर्रे’ फिल्म में काम करने के पीछे सब से खास वजह क्या थी?

इस फिल्म का कंटैंट बहुत अच्छा है. यह स्कूल के जीवन पर आधारित है जिस ने मुझे आकर्षित किया. इस फिल्म में काम करना मेरी खुद की पसंद है क्योंकि इस फिल्म में बहुत अच्छे ऐक्टर और डाइरैक्टर हैं. यहां मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है. यह एक कमर्शियल फिल्म है. लेकिन मेरी कोशिश अपने किरदार को दिलचस्प बनाने की थी.

आप ने फिल्म में नियति नामक लड़की का किरदार निभाया है. असल जिंदगी में आप नियति से अपनेआप को कितना रिलेट करती हैं?

मैं नियति बहुत कुछ जैसी ही हूं. मैं एक लड़की से मिली थी जो बिलकुल नियति की तरह थी. मेरे यानी नियति और उस लड़की में ज्यादा फर्क नहीं है. उसे भी दोस्तों के साथ मजाक करने में, दुनिया देखने में दिलचस्पी थी मेरी भी कुछ वैसी ही है. वह अपने मांबाप को खुश देखना चाहती है मैं भी अपने मांबाप की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं. लेकिन नियति के साथ जो फिल्म में हुआ है वह अलग है, वही मैं ने अपने किरदार में प्रस्तुत किया है. मेरे किरदार को लगता है कि जिंदगी में पैसा ही सबकुछ है और उसी पैसे के लिए वह मुसीबत में फंस जाती है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें