ऐसे रहें फिट & फाइन

हर ऐरोबिक सैंटर में ऐसी बहुत सारी महिलाएं आती हैं जिन के घुटनों, पैरों, गरदन और पीठ में दर्द की शिकायत होती थी. मगर ऐसी महिलाएं जिन के पास समय कम होता है वे घर पर रह कर भी सप्ताह में 4-5 दिन सिर्फ 20 मिनट वर्कआउट कर फिट रह सकती हैं. इस वर्कआउट को 5 वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:

– सोमवार को शरीर का निचला भाग जिस में ‘हिप्स-थाइ’ आदि आते है.

– मंगलवार को पेट और पीठ के लिए,

-बुधवार को शरीर का ऊपरी हिस्सा, आर्म्स, कंधे, गरदन का पिछला भाग.

– बृहस्पतिवार को पूरे शरीर को स्ट्रैच करना.

– शुक्रवार को पूरी प्रक्रिया को 20 मिनट में दोहराना.

इस तरह हर दिन 20 मिनट का समय आप के पूरे शरीर को स्वस्थ बना सकता है. इस में घर में पाई जाने वाली वस्तुओं का वर्कआउट में सहारा लिया जा सकता है. इन में 500 मिलीलिटर के पानी की 2 बोतलें, 1 कुर्सी, दीवार, 1 नहाने की टौवेल, 1चटाई या कारपेट.

तरीका: 2 पानी की 500 मिलीलिटर बोतलों को दोनों हाथों में पकड़े. अब अपनी कुहनी को थोड़ा नीचे करें और आगे बढ़ कर पीछे की तरफ ले जाएं. ऐसा करने से पीठ के बीच के भाग को आराम मिलता है.

ये भी पढ़ें- Winter Special: ऐसे बढ़ाएं शरीर की इम्यूनिटी

– सीधे खड़े हो कर बोतलों को दोनों हाथों में पकड़ कर कमर को पहले दाहिनी और फिर बायीं तरफ मोड़े यह व्यायाम कमर के लिए होता है.

– कुरसी के प्रयोग से आप अपनी जांघों के लिए व्यायाम कर सकती हैं. कुरसी पर बैठ कर अपने पैरों को आगे की तरफ सीधा बैलेंस करें.

– इस के अलावा कुरसी का सहारा ले कर अपने नितंबों को ऊपर और नीचे करें.

– दीवार के सहारे से हिप्स और थाइज का व्यायाम संभव है. दीवार के सहारे सीधे खड़े हो कर अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ कर 2 सैकंड तक इसी अवस्था में रहें.

– अपना चेहरा दीवार की तरफ रखें और फिर अपनी कुहनियों को मोड़ कर छाती को दीवार के नजदीक लाएं और फिर पीछे जाएं. इस से आप के कंधों व सीने का व्यायाम हो सकेगा.

– जमीन पर कारपेट या चटाई पर बैठ जाएं. हाथों को पीछे ले जा कर पहले दाहिने और फिर बाएं हाथ से टौवेल को पकड़ें. 10 से 30 सैकंड के इस वर्कआउट से आप के कंधों और भुजाओं का व्यायाम होगा.

– जमीन पर लेट कर अपने दोनों हाथों को सिर के नीचे फैला कर रखें और फिर अपने पैरों को मिलाकर 90 डिग्री के कोण पर आगेपीछे करें.

– पीठ के बल लेट जाएं, फिर अपने दोनों हाथों से गरदन को सहारा दें. अब अपने कंधों को थोड़ा ऊपर उठाएं. फिर बाएं कंधे को दाहिने घुटने की ओर ले जाएं. अब दाहिने कंधे को बाएं घुटने की ओर बारीबारी से ले जाएं. यह व्यायाम कमर की अतिरिक्त मसल्स को कम करता है.

ये भी पढ़ें- क्या है लैक्टोज इनटौलरैंस

सेलेब्रिटी की फिटनेस का राज बता रहे है, फिटनेस ट्रेनर योगेश भटेजा

कई बार एक फिल्म का इम्पैक्ट कहानी पर नहीं, बल्कि एक लीड एक्टर की लुक पर निर्भर करता है. इसमें अभिनेता आमिर खान की फिल्म दंगल, करीना कपूर की फिल्म टशन या फिर अभिनेता सोनू सूद की फिल्म R राजकुमार, सिम्बा, हैप्पी न्यू इयर, कॉमेडियन कपिल शर्मा की फिल्म ‘किस किस को प्यार करू’ आदि सभी फिल्मों में एक्टर को चरित्र के हिसाब से अपनी बॉडी बनाने में ट्रेनर का मेहनत रहा है. वे उन्हें वैसी बॉडी पाने के लिए लगातार मोटीवेट करते रहते है.

मिली प्रेरणा

असल में फिट रहना सभी चाहते है, लेकिन जब सेलेब्स की बात हो, तो फिटनेस उनके जीवन का खास अंग होता है, क्योंकि उनकी खूबसूरती फिटनेस में छुपी रहती है, फिर चाहे वह जीरो साइज़ हो या प्लस साइज़, चरित्र के अनुसार उन्हें अपनी काया में बदलाव करनी पड़ती है. इस काम के लिए वे बहुत सारा पैसा खर्च भी करते है, क्योंकि आउटडोर होने पर सेलेब्स अपने फिटनेस ट्रेनर को साथ भी ले जाते है और उनकी डाइट, ट्रेनर के हिसाब से चलती है. इस बारें में सेलेब्रिटी फिटनेस ट्रेनर योगेश भतेजा कहते है कि स्कूल के समय से ही थोड़ी रूचि फिटनेस को लेकर थी. मैं प्रोफेशनल फुटबाल प्लेयर बनना चाहता था, लेकिन मैंने फिजिकल एजुकेशन में ग्रेजुएट किया और मुझे अब फुटबॉल प्लेयर से अधिक ट्रेनर बनने की इच्छा हुई और मैंने एक जिम में ज्वाइन किया. मुझे ये फील्ड बहुत रुचिकर लगा, जिसमें मैंने फिटनेस, अलग-अलग तरह की वर्कआउट, व्यायाम आदि को लेकर सर्टिफिकेशन करता गया और मैंने एक बॉडी बिल्डर कम्पटीशन में ज्वाइन किया. वहां बहुत ही विस्तृत तरीके से बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन के बारें में प्रशिक्षण दिया जाता है, इससे अधिक गहराई से मैं बॉडी पार्ट के बारें में सीख सकते है. मैंने उसमें ज्वाइन किया और टॉप 5 में चुना गया. वही से जिम की जर्नी शुरू हुई. आज 16 साल से मैं इस क्षेत्र में काम कर रहा हूँ.

ये भी पढ़ें- Winter Special: ऐसे बढ़ाएं शरीर की इम्यूनिटी

कठिन होती है सेलेब्स की ट्रेनिंग

एक सेलिब्रिटी और एक आम इंसान को ट्रेन करने के अंतर के बारें में फिटनेस ट्रेनर योगेश का कहना है कि एक बहुत बड़ा अंतर दोनों में है. आम इंसान की लाइफ में एक रूटीन होता  है, लेकिन सेलेब्स का टाइम फिक्स्ड नहीं होता, कभी दिन तो कभी रात में शूट चलता रहता है. शूटिंग के घंटे कई बार लम्बे हो जाते है और उन्हें फेस, बॉडी और डाइट पर भी काम करना होता है. नए-नए स्किल्स जिसमें खासकर कलरी सीखना चाहते है, कई सारी चीजे उन्हें सीखनी पड़ती है और इससे पोषण बॉडी से ही लेना पड़ता है. उस समय रूटीन बहुत मुश्किल होने के साथ-साथ डिमांडिंग भी हो जाता है. बॉडी टायर्ड होने पर भी उन्हें वर्कआउट करना पड़ता है. ऐसे में उनकी एनर्जी के साथ वर्कआउट को पुश करना, ताकि वे उस लेवल तक जा सकें और उन्हें अच्छा दिखना भी जरुरी होता है. हर बार मुझे उनके हिसाब से ट्रेनिंग देनी पड़ती है, जो बहुत कठिन होता है.

जरुरी है मोटिवेशन

सभी सेलेब्स योगेश की बात को मानते है, क्योंकि उन्हें चरित्र के हिसाब से बॉडी चाहिए. वे आगे कहते है कि हाईली सेल्फ मोटीवेटेड इंसान अभिनेता सोनू सूद है. वहां मेरी मेहनत थोड़ी कम हो जाती है. मुझे हर किसी को उनके अनुसार बॉडी देना ही मेरा काम है, इसलिए जो आम इंसान फिट होना चाहते है मैं उन्हें कहता हूँ,‘If you have the will, I have the skillकोई भी सामने वाला अगर फिटनेस के लिए राजी होता है, तो उसे ठीक करना मुश्किल नहीं और मैं उन्हें यहाँ तक पहुँचने का रास्ता बता देता हूँ.

बनती है फिटनेस चार्ट

योगेश का अपना कोई जिम नहीं है, क्योंकि उन्हें कई बार फिल्म के लिए मुंबई से बाहर कई महीने या साल भर बाहर रहना पड़ता है. ऐसे में जिम को स्टाब्लिश करना उनके लिए मुश्किल है. यही वजह है कि योगेश कई सारे जिम के साथ जुड़े है. उनकी टीम में उनका भाई देवेन्द्र भटेजा और 5 अन्य व्यक्ति है, जिन्हें योगेश ने ट्रेनिंग दी है और उनके व्यस्त रहने पर टीम अपना काम करती है. योगेश कहते है कि सेलेब्रिटी के साथ जाने का उद्देश्य बॉडी को उस चरित्र के अनुसार शेप में बनाए रखना है. अभिनेत्री कंगना रनौत जब फिल्म ‘थलाईवा” किया, उस समय उन्हें करीब 20+ किलो वजन बढ़ाना पड़ा, ताकि वह स्वर्गीय जयललिता जैसी दिखे. इससे बॉडी के जॉइंट और इंटरनल काफी लोड आया और दर्द शुरू हुआ, ऐसे में साथ जाने पर उनके डाइट और हार्ट की जांच करता हूँ. इस दौरान बनाये गए फिटनेस चार्ट को ऐसा बनाया जाता है, ताकि वजन को एक तालमेल के साथ धीरे-धीरे घटाया जाय. परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने अपना बेस्ट देने के लिए ‘दंगल’ फिल्म में अपना वजन बढाया.

भेड़चाल में न हो शामिल

ट्रेनर योगेश आगे कहते है कि आइडियली देखा जाय तो 3 महीने में प्लस 3 या माइनस 3 किया जा सकता है, इससे अधिक करने पर बॉडी सिस्टम पर गलत अवश्य पड़ता है. हेल्दी डाइट और हेल्दी living के साथ अगर वजन बढ़ाते है, तो वह ठीक होता है, उसी प्रकार एक सिमित दायरे में वजन घटाने पर किसी प्रकार की समस्या नहीं होती. बिना सोचे-समझे बार-बार शरीर बढ़ाना और घटाना ठीक नहीं. इसमें सबसे गलत काम आज के यूथ करते है, जो कही पढ़कर या देखकर ओवरनाईट में वैसी शरीर बनाना चाहते है, जो ठीक नहीं. इससे नींद की समस्या,कई प्रकार की बीमारियाँ, हार्मोनल समस्याएँ आदि हो जाती है.इसके अलावा नमक छोड़ देना या पानी कम पीने से वजन कभी नहीं घटता.

अमिताभ बच्चन की बात करें तो सारे प्रोफेशनल का आपस में बातचीत चलती रहती है. उनके डॉक्टर, ट्रेनर, डाइटिशियन, शेफ आदि सब मिलकर काम करते है. इसके अलावा अमिताभ बच्चन समय के बहुत पाबंदी रखते है. समय से खाना, समय से सोना और समय से काम करना ये सब उनकी सूची में रहती है.

ये भी पढ़ें- क्या है लैक्टोज इनटौलरैंस

वजन घटाना नहीं मुश्किल

वजन के बढ़ने में फ़ूड का बहुत बढ़ा हाथ होता है. बॉडी की जरुरत और टाइप के अनुसार ही डाइट चार्ट होनी चाहिये, जिसमें प्रोटीन, फैट, फाइबर आदि को नहीं छोड़ना चाहिए. इसलिए न्यूट्रीनिस्ट से मिलकर सही डाइट प्लान बनाना जरुरी है, जिससे वजन घटाना मुश्किल न हो. संतुलित भोजन और नियमित वर्कआउट से वजन बहुत जल्दी घटता है. आजकल मोटापे के शिकार बच्चे अधिक होते है, कुछ कारण निम्न है,

  • बच्चों में मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण, उनका बाहर जाकर न खेलना,
  • गेजेट्स का बच्चों के जीवन पर अधिक प्रभाव,
  • जंक फ़ूड का अधिक से अधिक सेवन,
  • समय से न सोना आदि है.

इसके अलावा शुगर, सॉफ्ट ड्रिंक और जंक फ़ूड को अवॉयड करें, पत्तेदार सब्जियां और मौसमी फल खाए, समय से खाना और समय से सोना, बॉडी को रोज सुबह डिटोक्स करें.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें