बढ़ती महंगाई फीकी रौनक

महीनों से त्योहारों का इंतजार करते दुकानदार सुस्त नजर आ रहे हैं. दीवाली पर औफर में खरीदने की फिराक में ग्राहक भी घर में शांत बैठे हैं. शौपिंग करने की लिस्ट तो लंबी है लेकिन जेब में रकम सामान के बजट से काफी छोटी है. सोनाचांदी तो दूर खाद्यपदार्थ ही सोने के भाव हो रहे हैं फिर क्या दीवाली और क्या दशहरा. मंहगाई की मार चारों तरफ है.

कमरतोङ महंगाई

महंगाई ने आमलोगों की कमर तोड़ रखी है. ऐसे में इस बार की दीवाली लोगों की जेब पर महंगी पड़ी और ग्राहकी उम्मीद से भी कम नजर आई.

त्योहारों पर गुलजार होने वाले बाजार सामान्य दिनों की तरह ही नजर आ रहे हैं और सरकार जाने कहां सोई हुई है जो आमलोगों की थाली से दाल, सब्जी दूर होने पर भी सुध नहीं ले रही है.

बाजार में खामोशी

दीवाली पर शादियों के लिए सोनेचांदी की खरीदारी करने वाले ग्राहक इक्कादुक्का ही नजर आ रहे हैं. जहां पहले मध्यवर्ग परिवार की बेटी को 10 -15 ग्राम तक के सोने से बने आभूषण भेंट करने की सोचता था अब वह 5-6 ग्राम पर ही सिमट गया है. और तो और आमजन की थाली से सब्जी व दालें नदारद होती नजर आ रही हैं, वहीं त्योहारों पर पूरीसब्जी खाने का मन करे तो लोगों को मनमसोस कर रहना पड़ेगा क्योंकि एकदम से आए तेल के रेट में उछाल ने लोगों को सकते में कर दिया है. पिछले कुछ दिनों में खाद्यपदार्थ पहुंच से बाहर हो गया है.

15 लीटर के टीन रिफंड औयल की कीमत पहले से ₹550 से 600 अधिक हो गई है क्योंकि इस पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है यानि एक किलोमीटर तेल के रेट एकसाथ ₹35 के तकरीबन बढ़ा दिए हैं.
वहीं सरकार अपने महकमे से जुड़े लोगो की बल्लेबल्ले करने में लगी है.

जनता त्रस्त समरकार मस्त

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (16 अक्तूबर, 2024) को महंगाई की भरपाई के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) की मंजूरी दी है साथ ही केंद्रीय सरकार के बाद उत्तर प्रदेश व आंध्र प्रदेश नें भी 3% भत्ते में बढोत्तरी की है. यह कहां का इंसाफ है कि जनता को वोट बैंक के लिए इस्तेमाल किया जाए या सुखसुविधा मुहैया कराई जाए.

फैस्टिव सीजन में एथनिक फैशन के रंग, ब्राइट कलर्स के साथ पाएं आकर्षक लुक

ब्याह हो या तीज-त्यौहार अथवा और कोई खास अवसर भारतीय घरों में खरीदारी भी खास हो जाती है. हर महिला चाहती है कि वह त्योहारों के अवसर पर सब से अलग और खास दिखे. सब की प्रशंसाभरी नजरें उस की तरफ उठें. मगर इस ऐक्साइटमैंट में यह न भूलें कि त्योहार के दौरान अच्छा दिखने के साथसाथ कंफर्ट का खयाल रखना भी जरूरी है. कपड़े ऐसे हों कि आप आसानी से सारी भागदौड़ कर सकें, रीतिरिवाज निभा सकें और गौर्जियस लुक के साथ परफैक्ट फैस्टिव दीवा भी लगें.

ऐसे में इंडियन एथनिक कपड़ों को पहनने का जो आनंद आता है वह शायद ही किसी और ड्रैस को पहन कर आता हो. तो इस फैस्टिव सीजन क्यों न हर रस्म को ऐथनिक फैशन के साथ सैलिब्रेट किया जाए.

इस संदर्भ में डिजाइनर शिल्पी गुप्ता कहती हैं कि इन दिनों बहुत सारे ऐथनिक फैशन उपलब्ध हैं. ऐथनिक वियर की कईर् उपशैलियां भी उपलब्ध हैं जैसेकि गुजराती ऐथनिक वियर, राजपूताना ऐथनिक वियर, पंजाबी ऐथनिक वियर, मराठी ऐथनिक वियर, इसलामिक ऐथनिक वियर आदि.

इन टिप्स को अपना कर आप त्योहार में ऐथनिक लुक में भी परफैक्ट लग सकती हैं:

मिनिमम लुक

फैस्टिवल के दौरान हम मेहमानों का अभिवादन करने में थोड़ा व्यस्त हो जाते हैं. ऐसे में भारी काम वाले कपड़े थका देने वाले साबित हो सकते हैं. अत: हलकी प्रिंटेड साड़ी स्टेटमैंट प्रिंटेड श्रग के साथ अच्छा विकल्प है. यह ड्रैस आप को ऐथनिक के साथसाथ मौडर्न लुक भी देगी.

शाइनिंग सिल्क

सिल्क में आप कोई भी ऐथनिक ड्रैस पहनती हों तो वह खूबसूरत लगती है. हाल के दिनों में डिजाइनरों, मशहूर हस्तियों और कई अन्य लोगों ने रेशम के कपड़ों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. बनारसी या डाउन साउथ शैली ने फैशन की दुनिया में अलग जगह बनाई है. आप रेशमी ब्लाउज, घाघरा या साड़ी में अपना ऐथनिक अवतार ट्राई कर सकती हैं.

अनारकली और चूड़ीदार के क्लासिक कौंबो

ड्रामा और ग्लैमर, अनारकली सूट के लिए 2 शब्द हैं. इन्हें चूड़ीदार के साथ पहना जाता है. चाहे कढ़ाई हो या जरी का काम किया गया हो अथवा किसी अन्य पैटर्न में भारतीय ऐथनिक वियर की यह शैली विकल्प के रूप में नंबर-1 पर है.

टै्रडिशनल विद मौडर्न लुक

बौलीवुड स्टार अपनी ट्रैडिशनल विद मौडर्न लुक की ऐथनिक पोशाक से सब को आकर्षित करती हैं. साड़ी, लहंगा या सूट सभी पोशाकों में थोड़ा सा मौडर्न लुक इस्तेमाल कर आप ऐथनिक में भी सब से अलग लग सकती हैं.

शौपक्लूज की रितिका तनेजा, हैड, कैटेगरी मैनेजमैंट, मानती हैं कि भारत सैकड़ों भाषाओं, संस्कृतियों, व्यंजनों और त्योहारों वाला देश है. सालभर देश के किसी न किसी हिस्से में कोई खास त्योहार मनाया जाता है, लेकिन खास फैस्टिव सीजन हर साल के अंत में शुरू होता है. इस समय महिलाओं के लिए ऐसी ड्रैसेज खरीदना काफी बड़ा काम होता है, जिन में वे खूबसूरत और सब से अलग दिखें.

कुछ टिप्स

अपनाएं इंडोवैस्टर्न फ्यूजन

फैस्टिव सीजन के विभिन्न इवेंट्स में रंग जमाने के लिए इंडोवैस्टर्न फ्यूजन जरूर आजमाएं. इस समय भारतीय लुक पर अधिक और पाश्चात्य लुक पर कम ध्यान दें. यानी आप अपने लुक को सिर्फ हलका वैस्टर्न टच दें. आप अनारकली सूट को हैरम पैंट के साथ पहन सकती हैं या इस के साथ डैनिम वेस्ट जैकेट पहनें.

ब्राइट कलर्स के साथ आकर्षक लुक

इस सीजन डल कलर्स से दूरी बनाएं और ब्राइट कलर जैसे यलो, रैड, पिंक आदि पहनें या इन के साथ मैचिंग करें. यह फैशन का ऐसा सीजन है, जिस में आप कलर्स के साथ भरपूर ऐक्सपैरिमैंट्स कर सकती हैं.

स्टाइलिश स्लिट वाला कुरता

स्लिट वाले कुरते काफी आकर्षक होते हैं. आकर्षक बनने के लिए आप साइड स्लिट, फ्रंट स्लिट और मल्टीपल स्लिट वाले कुरते आजमा सकती हैं. अपने पूरे लुक को ऐक्साइटिंग टच देने के लिए इन्हें आप स्कर्ट, बेल पैंट, प्लाजो या लूज पैंट के साथ आसानी से पहन सकती हैं.

हेमलाइन का उठाएं आनंद

अनइवन, अनमैच्ड और लेयर्ड हेमलाइंस इस सीजन में बहुत लोकप्रिय हैं, क्योंकि ये अधिक कंफर्टेबल और आकर्षक लुक प्रदान करती हैं. आप रफल्स और मल्टीपल लेस वाले कुरतों के विभिन्न स्टाइल आजमा सकती हैं. आप इसे स्लिम पैंट, लूज पैंट या स्कर्ट के साथ भी पहन सकती हैं. यह परिवार और दोस्तों के साथ त्योहार मनाने के लिए अच्छा लुक है.

आकर्षक प्रिंट्स

रैट्रो युग की प्रिंट डिजाइनें बेहद आकर्षक, स्टाइलिश और क्रिएटिव लुक देती हैं. फ्लोरल मोटिफ, ब्लौक प्रिंट्स काफी ट्रैंडी दिखते हैं और ये बाहर खाना खाने, खरीदारी करने जाते समय पहनने के लिए उपयुक्त हैं.

आइए, जानते हैं मोंटे कार्लो की ऐग्जिक्युटिव डाइरैक्टर मोनिका ओसवाल से कि अपने ऐथनिक लुक में परफैक्ट कैसे दिखें:

सही फैब्रिक है सब से अहम

परिधानों का चयन करते समय सब से पहले हमें फैब्रिक पर ध्यान देना चाहिए खासकर ऐथनिक वियर के मामले में फैब्रिक एक एनहांसर का काम करता है और आप के लुक को और निखारता है. कल्पना करें, आप ने एक सिल्क साड़ी पहनी है और उस के साथ एक अच्छा सा ब्रोकेड ब्लाउज है तो कितना अच्छा लगेगा. बात जब ऐथनिक परिधानों की आती है तो सिल्क बैस्ट विकल्प होता है. वैसे भी क्लासिक फैब्रिक जैसेकि सिल्क, लिनेन, कौटन, शिफौन, लेस आदि हमेशा चलन में रहते हैं और इन पर खर्च करना एक इनवैस्टमैंट जैसा होता है.

फिटिंग भी रखती है माने

फैब्रिक के साथ फिटिंग भी माने रखती है, क्योंकि इसी से परिधानों का लुक निखरता है. ढीलेढाले कपड़े चाहे जितने भी अच्छे क्यों न हों कभी खास नहीं लगते हैं. बहुत टाइट कपड़े भी अच्छे नहीं दिखते हैं, क्योंकि ये बेवजह का अटैंशन पाने की चाह में पहने हुए से लगते हैं. ऐसे में आप इन के साथ निप ऐंड टक कर के बड़ी आसानी से और कम समय में कपड़ों की फिटिंग ठीक कर सकती हैं या फिर टेलर से फिटिंग करा कर अपने लुक को परफैक्ट बनाएं.

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लेयरिंग का जलवा

कौन कहता है कि लेयरिंग सिर्फ वैस्टर्न आउटफिट में ही अच्छी लगती है? ऐथनिक वियर में भी लेयरिंग उतनी ही महत्त्वपूर्ण होती है जो ऐलिगैंस बढ़ा देती है. एक सामान्य कुरती के ऊपर अगर आप मल्टी ह्यूड जैकेट पहन लें तो यह खास लुक देगी. साड़ी के ऊपर वैलवेट केप्स पहन कर आप अपने फैशनिस्टा के सपने को साकार कर सकती हैं. यहां तक कि एक साधारण दुपट्टा भी आप के आउटफिट में जान डाल सकता है. इस लेयरिंग को समझदारी से करें और फिर देखें कैसे आप सब के आकर्षण का केंद्र बन जाती हैं.

मिक्स ऐंड मैच

हमें अकसर ऐसा महसूस होता है कि हमारे पास ऐथनिक इवेंट के लिए पर्याप्त कपड़े नहीं है. ऐसे टाइम पर भी यदि हम अपने वार्डरोब को खंगालें तो पता चलेगा कि उस में ऐसी बहुत सारी चीजें हैं, जिन्हें मिक्स ऐंड मैच कर के हम उस खास मौके के लिए बेहतरीन आउटफिट तैयार कर सकती हैं. चूड़ीदार की जगह प्लाजो ट्राई करें अथवा अपनी लौंग कुरती के साथ शिमरी घाघरा पहन कर अपनी ड्रैस में लाएं एकदम नयापन.

बनाएं यादगार स्टेटमैंट

यह आम धारणा है कि ऐथनिक का मतलब है गहनों से लदा होना. नख से शिख तक गहने ही गहने, जो सही नहीं है. अगर आप दुलहन नहीं हैं तो गहनों को ले कर चूजी रहें. बहुत सारे गहनों की जगह एक स्टेटमैंट पीस का चयन कर सोबर लुक के साथसाथ अट्रैक्टिव भी लगें.

फैशन डिजाइनर आशिमा शर्मा कहती हैं कि पेस्टल शेड्स फिर से ट्रैंड में हैं. युवा महिलाओं में त्योहारों के समय इस कलर का क्रेज दिखता है. मजैंटा या डार्क पिंक भी आजकल फ्यूजन वियर लुक के लिए ट्रैंड में हैं. ये भारतीय महिलाओं में फैस्टिव लुक्स के लिए काफी पौपुलर शेड्स हैं.

फैस्टिव लुक्स के लिए इंडोवैस्टर्न या फ्यूजन वियर भी काफी ट्रैंडिंग हैं. लहंगासाड़ी भी बेहतरीन औप्शन है. इंडोवैस्टर्न कुरती लुक्स भी फैस्टिव चौइस के रूप में काफी लोकप्रिय है. अनारकली ट्रैंड भी बेहतरीन फैस्टिव लुक देता है.

इंडोवैस्टर्न बैल्टेड साड़ी पहन कर भी आप त्योहारों के मौसम में जलवे बिखेर सकती हैं. प्लीटेड स्कर्ट्स के साथ इंडोवैस्टर्न टौप भी एक स्मार्ट चौइस है.

आजकल कुछ महिलाओं ने जोधपुरी पैंट्स के साथ शौर्ट कुरती पहननी शुरू की है, जो उन्हें डिफरैंट लुक देती है. ऐंब्रौयडरी वाली प्लेन चिकन कुरतियां भी फैवरिट फैस्टिव फैशन ट्रैंड है और यह हर उम्र की महिलाओं के द्वारा पसंद किया जाने लगा है.

इस फैस्टिव सीजन के लिए ज्वैलरी ट्रैंड्स

फ्लोरल ज्वैलरी इस सीजन में सब से ज्यादा लोकप्रिय ट्रैंडिंग ज्वैलरी ट्रैंड है. फ्लौवर्स से बने नैकपीसेज और मांगटीका इस सीजन में सब से ज्यादा पहने जा रहे हैं. स्टेटमैंट नैक पीसेज और इयररिंग्स भी फैस्टिव लुक में पसंद किए जा रहे हैं. डायमंड और क्रिस्टल ज्वैलरी मैचिंग इयररिंग्स के साथ भी फैस्टिव सीजन की पहली पसंद है. व्हाइट गोल्ड ज्वैलरी भी ट्रैंड में आ गई है. बहुत सी सैलिब्रिटीज यह ज्वैलरी पहनी दिख जाएंगी.

मल्टीपल कलर्ड पीसेज के बजाय फैस्टिवल्स में सिंगल कलर्ड ज्वैलरी पीसेज ज्यादा अच्छे लगते हैं. फैस्टिवल्स के दौरान हैवी पीस के बजाय लाइट वेट नैक पीस ज्यादा पसंद किए जाते हैं. फैस्टिव ज्वैलरी के लिए ब्यूटीफुल पर्ल्स ट्रैंड में हैं. असली और नकली दोनों तरह के पर्ल्स लिए जाते हैं. हैंड क्राफ्टेड और क्रिएटिव लुकिंग ज्वैलरी भी फैस्टिव सीजन की पहली पसंद है. इंडोवैस्टर्न लुक्स के साथ मैटेलिक या ब्रौंज्ड ज्वैलरी कंप्लीट फैस्टिव लुक देती है. सी शैल्स से बनी ज्वैलरी भी ऐथनिक फैस्टिव ड्रैसेज के साथ परफैक्ट लुक देता है. रंगरीति के सीईओ संजीव अग्रवाल ऐथनिक वियर से जुड़े निम्न टिप्स दे रहे हैं:

पारंपरिक परिधानों को दें नया ट्विस्ट

इस सीजन में पारंपरिकता और आधुनिकता का फ्यूजन टै्रंड में है. आप लंबी मैक्सी ड्रैस के साथ गहरे रंग की धोती पैंट पहन सकती हैं या कुरते के साथ धोती या पैंट मैच कर सकती हैं. आप चाहें तो स्टाइलिश कुरते को फ्लेयर्ड प्लाजो पैंट के साथ भी पहन सकती हैं.

आप स्टाइलिश कुरती और पैंट के साथ पारंपरिक जैकेट भी पहन सकती हैं. गहरे, पेस्टल या मिलेजुले रंगों में अपनी पसंद के रंग चुन सकती हैं. पेस्टल ग्रीन, मिंट ग्रीन, क्रीम, डल पिंक, पाउडर ब्लू जैसे कलर इस सीजन फैशन में हैं, जो फ्रैश और लाइट फीलिंग देते हैं.

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ऐथनिक फैशन

ऐथनिक ड्रैसेज भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं. इन त्योहारों में आप कई रंगों, पैटर्नों और डिजाइनों में ऐथनिक आउटफिट जैसे सलवार सूट, कुरतीप्लाजो, हैवी टुपट्टा, कुरती स्लिम पैंट, कुरतीस्कर्ट जैसे फ्यूजन अपना सकती हैं. अलगअलग रंगों और डिजाइनों के साथ नए प्रयोग भी कर सकती हैं.

कुरता ड्रैस

कुरता ड्रैस आजकल महिलाओं में काफी लोकप्रिय है. टाई ऐंड डाई प्रिंट का शौर्ट कुरता या मैक्सी कुरता जैसे परिधान इन त्योहारों में आप को नया लुक देंगे.

डबल लेयरिंग: लेयरिंग 2019 का नया फैशन कहा जा सकता है. यह पारंपरिक और पश्चिमी दोनों तरह की ड्रैसेज में चल रहा है. फैस्टिवल्स में आरामदायक एहसास पाने के लिए आप अपनी टीशर्ट के साथ नैट या कौटन का स्टाइलिश श्रग पहन सकती हैं. लेयर्स जहां एक ओर आरामदायक और खूबसूरत एहसास देती हैं, वहीं स्टाइलिश लुक भी देती हैं.

कोई भी ड्रैस चुनते समय आराम को सब से ज्यादा महत्त्व दें. आप चाहे वैस्टर्न वियर पहन रही हों या ऐथनिक वियर, आराम सब से ज्यादा माने रखता है. त्योहारों में आप को काम भी करना होता है, तो डांस भी. ऐसे में जरूरी है कि आप का परिधान ऐसा हो जिस में आप आराम से काम कर सकें, डांस कर सकें, लंबे समय तक सहज महसूस कर सकें. ऐसे मौकों के लिए क्लासी, लेकिन लाइटवेट कपड़े ही चुनें.

Festival में धर्मगुरुओं का दखल क्यों ? त्योहार तो खुशियों की है चाबी

हमारे देश में हर साल कई तरह के त्योहार (Festival) मनाए जाते हैं. ये त्योहार लोगों को उन की रोजमर्रा की दिनचर्या से सिर्फ कुछ समय का ब्रेक ही नहीं देते हैं बल्कि जश्न मनाने और अपनों के साथ रिश्ते मजबूत करने का मौका भी देते हैं. इन त्योहारों का मतलब उपवास करना या धार्मिक रीतिरिवाजों को निभाना नहीं बल्कि जिंदगी में प्यार और उत्साह भरना है. इन्हें धर्म से नहीं बल्कि खुशियों से जोड़ कर देखना चाहिए. प्राचीनकाल से हर त्योहार कुछ खास मतलब से मनाया जाता रहा है.कभी कृषि कार्य आरंभ करने की खुशी, कभी फसल काटने का हर्ष तो कभी मौसम के बदलाव का संकेत. ये बहुआयामी उत्सव हैं.

आज हम ने भले ही इन्हें रीतिरिवाजों और धार्मिक कर्मकांडों में इतना ज्यादा डुबो रखा है कि इन के असली अर्थ और आनंद को भूल गए हैं. फैस्टिवल का मतलब तो हंसीखुशी और ऐंजौय करने का दिन है न कि पूजापाठ करने का दिन. याद रखिए यह पंडितों और धर्मगुरुओं की तिजोरी भरने का दिन नहीं है बल्कि अपने लिए खुशियां ढूंढ़ कर लाने का दिन है. त्योहार की खासीयत है कि यह एकसाथ सब का होता है. आप बर्थडे मनाते हैं, ऐनिवर्सरी मनाते हैं, ये सब दिन आप के पर्सनल होते हैं, आप की फैमिली के लिए खास होते हैं. मगर फैस्टिवल्स पूरे देश में एकसाथ मनाए जाते हैं. हरकोई उसी दिन फैस्टिवल मना रहा होता है. इस का आनंद ही अलग होता है.धर्म का दखल क्योंमगर धर्म ने हमारी खुशियों, हमारे फैस्टिवल्स पर कब्जा कर रखा है. अगर इंसान पैदा होता है तो धर्म और धर्मगुरु आ जाते हैं. धर्मगुरु इस बहाने पैसा कमाते हैं. इंसान मरता है तो भी धर्मगुरुओं की चांदी हो जाती है. जबकि कोई इंसान पैदा या मर रहा है या शादी कर रहा है उस में धर्म का या धर्मगुरुओं का दखल क्यों? इसी तरह कोई भी फैस्टिवल हो धर्मगुरु, पंडित, पुजारी सब अपनी चांदी करने की कोशिश में लग जाते हैं.लोग आंख बंद कर उन के हिसाब से चलते हैं. उन के हिसाब से पूजापाठ में पूरा दिन बिताते हैं और फिर दानधर्म के नाम पर अपनी मेहनत से कमाई हुई दौलत उन पर लुटा देते हैं.

यह फैस्टिवल नहीं हुआ यह तो एक तरह से बस पंडितों की चांदी हुई.मानसिक सेहत के लिए लाभकारी हैं ये फैस्टिवल्सत्योहार यानी खुशियों को महसूस करने का मौका है. अपने सांस्कृतिक महत्त्व से परे त्योहारों का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा लाभ होता है. ये अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने, तनाव दूर करने और सकारात्मकता फैलाने में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. त्योहार ऐसा मौका होता है जब लोग जिंदगी की तमाम चुनौतियों के बावजूद एकसाथ मिल कर मौजमस्ती करते हैं, खातेपीते हैं और खुशियां मनाते हैं. दीपावली, रक्षाबंधन और क्रिसमस जैसे आने वाले त्योहार लोगों के बीच प्यार और सद्भाव को बढ़ावा देते हैं.नवरात्रि का त्योहार हो या दीवाली, क्रिसमस हो या नइया ईयर ये सभी देश के ज्यादातर हिस्सों में काफी धूमधाम से मनाए जाते हैं. त्योहार अपने साथ खुशी और उत्साह लाते हैं.

हैल्थ ऐक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि त्योहार हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालते हैं. यह एक ऐसा समय होता है जब लोग चिंताओं और परेशानियों को भूल त्योहार के रंग में रंग जाते हैं. गरबा नाइट्स से ले कर पटाखे जलाने या मिठाइयां खाने जैसी कई ऐक्टिविटीज हैं जिन में आप हिस्सा ले सकते हैं. स्वादिष्ठ खाना, करीबी लोगों के साथ वक्त बिताना, फैस्टिव वाइब सभी हम सभी को दिल से खुश कर देते हैं.तनाव से राहतत्योहारों का मौसम ऐसा होता है जब हरकोई सब से अच्छा दिखना चाहता है. महिलाएं अपनी स्किन की देखभाल करती हैं. चेहरे के मास्क से ले कर नेलपौलिश और मेहंदी लगाना या सौंदर्य प्रसाधनों के साथ प्रयोग करना उन्हें भाने लगता है. ये चीजें शरीर और मन को आराम और सुकून देती हैं. जब आप इन का इस्तेमाल करती हैं तो आप को ऐसा लगता है जैसे आप अपना खयाल रख रही हैं. यह सोच तनाव हारमोन को कम करती है. त्वचा को रगड़ना और थपथपाना जैसी सरल क्रियाएं आप की हृदय गति और चिंता को कम करने में मदद कर सकती हैं.

जब आप क्लींजिंग, टोनिंग, मौइस्चराइजिंग जैसे कामों पर ध्यान केंद्रित करती हैं तो आप शांत महसूस करती हैं जिस का आप के मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है.कई अध्ययनों के अनुसार उत्सव के लिए तैयार होने के दौरान बालों को ब्रश करना और स्टाइल देना, शौपिंग करना, नईनई ड्रैसेज पहनना, मेहंदी लगाना जैसे छोटेमोटे प्रयास भी आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और यौवन की अनुभूति देते हैं. हम खुद को खूबसूरत महसूस करते हैं. हमारा दिल और दिमाग उस दौरान काफी स्फूर्तिवान और आनंदित रहता है.त्योहारों के दौरान घर को सजाना, जश्न की तैयारी करना जैसी ऐक्टिविटीज का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. भले ही हम इन सब कामों को कर थक जाते हैं लेकिन इन से दिमाग और शरीर को नई ऊर्जा मिलती है. तनाव पैदा करने वाले हारमोन का स्तर कम होता चला जाता है.

जब आप त्योहार मनाते हैं, लोगों से मिलते हैं तो आप की दिल की धड़कनें भी सही चलती हैं और बेचैनी दूर रहती है.अगर आप त्योहारों में पूरी तरह से हिस्सा लेते हैं तो आप देखेंगे कि ये किस तरह एक थेरैपी की तरह काम करते हैं. शोध से पता चलता है कि मेकअप या घर की सजावट बेचैनी को दूर करती है. इस से आप के दिमाग में स्ट्रैस कम होता है और नकारात्मक खयाल नहीं आते.आत्मविश्वास बढ़ता हैजब आप अच्छे से तैयार होती हैं और मेकअप कर खूबसूरत दिखती हैं तो इस से सुरक्षा और ताकत की भावना आती है. दरअसल, मेकअप और अच्छे कपड़े आप का आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करते हैं. सजनेसंवरने से हमारे शरीर में औक्सीटोसिन नाम का हारमोन रिलीज होता है, जिस से भावनाएं पौजिटिव होती हैं.सकारात्मक सोचत्योहार लोगों में आशा और सकारात्मक सोच का संचार करने में मदद करते हैं. इस दौरान लोग उत्साह का अनुभव करते हैं.

इस से लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. त्योहार निश्चित रूप से हमें रोजमर्रा की नीरस दिनचर्या से एक ब्रेक देते हैं. इस से लोगों में सकारात्मक भावनाएं पैदा होती हैं और बोरियत की भावना कम होती है.त्योहारों में भाग लेना और उन की तैयारी करना, डांसगाने के प्रोग्रामों में अपनी अच्छी परफौर्मैंस देना व्यक्ति को जीत का एहसास कराता है. किसी भी कार्य को पूरा करना, पकवान पकाना, दीए जलना, खुशियां फैलाना आदि लोगों में प्रेरणा और आत्मसम्मान को बढ़ावा देते हैं.त्योहार व्यक्ति को वर्तमान में मौजूद रहने के लिए प्रेरित करते हैं. ये व्यक्ति को विभिन्न गतिविधियों में शामिल करते हैं जैसेकि भोजन का स्वाद लेना, डांस करना, संगीत बजाना, हंसीखुशी से मिलनामिलाना और छोटों की सराहना करना. इस से लोगों में सकारात्मकता बढ़ती है. त्योहार हमारे जीवन में खुशियां ले कर आते हैं. हम अपने आसपास कई खुशमिजाज लोगों को देखते हैं.

इस का हमारे मूड पर सीधा असर पड़ता है, साथ ही यह एक ऐसा समय होता है जब आप अपने परिवार के लोगों के साथ क्वालिटी टाइम बिताते हैं, गपशप करते हैं और ऐसे काम करते हैं जो आप को खुश करती हैं. त्योहार हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाते हैं और यही कारण है कि लोग एकसाथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए इकट्ठा होते हैं.यह परिवार के साथ घूमने का अच्छा समय होता हैआजकल जीवन में अकसर लोग एकाकी हो गए हैं. हरकोई आत्मनिर्भर है फिर भी काफी व्यस्त है. ये छुट्टियां आप को एकसाथ लाती हैं और आप को अपने परिवार, आनंद और उत्सव का एहसास कराती हैं जो आप के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. त्योहार आप को महसूस कराते हैं कि आप के पास लोग हैं जिन्हें आप का साथ पसंद है. सा?ा खुशी हमेशा अकेले बैठने से बेहतर होती है. त्योहार मूड के सकारात्मक पक्ष और शरीर में खुशी के हारमोन के उत्पादन को बढ़ाते हैं. ये एकाकीपन को चुनौती देते हैं. त्योहारों के दौरान ऐसी कई गतिविधियां होती हैं जो आप का उत्साह बढ़ाती हैं और आप को अपने बारे में अच्छा महसूस कराती हैं.

कुछ नया सोचेंहमेशा जरूरी नहीं कि त्योहारों को एक ही तरह से मनाया जाए या एक ही तरह से सारी बातें की जाएं, वही पुराने रीतिरिवाज, वही पाठपूजन और वही दिनभर लेनदेन. कोशिश करें कि हर बार त्योहारों को एक नए तरीके से मनाया जाए. एक नए जज्बे के साथ कुछ अलग करें. अगर हर बार आप त्योहार पर अपने घर में धूम मचाते हैं तो इस बार किसी खास रिश्तेदार के घर चले जाएं और मिल कर फैस्टिवल मनाएं या फिर इस बार आप कुछ नया खरीदें. घर की जरूरत की कुछ बड़ी चीज जैसे गाड़ी वगैरह या रसोई का बड़ा सामान ताकि वह फैस्टिवल यादगार बन जाए. आप इस दिन नए घर में शिफ्ट कर सकते हैं या नया घर खरीद सकते हैं.यही नहीं आप फैस्टिवल के दिन किसी और के बारे में भी सोचें. किसी अनजान को खुशियों का उपहार दें. किसी अनाथालय चले जाएं या किसी वृद्धाश्रम चले जाएं. वहां सब के साथ मिल कर खुशियां मनाएं. उन लोगों के चेहरों पर मुसकान लाएं.

किसी गरीब बस्ती में चले जाएं और मिठाइयां बांटें. कुछ ऐसा कीजिए जो आप हर बार नहीं करते और उसे कर आप को बहुत खुशी मिले.कहीं घूमने जाएंजरूरी नहीं कि फैस्टिवल का मतलब घर में ही रौनक बढ़ाई जाए या घर को सजाया जाए अथवा नए कपड़े पहने जाएं. कभी आप ऐसा भी करें कि कहीं घूमने निकल जाएं. लंबी छुट्टी मिल जाती है. सैटरडेसंडे और त्योहार के 2 दिन मिला कर 3-4 दिन के लिए कहीं घूमने जा सकते हैं वरना औफिस और घर के बाद आप को कहीं जाने का समय नहीं मिलता. यही समय है अपनी जिंदगी जीने का या अपनों के करीब आने का. यही वह समय है जब आप कुछ नई जगह ऐक्सप्लोर कर सकते हैं.कहीं ऐसी जगह घूमने जाएं जहां आप अपनी पसंद के हिसाब से घूम सकें. फिर वैसे भी फैस्टिवल हर जगह मनाया जाता है तो आप कहीं भी हों वहां पर आप फैस्टिवल का मजा भी ले सकते हैं.फैस्टिवल पार्टीकभी ऐसा भी कीजिए कि फैस्टिवल के दिन या उस से 1-2 दिन पहले आप फैस्टिवल पार्टी रखें.

अपने घर में सब को बुलाएं जो आप के करीब हैं या आप के दोस्त और रिश्तेदार हैं. उन सब के साथ मिल कर कुछ वक्त साथ बिताएं. धूम मचाएं और गानों पर डांस करें. सारी परेशानी, चिंता और कमियां भूल कर बस खुशियां और खुशियां ही बटोरें. आप घर में मिठाइयां बना सकते हैं. कुछ नमकीन वगैरह तैयार करें.घर का एक कमरा अच्छे से सजा दें. सब के साथ समय बिताएं. गेम्स खेलें. एकदूसरे के दिल का हाल जाने. साथ समय बिताएं और खानापीना करें. हंसीमजाक करें. जिंदगी का एक दिन इतना खूबसूरत बना लीजिए कि उस दिन की यादें महीनोंसालों तक कायम रहें.दिल को छूने वाले गिफ्टफैस्टिवल एक ऐसा मौका है जब आप किसी को उस का मनपसंद गिफ्ट दे कर उस के चेहरे पर मुसकराहट ला सकते हैं. उस की जिंदगी को संवार सकते हैं. उसे नई खुशी दे सकते हैं.

जरूरी नहीं कि आप कोई महंगी चीज ही खरीदें. आप किसी के लिए अगर उस की जरूरत की चीज खरीदते हैं और गिफ्ट के रूप में उसे इस दिन देते हैं तो वह कभी आप को भूल नहीं पाएगा. आप गौर करें कि किस को किस चीज की जरूरत है और फिर फैस्टिवल के मौके पर उसे बहाने से वह चीज दे सकते हैं.वह शख्स आप का अपना भी हो सकता है या पराया भी, अनजान भी. मगर आप अगर इस तरह किसी को गिफ्ट देते हैं तो आप को अंदर से खुशी मिलेगी. आप का अपना कोई कई महीने से किसी चीज के लिए आप को कह रहा है तो बस यही समय है जब आप उसे वह चीज ला कर दें और फिर देखें कैसे वह आप के गले लग जाता है.पूजापाठ नहीं खुशियां बटोरेंफैस्टिवल का मतलब यह नहीं कि आप सुबह से पूजापाठ की तैयारी में लगे रहें. बाजार से पूजा का सामान ले कर आएं. पंडित के घर जा कर उस को न्योता दे कर आएं और फिर प्रसाद बनाने और पूजा का सामान व्यवस्थित करने में लग जाएं. खुद नहाधो कर पूजापाठ करने लग जाएं और फिर पंडितजी के आने का इंतजार करें.

फिर जब पंडित पूजा शुरू करें तो सुबह से रात शाम तक बस उसी में लगी रहें.फैस्टिवल का मतलब पूजापाठ में समय लगाना नहीं बल्कि खुशियां बटोरने में समय लगना होता है. फैस्टिवल हमारे लिए आते हैं ताकि हम अपने दिलोदिमाग में, अपनी जिंदगी में कुछ परिवर्तन ला सकें. कुछ खुशियां बटोर सके. लेकिन महिलाएं धार्मिक रीतिरिवाजों में सुबह से रात तक बिजी रहती हैं और फिर वे इतनी थक जाती हैं कि फैस्टिवल का आनंद ही नहीं ले पातीं.फैस्टिवल दिमाग को तनाव मुक्त करने के लिए आते हैं न कि अपने दिमाग को पूजापाठ में लगाने के लिए. अगर आप बस इसी सोच में रह जाएं कि कहीं कोई रिवाज छूट न जाए, कुछ गलत न हो जाए, पूजा में कोई कमी न रह जाए तो आप को कुछ और करने का समय ही नहीं मिलेगा. अकसर देखा जाता है महिलाएं अपने बच्चों और पति को डांटती रहती हैं कि ऐसे करो वैसे करो. यह चीज ले कर आओ वह काम करो. कई दफा खुद ही बाजार चली जाती हैं पूजा के लिए सामग्री लाने के लिए.घर में फैस्टिवल के दिन कोई पूजा के लिए लकडि़यां ला रहा है तो कोई खास तरह के पत्ते. इसी तरह खास तरह की पूजा की सामग्री लानी भी जरूरी हो जाता है. इंसान का पूरा दिन इसी सब में निकल जाता है. कुछ लोग मंदिर जाते हैं तो मसजिद, चर्च जाते हैं. पूरा दिन इस तरह से बिता देते हैं. इस तरह फैस्टिवल मनाने का कोई फायदा नहीं. आप फैस्टिवल में जिंदगी जीने का प्रयास करें. पूरे उत्साह और प्यार से इस दिन को ऐंजौय करें.

गणपति, गरबा, दशहरा, होली और दीवाली जैसे त्योहारों पर सरकार व प्रशासन की सख्ती क्यों ?

नवरात्रि के 9 दिन हों या गणपति के 11 दिन, इन दिनों जश्न वाला माहौल होता है. भारत के हर शहर में गणेश उत्सव, दशहरा आदि मनाने के लिए हरकोई उत्साहित रहता है. लेकिन जैसेजैसे समय गुजर रहा है, लोग ज्यादा शिक्षित तो हो रहे हैं, मगर त्योहारों पर नियमकानून और सुरक्षा की तलवार लटकना शुरू हो गई है.

3 अक्तूबर, 2024 को नवरात्रि का त्योहार शुरू हुआ. इन दिनों खासतौर पर मुंबई व गुजरात में गरबा प्रेमियों की भीड़ अति व्यस्तता के बावजूद नवरात्रि स्थलों पर सजधज कर गरबा डांडिया खेलने पहुंच जाती है. इन नवरात्रि उत्सव मनाने वाले जगहों का टिकट और पास ₹500 से ₹1000 के करीब का होता है। कई जगहों पर तो 1 दिन का ₹800 तक का भी पास होता है. बावजूद इस के गरबा प्रेमी यहां पर पास या टिकट ले कर गरबा खेलने पहुंचते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से पुलिस कमिश्नर और मौजूदा सरकार द्वारा पास किए गए कानून के हिसाब से रात के 10:00 बजे तक ही गरबा खेलने की परमिशन है. ऐसे में कई गरबा प्रेमियों को अपनी इच्छा को मार कर घर बैठना पड़ता है जो अपना काम खत्म कर के और 2-3 घंटे की लंबी यात्रा कर के 9 बजे घर पर पहुंचते हैं. ऐसे में गरबा स्थान पर पहुंचने में ही उन्हें 10 बज जाते हैं जिस के चलते कई सारे लोग समय की पाबंदी के चलते गरबा खेलने नहीं जा पाते.

सख्त हिदायत

इस बार भी मुंबई के पुलिस कमिश्नर विवेक फनसलकर की सख्त हिदायत है कि नवरात्रि का समय 10 बजे तक का ही होगा। ऐसे में अगर कहीं भी 10:00 के बाद लाउड म्यूजिक सुनाई दिया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी.

मौजूदा सरकार और पुलिस के अनुसार सिर्फ शनिवार व रविवार को और नवरात्रि के आखिरी दिन रात 12 बजे तक गरबा खेला जा सकेगा. हालांकि बहुत सारे दिग्गज लोगों ने समय बढ़ाने के लिए सरकार के सामने गुहार भी लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

ऐसे ही कुछ हालात दीवाली व होली और गणेशोत्सव के दौरान भी देखने को मिलती है। पेश हैं, इसी सिलसिले पर एक नजर :

सख्त कानून के पीछे खास वजह क्या है

एक समय था जब हिंदू,मुसलिम, सिख, इसाई धर्म में न सिर्फ एकदूसरे के धर्म की इज्जत करते थे बल्कि दोस्ती और भाईचारा निभाते हुए सभी धर्म के त्योहार भी साथ मिल कर मनाते थे. कोई हिंदू अगर मुसलमान के घर ईद मिलने जाता था तो मुसलमान भी अपने हिंदू दोस्त के घर दीवाली और होली मिलने आते थे. लेकिन जैसेजैसे समय बदला वैसेवैसे शिक्षित भी धर्म के नाम पर अशिक्षित जैसा व्यवहार करने लगे. जिस के चलते अगर मसजिद के सामने पटाखे फोड़ दिए जाएं तो उस पर भी विवाद शुरू हो जाता है.

अगर किसी मुसलिम को होली पर भूल से रंग लग जाए तो झगड़ा शुरू हो जाता है जोकि बाद में बड़ी दिक्कत के रूप में सामने आता है. एक समय में मुसलिम व हिंदू भाईभाई कहने वाले भारतीय अब मुसलमान को ले कर धर्म के नाम पर लड़ने लगे हैं. इसी के चलते कोई दंगाफसाद न हो इसलिए पुलिस को भी सख्ती बरतनी पड़ती है जिस के चलते न सिर्फ समय की पाबंदी हो गई है , बल्कि सभी त्योहारों पर कोई न कोई रोकटोक हो गई है.

त्योहारों का मजाक तो नहीं

होली पर रंगों को ले कर, दीवाली पर पटाखों को ले कर, नवरात्रि में समय को ले कर कई ऐसे कानून बन गए हैं जो त्योहार का मजाक किरकिरा करने के लिए काफी हैं. जिस में कभी पौलिटिकल इश्यू आता है, तो कभी धर्म के नाम पर इमोशनल और सैंसिटिव इश्यू. कभी हैल्थ को ले कर वाइस कंट्रोल करने का इशू सामने आ जाता है और ऐसे में दीवाली, होली नवरात्रि या गणपति जैसे त्योहारों का हम इंतजार जो बेसब्री से करते हैं वह कब ठंडाठंडा ही आ कर चले जाते हैं, पता ही नहीं चलता.

Teej Special : घर पर ऐसे बनाएं मेवा मोदक, ट्राई करें ये आसान रेसिपी

अगर आप घर पर मोदक बनाने की सोच रही हैं तो हम आपको आज मेवा मोदक की रेसिपी बताएंगे. मेवा मोदक बनाना आसान है. ये टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी होते है, जिसके चलते आप अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को फेस्टिवल में मोदक खिला सकती हैं. आइए आपको बताते हैं मेवा मोदक की खास रेसिपी…

हमें चाहिए

250 ग्राम गेहूं का आटा

200 ग्राम काजू, बादाम व पिस्ते के टुकड़े

25 ग्राम किशमिश

25 ग्राम मगज

25 ग्राम गोंद

100 ग्राम अथवा स्वादानुसार पिसी चीनी

200 ग्राम देशी घी.

बनाने का तरीका

कड़ाही में घी गरम कर गोंद को तल लें. गोंद के फूलते ही उसे घी से निकाल लें. उसी कड़ाही में आटा डाल कर मंदी आंच पर हलका सुनहरा होने तक भूनें. अब इस में काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश, मगज व गोंद को पीस कर मिलाएं. 2-3 मिनट और भूनें. फिर चीनी मिला कर आंच से उतार लें. थोड़ा गरम रहते ही मिश्रण के मनचाही नाप के मोदक बना लें.

Raksha Bandhan : फैस्टिवल सीजन में रहना चाहते हैं एनर्जेटिक, तो ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल

त्यौहारों में शरीर को स्वस्थ और वजन को नियंत्रण रखना तभी संभव है जब आप यह ध्यान रखें कि आप क्या खाते हैं और कितना खाते हैं. भोजन की किस्म और पोर्शन का आकार आप को यह जानने में मदद करता है कि आप रोज कितनी कैलोरी ले रही हैं. अगर आप स्वस्थ और सही शेप में रहना चाहती हैं तो जरूरी है कि खाना सोचसमझ कर खाएं. हम सब जानते हैं कि त्योहार खुशियों के साथसाथ मिठाई का भी समय होता है. मिठाई के साथ आप ज्यादा कैलोरी का सेवन करती हैं. इस से आप का शरीर और स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है.

क्या खाएं क्या नहीं

आहार से संबंधित इन बुनियादी चीजों का त्योहार के दिनों में खास ध्यान रखना चाहिए:

इस दौरान डाइट बहुत महत्त्वपूर्ण है और बुनियादी चीजों की शुरुआत इस दौरान खाने के लिए सही चीजों का स्टौक रख कर की जा सकती है. अगर आप कैलोरी पर नजर रखती हैं तो जरूरी है कि आप के पास खाने के लिए सही चीजें हों. इस से आप खुशियों और मिठाइयों के बीच रह कर भी अपना आहार स्वस्थ रख पाएंगी.

आप चाहें तो इस समय मेवों का चुनाव कर सकती हैं. इन में स्वास्थ्यकर फैट्स होता है, जो वजन को कोई नुकसान पहुंचाए बगैर आप की त्वचा और बालों को ठीक करने में सहायता कर सकता है. मुट्ठीभर मेवे जैसे किशकिश, बादाम, पिश्ता, काजू, खूबानी, अंजीर आदि त्योहारों पर कुछ स्वास्थ्यकर खाने और उपहार देने के अच्छे विकल्प हैं. यही नहीं सगाई, शादी, दीवाली, होली के मौके पर कई लो कैलोरी वाली मिठाइयों में इन्हें भी शामिल किया जा सकता है.

यह भी महत्त्वपूर्ण है कि आप सफेद चीनी, घी या तेल में तली चीजों से बचें. इन की वजह गुड़ या डार्क चौकलेट और मेवों से बनी मिठाई का सेवन करें. यह एक बेहतर विकल्प होगा. मैदा, चीनी और घी से बनी मिठाइयां कम से कम खाएं ताकि बहुत ज्यादा कैलोरी को दूर रख सकें.

मसालों की जगह स्वास्थ्यकर चीजों का उपयोग किया जाना चाहिए. मीठी चीजों में लौंग, केसर, दालचीनी, इलायची और कालीमिर्च आदि इस्तेमाल किए जा सकते हैं. ये खा-पदार्थों को अच्छा फ्लेवर देने के साथसाथ कई जैविक गुणों से भी समृद्ध होते हैं और इसीलिए स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ देते हैं. ये चीजें भारतीय रसोई में आराम से उपलब्ध भी होती हैं.

खरीदारी के दौरान हलकाफुलका खाने का रिवाज भी है. इस दौरान आप क्या खाती हैं, उस का ध्यान रखना स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण है. आप क्या खाती हैं उस का ध्यान रखना भी जरूरी है. औलिव औयल या शहद से सीजन्ड अथवा किसी अन्य और्गेनिक सीजनिंग वाले स्वास्थ्यकर फलदार सलाद का चुनाव करें. स्वास्थ्यकर पाक विधियों वाले डैजर्ट तैयार करें और उन के ऊपर सफेद चीनी की जगह फल रख कर सजाएं.

स्वास्थ्यकर डाइट के लिए कुछ टिप्स

खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए निम्नलिखित उपायों पर निर्भर कर सकती हैं:

– अगर आप रोज कोई वर्कआउट करती हैं तो अपनी इस दिनचर्या का पालन करती रहें, क्योंकि वर्कआउट में व्यवधान के बाद खाने में जरा सी भी गड़बड़ी का नुकसान ज्यादा हो सकता है. आप का वजन बढ़ जाएगा.

– खाना पकाना कइयों के लिए तनाव कम करने का काम करता है. हालांकि खाली पेट खाना बनाने से बीचबीच में खाने का मन करता है. इस से बचने का तरीका यह है कि आप ऐसे समय खाने की चीजें बनाएं जब आप भूखी न हों या फिर अस्वास्थ्यकर चीजें पास न रखें. आप जो भी जीच बनाएं वह स्वास्थ्यकर हो यह खयाल रखें और इस के लिए स्वास्थ्यकर चीजों का ही उपयोग करें. मीठे की जगह शहद, गुड़ और यहां तक कि ताजे फलों का भी उपयोग किया जा सकता है. ये सब प्राकृतिक मिठाई या फ्लेवर की तरह स्वीकार किए जाते हैं.

– त्योहारों से पहले की तैयारियों के दौरान खरीदारी का संबंध कुछ सिद्धांतों के अनुसार होना चाहिए. इस में सिर्फ स्वास्थ्यकर खा-पदार्थों को चुनना और शुरू से ही अस्वास्थ्यकर चीजों से बचना शामिल है.

– मांसाहारी भोजन के सेवन से बचें और खाने में ज्यादा प्राकृतिक चीजें, सब्जियां और फल लें. अगर यह संभव न हो तो मांसाहारी और शाकाहारी भोजन के बीच संतुलन बनाए रखने के मंत्र का पालन करें.

– हाईड्रेटेड रहना हमेशा याद रखें. खूब पानी और दूसरे तरल पेय पीएं. त्योहारों में हम जल्दबाजी में भी रहते हैं. हमें अपने काम के साथ घूमने, खरीदारी करने और कई अन्य चीजों के बीच संतुलन बनाना होता है. इस व्यस्तता में हमें कभी भी पोषण और स्वास्थ्य को नहीं भूलना चाहिए. यही नहीं, कई बार प्यास को भूख मान लिया जाता है. फिर खाना ज्यादा खा लेते हैं, पानी कम पीते हैं. इस से अस्थाई तौर पर पानी को ले कर असंतुलन हो सकता है और शरीर में तनाव हो सकता है. इसलिए इस बार शादी या त्योहार की खरीदारी के दौरान खूब पानी व तरल पदार्थ पीएं और संतुष्ट रहें.

   –सतकाम दिव्य

सीईओ, क्लीनिक ऐप्स द्वारा

Raksha Bandhan 2024: फैस्टिवल सीजन में दिखना है सबसे खूबसूरत, तो फौलो करें ये टिप्स

फेस्टिवल्स का सीजन आ गया है और ऐसे में हर महिला खुद को स्टाइलिश व गौर्जियस दिखाना चाहती है. इन मौकों पर अलग दिखने के लिए अगर आप लहंगा, गाउन व साड़ी वियर करना चाहती हैं तो उसके साथ मेकअप करना भी बहुत जरूरी होता है ताकि लुक और निखर कर आ सके. क्योंकि एक महिला की खूबसूरती उसके रूप श्रृंगार के बाद ही निखरती है. लेकिन इस सच्चाई से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मौसम भी अपना रुख कभी भी बदल रहा है. ऐसे में चाहे कोई भी मौका क्यों न हो हमें उसी के हिसाब से अपनी स्किन को तैयार करना होगा ताकि हमारी मेहनत पर पानी न फिरे. आइए जानते हैं इस सम्बंध में डौ निववेदिता से कि कैसे मेकअप भी अच्छा हो और उसके खराब होने का भी डर न रहे.

  1. फेस क्लीनिंग है जरूरी

सबसे पहले हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मेकअप से पहले स्किन की प्रीपरेशन करना बहुत जरूरी होता है तभी किया गया मेकअप अच्छा आउटपुट दे पाता है. इसके लिए सबसे पहले आप चेहरे को अच्छी तरह क्लीन करके फिर चेहरे पर 10 मिनट तक बर्फ को रगड़ें. यह स्टेप नमी के कारण निकलने वाले पसीने को रोकने में मददगार साबित होता है. इसके बाद बेस अप्लाई करने से वह लंबे समय तक टिका रहता है और परफेक्ट लुक के लिए अच्छा कैनवास बनाने में मदद करता है.

  1. प्रेप + प्राइम फिक्स का करें इस्तेमाल

इसके बाद आप प्रेप + प्राइम फिक्स का इस्तेमाल करें. इसमें  ग्रीन टी व खीरे का मिश्रण होता है. यह स्किन को सौफ्ट व ग्लोइंग बनाने का काम करता है. इसके बाद लाइट वेट और फुल कवरेज देने वाले वाटर प्रूफ फाउंडेशन का इस्तेमाल करें. अगर आपकी स्किन बहुत ज्यादा ऑयली है तो स्किन पर ऑयल फ्री प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना ही बेस्ट रहेगा.

  1. वौटरप्रूफ प्रौडक्टस का करें इस्तेमाल

इस मौसम में जो भी प्रोडक्ट्स स्किन पर इस्तेमाल करने होते हैं वो वाटरप्रूफ होने चाहिए वरना मेकअप के बहने का डर रहता है. और इस बात का खास ध्यान रखें कि उनकी पतली लेयर ही स्किन पर अप्लाई की जाए ताकि नेचुरल लुक आ सके. इसके बाद आप आई क्रेयोन का उपयोग कर सकती हैं , जो स्मुज प्रूफ होती है. फिर आप आई लिड पर हल्के रंग के आई शैडो पाउडर का इस्तेमाल करें. इस सीजन में आप ग्लिटरी आई शैडो पाउडर का इस्तेमाल न ही करें तो अच्छा रहेगा.  आप वाटरप्रूफ आई लाइनर और काजल चूज़  करें. आई ब्रो पर ब्रो पेंसिल और पलकों पर जेल मस्कारे का इस्तेमाल करें. फिर कंट्रोलिंग के लिए ब्रोंज़र यूज़ करें. यह लुक आपकी सुंदरता में चारचांद लगाने का काम करेगा.

  1. लिप्स का भी रखें ख्याल

आप जानते हैं कि होठों को रंगे बिना मेकअप अधूरा सा ही लगता है. इसके लिए आप मेट लिप रंगों का इस्तेमाल करें. अंत में सब कुछ सेट करने के लिए फिक्सिंग स्प्रे का इस्तेमाल करें. फिर देखिए आपका लुक कैसे निखर कर आता है.

खट्टामीठा समोसा से लेकर डालगोना कौफी तक, इस होली जरूर ट्राई करें ये डिशेज

होली रंगों का त्योहार होने के साथ पकवानों का भी त्योहार है. इस फेस्टिवल में तरह-तरह के पकवान बनते हैं, जिससे इस त्योहार का मजा दोगुना हो जाता है. ऐसे में हम इस आर्टिकल में आपके लिए लेकर आए हैं, खट्टे-मीठे स्वादिष्ट डिशेज की रेसिपी. तो देर किस बात की इस होली आप जरूर ट्राई करें, ये डिशेज.

खट्टामीठा समोसा

सामग्री पेस्ट्री की

2 कप मैदा

1/4 कप घी

नमक स्वादानुसार.

सामग्री भरावन की

1/4 कप बीकानेरी सेव

1 छोटा चम्मच नारियल का बूरा

1 छोटा चम्मच साबूत धनिया

1 छोटा चम्मच सौंफ

1/2 छोटा चम्मच जीरा

1 बड़ा चम्मच काजू कटे

1 बड़ा चम्मच किशमिश

1/2 छोटा चम्मच हलदी

1 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

1 कप आलू उबले

1 बड़ा चम्मच प्याज कटा

थोड़ा सा कच्चा आम कटा

थोड़ी सी धनियापत्ती

1/2 छोटा चम्मच चीनी

पर्याप्त तेल

नमक स्वादानुसार.

विधि

एक बाउल में मैदा, थोड़ा सा नमक और घी डाल कर कुनकुने पानी से नरम आटा गूंधें. तैयार आटे को गीले मलमल के कपड़े से ढक कर 30 मिनट के लिए रख दें. भरावन तैयार करने के लिए पैन में थोड़ा सा औयल गरम कर जीरा चटकाएं. फि इस में सौंफ और साबू धनिया डाल कर भूनें. अब काजू और किशमिश डाल कर 1-2 मिनट तक चलाएं. फिर इस में प्याज, नमक डाल कर थोड़ा भूनें. अब नारियल बूरा, हलदी पाउडर, लालमिर्च पाउडर, गरममसाला, कच्चा आम व आलू डाल कर 1-2 मिनट तक अच्छे से पकाएं. सेव, धनियापत्ती, चीनी और नमक भी मिला कर कुछ देर भूनें फिर आंच से उतार लें. आटे की लोइयां बेल कर भरवान भरें और समोसे का आकार दे कर अच्छी तरह सील करें. ग्राम तेल में सुनहरा होने तक समोसे तलें और आमपुदीने की चटनी के साथ सर्व करें.

आटेसूजी का हलवा

सामग्री

2 बड़े चम्मच देसी घी

2 बड़े चम्मच गेहूं का आटा

चीनी स्वादानुसार

जरूरतानुसार फूड कलर

1 कप दूध

1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर

2 बड़ा चम्मच मेवा कटा.

विधि

कड़ाही में घी गरम कर गेहूं का आटा मध्यम आंच पर भूनें. अब इस में सूजी मिला कर मिश्रण हलका लाल होने तक भूनें. आंच धीमी कर चीनी, फूड कलर और जरूरतानुसार पानी मिला कर हलवा पक जाने तक भूनें. फिनिश करने के लिए दूध व इलायची पाउडर मिलाएं. मेवे से गार्निश कर परोसें.

रोजी डिलाइट

सामग्री

4-5 ब्रैड

5 बड़े चम्मच रोज सिरप

1/4 कप नारियल का बुरादा

2 बड़े चम्मच ठंडाई पाउडर

जरूरतानुसार टूटीफ्रूटी, मेवा, चोको चिप्स भरने के लिए

250 ग्राम मावा.

विधि

कुकी कटर से ब्रैड को गोल काट लें. एक प्लेट में मावा और ठंडाई पाउडर मिक्स कर गूंध लें. तैयार स्टफिंग को ब्रैड की स्लाइसेस पर रख कर ऊपर से टूटीफ्रूटी, मेवा और चोको चिप्स लगाएं और दूसरी ब्रैड स्लाइस से दबा दें. अब ब्रैड पीसेज को रोज सिरप में डिप कर के नारियल पाउडर से कोट करें और फ्रिज में ठंडा कर सर्व करें.

डालगोना कौफी

सामग्री

11/2 बड़े चम्मच कौफी

11/2 बड़े चम्मच चीनी

2 बड़े चम्मच पानी

जरूरतानुसार दूध

जरूरतानुसार आइस क्यूब्स

जरूरतानुसार चोको चिप्स.

विधि

कप में कौफी, चीनी और पानी डाल कर हलका सुनहरा होने तक फेंट लें. अब सर्विंग कप में आइस क्यूब्स और दूध डाल कर ऊपर से कौफी वाला मिश्रण व चोको चिप्स डालें और चम्मच की सहायता से हलके हाथों से मिक्स कर सर्व करें.

चौकलेट ओरियो कौफी

सामग्री

जरूरतानुसार चौकलेट

थोड़ा सा चौकलेट सिरप

2-3 ओरियो बिसकुट

1/2 छोटा चम्मच कौफी

चीनी स्वादानुसार

जरूरतानुसार आइस क्यूब्स

थोड़े से करीपत्ते कटे

थोड़ी सी वैनिला आइसक्रीम

1 कप दूध.

विधि

मिक्सर ग्राइंडर जार में चौकलेट, ओरियो बिसकुट, कौफी और चीनी डाल कर पीस लें. अब आइस क्यूब्स, थोड़ी वैनिला आइसक्रीम और दूध डाल कर दोबारा मिक्सर चला कर कौफी तैयार करें. कांच के गिलास की अंदरूनी सतह पर चौकलेट सिरप की कोटिंग कर थोड़ी सी वैनिला आइसक्रीम डाल कर तैयार कौफी डालें और सर्व करें.

मैंगो पना

सामग्री

2 चक्के आम कटे

1/2 कप चीनी

थोड़ी से केसर के धागे

1/2 छोटा चम्मच इलाइची पाउडर.

विधि

आम के टुकड़ों में चीनी डाल कर नरम होने तक पकाएं. जब पक जाए तब उस का मिश्रण तैयार करें. फिर इस में इलायची पाउडर और केसर डाल कर धीमी आंच पर उबालें और ठंडा कर सर्व करें.

आमरस

सामग्री

2 पके आम

थोड़ी सी केसर दूध में भीगी

1 कप पिसी हुई चीनी

2 कप ठंडा दूध.

विधि

आम को टुकड़ों में काट कर मिक्सर जार में डालें. फिर इस में चीनी, केसर और दूध डाल कर स्मूद पेस्ट तैयार कर ठंडाठंडा सर्व करें.

Festival Special: फेस्टिवल में इन 7 फूड्स से बनाएं दूरी, नहीं पड़ेंगे बीमार

त्यौहारों के आते ही हमारा सेट रूटीन गड़बड़ाने लगता है और हम वो सब खाते हैं जो हमारे पेट और पाचन तंत्र पर दवाब बढ़ा देता हे. स्वाद के चक्कर में हम सेहत भूल जाते हैं. क्योंकि अपने मन-पसंद पकवानों का मजा लेने की भी पूरी छूट होती है. मगर नियंत्रण न रखा जाये, तो यह छूट  त्योहार के मजे को फीका भी कर सकती है. त्यौहारों के दौरान फिट रह कर ही सही मायने में इसका लुत्फ उठाया जा सकता है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और रोजाना 30 मिनट टहलना आपको फिट रखने के लिए कारगर उपाय है. त्योहारों के इस दौर में खाए जाने वाले अधिकतर व्यंजन अत्यधिक चीनी, चिकनाई और मैदा युक्त होते हैं. ऐसे में खानपान में सावधानी बरतना अनिवार्य है. यह बोलना जितना आसान है, उस पर अमल कर पाना उतना ही कठिन. विशेषकर उन लोगों को लिए जिन्हें डायबिटीज या फिर हाई ब्लड प्रेशर हो या जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे हों. आइए किन छोटे छोटे प्रयासों से हम त्‍यौहार में भी रख सकते हैं सेहत का ख्‍याल और त्‍यौहार पर रह सकते हैं फिट.

1. कोल्ड ड्रिंक्स

डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और वजन नियंत्रण केलिए कोल्ड ड्रिंक्स और कौफी नुकसानदेह होती है. न इन्हें पिएं और न ही दूसरों को पिलाएं. कोल्ड ड्रिंक्स की जगह आप नीबू पानी, नारियल पानी, जलजीरा जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

2. मीठा नमकीन

मीठे पकवान बनाने के लिए लो फैट युक्त दूध और शुगर फ्री का इस्तेमाल करें. ऐसा करने से हम कुछ कैलोरीज तो कम कर सकते हैं परन्तु फिर भी हमें मात्रा पर ध्यान देना चाहिए. त्यौहार के अलावा अन्य दिनों में व्यंजनों को बनाने के लिए आप कम घी-तेल का इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही त्योहार के दौरान भी घी-तेल का कम ही इस्तेमाल करें.

3. कैफीन प्रोडक्ट से बचें

त्योहारों के समय चाय, कौफी आदि का सेवन कम करें और जरूरी हो तो ग्रीन टी आदि का सेवन अधिक करें इनमें कैफीन कम मात्रा में होता है. नींबू, चीनी, नमक और पानी वाले इन ड्रिंक्स को आप आसानी से तैयार भी कर सकते हैं. इसे आपका पाचन तंत्र प्रभावित नहीं होता है.

4. फाइबर युक्त खाद्य इस्तेमाल करें

इन दिनों शौपिंग और लोगों से मिलने-मिलाने के दौरान घर से हमेशा पौष्टिक नाश्ता करके निकलें. इसके लिए फाइबर युक्त खाद्य सर्वोत्म हैं. इससे आपके शरीर में जरूरी प्रोटीन की पूर्ती होती है और पाचन चही रहता है. दही और फल आपकी ऊर्जा बढ़ाएंगे.

5. पकवान से बचें

त्योहार के समय में साधारण खाने के बजाए आप पकवान अधिक बनाते हैं. ऐसे में आप आटे में जौ, बाजरे के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिक्स कर लें. ये हेल्दी भी होगा और आपको फिट भी रखेगा. इससे आपका स्वास्थ ठीक रहेगा, बल्कि लम्बे समय तक अपने बाल और त्वचा को चमकदार भी बने रहेंगे.

6. तैलीय पदार्थों के सेवन से बचें

त्योहार के दौरान घर में नमकीन, मठरी, शक्करपारे, चकली, कचौडियां आदि बनना आम होता है. डायबिटिक व ब्लड प्रेशर के मरीजों को ज्यादा तली-भुनी चीजों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है. सामान्य रूप से भी इसका अधिक इस्तेमाल अच्छा नहीं है तो कम से कम ही खायें. बेहतर होगा इन चीजों को सोयाबीन या मूंगफली के तेल जैसे हल्के तेल में बनायें.

7. डेयरी प्रोडेक्ट का इस्तेमाल कम करें

जीहां त्योहारों में डेयरी उत्पादों जैसे देसी घी, मक्खन और दूध का इस्तेमाल बहुतायत में होले लगता है. इससे आपके पेट और पाचन तंत्र पर दवाब बढ़ जाता है बेहतर होगा इसका इस्तेमाल करें. फैट निकले दही और फैट फ्री औयल ही प्रयोग करें. डेयरी उत्पादों में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो सेहत के लिए ठीक नहीं है.

अनुभा दावर, मेकअप एंड फिटनेस एक्सपर्ट

Holi 2023: रिश्तों में उल्लास भरें त्योहार

रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है. कभीकभी न चाहते हुए भी इन में दूरियां आ जाती हैं. ऐसे में त्योहार रिश्तों में आई दूरियों को मिटाने के लिए बेहतरीन मौका साबित हो सकते हैं और वैसे भी त्योहारों और संबंधियों का रिश्ता गहरा होता है. त्योहारों में संबंधी साथ न हों तो वे बेहद फीके लगते हैं, उन का मजा अधूरा ही रहता है.

रिश्तों में ताजगी लाते त्योहार

त्योहार हमें खुशी मनाने का मौका देते हैं, रूटीन लाइफ से अलग करते हैं. खुशी के ये ऐसे मौके होते हैं जिन्हें सगेसंबंधियों के साथ ऐंजौय करने से रिश्तों की खोई ताजगी को भी वापस लाया जा सकता है. परी अपना अनुभव बताती हैं, ‘‘मेरे पति और मेरे बीच अकसर इस बात को ले कर झगड़ा होता था कि वे अपने परिवार को समय नहीं देते. मैं जब भी उन से यह शिकायत करती कि वे मेरे साथ ऐंजौय क्यों नहीं करते तो हमारी बहस शुरू हो जाती, जिस की वजह से हमारा वैवाहिक जीवन बहुत ही नीरस होता जा रहा था. ‘‘लेकिन दीवाली के दिन तब हमारे सारे गिलेशिकवे दूर हो गए जब उन्होंने मुझे बिना बताए मेरी बहन और भाई को हमारे घर बुलाया और जब मैं सुबह सो रही थी तो उन सभी ने मुसकरा कर मुझे दीवाली की मुबारकबाद दी. मैं ने अपने पति, बहन और भाई के साथ बहुत ऐंजौय किया. उन के इस सरप्राइज ने तो मेरे सारे मूड को ही बदल दिया.’’

करीब लाते हैं त्योहार

समय के अभाव में एकदूसरे के साथ वक्त बिताना आज एक मुश्किल काम है. ऐसे में त्योहार इस का अच्छा उपाय हैं. त्योहारों पर सभी की छुट्टी रहती है, इसलिए इन्हें सगेसंबंधियों के साथ मिलजुल कर मनाना चाहिए. इस से रिश्ते मजबूत होते हैं.

अपनों को न भूलें

अरुण एम.बी.ए. करने के लिए अमेरिका गया था. लेकिन हर त्योहार पर अपने सभी रिश्तेदारों व दोस्तों को बधाई जरूर देता. उन्हें मैसेज और ईमेल भेजता. यानी वह दूर होते हुए भी सभी रिश्तेदारों, मित्रों से जुड़ा रहता. एकदूसरे से मेलमिलाप बढ़ाने का त्योहारों से अच्छा माध्यम और कोई नहीं हो सकता. बस जरूरत है, इन्हें याद रखने की चाहे आप अपनी जिंदगी में कितने भी व्यस्त क्यों न रहते हों अथवा दूर. त्योहारों पर अपनों को याद करने पर आप यकीनन उन के दिलों में एक खास जगह बना लेंगे.

उपहार भेजें

त्योहारों के खास मौकों पर मार्केट में बहुत सुंदरसुंदर उपहार उपलब्ध होते हैं. उपहार छोटा हो या बड़ा, यह माने नहीं रखता. आप को दिखावा नहीं करना है, बल्कि उपहारों के जरिए करीबियों के प्रति अपनी भावनाएं दर्शानी हैं.

बधाई अवश्य दें

यदि आप मिल कर मिठाई या गिफ्ट नहीं दे पाए तो कम से कम बधाई तो अवश्य दें. त्योहार पर किया गया एक मैसेज या फोन भी आप के भावों को दर्शाने का अच्छा तरीका होता है. बधाई भरे मैसेज हर किसी के चेहरे पर मुसकान बिखेर जाते हैं.

सरप्राइज दें

त्योहार के दिन बिना बताए ही संबंधियों व दोस्तों के घर उन की मनपसंद मिठाई ले कर पहुंच जाएं और उन्हें चौंका दें. यह निमंत्रण दे कर बुलाने से कहीं ज्यादा ऐक्साइटिंग तरीका बन जाता है. प्लानिंग से ऐंजौयमैंट करने से ज्यादा मजा चौंकाने में है. 

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