मौनसून में हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती हैं हरी सब्जियां

मौनसून का अहसास भर ही दिल और दिमाग को प्रफुल्लित कर देता है. और याद आने लगते हैं गरमा गरम पालक, गोभी और अरबी के पत्तों के पकौड़े. लेकिन ठहरिए. क्याकि  ये सब हरी पत्ते दार सब्जियां अपने साथ बहुत सी बिमारियों को भी लेकर आती हैं. असल में  इन हरी सब्जियों के पत्तों में ही छिपी होती हैं बीमारियां.  मानसून में ही बैक्टीरिया और माइक्रोब्स सबसे ज्यादा पनपते हैं.  गंदे पानी या बरसाती पानी के साथ इन पत्तो को ही अपना घर बना लेते हैं. यही कारण है कि इन फैलने वाले संक्रमणो के कारण ही इस मौसम में सबसे ज्यादा बीमारियां फैलती है.

पानी उबालकर सब्जियों को धोएं

मानसून में पानी उबालकर ठंडा करके पीना चाहिए. फल और सब्जियों को भी गर्म पानी से धोना चाहिए.

ये भी पढ़ें- 6 टिप्स: औफिस में ऐसे करें वर्कआउट

सूरज की गर्माहट

बरसात में सूरज की रोशनी थोड़ी मध्यम रहते हैं जिस वजह से मौसम चिपचिपा हो जाता है और इसी वजह से यह माइक्रो और्गेंनिज़्म  और वायरस बढ़ते चले जाते हैं. सब्जियों के खाने से सीधा पाचन तंत्र पर असर होता है और शरीर में कई प्रकार की बीमारियां घर कर लेती हैं. जैसे स्किन एलर्जी, टाइफाइड ,कोलेरा, डायरिया आदि .

केमिकल वाले इंजेक्शन से बचें

सब्जियों को बरसाती मौसम में हरा रंग का दिखाने के कारण भी बहुत से उत्पादक इन सब्जियों में हानिकारक केमिकल वाला इंजेक्शन लगाते हैं. जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक हैं.  हम स्किन या पेट की बीमारियों से घिर जाते हैं.

लो मेटाबौलिज्म का रखें ख्याल

मौनसून  में हम सब का मेटाबौलिज्म धीमा हो जाता है. इसलिए  हेल्दी या टेस्‍टी खाने के नाम पर  अधपका, तैलिए ,बहुत स्पाइसी या पत्तेदार हरी सब्जियों से बना  फूड खाने से परहेज करें. पेट फूलना, अपच, उल्टियां, दस्‍त और बुखार   जैसी समस्याओं से दूर रहें.

ये भी पढ़ें- 8 टिप्स: दांत दर्द से पाएं तुरंत आराम

जरूरी बातों का रखें ध्यान

इस मौसम में क्योंकि हमारा मेटाबॉलिक रेट कम होता है इसलिए  दोपहर में खाना खाने के बाद न सोयें. हरी पत्तेदार सब्जियों की जगह -तोरी ;टिंडा ;लोकी ;सुरन,परवल आदि का सेवन करें.

सीनियर डाइटिशियन डौ. शालिनी कहती हैं कि  अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो स्वस्थ रह सकते हैं खासकर कि बाहर का फूड न खाएं क्योंकि आप नहीं जानते कि वो किस प्रकार की   सब्जियों का इस्तेमाल कर रहें हैं या वो सब्जियां ढंग से धुली भी थी कि नहीं.

डाक्टर अनिका बग्गा ,सीनियर डाइटिशियन ,आदिवा हौस्पिटल, दिल्ली.

डौक्टर शालिनी, सीनियर डाइटिशियन, केजीएमयू कौलेज ,लखनऊ से बातचीत पर आधारित.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें